चूंकि आज सारी जानकारी मिथ्या निवारण के लिए है,जो वामपंथी अल्पज्ञानी तथा बॉलीवुड के अल्पज्ञानी,मूर्ख एवं पाखंड़ियों द्वारा फैलाया जा रहा है,मैं प्रयत्न करूँगा की सारे तथ्य उसी पर केंद्रित रहें।
जय श्री राम बोलकर आरंभ करता हूँ।
श्री राम, रघुवंशी-इक्ष्वाकु-सूर्यवंशी वंश से थे जिनके पिता दशरथ एवं माता कौशल्या थीं।
वेदों के अनुसार राम शब्द का अर्थ होता है प्यारा, आकर्षक, रमणीय और मनभावन, तथा बौद्ध ग्रंथों के अनुसार (पाली में) अर्थ होता है मन को प्रसन्न करने वाले एवं हर्षित करने वाले।
भगवान विष्णु 🚩
रावण ऋषि विश्रवा और कैकेशी का पुत्र था।
समुद्रमंथन के बाद राक्षसों ने वर्षों तक शक्तिहीनता से कुंठित होकर योजनाबद्ध ढंग से ऋषि विश्रवा के आश्रम में भेजा।
वर्षों तक सेवा करने के पश्चात ऋषिवर ने कैकेशी को वरदान में पुत्र रावण,कुम्भकर्ण,विभीषण और कन्या मीनाक्षी(शूर्पणखा) दिए।
कैकेशी का दूसरा नाम निकाशा भी था,और उसे पिशितासना भी कहा जाता है।पिशितासना का अर्थ होता है नरभक्षी दैतयिनी।तिब्बत के कुछ बौद्ध दार्शनिकों के अनुसार पिशितासना एक देवी है जो शाल्मली वृक्ष पर एक अज्ञात क्षेत्रपाल के संग बसती है और उसका शस्त्र है कट्टारीका।
उसका शरीर दागों में ढंका हुआ था,देवताओं के साथ अंतहीन लड़ाई में जीता था। तीन घाव, विशेष रूप से, विष्णु के चक्र से,इंद्र के वज्र से और ऐरावत-इंद्र के हाथी से हुए थे।
महान देव ब्रह्मा की भक्ति और तपस्या के माध्यम से,रावण को अजेय बना दिया गया था और वह किसी भी रूप में आने की शक्ति रखता था। वह इतना शक्तिशाली था कि वह भूकंप और तूफान पैदा कर सकता था।यह भविष्यवाणी की गई थी कि रावण का अंत एक महिला के कारण होगा।
शक्ति के मद्द में डूबा हुए रावण ने अपने भाई कुबेर के अलकापुरी पर फिर युद्ध हमला किया।
कुबेर को हराने और अलकापुरी को लूटने के बाद, रावण पुष्पक विमान में लंका के लिए उड़ान भर रहा था।उसने एक सुंदर जगह देखी,जो कैलाश थी,लेकिन उस पर उड़ान भरने में असमर्थ था।
रावण ने कैलाश में प्रवेश करने की कोशिश की लेकिन नंदी ने रोक दिया। उन्होंने उसे पास करने में असमर्थता का कारण पूछा। नंदी ने उन्हें बताया कि उनके शिव और माता सती पहाड़ पर विश्राम कर रहे थे और किसी को भी गुजरने की अनुमति नहीं थी।
यह सुनकर रावण ने नंदी को वानर (बंदर) कहा और कैलाश में घुसने का प्रयास किया। क्रोधित होकर नंदी ने उसे श्राप देते हुए कहा कि वानर तुझे नष्ट कर देंगे।
जय बजरंग बली 🚩🚩🚩
रावण पर्वत को हिलाता रहा।महादेव ने इसका कारण समझा और अपने बड़े पैर के अंगूठे को दबाकर पर्वत को रख दिया। रावण को पर्वत के नीचे कुचल दिया गया था। वह दर्द में रोया। उसने शिव को प्रसन्न करने के लिए अगले हजार वर्षों तक घोर तपस्या की और शिव तांडव स्तोत्रम सहित प्रशंसा के भजन गाए।
वनवास के समय पंचवटी में श्री राम और लक्ष्मण को देख कर शूर्पणखा मोहित हो गयी।
दोनों के मना करने पर माता सीता पर आक्रमण करने लगी।
लक्ष्मण ने पहली प्रतिक्रिया की और शूर्पणखा के कान और नाक काट दिए।
इस बात से उग्र होकर, क्रोधित शूर्पणखा ने तीनों पर हमला करने के लिए राक्षसों की एक सेना एकत्र की। इस लड़ाई में श्री राम ने उन सभी को हराया; हालाँकि,शूर्पणखा की कहानी खत्म नहीं हुई थी।
कुछ किंवदंतियों के अनुसार शूर्पणखा का पति दुष्टबुद्धि था जो कि काफी प्रभावशाली था और रावण की नीतियों का विरोध करता था।रावण ने षड्यंत्रपूर्वक ढंग से उसे भी फँसा कर उसकी हत्या कर दी थी।
चूंकि शूर्पणखा भी आश्रम में पली बढ़ी थी और अनेक ऋषियों को जानती थी,उसे पता चल चुका था कि अयोध्या में एक विलक्षण राजकुमार ने जन्म लिया है और असुरों को हराने में सक्षम है।
प्रतिशोध लेने का इससे उपयुक्त उपाय क्या हो सकता था?
