1) हम ग्लोकल मेडिकल कॉलेज के 50 नीट क्वालिफाइड छात्र हैं ।
2) हमारे द्वारा 2016 में नीट की परीक्षा पास करने के बाद ग्लोकल मेडिकल कॉलेज सहारनपुर उत्तर प्रदेश में मॉप अप राउंड दिनांक 07-10-2016 को एम०बी०बी०एस में एडमिशन कराया गया था।
@PMOIndia @narendramodi @drharshvardhan
3) हमारे द्वारा वर्ष 2017 मैं प्रथम वर्ष की परीक्षा देने के बाद जब हम दूसरे वर्ष में आये तो कॉलेज में शिक्षण एवं अन्य सुविधाएं ना दिए जाने पर हमारे द्वारे DGME लखनऊ उत्तरप्रदेश को दिनांक - को पत्र लिखा गया कि हमारा स्थानांतरण किसी अन्य मेडिकल कॉलेज में कराया जाए।
@PMOIndia
4) परंतु DGME द्वारा उस पत्र पर कोई कार्यवाही नही की गई।
5) जिसके उपरांत हमारे द्वारा मा० उच्च न्यायालय उत्तरप्रदेश अलाहाबाद बैंच में इस कॉलेज से उत्तरप्रदेश के किसी अन्य कॉलेज में स्थानांतरण कराने के लिए दिनांक - 28-05-2019 को वाद योजिय किया गया।
@PMOIndia @myogiadityanath
6) परंतु MCI द्वारा मा० उच्च न्यायालय उत्तरप्रदेश मे हमारे स्थानांतरण ना करने को लेकर यह कहा गया कि इन छात्रों का एडमिशन MCI द्वारा दिनांक 27-01-2017 के पत्र जो कि ग्लोकल मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य/डीन के नाम पर लिखा गया था, उसके द्वारा निरस्त किया जा चुका है!
@PMOIndia
एव उत्तरप्रदेश के उन सभी एम०बी०बी०एस के छात्रों का एडमिशन भी निरस्त कर दिया गया है, जिनका एडमिशन कॉलेज द्वारा मॉप अप राउंड मैं दिनांक 07-10-2016 को कराया गया है एव DGME उत्तरप्रदेश की लिस्ट में जिनका नाम नही है। @PMOIndia @myogiadityanath @yadavakhilesh @drharshvardhan
7) इसकी सूचना मिलने पर दिनांक - 02-07-2019 को मा० उच्च न्यायालय उत्तरप्रदेश अलाहाबाद बैंच से हमे इस MCI दिनांक - 27-01-2017 के पत्र के विरुद्ध याचिका/वाद दायर करने की LIBERTY दी गई।(संलग्न - 1)
@PMOIndia @myogiadityanath @drharshvardhan @SonuSood @yadavakhilesh @priyankagandhi Image
8) इसकी डिस्चार्ज पत्र की सूचना मिलने पर हमारे अभिवावकों द्वारा कॉलेज मैनेजमेंट से वार्ता की गई तो कॉलेज मैनेजमेंट द्वारा यह कहते हुए बात टाल दी गई कि हमे मा० सर्वोच्च न्यायालय से आपके बच्चों को पढ़ाने की अनुमति मिली हुई है।
@PMOIndia @narendramodi @myogiadityanath @NITIAayog
9) जिसके बाद हमे यह पता लगा कि जिन ओर स्टूडेंट्स का एडमिशन का DISCHARGE MCI द्वारा आया था, उनके कॉलेज सरस्वती मेडिकल कॉलेज, वेंकटेश्वर मेडिकल कॉलेज एवं कृष्णा मोहन मेडिकल कॉलेज के द्वारा इस MCI के 27-01-2017 के खिलाफ मा०उच्च न्यायालय उत्तरप्रदेश लखनऊ बैंच मे वाद योजित किया गया था
एवं मा० उच्च न्यायालय उत्तरप्रदेश लखनऊ की बेंच द्वरा दिनांक 15-06-2017 को दिए गए जजमेंट में MCI के इस 27-01-2017 के डिस्चार्ज पत्र को छात्र हित एवं अनेक तथ्यों के आलोक मैं निरस्त कर दिया गया था। (संलग्न- 2) ImageImageImageImage
Image
