𝙈𝙪𝙧𝙩𝙞 𝙉𝙖𝙞𝙣 Profile picture
उसूलों पर जहाँ आँच आए टकराना ज़रूरी है। जो ज़िंदा हो तो फिर ज़िंदा नज़र आना ज़रूरी है।। ***“RTs are not endorsements”***

Jun 1, 2023, 16 tweets

मेडल के साथ ईनाम में मिले 10 करोड़ के नोट भी गंगा में बहा दिए।

कल का एक अजीब वाक़या सुनिए

पहलवानों ने अपने मेडल गंगा में प्रवाहित करने की घोषणा कर दी थी। मुझे उनसे सहानुभूति है और मैंने इस गंगा-प्रवाह वाली सूचना और पहलवानों के समर्थन में अपनी

#WrestlerProtests
#NeverForget1984

facebook प्रोफ़ाइल पर एक पोस्ट डाल दी।

कई लोगों ने like और comments लिखकर अपना समर्थन दिखाने लगे। मेरी friend-list में कुछ अंधभक्त और मूर्ख किस्म के लोग भी हैं। ये लोग सरकार की आलोचना होने वाली प्रत्येक स्थिति में, बिना फीस के पालतू वकील की तरह, विरोधी सवाल और बयानबाज़ी करते हैं

क्या मुद्दा है, उसकी क्या संवेदनशीलता है, क्या प्रतिक्रिया देनी चाहिए, ऐसी बातों से इन लोगों को कोई मतलब नहीं होता। इनको सिर्फ अपनी वफ़ादारी दिखाने से मतलब है।

ऐसे ही मेरे एक अंधभक्त-मित्र ने मेरी फ़ेसबुक-वॉल पर तुरंत व्यंग्यात्मक कमेंट किया

#WrestlersProtest
#NeverForget1984

क्या ये मेडलों के साथ सरकार से मिले पैसे भी गंगा में बहायेंगे ?

कल मैं भी थोड़ा फुर्सत में था तो मैंने कमेंट लिखने वाले मित्र को फोन मिला लिया। उनकी पत्नी बहुत सुंदर है और दिल्ली के एक बड़े सरकारी अस्पताल में डॉक्टर है। कुछ दिन पहले उनकी पत्नी को विशिष्ट-सेवाओं

#NeverForget1984

के लिए एक अवार्ड भी मिला था।

फोन मिलाकर मैंने हाल-चाल, कुशल-मंगल पूछा और उसके बाद सीधे उनसे पूछ लिया कि मान लो हमारी भाभी जी को स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा कोई मंत्री या राजनीतिक व्यक्ति किसी सरकारी काम से अपने ऑफिस में बुला ले और बंद कमरे

@SakshiMalik
@Phogat_Vinesh
@BajrangPunia

में यदि वो आपकी पत्नी के साथ कोई नाजायज़ हरकत कर दे। बाद में जब आप लोग क़ानूनी कारवाई के लिए जाओ तो वो अपने राजनीतिक-प्रभाव का इस्तेमाल करके आपकी FIR भी ना होने दे। मामला भी उजागर हो जाये, क़ानूनी कारवाई भी ना हो और आपकी पत्नी को उसी स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत होने के कारण

अक्सर उस दागी-व्यक्ति से आमना-सामना करना पड़ता हो, नजरें मिलानी पड़ती हों, जलील-होना पड़ता हो। मुद्दा सार्वजनिक होने के बाद जब विपक्ष वाले, महिला संगठन आदि आपके समर्थन में आयें तो आपकी पत्नी का शील-भंग करने वाला व्यक्ति ये कहकर मुद्दे को भटकाता हो कि ये राजनीति

#NeverForget1984

प्रेरित झूठा मुद्दा है। अगर सब तरफ से हारकर आप लोग जनता-जनार्दन तक अपनी विवशता को पहुँचाने के लिए भाभी जी को मिला हुआ वो अवार्ड गंगा में बहा देने की घोषणा कर दो तो क्या उस अवार्ड के साथ भाभी जी द्वारा लगभग बीस साल तक ली गई, सरकारी तनख़्वाह भी साथ ही बहाओगे क्या?
#NeverForget1984

