Note- अगर आपको क़ौम से हमदर्दी है तो हिम्मत कर के आर्टिकल को पूरा ज़रूर पढ़ें और दूसरे लोगों तक ज़रूर पहुंचाए भले ही अपने नाम से पोस्ट और शेयर करें
👉आजकल मुस्लिमों के दरमियान सोशल मीडिया पर तूफान बरपा है कि एक बड़ी तादाद में__/ 1/18
मुस्लिम लड़कियां अपनी मर्ज़ी से ग़ैर मुस्लिमों से खुलेआम शादियाँ कर रहीं हैं और दीन को तर्क कर के शिर्क और कुफ़्र को गले लगा रही हैं जिसकी वजह ज़्यादातर मुस्लिम एक चलाई जा रही लव ट्रैप मुहिम को बता रहे हैं.. जिसकी तहक़ीक़ात करने पर हमने पाया कि यूट्यूब और दीग़र सोशल मीडिया
प्लेटफॉर्म्स पर ऐसी हज़ारों वीडियो और कहानियां मौजूद हैं जिन में मुस्लिम लड़कियों को इस्लाम और अपने घर खानदानों से बग़ावत की बुनियाद पर ग़ैर मुस्लिम लड़को से प्यार और शादी करते हुए दिखाया जा रहा है ठीक वैसे ही जैसे कुछ वक़्त पहले टिक टॉक पर पहले कुछ ग़ैर मुस्लिम लड़कियों को हिजाब
पहना कर नचाया गया और उसके बाद हज़ारों बेग़ैरत मुस्लिम लड़कियाँ उस प्रोपगेंडा में फंस कर अपने मज़हब की बेहुरमती करते हुऐ टिक टॉक पर फ़हाशी का बाज़ार गर्म करने लगीं...
👉 तो क्या सिर्फ़ किसी प्रोपगेंडा करने भर से कोई ईमान वाला कुफ़्र और शिर्क को अपना लेगा। अगर ऐसा है तो इस्लामी
तारीख़ का कोई वक़्त ऐसा नहीं गुज़रा जब इस्लाम और मुसलमानों के ख़िलाफ़ साजिशें न की गई हों फिर इस हिसाब से तो आज दुनिया में इस्लाम का नामों निशान मिट जाना चाहिए था।
अगर नहीं तो फिर आइये इस पर ईमानदारी से ग़ौर ओ फ़िक्र करते हैं और इसकी अस्ल वजह पर बात करते हैं,
👉 क्या कोई ये कह सकता है कि दीन को तर्क कर के कुफ़्र को अपना लेना सिर्फ़ किसी साजिश या किसी के दो चार दिन के बहकावे में आ कर, कर लेने वाला फ़ैसला है, नहीं हरगिज़ नहीं... बल्कि इस फ़ैसले की चंद वजूहात हैं जिसमें सबसे बड़ी 2 वजह हैं एक इन लड़कियों का साल दर साल तक हराम की दौलत
खाना और ऐश करना और दूसरी साल दर साल तक आवारगी, अय्याशी और ज़िना में मुब्तिला रहना।
आप किसी भी मुर्तद लड़की की कहानी को ग़ौर से देखेंगे तो पाएंगे कि वो लंबे वक़्त से किसी ग़ैर मुस्लिम के साथ हराम तरीके से कमाए गए पैसे से ऐश करती हुई और हराम तरीक़ों वाले हराम रिश्ते की अय्याशी
करती मिलेगी।
और जब ऐसी लड़कियों की रग रग में हराम बस जाती है और अय्याशियों की बदौलत उनके जिस्मों में कभी ख़त्म न होने वाली हवस पैदा हो जाती है तब अल्लाह उनके दिलों से ईमान की मुहब्बत और आख़िरत का डर निकाल देता है और उनके लिए हिदायत के रास्ते बंद कर के उनके गुमराही मैं भटकने को
छोड़ देता है।
लेकिन इन दो वजूहात के पीछे छिपी होती हैं कुछ और वजूहात जैसे- हमारे घरों में दीनी माहौल न होना, सच्चा इल्म अपने बच्चों तक न पहुंचाना, हराम और हलाल की पहचान और नुक़सान न बताना, ज़िन्दगी और आख़िरत का इल्म न देना, सिर्फ़ दुनिया हासिल करने ही होड़ में अपने बच्चों को
लगा देना, अपने बच्चों पर नज़र न रखना, आज़ादी और मुहब्बत के नाम पर हद से ज़्यादा खुली छूट देना, बद इल्मी की वजह से दुनिया हासिल करने की खुवाहिशें परवान चढ़ना, घर वालों का अपने बच्चों के औक़ात से महँगे शौक़ पूरे करने की वजह को नज़रअंदाज़ करना, और बहुत से मामलों में उनके बच्चों के