10) जिसके खिलाफ MCI ने इस जजमेंट को मा० सर्वोच्च न्यायालय मे चैलेंज किया परंतु मा० सर्वोच्च न्यायालय ने दिनांक -04-08-2017 को मा० उच्च न्यायालय उत्तरप्रदेश के इस जजमेंट को सही मानते हुए MCI के केस को निरस्त कर दिया। (संलग्न-3) ImageImage
11) इन्ही सब जजमेंट के आलोक मैं हमारे द्वारा मा० उच्च न्यायालय उत्तरप्रदेश अलाहाबाद बेंच में MCI के 27-01-2017 के पत्र के विरुद्ध दिनांक - 25-07-2019 को वाद योजित किया गया।
12) परंतु मा० उच्च न्यायालय उत्तरप्रदेश द्वारा दिनांक - 30-07-2020 को यह कहते हुए
हमारा वाद डिस्पोज़ ऑफ कर दिया गया की ग्लोकल मेडिकल कॉलेज का एक वाद मा० सर्वोच्च न्यायालय मे विचाराधीन है तो यहां से आपको कोई आदेश नही दिया जा सकता है एवं आप मा० सर्वोच्च न्यायालय मे वाद योजित कीजिये!
@PMOIndia @SonuSood @yadavakhilesh @NITIAayog
13) जिसके आलोक मैं हमारे द्वारा दिनांक - 15-11-2019 को मा० सर्वोच्च न्यायालय मे वाद योजित किया गया।
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14) मा० सर्वोच्च न्यायालय से दिनांक -20-07-2020 को सिर्फ यह लिखते हुए की 'we find no merit in these petitions 'कॉलेज के वाद के साथ ही हमारा वाद भी निरस्त कर दिया गया है।
@PMOIndia @myogiadityanath @ravishranjanshu @MoHFW_INDIA @SonuSood @yadavakhilesh @ShianaBedi @RahulGandhi
15) इसी बीच ग्लोकल मेडिकल कॉलेज का पूर्व मे निर्गत अनिवार्यता प्रमाण पत्र दिनांक 03-01-2020 को राज्य सरकार द्वारा वापस ले लिया गया है।@PMOIndia @myogiadityanath @ravishranjanshu @MoHFW_INDIA @SonuSood @yadavakhilesh @ShianaBedi @RahulGandhi
16) दिनांक 08-06-2020 के राज्य सरकार उत्तरप्रदेश के पत्र के द्वारा सिर्फ 24 छात्रों का स्थानांतरण किसी अन्य मेडिकल कॉलेज में किया गया है एवं हम 50 छात्रों के भविष्य के बारे मे किसी ने भी कोई भी निर्णय नही लिए है। ना ही हमारा स्थानांतरण किसी अन्य मेडिकल कॉलेज में किया गया है।
17) नीट की परीक्षा मे 038796 रैंक हासिल करने वाले छात्र का स्थानंतरण नही किया जाता है एवं वही 414761 रैंक हासिल करने वाले छात्र का स्थानांतरण राज्य सरकार द्वारा कर दिया जाता है।
@PMOIndia @myogiadityanath @ravishranjanshu @MoHFW_INDIA @SonuSood @yadavakhilesh @RahulGandhi
18) हम आप सभी का ध्यान कुछ तथ्यों की और ले जाना चाहते है जिन से यह साबित होता है कि मेडिकल काउंसल ऑफ इंडिया द्वारा हम 50 नीट-यूजी 2016 उत्तीर्ण छात्रों का एडमिशन डिस्चार्ज किया जाना अनुचित है एवं ग्लोकल मेडिकल कॉलेज को राज्य सरकार द्वारा बंद किये जाने के उपरांत
हम 50 नीट-यूजी 2016 उत्तीर्ण छात्रों का स्थानांतरण किसी अन्य मेडिकल कॉलेज मे ना किया जाना भी अनुचित है।
@PMOIndia @myogiadityanath @ravishranjanshu @MoHFW_INDIA @SonuSood @yadavakhilesh @RahulGandhi
I) यह अनुचित है कि हम 50 नीट-यूजी 2016 उत्तीर्ण छात्रों का एडमिशन दिनांक - 27-01-2017 के MCI के पत्र द्वारा डिस्चार्ज किया जाना सिर्फ यह कहकर की आप का नाम DGME UP की लिस्ट में नही है जबकि 2016 तक इंडियन मेडिकल काउंसलिंग एक्ट,1956 मे common counselling जैसा कोई प्रावधान नही था,
