एक बार महात्मा बुध जब किसी नगर में पहुंचे तो उनके पास नगर का सबसे अमीर आदमी आया | वह उपहार में वाहन के लिए कीमती सामान अपने साथ लेकर आया था |
अमीर आदमी ने जानकारी दी कि अब तक उसने अपने जीवन में कई अनाथालय चिकित्सालय और विद्यालय बनवाए हैं |
ही बनाया है |
इतना कुछ बताने के बाद जब वह चलने लगे , तो बुद्ध ने कहा - जो , भी कुछ अपने साथ लाए हो तो उन्हें यही छोड़ कर जाओ |
सांसारिक वस्तुएं मेरे किसी काम की नहीं है |
वही मेरे लिए सबसे बड़ा उपहार होगा महात्मा बुध की बात सुनकर वो व्यक्ति अपने चरणों में नतमस्तक हो गया |
भीतर समाया हुआ अहंकार आंसू बनकर बाहर आ गया |