पुण्य तिथि - 29 जनवरी, 1597 ई.
पिता - श्री महाराणा उदयसिंह जी
माता - राणी जीवत कँवर जी
राज्य - मेवाड़
शासन काल - 1568–1597ई.
शासन अवधि - 29 वर्ष
वंश - सुर्यवंश
राजवंश - सिसोदिया
राजघराना - राजपूताना
धार्मिक मान्यता - हिंदू धर्म
युद्ध - हल्दीघाटी का युद्ध
राजधानी - उदयपुर
पूर्वाधिकारी - महाराणा उदयसिंह
उत्तराधिकारी - राणा अमर सिंह
अन्य जानकारी -
महाराणा प्रताप सिंह जी के पास एक सबसे प्रिय घोड़ा था,
जिसका नाम 'चेतक'🐎 था।
राजपूत शिरोमणि महाराणा प्रतापसिंह उदयपुर,
मेवाड़ में सिसोदिया राजवंश के राजा थे।
वह तिथि धन्य है, जब मेवाड़ की शौर्य-भूमि पर मेवाड़-मुकुटमणि
राणा प्रताप का जन्म हुआ।
महाराणा का नाम
इतिहास में वीरता और दृढ़ प्रण के लिये अमर है।
महाराणा प्रताप की जयंती विक्रमी सम्वत् कॅलण्डर
के अनुसार प्रतिवर्ष ज्येष्ठ, शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती
है।
महाराणा प्रताप के बारे में कुछ रोचक जानकारी:-
1... महाराणा प्रताप एक ही झटके में घोड़े समेत🏇 दुश्मन सैनिक को काट डालते थे।
2.... जब इब्राहिम लिंकन💂🏻 भारत दौरे पर आ रहे थे तब उन्होने
अपनी माँ से पूछा कि हिंदुस्तान से आपके लिए क्या लेकर
आए| तब माँ का जवाब मिला- ”उस महान देश
की वीर भूमि
हल्दी घाटी से एक मुट्ठी धूल🌪 लेकर आना जहाँ का राजा अपनी प्रजा के प्रति इतना वफ़ादार था कि उसने आधे हिंदुस्तान👑 के बदले अपनी मातृभूमि को चुना ” लेकिन बदकिस्मती से उनका वो दौरा रद्द हो गया था | “बुक ऑफ़
प्रेसिडेंट यु एस ए ‘किताब 📘में आप यह बात पढ़ सकते हैं |
3.... महाराणा प्रताप के भाले🏑 का वजन 80 किलोग्राम था और कवच का वजन भी 80 किलोग्राम ही था|
कवच, 👤भाला,🏑 ढाल,🏵 और हाथ में तलवार🗡 का वजन मिलाएं तो कुल वजन 207 किलो था।
4.... आज भी महाराणा प्रताप की तलवार कवच आदि सामान
उदयपुर राज घराने के संग्रहालय में सुरक्षित हैं |
5.... अकबर ने कहा था कि अगर राणा प्रताप मेरे सामने झुकते है तो आधा हिंदुस्तान के वारिस वो होंगे पर बादशाहत अकबर की ही रहेगी|
लेकिन महाराणा प्रताप ने किसी की भी अधीनता स्वीकार करने से मना कर दिया |
6.... हल्दी घाटी की लड़ाई में मेवाड़ से 20000 सैनिक थे और
अकबर की ओर से 85,000 सैनिक युद्ध में सम्मिलित हुए |
7.... महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक 🐎का मंदिर भी बना हुआ है जो आज भी हल्दी घाटी में सुरक्षित है |
8.... महाराणा प्रताप ने जब महलों का त्याग किया तब उनके साथ लुहार जाति के हजारो लोगों ने भी घर छोड़ा और दिन रात राणा कि फौज
के लिए तलवारें बनाईं| 🗡🗡🗡🗡
इसी
समाज को आज गुजरात मध्यप्रदेश और राजस्थान में गाढ़िया लोहार⛩ कहा जाता है|
मैं नमन करता हूँ ऐसे लोगो को |
9.... हल्दी घाटी के युद्ध के 300 साल बाद भी वहाँ जमीनों में तलवारें पाई गई।
आखिरी बार तलवारों का जखीरा 1985 में हल्दी घाटी में मिला था |
10..... महाराणा प्रताप को शस्त्रास्त्र की शिक्षा "श्री जैमल मेड़तिया जी" ने दी थी जो 8000 राजपूत वीरों को लेकर 60,000 मुगलो से लड़े थे। उस युद्ध में 48000 मारे गए थे
जिनमे 8000 राजपूत और 40000 मुग़ल थे |
11.... महाराणा के देहांत पर अकबर भी रो पड़ा था |
12.... मेवाड़ के आदिवासी भील समाज ने हल्दी घाटी में
अकबर की फौज को अपने तीरो से रौंद डाला था वो महाराणा प्रताप को अपना बेटा मानते थे और राणा बिना भेदभाव के उन के साथ रहते थे|
आज भी मेवाड़ के राजचिन्ह पर एक तरफ राजपूत हैं तो दूसरी तरफ भील |