यह प्रावधान दिनांक - 10.03.2017 को GME REGULATIONS,1997 में संशोधन के रूप मे जोड़ा गया। जो कि हम 50 नीट-यूजी 2016 उत्तीर्ण छात्रों पर लागू नही होता है क्योंकि हमारा एडमिशन वर्ष 2016 मे नीट की परीक्षा उत्तीर्ण करने के उपरांत लिया गया है।(संलग्न ) ImageImage
II) इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट 2016 मे जो संशोधन हुआ था एवं इस संशोधन मे सेक्शन - 10(D) जोड़ा गया था, हम आप सभी को यह दिखाना चाहते है कि इस इस सेक्शन 10(D) से ही common entrance exam - NEET आया है जिस के द्वारा UNDERGRADUATE और postgraduate मेडिकल कोर्स मे एडमिशन मान्य होंगे,
इस संशोधन को ही बाद मे एक्ट नंबर 39 ऑफ 2016 कहा गया।
यह संशोधन 24-05-2016 को किया गया था।(संलग्न)
इसके अनुसार हमारा admission बिल्कुल उचित है क्योंकि हम सब के द्वारा नीट -2016 की परीक्षा के बाद ही एडमिशन लिया गया है। ImageImage
III) पूर्व मे माननीय उच्च न्यायालय उत्तरप्रदेश द्वारा एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा वर्ष 2016 में हम नीट-2016 छात्रों के समान उ०प्रदेश के कॉलेजो के द्वारा MBBS मे लिए गए एडमिशन को सही ठहराकर MCI के द्वारा दिए गए DISCHARGE पत्र दिनांक - 27-01-2017 को निरस्त किया है।
IV) माननीय उच्च न्यायालय उत्तरप्रदेश, इलाहाबाद, लखनऊ खंडपीठ के आदेश के दिनांक 15-06-2017 के आदेश के अनुसार: - अन्य मेडिकल कॉलेजों के समान स्थित छात्रों के मामले में {SARASWATI मेडिकल कॉलेज और अन्य} यह कहा गया है कि -(संलग्न-10 ) Image
एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश प्रदान करते समय मेडिकल कॉलेजों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता होती है कि प्रवेश न्यायिक निर्णयों और एमसीआई विनियमों के आधार पर निम्नलिखित मापदंडों के अनुसार हो:-
(A) कोई भी प्रवेश स्वीकृत सेवन क्षमता से परे स्वीकार्य नहीं है [मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (मेडिकल कॉलेजों की प्रवेश क्षमता से अधिक भर्ती छात्रों की पहचान के लिए मानदंड) विनियम, 1997]।
(B) स्नातक चिकित्सा शिक्षा विनियम, 1997 के नियम 4 के अनुसार विभिन्न श्रेणियों के लिए आयु और योग्यता अंक के संबंध में पात्रता मानदंड हो।
पहला मानदंड यह है कि स्वीकृत सेवन क्षमता से परे कोई भी प्रवेश स्वीकार्य नहीं होगा। ऐसा नहीं है कि हम 50 छात्रों का प्रवेश ग्लोकल मेडिकल कॉलेज की स्वीकृत सेवन क्षमता से परे है।
दूसरा मानदंड NEET में विभिन्न श्रेणियों के लिए आयु और योग्यता अंक से संबंधित है।
हम सभी 50 छात्रों ने आयु के मानदंडों को पूरा किया है और हम सभी नीट-2016 क्वालिफाइड छात्र हैं (उन छात्रों की तुलना में अधिक मेधावी हैं जिनका नाम डीजीएमई सूची में था)
V) यह की दूसरे समान छात्रों के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय उत्तरप्रदेश, अलाहाबाद, लखनऊ बेंच मे पूर्व मे दिए गए उत्तरप्रदेश के अनेक कॉलेजों में MCI द्वारा दिनांक -27-01-2017 के ADMISSION डिस्चार्ज पत्र को निरस्त किये जाने के आदेशो के
