Each lunar month in Hindu calendar has two Chaturthi Tithis. The one after Purnimasi is known as Sankashti Chaturthi (Sankastahara Chaturthi) and the one after Amavasya is known as Vinayaka Chaturthi...!!!!
If Sankashti Chaturthi falls on Tuesday it is called Angarki Chaturthi and it is considered highly auspicious...!!!! Chaturthi Tithi is from today evening till tomorrow evening...!!!!
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।
या देवी सर्वभूतेषु विद्यारूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।
या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
देवी भागवत के अनुसार वर्ष में चार बार नवरात्रि आते हैं। चैत्र या वासंतिक नवरात्रि, आश्विन या शारदीय नवरात्रि, माघ शुक्ल पक्ष नवरात्रि और आषाढ़ शुक्ल पक्ष नवरात्रि।
Leftist Ecosystem of Antinational Italian Nexus, Khujiwal, Sujamal, Penguins, Begum, Chinnni, Vatican, Islamic State only aim is to Break India into million pieces by burning India so that millions of Indian lives are lost and than can loot lakhs of crores...
3/n
Those who vote for these Antinational Political Parties in lure of freebies are indirectly destroying the future of our motherland and their kids...
देवी माँ सरस्वती एवं देवी माँ स्कन्दमाता को शत् शत् नमन।।
🙏🙏🙏🙏🙏
ॐ नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।
या देवी सर्वभूतेषु विद्यारूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।
🙏🙏🙏🙏🙏
या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।
देवी भागवत के अनुसार वर्ष में चार बार नवरात्रि आते हैं। चैत्र या वासंतिक नवरात्रि, आश्विन या शारदीय नवरात्रि, माघ शुक्ल पक्ष नवरात्रि और आषाढ़ शुक्ल पक्ष नवरात्रि।
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।
या देवी सर्वभूतेषु विद्यारूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।
या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
देवी भागवत के अनुसार वर्ष में चार बार नवरात्रि आते हैं। चैत्र या वासंतिक नवरात्रि, आश्विन या शारदीय नवरात्रि, माघ शुक्ल पक्ष नवरात्रि और आषाढ़ शुक्ल पक्ष नवरात्रि।