13..... महाराणा प्रताप का घोड़ा चेतक🐎 महाराणा को 26 फीट का दरिया पार करने के बाद वीर गति को प्राप्त हुआ | उसकी एक टांग टूटने के बाद भी वह दरिया पार कर गया। जहाँ वो घायल हुआ वहां आज खोड़ी इमली नाम का पेड़ है जहाँ पर चेतक की मृत्यु हुई वहाँ चेतक मंदिर है |
14..... राणा का घोड़ा चेतक भी बहुत ताकतवर था उसके
मुँह के आगे दुश्मन के हाथियों को भ्रमित करने के लिए हाथी
की सूंड लगाई जाती थी । यह हेतक और चेतक नाम के दो घोड़े थे|
15..... मरने से पहले महाराणा प्रताप ने अपना खोया
हुआ 85 % मेवाड फिर से जीत लिया था । सोने चांदी और
महलो को
छोड़कर वो 20 साल मेवाड़ के जंगलो में घूमे |
16.... महाराणा प्रताप का वजन 110 किलो और लम्बाई 7’5” थी, दो म्यान वाली तलवार और 80 किलो का भाला रखते थे हाथ में।
महाराणा प्रताप के हाथी🐘
की कहानी:
मित्रो आप सब ने महाराणा
प्रताप के घोड़े चेतक के बारे
में तो सुना ही होगा,
लेकिन उनका एक हाथी
भी था। जिसका नाम था रामप्रसाद। उसके बारे में आपको कुछ बाते बताता हुँ।
रामप्रसाद हाथी का उल्लेख
अल- बदायुनी, जो मुगलों
की ओर से हल्दीघाटी के
युद्ध में लड़ा था ने अपने एक ग्रन्थ में किया है।
वो लिखता है की जब महाराणा
प्रताप पर अकबर ने चढाई की
थी तब उसने दो
चीजो को
ही बंदी बनाने की मांग की
थी एक तो खुद महाराणा
और दूसरा उनका हाथी
रामप्रसाद।
आगे अल बदायुनी लिखता है
की वो हाथी इतना समझदार
व ताकतवर था की उसने
हल्दीघाटी के युद्ध में अकेले ही
अकबर के 13 हाथियों को मार
गिराया था
वो आगे लिखता है कि
उस हाथी को पकड़ने के लिए
हमने 7 बड़े
हाथियों का एक
चक्रव्यूह बनाया और उन पर
14 महावतो को बिठाया तब
कहीं जाकर उसे बंदी बना पाये।
अब सुनिए एक भारतीय
जानवर की स्वामी भक्ति।
उस हाथी को अकबर के समक्ष
पेश किया गया जहा अकबर ने
उसका नाम पीरप्रसाद रखा।
रामप्रसाद को मुगलों ने गन्ने
और पानी दिया।
पर उस स्वामिभक्त हाथी ने
18 दिन तक मुगलों का न
तो दाना खाया और न ही
पानी पिया और वो शहीद
हो गया।
तब अकबर ने कहा था कि
🔹जिसके हाथी को मैं अपने सामने
नहीं झुका पाया उस महाराणा
प्रताप को क्या झुका पाउँगा।🔹
ऐसे ऐसे देशभक्त चेतक व रामप्रसाद जैसे तो यहाँ
जानवर थे।
इसलिए मित्रो हमेशा अपने
भारतीय होने पे गर्व करो। इसे
पढ़कर - लिखकर मुझे गर्व होता है कि मैं एक हिन्दू परिवार व भारतीय हूँ🚩
भारत का सबसे बड़ा सेक्स कांड●28साल पहले कॉन्ग्रेसी सत्ता और चिश्ती के वंशजों ने तब खेला था यह ‘घिनौना खेल
शर्म आती है है ऐसे लोगो पर जो आज ये सब भूल कर उसी दल्ली कांग्रेस पार्टी में शामिल है या साथ दे रहे,जो न जाने कितनी मासूम लड़कियों की इज्ज़त से खिलवाड़ किये😡
आज से तकरीबन 25 साल पहले.
आदमियों का एक गैंग अजमेर के गर्ल्स स्कूल सोफ़िया में पढ़ने वाली लड़कियों को फार्म हाउसों पर बुला-बुला कर रेप करता रहा और घरवालों को भनक तक नहीं लगी. रेप की गई लड़कियों में आईएएस, आईपीएस की बेटियां भी थीं. ये सब किया गया अश्लील फोटो खींच कर.
पहले एक लड़की, फिर दूसरी और ऐसे करके सौ से ऊपर लड़कियों के साथ हुई ये हरकत. ये लड़कियां किसी गरीब या मिडिल क्लास बेबस घरों से नहीं, बल्कि अजमेर के जाने-माने घरों से आने वाली बच्चियां थीं. सोफ़िया अजमेर के जाने-माने प्राइवेट स्कूलों में से एक है.
"भविष्य पुराण "में इस्लाम (मुसलमानों) के बारे में "मोहम्मद "के "जन्म " से भी "5 हज़ार वर्ष "पहले ही श्री वेद व्यास जी ने लिख दिया है!
