JOJO RABBIT-
it's a bold film that has such a unique take on World war 2 and Nazism. It's the kind of anti-war satire that I love so much. The movie was an overwhelming experience in which I laughed, I cried, I thought, I reflected upon our lives and times. #JojoRabbit 1/n
It's a political scenario based movie on World War 2 and Nazism, a topic touched upon many a times but it's still a refreshing experience. 2/n
It's a script (story) taken from a kid's story or a kid's perspective yet so deeply affecting maybe because it being simple and uncomplicated plays to it's strength and makes it easy to grasp what the writer intends the viewer to understand and reflect upon. 3/n
The movie is based in one of the most sensitive times in human history and yet has so many jokes. I think the movie gives an excellent message 'To see the world through your own eyes and not through someone else's.' See this film to witness the magic of cinema. 4/n
The following is the quote by from the end credit scene of the movie. According to me it sums up what the writer wants the viewer to take away from this incredible Cinema. 5/n
QUOTE AT THE END OF JOJO RABBIT-
“Let everything happen to you
Beauty and terror
Just keep going
No feeling is final.”
- Rainer Maria Rilke. 6/n
It’s an incredibly inspiring and comforting quote. It communicates that we will experience the extremes of life – the highs and lows – but there is always more to come.
You may feel defeated, lost or helpless, but nothing is permanent. 7/n
P.S.- Love is the strongest thing in the world. 8/n
मैं आज मेरे सबसे फेवरेट नेता तथा आजादी की लड़ाई के अग्रणी व्यक्ति, समाजवादी नेता, राष्ट्रवादी और शायद आखरी बुद्धिजीवी और विचारक नेता श्री राममनोहर लोहिया जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। #RamManoharLohia #राममनोहरलोहिया
१/
१. "जिंदा कौमें सरकार बदलने के लिए पांच साल तक इंतज़ार नहीं करतीं।"
२. "हिन्दुस्तान की ज़िंदगी के जो पांच मकसद हैं उनको अपनी समझ के मुताबिक मैं गिनवाउंगा। एक बराबरी, दूसरा जनतंत्र, तीसरा विकेंद्रीकरण, चौथा अहिंसा और पांचवा समाजवाद।"
- डॉक्टर राममनोहर लोहिया
२/
डॉक्टर राममनोहर लोहिया एक स्वतंत्रता सेनानी, प्रखर समाजवादी और सम्मानित राजनीतिज्ञ थे। राममनोहर लोहिया ने हमेशा सत्य का अनुकरण किया और आजादी की लड़ाई में अद्भुत काम किया।
३/
ऐ भगतसिंह तू जिंदा है
ऐ भगतसिंह तू जिंदा है, हर एक लहू के कतरे में....
हर एक लहू के कतरे में, इंकलाब के नारे में .....
ऐ भगतसिंह तू जिंदा है, हर एक लहू के कतरे में.... #BhagatSingh
१/
तूने तभ भी बोला था यह आज़ादी नहीं यह धोखा है..
यह पूरी मुक्ति नहीं है यारों, यह गोरों के संग सौदा है ......
इस झूटे जश्न की रौनक में, फंसे हुए किसानो में, रोये हुए जवानों में,....
ऐ भगतसिंह तू जिंदा है...........
ऐ भगतसिंह तू जिंदा है, हर एक लहू के कतरे में....
२/
इतिहास में भी हम भूखे थे और आज भी ठोकर खाते हैं...
जिस खादी पर रखा भरोसा वो आज भी धोखा देते है.......
कोई रामनाम बलहार पुमारे, आज भी जाने लेते है.....
अब याद है भगता तेरी आती, आग लगी है सीने में....
ऐ भगतसिंह तू जिंदा है, हर एक लहू के कतरे में....
हर 23 मार्च को हम भगत सिंह, सुखदेव थापर और शिवराम राजगुरु द्वारा हमारे वतन के प्रति दिए गए बलिदान को याद करते हैं। इस दिन की वर्षगांठ जिस दिन इन तीनों क्रांतिकारियों ने अपने जीवन का बलिदान दिया, उसे शहीदी दिवस/शहादत दिवस #MartyrsDay के रूप में याद किया जाता है। #BhagatSingh १/
उन्होंने एक मुक्त-उदारमतवादी, लोकतांत्रिक और धर्निरपेक्ष भारत का सपना देखा था। और अपने उस सपने के लिए उन्होंने अपनी जान न्योछावर कर दी। हमें भगत सिंह के सपनों के भारत को नहीं भूलना चाहिए।
२/
हमें भगत सिंह के सपनों के भारत को नहीं भूलना चाहिए। और फिर भी, भारतीय समाज कट्टरवाद, सांप्रदायिक घृणा, अन्याय और भ्रष्टाचार के जहर से तहस नहस हो रहा है। आखिर कब तक हम एक दूसरे से लड़ते रहेंगे?
३/
Just finished watching Dia kannada movie. It's definitely one of the best if not the best regional movies to come out this year. Thank you @rakshitshetty for recommending this movie. Aesthetically well written movie with a brilliant bgm and screenplay. @AJANEESHB #Dia 1/n
It's a pity that such gem of a movie doesn't get much recognition and screen space in our country despite the sincere amount of work put in by the whole film cast and crew. But thanks to @PrimeVideoIN we are able to watch this masterpiece on OTT platform. 2/n
Now coming back to the movie, at first I felt the movie would end in a certain way and that the two characters would find each other but the director has done an outstanding job by making the story unpredictably brilliant. "Life is full of surprises and miracles." & contd....
3/n
मेरे आसपास के लोग बिल्कुल सामान्य है, मस्ती से बातचीत करते मस्कुरा रहे हैं।और यहाँ मैं मोबाइल स्क्रीन पर एक ज़ोंबी की तरह लगा हुआ हूँ क्योंकि पिछले ३-४ दिनों से देश की राजधानी जो देश की सबसे सुरक्षित जगह मानी जाती है वह जातीय दंगो से जल रही है। #DelhiRiots2020
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अबतक कुल २७ लोग अपनी जान गंवा चुके है। मेरा मन इस बात से बहुत व्याकुल और दुखी है कि मेरे आसपास के लोग देश में उमड़ी ऐसी भयावह परिस्थितियों से प्रभावित कैसे नहीं है? क्या हम जातिवाद, नफरत, घृणा जैसी तुच्छ और गंदी भावनाओ से इतने बेरहम बन गए है कि हम मानवता भूल गए है?
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क्या हमारी अंतरात्मा एवं विवेकबुद्धी मर चुकी है कि हम सही और ग़लत के बीच का फर्क भूल गए है? क्या हम इंसान कहलाने के पात्र हैं? क्या ये दिन देखने के लिए क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों कि आहुति देकर हमे आज़ादी दिलवाई थी?
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आज मैं क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। आज ही के दिन चंद्रशेखर आजाद ने मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहूति दी थी। और मैं आशा करता हूं कि जातीय दंगों से जल रही राजधानी में आज शांति लौट आएगी। #ChandrashekharAzad
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1931 में 27 फरवरी के दिन इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में अंग्रेजों से अकेले लोहा लेने के बाद उन्होंने खुद को गोली मार ली थी।चंद्रशेखर आजाद (Chandra Shekhar Azad) का जन्म 23 जुलाई, 1906 को मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के भाबरा नामक स्थान पर हुआ था।
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चंद्रशेखर आजाद का कहना था, 'मेरा नाम आजाद है, मेरे पिता का नाम स्वतंत्रता और मेरा घर जेल है। मैं ऐसे धर्म को मानता हूं, जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता है'।
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