जरिए लाए जा रहे हराम माल से खुद भी ऐश करना
👉 ये तमामतर वजह अपनी जगह और एक वजह अपनी जगह जिसने इन बेग़ैरत और हराम खाने वाली लड़कियों को इतनी जुर्रत बख़्शी के वो अल्लाह के नबियों, सहाबाओं, बुज़ुर्गान-ए-दीन, अपनी क़ौम और वालिदैन की मुहब्बत और क़ुर्बानियों को अपने पैरों तले रौंद कर
शिर्क और कुफ़्र की हामी होने लगीं और वो वजह है मुस्लिम आवारा और बदचलन लड़कों का ग़ैर मुस्लिम लड़कियों से अपनी अय्याशियों के सबब शादी करना।
क्या कोई बात पायेगा के ग़ैर मुस्लिम लड़कियों से की गई हज़ारों शादियों में से कितनी लड़कियाँ ऐसी थीं जिन्होंने इस्लाम और मुसलमानों के किरदार
से मुतास्सिर हो कर किसी मुस्लिम लड़के से शादी की और ख़ुद को सही में ईमान के पहलू में समेट लिया।
अगर गिनेंगे तो ये तादाद सिर्फ़ इतनी मिलेगी के आपकी उँगलियाँ भी उसके लिए ज़्यादा निकलेंगी, मगर हमने ये किया के उन बदचलन और फ़हाश मुस्लिम लड़कों की अय्याशीयों और ग़ैर इस्लामी कामों को
ये सोच कर ख़ुशी से अपना लिया कि उन्होंने एक लड़की को ईमान में दाख़िल कर दिया जबके उनमें से ज़्यादातर लड़कियां और ख़ुद वो अय्याश लड़के ईमान की कसौटी पर ज़रा खरे न उतरेंगे
👉 और जानते हैं ये सब हमारे साथ क्यों हो रही है, इसलिए के हम इस वक़्त सिर्फ़ दुनिया के नहीं बल्कि तमाम
इस्लामी तारीख़ के बदतरीन मुसलमान हैं जिनकी बहन बेटियाँ सब कुछ हासिल होते हुए अपनी मर्ज़ी से शिर्क को अपना रही हैं जबकि इस्लामी तारीख़ ऐसे वाक़्यात से भरी पड़ी है जिनमें मुसलमानों ने अपनी इज़्ज़त आबरू और ईमान की ख़ातिर अपने ख़ून से ज़मीने तो रंग दीं लेकिन अपनी ग़ैरत का सौदा नहीं
किए, अगर ऐसा न होता तो सैकड़ों सालों से अपना ख़ून बहा रहे अफ़ग़ानी आज हराम की दौलत से ऐश और सुकून की ज़िंदगी गुज़ार रहे होते, फ़िलिस्तीनी कब के आज़ाद हो चुके होते, इराक़, सोमालिया, बर्मा, यमन, लीबिया तबाह न किये गए होते।
आप पूरी इस्लामी तारीख़ में ऐसा शर्म से डूब कर मर
जाने वाला एक वाक़या नहीं बता पाएंगे जब इतनी बड़ी तादाद में बिना किसी मजबूरी के ईमान के हामियों ने कुफ़्र को गले लगा लिया हो, तो फिर ये कुफ़्र की हामी बेग़ैरत लड़कियाँ क्या वाक़ई ईमान वालों के ख़ून से पैदा हैं अगर हाँ तो फिर आज हमको अपने ख़ून और ईमान को हरारत देने की बेहद सख़्त
ज़रूरत है वरना वो दिन दूर नहीं जब हम बेटियाँ पैदा होने पर ऐसे ही डरेंगे जैसे अल्लाह के नबी की आमद से पहले अरब के लोग डरा करते थे।। 😢😢
पोस्ट काफी लंबी हो जाने के कारण मैं बाकि अगले दिन इसी ट्वीट के साथ अपनी पोस्ट करूंगी जो बाकी रह गई है।। #Stop_Bhagwa_love_trap
• • •
Missing some Tweet in this thread? You can try to
force a refresh
#_बिहार_के_कटिहार_की_एक_तस्वीर को पागल मुसलमान वायरल करने से लगे हैं जिस में कुछ हिंदूवादी लोग एक मस्जिद के सामने से गुज़रती अपनी धार्मिक यात्रा के दौरान एक दूजे का हाथ थामे खड़े हैं, अगर वो मस्जिद की हिफ़ाज़त में ऐसा कर रहे हैं तो मस्जिद को