अब मेरे मित्र बौखलाये हुए थे क्योंकि बातचीत में मैंने दो-तीन बार उनकी पत्नी के साथ ‘नाजायज़-हरकत’ शब्द का इस्तेमाल कर दिया था, जिसकी कल्पना करना, दिमाग में वो हरकत सोचना, उन्हें बहुत ही पीड़ा दे रहा था। छूटते ही बोले की मैं तो उस व्यक्ति को गोली ही मार दूँगा,

#WrestlersProtest

चाहे वो कितनी बड़ी तोप हो। मैंने फिर से पूछ लिया कि आप गोली-मारने का जिक्र करके मुद्दे को भटकाओ मत, सबके घरवाले आप जितने दिलेर नहीं होते, आप सिर्फ सोचकर इतना बताओ कि आप गंगा में सिर्फ अवार्ड को बहाओगे या 20 साल तक मिली तनख़्वाह के पैसों को भी बहाओगे।

#ArrestBrajBhushanNow

वो फिर से बात पलटते हुए बोला कि इतनी हिम्मत किसी की नहीं है कि मेरी पत्नी की तरफ आँख उठाकर भी देख जाये। मैंने फिर से कह दिया कि पत्नी तो इस देश में राम की भी उठा ली गई थी, एक साल तक अपने पास रखी थी। पत्नी तो भीम-अर्जुन जैसे पाँच पाण्डवों की भी बाल-पकड़कर घसीटते

#WrestlerProtests

हुए दरबार में लाई गई थी और भरी सभा में नंगी कर दी थी। आप तो अपनी पत्नी के एक ही पति हो, इस देश में तो पाँच पतियों वाली भी सुरक्षित नहीं रही। बस मुझे इतना बता दो कि आप लोग अपनी पत्नी के अवार्ड के साथ, तनख़्वाह के पैसे भी बहाओगे या सिर्फ अवार्ड ही बहाओगे।

#WrestlersProtest

अब वो अंधभक्त लाइन पर आ गया और कहने लगा कि मैं आपकी फ़ेसबुक से comment डिलीट कर देता हूँ। मैं जल्दबाज़ी में कमेंट लिख गया था, मैंने इतना गहराई से सोचा नहीं था।

मैंने भी उनसे ज्यादा बहस नहीं कि और वो चुपचाप कमेंट डिलीट कर गए।

#अंतर्राष्ट्रीय_बाल_रक्षा_दिवस

पहलवानों ने घोषणा की थी कि वो 30 मई को शाम 6 बजे गंगा में अपने मेडल बहा देंगे। 6 बजे के बाद इस देश के तमाम लोगों , और घर-परिवार वाले अंधभक्तों ने भी, टीवी-इंटरनेट-सोशल-मीडिया आदि के माध्यम से ये पता लगाने की कोशिश की कि 6 बजे उन मेडलों का क्या हुआ ?
#अंतर्राष्ट्रीय_बाल_रक्षा_दिवस

पहलवानों ने घोषणा की थी कि वो 30 मई को शाम 6 बजे गंगा में अपने मेडल बहा देंगे। 6 बजे के बाद इस देश के तमाम लोगों , और घर-परिवार वाले अंधभक्तों ने भी, टीवी-इंटरनेट-सोशल-मीडिया आदि के माध्यम से ये पता लगाने की कोशिश की कि 6 बजे उन मेडलों का क्या हुआ?

#NeverForget1984
#Wrestlers

हार्ड-कोर अंधभक्त हो और उसे बृजभूषण की नेक-नियति और मासूमियत पर पूरा यक़ीन हो तो हम तो सिर्फ इतनी प्रार्थना करते हैं कि परमात्मा उनकी बहन-बेटियों को भी बृजभूषण या चिन्मयानन्द जैसा कोई बढ़िया संरक्षक बहुत जल्दी प्रदान करे ताकि उनकी बहन-बेटियों को उचित संरक्षण मिल सके।

अज्ञात ✍️

Share this Scrolly Tale with your friends.

A Scrolly Tale is a new way to read Twitter threads with a more visually immersive experience.
Discover more beautiful Scrolly Tales like this.

Keep scrolling