तो आज कोर्ट ने किसान बिल पर स्टे लगा दिया,शायद कोर्ट भी भीड़तंत्र की ताकत से डर गई और खैर सरकार तो डरी हुई है ,ये किसान आंदोलन भी ठीक शाहीनबाग जैसा ही बनता जा रहा,वो लोग भी CAA वापिस करवाना चाहते थे और ये भी कृषि बिल वापिस ही करवाना चाहते है,कोई संसोधन भी मंजूर नही
कई सारे ट्वीट्स देखे सरकार को और कोर्ट को कोसते हुए,सरकार ने कोर्ट में स्टे का कोई खास विरोध भी नही किया जैसा की जानकारी मिली सबको,मैं भी कल तक सबकी ही तरह सोच रहा था,इसमे सरकार और कोर्ट की गलतियां मान कर उन्हें कोस रहा था,बहुमत की सरकार की दुहाई दे रहा था,डर अचानक से मन मे
एक विचार आया ,की आखिर सरकार ने कोई विरोध क्यों नही किया ? सरकार बहुमत से चुनी हुई है,स्वयं एक ही पार्टी के पास पूर्ण संख्याबल है,सरकार चाहे तो इस अनैतिक आन्दोलन को बलपूर्वक समाप्त कर सकती है ,फिर आखिर सरकार ऐसा क्यों नही कर रही ,ऐसी क्या मजंबूरी है जो सरकार चुप है
तो मैं जवाब ढूंढने लगा,फिर मेरे दिमाग मे शाहीनबाग की स्मृति आने लगी,कैसे वो भी एक अनैतिक आंदोलन था जो बाद में पूर्णतया हिन्दुविरोधी बन गया था,सरकार ने तब भी कोई कदम नही उठाया ,जनता महीनों तक त्रस्त रही ,आम जन जीवन प्रभावित रहा,पर जनता इतनी तकलीफों के बाद भी सिर्फ ट्वीट करती रही
वो अपनी नाराजगी ,गुस्सा और तकलीफ बस सोशल मीडिया पर जताने लगी ,फिर कुछ नागरिकों ने मिल कर सड़क पर विरोध दर्ज किया जिसमें उनके साथ @KapilMishra_IND जी अगुवाई कर रहे थे,और उसके बाद क्या हुआ वो हम सब जानते ही है,53 जाने चली गई,और जांच होने पर एक भयानक सत्य सामने आया जो
शायद ये आंदोलन भी उसी परिणीति की प्रतीक्षा में है ,क्योंकि इसके पीछे की ताकते अब दिखने लगी है,खैर जिसे भी ये गलतफहमी हो कि ये सब सरकार को अस्थिर करने के लिए हो रहा तो उसे याद दिला दे कि ये पूर्ण बहुमत की सरकार है,तो कोई भी अगले 4 साल तक कुछ नही कर सकता,पर अब प्रश्न ये है कि सरकार
ऐसे आंदोलनों पर कुछ करती क्यों नही ? तो ये जान लीजिए कि ये आन्दोलनकारी भी इसी देश के नागरिक है और उन्हें भी संविधान प्रदत्त अधिकार प्राप्त है ,पर मुझे लगता है कि सरकार हमे कुछ संदेश देना चाह रही ,कुछ दिखाना चाह रही ,कुछ समझाना चाह रही है,तभी शायद आज कोर्ट के स्टे के विरोध में
कुछ नही कहा,क्योंकि मामला निरस्त होने तक नही गया था,आज कोर्ट की सुनवाई में एक बेहद महत्वपूर्ण प्रश्न भी हुआ था CJI के तरफ से,और हम लोगो ने उसे मजाक में लिया और बस meme या किसी अन्य तरह से मजाक बना कर उस पर मजे लिए,पर उस सवाल के बारे में गहराई से नही सोचा,जानते है वो सवाल क्या था
CJI ने पूछा कि इस कानून के समर्थन में भी तो कोई कोर्ट नही आया,हा सुनने में ये बात हास्यास्पद लग सकती है पर जरा गहरे से सोच कर देखिएगा ,5 साल में एक बार वोट दे कर हमारी सारी जिम्मेदारी खत्म नही हो जाती है मनचाही सरकार आने के बाद,हमारा सँघर्ष बहुत लंबा है अभी,आपको हर जगह
कदम से कदम मिला कर खड़े होना होगा मजबूती से अपने नेता के साथ,भरोसा बनाये रखना होगा जैसे आपने पिछले 6 साल से बना कर रखा है ,जैसे वो कथित विरोध सड़को पर उतर कर रहे,आम जनता को तकलीफ दे रहे,इसलिए दे रहे क्योंकि हमने आपने ही वोट दे कर इस सरकार को बहुमत से जितवाया है
यकीन मानिए अभी तो आपने देखना समझना शुरू किया है,आगे बहुत लंबी और कठिन लड़ाई है,हमे भी सड़क पर आना होगा ,यकीन मानिए सरकार दायरे में रह कर आपको बहुत कुछ दिखा रही,समझा रही ,पिछले 70 सालों में सिस्टम में जो सड़ांध कांग्रेस ने पैदा की ,जो सिस्टम की कमियां है वो दिखा रही
देखिए ,सोचिये ,आकलन कीजिये और प्रतिक्रिया भी दीजिये,जरूरत पड़े तो सिर्फ सोशल मीडिया तक ही अपना विरोध दर्ज मत करवाइए,भविष्य में अपने आने वाली पीढ़ियों के भविष्य के लिए सब कुछ करने को तैयार करिए स्वयम को,और हमेशा याद रखिये कि सिर्फ एक ही देश है आपके पास...
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सब लोग जानते ही होंगे कि ये कौन है जिसकी फोटो हमने यहा डाली है 😬
हा ये गधा है
अब ये भी जानवर है तो जाहिर सी बात है कि जीवो में सम्मान तो सिर्फ मनुष्य ही डिसर्व करता है
और फिर सीधे सादे लोगो को जो दुनियादारी समझ पाने में असफल रहते है
उन्हें भी तो गधा कहा जाता है ना 😁
ये वो प्राणी है जो दिन रात बिना शिकायत किये मनुष्यो के काम आता है
बेहद सज्जन और शिष्ट भी
कभी जाइये सड़क पर खड़े गधे के पास
वो चुपचाप बस शान्त खड़ा रहेगा
अब जाहिर सी बात है कि गधा देख रहे
और इस पहचान के साथ जुड़े मजाक भी
तो आपके लिए इस सीधे कर्मनिष्ठ प्राणी के प्रति
सिर्फ हास्य भावना ही आएगी ना
आप चाहेंगे कि वो कोई रिएक्शन दे
ढेंचू ढेंचू करे
हा ढेंचू ढेंचू क्योंकि वो इसके अलावा
और कोई जुबान नही जानता
उसका कंठ बस इन्ही कुछ अक्षरों
या शब्दो तक सीमित है
पर एक सवाल है आज
आखिर बिचारे गधे ने ऐसा क्या किया