आलोक मे माननीय उच्च न्यायालय उत्तरप्रदेश मे वाद योजित करने पर इन छात्रों एवं कॉलेजों को समान आदेशो का लाभ दिया गया है।(संलग्न-) ImageImage
VI) हम आप सभी का ध्यान इस और भी ले जाना चाहते है कि एक देश मे, एक ही समान छात्रों के MBBS मे प्रवेश के लिए, समान वर्ष मे ही, अलग अलग कानून किस प्रकार के है-
कृप्या उत्तराखंड राज्य की 2016 वर्ष MBBS मे admission हेतु नियमावली का कर्म संख्या -20 की और ध्यान दीजिए-(संलग्न) Image
निजी मेडिकल/डेन्टल शिक्षा संस्थानों की राज्य कोटे की सीटों को mop-up चरण-प्रथम के उपरान्त रिक्त रहने/होने की दशा में सम्बन्धित निजी मेडिकल/डेन्टल शिक्षा संस्थानों द्वारा स्वंय के स्तर से भरा जाएगा।
एवं इस से अलग भी 50% सीटे मैनेजमेंट कोटे को दी गई थी।
वही उत्तरप्रदेश मे अलग ही कानून व्यवस्था बताकर हमारा स्थानांतरण कॉलेज बंद होने पर किसी अन्य मेडिकल कॉलेज मे नही किया जाता है।
VII) यह किस तरह की का न्याय है कि उत्तराखंड के सुभारती मेडिकल कॉलेज मे वर्ष 2016 एवं वर्ष 2017 मे मैनेजमेंट कोटे के तहत किये गए MBBS छात्रों को कॉलेज बंद होने पर स्थानांतरण कर दिया जाता है,
जबकि वही हम ग्लोकल मेडिकल कॉलेज सहारनपुर उत्तरप्रदेश में पढ़ने वाले 50 नीट -क्वालिफाइड छात्रों का स्थानांतरण कॉलेज बंद होने पर नही किया जाता है।(संलग्न) ImageImageImageImage
19) हमारे माता पिता द्वारा हमारी शिक्षा के लिए एजुकेशन लोन भी लिया गया है।
इस प्रकार से हमारा भविष्य अंधकारमय हो गया है।
बिना MBBS का कोर्स पूरा किये हम किस प्रकार एजुकेशन लोन चुका पाएंगे?
20) हम, हमारे माता पिता, हमारा पूरा परिवार मानसिक एवं आर्थिक स्तिथि से पीड़ित है।
21) हमारी आप सभी से, राज्य सरकार उत्तरप्रदेश से ,केंद्र सरकार से हाथ जोड़ कर गुज़ारिश है कि कृपया हमारा स्थानांतरण किसी अन्ये मेडिकल कॉलेज मैं कराया जाये।
@PMOIndia @narendramodi @SonuSood @myogiadityanath @drharshvardhan

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Sep 26, 2020
1) हम ग्लोकल मेडिकल कॉलेज के छात्र हैं ।
2) हमारे द्वारा 2016 मे नीट की परीक्षा पास करने के उपरांत ग्लोकल मेडिकल कॉलेज सहारनपुर उत्तर प्रदेश के काउंटर पर मॉप अप राउंड दिनांक 07-10-2016 को एम०बी०बी०एस में एडमिशन कराया गया था।
@dryogendermalik
@myogiadityanath
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3) हमारे द्वारा वर्ष 2017 मैं प्रथम वर्ष की परीक्षा देने के बाद जब हम दूसरे वर्ष में आये तो कॉलेज में शिक्षण एवं अन्य सुविधाएं ना दिए जाने पर हमारे द्वारे DGME लखनऊ उत्तरप्रदेश को को पत्र लिखा गया कि हमारा स्थानांतरण किसी अन्य मेडिकल कॉलेज में कराया जाए।
@dryogendermalik
4) परंतु DGME द्वारा उस पत्र पर कोई कार्यवाही नही की गई।
5) जिसके उपरांत हमारे द्वारा मा० उच्च न्यायालय उत्तरप्रदेश अलाहाबाद बैंच में इस कॉलेज से उत्तरप्रदेश के किसी अन्य कॉलेज मे स्थानांतरण कराने के लिए दिनांक - 28-05-2019 को वाद योजिय किया गया।
@dryogendermalik
@PMOIndia