"लिंड्गच्छेदी शिखाहीनः श्मश्रुधारी सदूषकः !"
"उच्चालापी सर्वभक्षी भविष्यति जनोमम !! 25 !!"
"विना कौलं च पश्वस्तेषां भक्ष्यामतामम !"
"मुसलेनैव संस्कारः कुशैरिव भविष्यति !! 26 !!"
"तस्मान्मुसलवन्तो हि जातयो धर्मदूषकाः !"
"इति पैशाचधर्मश्च भविष्यति मया कृतः !! 27 !!"
(भविष्य पुराण पर्व 3, खण्ड 3, अध्याय 1,
अनुवाद--"रेगिस्तान" की धरती पर एक "पिशाच" जन्म लेगा
जिसका नाम "मोहम्मद" होगा, वो एक ऐसे "धर्म "की नींव रखेगा, जिसके कारण मानव जाति त्राहि माम कर उठेगी
वो असुर कुल सभी मानवों को समाप्त करने की चेष्टा करेगा!
उस धर्म के लोग अपने लिंग के अग्रभाग को जन्म लेते ही काटेंगे, उनकी शिखा (चोटी ) नहीं होगी, वो दाढ़ी रखेंगे पर मूँछ नहीं रखेंगे
अक्सर लोग गलतफहमी में मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा एवं चर्च वगैरह को एक समान समझते हैं और, उसे आस्था का केंद्र मानते हैं
जबकि ऐसा है नहीं और,हमारे मंदिर एवं,मस्जिद ,गुरुद्वारा तथा चर्च आदि में आसमान जमीन का अंतर है
क्योंकि अगर गहराई से देखा जाए तो मंदिर
सिर्फ आस्था का केंद्र या पूजा का स्थान मात्र नहीं है.
बल्कि, वो हमारे आराध्य भगवान का घर होता है.
मंदिर हमारे आराध्य भगवान का घर इसीलिए होता है क्योंकि मंदिरों में भगवान की सिर्फ पत्थर या मिट्टी की प्रतिमा नहीं होती है...
बल्कि, उस प्रतिमा में बाकायदा मंत्रोच्चार कर..
"प्राण प्राण-प्रतिष्ठा" की जाती है.
दूसरे शब्दों में ... मंदिर में स्थापित प्रतिमाओं में "प्राण" होता है और वे प्रतिमाएं जीवंत होती है.
यही कारण है कि... मंदिर के प्रतिमा का श्रृंगार किया जाता है और उन्हें भोजन के लिए भोग लगाया जाता है.
लड़का और लड़की रात के तीसरे पहर चैट कर रहे हैं..
बात करते करते लड़का कामुक हो जाता है..
लड़का बिना सोचे बिना एक पल गंवाए उससे एक न्यूड फोटो की मांग करता है
वो कहती है की वो नहीं दे सकती।
लड़का ज़िद करता है
वो लड़के को समझाने की कोशिश करती है।
लड़का उसे यकींन करने को कहता है..
वो कहती है शादी के बाद देख लेना वो तुम्हारी ही तो है।
लड़का फिर भी नहीं मानता...
फिर वो लड़के को वेट करने को कहती है..
लड़का बेसब्री से इंतज़ार करती है..
फिर वो तस्वीरें भेज देती है।
लड़का खुश हो जाता है...
लड़का उसे देख कर थोड़ी देर के बाद शांत हो जाता है और सो जाता है...!
अब वो तस्वीरें लड़के को भद्दी लगने लगती हैं..
फिर लड़का अपने दोस्तों में रोब ज़माने के लिए उसकी तस्वीरें अपने दोस्तों को भेजता है ये कह कर की वो देख कर डिलीट कर देंगे।
संस्कृत के बारे में ये 20 तथ्य जान कर आपको भारतीय होने पर गर्व होगा।
आज हम आपको संस्कृत के बारे में कुछ ऐसे तथ्य बता रहे हैं,जो किसी भी भारतीय का सर गर्व से ऊंचा कर देंगे;;
1. संस्कृत को सभी भाषाओं की जननी माना जाता है।
2.संस्कृत उत्तराखंड की आधिकारिक भाषा है
3.अरब लोगो की दखलंदाजी से पहले संस्कृत भारत की राष्ट्रीय भाषा थी
4.NASA के मुताबिक,संस्कृत धरती पर बोली जाने वाली सबसे स्पष्ट भाषा है
5.संस्कृत में किसी भी भाषा से ज्यादा शब्द है
वर्तमान में संस्कृत के शब्दकोष 102अरब78 करोड़50लाख शब्द है
6.संस्कृत किसी भी विषय के लिए एक अद्भुत खजाना है
जैसे हाथी के लिए ही संस्कृत में 100से ज्यादा शब्द है
7.NASAके पास संस्कृत में ताड़पत्रो पर लिखी60,000 पांडुलिपियां है जिन पर नासा रिसर्च कर रहा है
8.फ़ोबर्स मैगज़ीन ने जुलाई,1987में संस्कृत को Computer के लिए सबसे बेहतर भाषा माना