सन 2014 से पहले तक इतिहास का वो दौर था
जब 'हम भारत के लोग' बहुत दुखी थे।
एक तरफ तो फैक्ट्रियों मे काम चल रहा था
और कामगार काम से दुखी थे अपनी मिलने वाली पगार से दुखी थे।
अमीर गरीब सवर्ण दलित सबके लिये यूपीएससी था
एस एस सी था
फिर आया #भयानक_भाजपा_राज
रेलवे थी
बैंक की नौकरियां थीं।
प्राईवेट सेक्टर उफान पर था ।
मल्टी नेशनल कम्पनियां आ रहीं थी जाब दे रहीं थीं।
फिर आया #भयानक_भाजपा_राज
हर घर मे एक से लेकर तीन चार तक अलग अलग माडलो की कारें हो रही थीं।
फिर आया #भयानक_भाजपा_राज
मतलब हर तरफ हर जगह अथाह दुख ही दुख पसरा हुआ था।
फिर आया #भयानक_भाजपा_राज
प्राईवेट सेक्टर आई टी सेक्टर मे मिलने वाले लाखो के पैकेज से लोग दुखी थे।
कारों से ,प्रॉपर्टी से लोग दुखी थे।
फिर आया #भयानक_भाजपा_राज
प्रभु से भारत की जनता का यह दुख देखा न गया।
तब उन्होंने ' अच्छे दिन' का एक वेदमंत्र लेकर भारत की पवित्र भूमि पर अवतार लिया।
फिर आया #भयानक_भाजपा_राज
जनता ने कहा - कीजे प्रभु लीला अति प्रियशीला।
प्रभु ने चमत्कार दिखाने आरम्भ किये।
जनता चमत्कृत हो कर देखती रही।
फिर आया #भयानक_भाजपा_राज
दूरसंचार, बैंक , AIIMS, IIT, ISRO, CBI, RAW , BSNL, MTNL, NTPC, POWER GRID , ONGC, आदि जो नेहरू और इंदिरा नाम के शासकों ने बनायीं थीं
उनको ध्वंस किया और उन्हें संविधान, कानून और नैतिकता के पंजे से मुक्त किया। #भयानक_भाजपा_राज
प्रभु ने उसका तमाम पैसा, जिसे जनता अपना समझने की भूल करती थी, तमाम प्रयासों से बाहर निकाल कर उस रिजर्व बैंक को पैसों के भार से मुक्त किया।
फिर आया #भयानक_भाजपा_राज
और प्रभु के गुणगान में लग गयी। जब आया #भयानक_भाजपा_राज
जब आया #भयानक_भाजपा_राज
जब आया #भयानक_भाजपा_राज
जब आया #भयानक_भाजपा_राज
फैक्ट्रियां , दुकानें सब बंद कर दी गयी ।कामगारों को नौकरियों से निजात दे दी गयी
जब आया #भयानक_भाजपा_राज
सर्वत्र नमोराज छा गया
#भयानक_भाजपा_राज
यह है #भयानक_भाजपा_राज