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मोतियों की माला के खिलाफ भारत की नेकलेस ऑफ डायमंड्स वाली रणनीति के बारे में बाद में लिखता हूँ। आइये अभी देखते हैं कि CPEC से चीन के क्या फायदे हैं, भारत के क्या नुकसान है तथा मोदी जी की क्या रणनीति है
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आइये 2014 से अब तक के मोदी सरकार के CPEC को पंक्चर करने के कदम देखते हैं।
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नीति को पूरी तरह से परिवर्तित करते हुए मोदी जी ने लाल किले से दिए अपने भाषण में बलोचिस्तान के नागरिकों का अभिनंदन किया। इस उल्लेख मात्र की रणनीति बनाने हेतु 40 उच्च अधिकारियों ने महीने भर मशक्कत की थी।
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सितंबर में पाकी आतंकियों ने उरी पर हमला किया और जब भारत इस मुद्दे पर पाक को पूरी तरह अलग थलग करने का प्लान बना रहा था तभी रूस ने यह कह कर भारत को जोरदार झटका दिया कि वह CPEC को अपने यूरेशियन इकनोमिक यूनियन प्रोजेक्ट के साथ जोड़ना चाहता है।
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पुतिन के दबाव में आये बिना मोदी जी ने रूस के बजाय इस्राएल की ऐतिहासिक यात्रा की। मोदी जी ने कहा कि भारत इस्राएल के उत्कृष्ट गुणवत्ता ओर कम कीमत वाले हथियार खरीदना चाहता है।
इसरायली राष्ट्रपति ने एयरपोर्ट पर आ कर मोदी जी का हिंदी बोल कर स्वागत किया
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अपने सबसे बड़े हथियार क्रेता को दूर जाते देख मई 2018 में एक अनौपचारिक मुलाकात के दौरान पुतिन ने भारत से S400 की खरीद को पुख़्ता करने की गुजारिश की
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पुतिन की पुष्टि के बाद अक्टूबर 2018 में भारत ने रूस के साथ S400 की खरीद का आधिकारिक करार किया।
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2014- 3%
2019 - 15%
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पाकिस्तान के ऊपर तालिबान को संरक्षण देने का आरोप लगा कर पाक के ऊपर जबरदस्त दवाब बनाया। दबाव बढ़ाने के लिए ट्रम्प ने भारत से अफगानिस्तान में बड़ी भूमिका निभाने की अपील कर के भारत के लिए बिसात खोल दी
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ट्रम्प ने जलमय ख़ालिज़ाद को अफगान मामलों का सलाहकार नियुक्त कर के आधिकारिक तौर पर एक दशक से सोए हुए "अफगानिस्तान शांति समझौते" की शुरुआत की। इस समझौते के लिए तालिबान, अमेरिका, चीन, रूस और पाकिस्तान टेबल पर आयें और जो टेबल पर नहीं आये वो थे अफगानी सरकार और भारत
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मैं कहता हूँ कि जब इस देश में कोई भी विपक्षी उनकी रणनीति नही भाँप सकता तो तुम विदेशी क्या ही समझोगे 😉
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यह मियाद थी अमेरिका और तालिबान के बीच समझौता स्थापित होने की। तालिबान के साथ अमेरिका, चीन, रूस और पाकिस्तान टेबल पर तो बैठे पर कोई समझौता नहीं हो पाया। ट्रम्प ने समझौते के फेल होने की घोषणा की और अमेरिकी सैनिको को अफ़ग़ानिस्तान में बनाये रखने की धमकी दी।
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छोटा जवाब - भारत की ग़ैरमौजूदगी
लंबा जवाब यह है कि भारत के अफगानी सरकार और अफगानी जनता के साथ अत्यंत मधुर संबंध है। विश्लेषको को समझ में आया कि वास्तविकता तालिबान नही अपितु अफगानी सरकार का महत्व है जिसे सही समय पर भारत के अलावा और कोई नही समझ पाया।
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झुँझला कर ट्रम्प ने कहा कि भारत को एक बड़ा रोल प्ले करते हुए अफगानिस्तान में अपनी शांति सेना भेजनी चाहिए।
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ट्रम्प की पिछली अपील के बाद भारत और अमेरिका की बैक डोर वार्ता हुई। ट्रम्प ने समझौते की तारीख तय की 29 फरवरी और डील साइन करने से पहले मोदी जी से चर्चा करने भारत आये।
ऊपर से केम छो ट्रम्प से छिपा हुआ यह कार्यक्रम दरअसल समझौते के मोल भाव का महत्वपूर्ण चरण था।
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• कतर की राजधानी दोहा में सारे पक्ष एकजुट होते हैं
• तालिबान और अमेरिका शांति समझौते की आधिकारिक घोषणा करते हैं
• अफगानी सरकार भी इसका स्वागत करती है 😉
• भारत भी अपना प्रतिनिधि भेजता है हालाँकि ऊपरी तौर पर भारत ने इसका स्वागत नही किया।
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• अमेरिका 14 महीनों में चरणबद्ध तरीके से अपने सैनिक वापस लेगा
• अफगान सरकार तथा तालिबान युद्धविराम की घोषणा के अलावा बंदियों की अदलाबदली करेंगे
इन घोषणाओं के सफल होने के लिए अमेरिका भारत की मदद पर काफी निर्भर है, जिसके बिना पुनः फेल हो सकता है
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• भारत की शांति सेना अमेरिकी सेना की जगह ले
• भारत अफगानिस्तान के नवीन संवैधानिक, जनतांत्रिक, न्यायिक तथा सुरक्षा ढांचे को खड़ा करे
• भारत वहाँ की सिविल सोसाइटी जैसे कि महिलाएं, अल्पसंख्यक, इत्यादि के प्रतिनिधित्व को स्थपित करे
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कश्मीर?
नही!
भारत को गिलगित बल्टिस्तान वापस चाहिए। भारत को इस क्षेत्र के पुनर्विलय में अंतरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन चाहिए
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अमित शाह संसद में धारा 370 और 35A हटाने का बिल पेश करते हैं और लगे हाथ जम्मू कश्मीर राज्य का पुनर्गठन कर के गिलगित बल्टिस्तान को कश्मीर से अलग कर देते हैं।
इस विषय पर अधिक जानकारी 👇
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• अपने सैनिक अफगानिस्तान से वापस लाना ट्रम्प का चुनावी वादा है और नवंबर में चुनाव हैं
• CPEC प्रोजेक्ट ध्वस्त होने से चीन की इलाकाई प्रभुता को भारी नुकसान पहुँचेगा
• भारी बचत: अमेरिका अब तक अफगानिस्तान युद्ध पर 2 ट्रिलियन डॉलर खर्च कर चुका है
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• अमेरिका का अफगानिस्तान से निकलना रूस के लिए दूरगामी तौर पर लाभदायक
• रूस की अर्थव्यवस्था गिर कर 12वे स्थान पर पहुँच गयी है। भारत अपनी हथियारों की खरीद बढ़ाएगा|
• नए S400 के अलावा भारत Pantsir मिसाइल डिफेंस सिस्टम की बड़ी खेप खरीद सकता है
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• कोविड सोर्स की जांच मे भारत न्यूट्रल रहेगा
• दुनिया भर में चीन के खिलाफ बढ़ रहे दबाव के बीच भी भारत One China पालिसी का सम्मान करेगा
• BRI परिजोजना के दुसरे प्रोजेक्ट्स में भारत सम्मिलित हो सकता है
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