हो न हो वनवास के दौरान पंचवटी में प्रभु का मौजूद होना और शूर्पणखा का उसी समय जाकर माँ सीता पर हमला करना यकायक संयोग नहीं हो सकता।उस समय धरती रावण के प्रकोप से कांप रही थी।
प्रभु श्रीराम हिंदू पौराणिक कथाओं में सबसे अधिक गुणी व्यक्ति हैं।वह एक विशिष्ट कार्य के लिए पैदा हुए थे - देवताओं के आह्वान का जवाब देने और पृथ्वीलोक को भयभीत करने वाले बहु-सिर वाले राक्षस रावण को मारने के लिए।
अब शूर्पणखा ने रावण को भड़काने के लिए श्रीराम की शक्ति के बारे में बताया, उनकी निंदा की।
माता सीता के बारे में भी बताया कि वो अत्यंत सुंदर है और उन्हें रावण के साथ होना चाहिए।
प्रश्न यह उठता है कि माता सीता का अपहरण क्यों किया? अगर कोई स्वाभिमानी होता तो युद्ध करता,छल कपट नहीं।
सीता मैय्या के अपहरण के समय रावण ने अपने जादूगर मारीच को हिरण के रूप में भेजा।भिक्षु बन कर मैय्या को लक्ष्मण रेखा तो पार करवा ली, किन्तु छू नहीं पाया।बॉलीवुड औऱ TV पर यह तस्वीर प्रचलित की जाती है कि कंधे पर उठा कर ले जा रहा है दुष्ट रावण।
किन्तु नल कुबेर के श्राप के अनुसार वो किसी महिला को इच्छा के विरुद्ध छू भी नहीं सकता था।
वह धरती के उस अंश को उखाड़ कर अपने साथ ले गया था जिसपे मैय्या खड़ीं थीं।
९९% हिंदुओं को इस बात का ज्ञान ही नहीं होगा।
अशोक वाटिका में रावण की दासियों ने माता को अनेक प्रकार से मानसिक यातनाएं दी, ताकि वो आत्मसमर्पण कर दें।
जो लोग व्हाट्सएप,फेसबुक और ट्विटर पे बड़ी शान से लिखते हैं कि रावण महान था,उनसे बड़ा कोई मूर्ख नहीं।
जो रावण अपनी शक्ति से पर्वत हिला देता था,देवता तक जिसके नाम से कांपते थे और अनेक लोगों की हत्ये की वो कितना क्रूर होगा।
अपनी वाटिका में असंख्य दासियों को रखा हुआ था,वो कबसे तुम्हारा आदर्श हो गया?
लिबेरलो के एजेंडे से बाहर निकलो
रावण बहुत ज्ञानी एवं शक्तिशाली था, लेकिन अंत मे उसका दम्भ-अहँकार ही उसकी मृत्यु का कारण बना।
राजा बाली, बलि और सहस्त्रबाहु अर्जुन के हाथों भी बहुत बुरी तरह से हारा था पर सुधरा नहीं।
भगवान शंकर और ब्रह्मा जी द्वारा मिले वरदानों का दुरुपयोग करता था।
उसका महिमामंडन करने की या उसके साथ किसी जाति को जोड़ने का प्रश्न ही नहीं उठता।
ये प्रश्न उठाने वाला ही उच्चतम कोटि का महामूर्ख है।
यदि जन्म से जाति का निर्धारण होता तो फिर रावण ब्राह्मण था।
लेकिन अपने कर्मों के कारण राक्षस बना।अगर इतना ही खुद को रावण भक्त मानते हो न,तो वेद पुराण कंठस्थ कर लो और शंकर जी एवं ब्रह्मा जी की तपस्या करने के लिए तत्पर हो जाओ।
कुछ दुष्ट ऐसे भी हैं जो महिषासुर के महिमामंडन में लगे हुए हैं।अरे मूर्खों, महिषासुर को शक्तियों की प्राप्ति भगवान ब्रह्मा जी की तपस्या से ही हुई थी।
दुष्ट महिषासुर शक्तिशाली बनने के बाद देवताओ से और मनुष्यों से जा भिड़ा था।
असंख्य मनुष्यों को मार कर आतंक फैलाने वाला महिषासुर इतना बड़ा अहंकारी और पितृसत्तात्मक था कि वरदान में यह मांग बैठा कि कोई आदमी या देवता उसे न मार सके।
Bloody Patriarch!
