1/25
हार से हार के हार गया तो हँसेगा ये जमाना
जीत हुई इंसानों की और हार भी इंसान की,
हम भी तो इंसान हैं साथी फिर आदत क्यों हार की,
हार को अपनी ढाल बनाकर जीत की जंग जीत लाना.....
Resilient Sushant Singh Rajput
2/25
जीत के जब तुम दिखलाओगे, देखेगा जमाना
हार के आगे जीत है साथी..............
लक्ष्य तुम्हें जो पाना है उस लक्ष्य पर नज़र गड़ाओ,
Resilient Sushant Singh Rajput
3/25
पीछे मुड़कर कभी ना देखो, आगे बढ़ते जाओ
कर्म ही पूजा समझ के साथी कर्म को करते जाना,
Resilient Sushant Singh Rajput
4/25
फल तो ऊपर वाले देंगे, जो भी होगा देना
हार के आगे जीत है साथी......
Resilient Sushant Singh Rajput
5/25
नफ़रत में तुम प्यार घोलकर हर मुकाम पा सकते हो,
सच्चाई की राह चुनकर हरिश्चन्द्र बन सकते हो...
Resilient Sushant Singh Rajput
6/25
जब भी रावण सामने आए श्री राम बन जाना,
कंश अगर आ जाए सामने कृष्ण बनकर दिखलाना
हार के आगे जीत है साथी...
Resilient Sushant Singh Rajput
7/25
नीचे तो धरती है पर ऊपर का कोई अंत नहीं,
सबसे पीछे हार है आगे जीत का कोई अंत नहीं.....
Resilient Sushant Singh Rajput
8/25
नई-नई ऊंचाई छूकर नया इतिहास बनाना,
अमावस्या के रात में भी चाँद सी चमक दिखाना
हार के आगे जीत है साथी.....
Resilient Sushant Singh Rajput
9/25
प्रयास करो करते रहो अभियान सफल हो जाएगी,
रौशनी आगे डाल के देखो परछाईं खुद पीछे हो जायेगी......
Resilient Sushant Singh Rajput
10/25
मंजिल ज्यादा दूर नहीं है कदम बढ़ाते जाना,
स्वागत के लिए जीत खड़ी है जीत को गले लगाना
हार के आगे जीत है साथी....
Resilient Sushant Singh Rajput
11/25
बाधाएं आती हैं आएं
घिरें प्रलय की घोर घटाएं,
पांवों के नीचे अंगारे,
सिर पर बरसें यदि ज्वालाएं,
Resilient Sushant Singh Rajput
12/25
निज हाथों से हंसते-हंसते,
आग लगाकर जलना होगा।
कदम मिलाकर चलना होगा।
Resilient Sushant Singh Rajput
13/25
हास्य-रुदन में, तूफानों में,
अमर असंख्यक बलिदानों में,
उद्यानों में, वीरानों में,.....
Resilient Sushant Singh Rajput
14/25
अपमानों में, सम्मानों में,
उन्नत मस्तक, उभरा सीना,
पीड़ाओं में पलना होगा......
Resilient Sushant Singh Rajput
15/25
कदम मिलाकर चलना होगा।
उजियारे में, अंधकार में,
कल कछार में, बीच धार में,
Resilient Sushant Singh Rajput
16/25
घोर घृणा में, पूत प्यार में,
क्षणिक जीत में, दीर्घ हार में...
Resilient Sushant Singh Rajput
17/25
जीवन के शत-शत आकर्षक,
अरमानों को दलना होगा।
कदम मिलाकर चलना होगा....
Resilient Sushant Singh Rajput
18/25
सम्मुख फैला अमर ध्येय पथ,
प्रगति चिरन्तन कैसा इति अथ,....
Resilient Sushant Singh Rajput
19/25
सुस्मित हर्षित कैसा श्रम श्लथ,
असफल, सफल समान मनोरथ,....
Resilient Sushant Singh Rajput
20/25
सब कुछ देकर कुछ न मांगते,
पावस बनकर ढलना होगा।
कदम मिलाकर चलना होगा....
Resilient Sushant Singh Rajput
21/25
कुश कांटों से सज्जित जीवन,
प्रखर प्यार से वञ्चित यौवन,.....
Resilient Sushant Singh Rajput
22/25
नीरवता से मुखरित मधुवन,
पर-हति अर्पित अपना तन-मन,
Resilient Sushant Singh Rajput
23/25
जीवन को शत-शत आहुति में,
जलना होगा, गलना होगा।
कदम मिलाकर चलना होगा।
Resilient Sushant Singh Rajput
24/25
आओ फिर से दिया जलाएँ
भरी दुपहरी में अँधियारा
सूरज परछाई से हारा
अंतरतम का नेह निचोड़ें-
बुझी हुई बाती सुलगाएँ।
आओ फिर से दिया जलाएँ....
Resilient Sushant Singh Rajput
25/25
हम पड़ाव को समझे मंज़िल
लक्ष्य हुआ आँखों से ओझल
वर्त्तमान के मोहजाल में-
आने वाला कल न भुलाएँ।
आओ फिर से दिया जलाएँ।
~~~~अटल बिहारी वाजपेयी~~~~
Resilient Sushant Singh Rajput
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