Read 42 tweets
Aug 14, 2020
प्रणाली की विफलता ने हम 50 छात्रों के भविष्य को अंधकारमय कर दिया है। हम 50 छात्रों से शिक्षा का अधिकार छीन लिया गया है। कृपया हम 50 छात्रों का स्थानांतरण किसी अन्य मेडिकल कॉलेज मे करा कर हमें हमारा शिक्षा का अधिकार वापस कीजिये।
#SHIFTGLOCALMEDICALSTUDENTS
#save50medicos
#helpus Image
@divaspandeynews @ZaidKhan0001 @ShianaBedi @Media_World @news_tv100 @SaharanpurDm @BBCHindi @omkar_30 @AbdulAh52914703 मां० स्वास्थ्य मंत्री मोहोदय जी
भारत सरकार
@drharshvardhan जी
कृपया छात्रो के भविष्य का संज्ञान लीजिये ओर जल्द ही निवारण कीजिये।
#SHIFTGLOCALMEDICALSTUDENTS
#save50medicos
@MoHFW_INDIA
@PMOIndia
@yogrishiramdev
@sanket
@SonuSood Image
Read 5 tweets
Aug 13, 2020
कृप्या ध्यान दीजिए🙏किस प्रकार प्रणाली की विफलता हम 50 छात्रों के भविष्य को बर्बाद किये जा रही है।

भारतीय आयुविज्ञान परिषद के द्वारा वर्ष 2016 दिनांक 05-08-2016 को GME-REGULATIONS -1997 मे कुछ संशोधन किए गए थे
@PMOIndiai @priyankagandhi @drharshvardhan @divaspandeynews
जिसका क्रम संख्या - 02 यह स्पष्ठ करता है की वर्ष 2016 MBBS के प्रवेश किस प्रकार एवं किस तिथि को होंगे।
इसमें कुछ इस प्रकार लिखा है कि - ‌
“स्नातक चिकित्सा शिक्षा विनियमावली, 1997“ के खंड 7(6) में, उप-खंड 7(6 क) के पश्चात् निम्नलिखित जोड़ा जाएगाः-
”(6 क क) - विश्वविद्यालय और अन्य संबंधित प्राधिकरण, केवल अकादमिक वर्ष 2016-17 के लिए परिशिष्ट ‘च’ में उल्लिखित समय सारणी के अनुसार दाखिला प्रक्रिया आयोजित करेंगे।“
इसकी तालिका मे आप देखिए साफ रूप से लिखा है कि संस्थान द्वारा भरी जाने वाली सीटें- (संलग्न) ImageImageImageImage
Read 10 tweets
Aug 9, 2020
हम ग्लोकल मेडिकल कॉलेज के छात्र हैं।
कुलेगे को उ०प्र० सरकार द्वारा बंद किया जा चुका है।
आप सभी से हमारी प्राथना है की हमारा स्थानांतरण किसी अन्य मेडिकल कॉलेज मे किया जाए एवं हमारे भविष्य को अंधकारमय होने से बचाया जाए।
@PMOIndia
@myogiadityanath
Read 6 tweets
Aug 8, 2020
According to the Honorable High Court Uttarpradesh, Allahabad, Lucknow Bench Order Dated :- 15-06-2017 in Case of similarly situated students of other medical colleges {SARASWATI MEDICAL COLLEGE AND OTHERS}
@PMOIndia @narendramodi ImageImage
While granting admission in MBBS course the Medical Colleges are required to ensure that the admission is in terms of the following parameters, based upon the judicial decisions and MCI Regulations:
@narendramodi @ashokdilliwala @drharshvardhan
(i)No Admission is permissible beyond the sanctioned intake capacity [Medical Council of India (Criteria for Identification of students admitted in excess of admission capacity of medical colleges) Regulations, 1997].

@myogiadityanath @yogrishiramdev ImageImage
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