उसे इस बात का दंभ था कि कोई महिला उसे मार नहीं सकती।
इसीलिए देवताओं ने एक होकर माता दुर्गा को शक्तियां प्रदान कर उनको महिषासुर से लड़ने भेजा।
नौं दिनों तक चलने वाले युद्ध में जिसमे माता दुर्गा ने असंख्य दैत्यों के नाश किया,उसी को नवरात्रि के रूप में मनाया जाता है।
लेकिन गरीब पिछड़े लोगों को घुट्टी पिलाई गई कि महिषासुर बड़ा महान था।देवताओं और मनुष्यों में आतंक फैलाने वाला महान कैसे?
ऊपर से इतनी घटिया बातें सोशल मीडिया पर फैलाई जाती हैं जिसकी कोई सीमा नहीं।
हिंदुओं का अपमान करना बंद कर दो,हमारी संस्कृति हमारे सनातन का उपहास मत करो मूर्खों क्योंकि शक्तिशाली रावण और महिषासुर भी थे लेकिन अपने अहंकारी और षड्यंत्रकारी स्वभाव के कारण मारे गए।
The saddest day in the History of Indian media, when one channel is being hounded others have ingested gargantuan amount of fevicol!
Shame on #IndianMedia!
Everyone is concerned about what Trump said in a presidential debate regarding AQI of India,Russia and China.
This might be a time for education. #Thread#AQI#India#Russia#China#US#Trump#Modiji
↗️The discussion was regarding the Paris Climate Agreement, under which all countries have to commit to reduce/control their respective carbon emissions WRT the agreement.
↗️ According to this agreement developing nations like India and China were not covered under the ambit of carbon emissions restrictions.
बॉलीवुड से शुरू हुई ये कहानी बहुत लंबी है, लेकिन आपको थोडे में बताने के लिए याद ही होगा, कैसे फ़िल्म में हीरो भगवान की मूर्ति से कभी तू तड़ाक करता है तो कभी भगवान की मूर्ति के पीछे खड़े होकर झूठी आवाज़ में लोगों को मूर्ख बनाने की चेष्टा करता है।
कुछ दिनों से युवाओं को भी गानों के द्वारा "बम बम भोले" का नारा देकर धूम्रपान एवं गांजे की लत की ओर आकर्षित किया जा रहा है। ये सब क्या देवताओं का अपमान नहीं है? मुझे कोई दिक्कत नहीं आप गांजा पियें,चरस अथवा एसिड की बोतल गटक जाएं,लेकिन हिंदुओ का अपमान न करें।
पेरिस: शिक्षक अभिव्यक्ति की "आज़ादी" पर बच्चों को चार्ली हेब्दो का उदाहरण देकर समझा रहा था,उसने कक्षा के मुस्लिम बच्चों को बाहर जाने के लिए कहा था।
एक को छोड़ बाकी सब निकल गए,लेकिन जो एकमात्र था उसने घर जाकर बताया,बस फिर क्या शाम होते ही,गला काट दिया शिक्षक का।
अल्लाह हु अकबर।
के नारे लगाता हुआ कातिल जब,भाग रहा था तो पुलिस की गोली से मारा गया।
उसे आतंकवादी घोषित कर दिया गया है,लेकिन भारत में कुछ लोग आज भी अफ़ज़ल और बुरहान की मौत का शोक मना रहें है।
कश्मीर,JNU, AMU,Jamia,Congress और लिबेरलों की घिग्गी बंधी हुई है।
एक शिक्षक की आतंकी हत्या पर मौन।
हमारे प्यारे बॉलीवुड के "सुपरस्टार" और "आइटम गर्लस" में से अभी तक किसी ने "प्लेकार्ड" नही उठाया है।
बिकाऊ मीडिया ने भी बस दो मिनेट चला दिया और अपने एजेंडे पेलने में लगे हुए है। #BlackLivesMatter वालों ने भी आंदोलन नहीं छेड़ा है, #TeachersLivesMatter चला देते तो क्या हो जाता?
The Kumbh Mela, which began on January 15 and continued till March 4, was expected to generate a revenue of Rs 1.2 lakh crore for Uttar Pradesh, as apex industry body Confederation of Indian Industry (CII). #Thread #KumbhMela 2019 @myogiadityanath
↗️ Although the Kumbh Mela is a spiritual gathering, the economic activities associated with it generated employment for over six lakh workers across various sectors, the CII said in a report.
↗️ The Uttar Pradesh government had allocated Rs 4,200 crore for the 49-day mela this time, which was over thrice the budget of the Maha Kumbh in 2013, making the mega pilgrimage perhaps the costliest ever.
Super Sunday #Thread
Today we will talk about the pending issues of national importance solved by our honourable PM @narendramodi ji.
Your resolve to solve issues is impeccable, Sir!
↗️ Passed 72 years old “Unauthorized Colonies Bill".
↗️ 72 year old Pakistan-Bangladeshi refugee issue stands resolved.