1/6👇
किस से ख़तरा है उनकी यात्रा में शामिल लोगों से न, तो फिर उन लोगों को पुलिस गिरफ़्तार क्यों नहीं करती जबकि पुलिस वहाँ मौजूद है____"
आप कभी सजीशों को समझ ही नहीं पाते, दो दिन पहले आपने ट्विटर पर अपने ऊपर हुए ज़ुल्म को दुनिया के सामने रखने में इतनी मेहनत की
और दुनिया को दिखाया कि तुम पर कितना ज़ुल्म हो रहा है और दुनिया ने उसको देखा भी, दुनिया भर से आवाज़े भी उठीं और अब आप एक प्रिप्लांड तस्वीर को खुद ही वायरल कर के दुनिया को ये बता रहे हैं कि हम कल तक झूठ दिखा रहे थे जबकि तमाम कट्टर संघटन तो हमारी मस्जिदों की
इसकी बातों को हल्के में ना लें ये ऐसे ही नहीं बोल रहा है____"
इन्होंने लव जिहाद की आड़ में एक मुहिम चलाई थीं कि मुस्लिम लड़कियों को मुर्तद करो,
आज आप उसका नतीजे देख सकतें हो इंडिया के बड़े बड़े शहरों से लेकर छोटे से छोटे गांव देहात तक में कोई जगह ऐसी नहीं जहां___1/5
(13 साल से लेकर 50 साल तक) की मुस्लिम लड़की/औरत गैर मुस्लिम से ना लग रही हो____"
पहले हमने आज तक नहीं सुना ना देखा कि कोई मुसलमान अपना मजहब छोड़ कर गैर मुस्लिम बन गए, मुसलमान मर सकता है कट सकता है लेकिन अपना मजहब नहीं छोड़ सालता हैं____"
1947 में पंजाबी मुसलमान औरतों ने अपनी
लाशों से कुएं भर दिए थें, लेकिन अपने मजहब और अपनी आबरू से समझौता नहीं की थी,लेकिन आज के हालात देखें आय दिन खबरें आ रही फलां मुस्लिम लड़की गैर मुस्लिम लड़के के साथ पकड़ी गई😥😥
फलां मुस्लिम लड़की गैर मुस्लिम से शादी कर के मुर्तद बन गई और हमारे लोगों के कानों पर जूं तक नहीं
प्यार का कोई धर्म नही होता इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नही होता वो अपना धर्म मानेगा मैं अपना धर्म कुछ ऐसा ही दावा हर वो लड़की करती है जो इस तरह की शादियां करती पर लास्ट में 95% ऐसी शादियों का रिजल्ट बेहद खतरनाक होता है___"
गुजरात के सुरत शहर मे मुस्लिम लडक़ी को हिन्दु पति ने_ 1/8
भरी बाजार मे चाकु से गोद के कत्ल कर दिया सात साल पहले घर से भाग के शादी कि थी चार साल कि बच्ची है मरने वाली लडक़ी का नाम #मिनाझ_सैयद और पति का नाम #संदीप_अहीर था____"
ऐसी हज़ारों मामलात देख सुन चुकी हूं कुछ दिनों पहले ही एक वीडियो देख रही थी जिसमें मुस्लिम लड़की ने एक ऐसे ही
एक हिन्दू लड़के से शादी की लड़की ने लड़के के लिए जॉब की उसे आईटीआई की पढ़ाई करायी उसकी पूरी खर्च तक उठाती रही लेकिन शादी के 6,7 बाद ही लड़के ने घर से भाग गया साथ ही साथ लड़की की कुछ पैसे और ज़ेवर ले गया_____"
ये सभी देख कर भी बाकी मुस्लिम बहने कुछ इबरत हासिल नहीं करती
"सलाम है कर्नाटक के उड़पी की इन बहनों को" लगातार स्कूल स्टाफ द्वारा हिजाब लगाने की वजह से क्लॉस ना अटेंट करने से रोकने पर भी यह लोग रोज हिजाब में आती हैं और गैलरी में बैठ कर पढ़ टाइम पूरा करके चली जाती हैं___"
1930 में फ्रांस ने अल जज़ायर Algeria) पर अपने कब्जे का 100 साला जश्न मनाया और सारी दुनिया के सामने कहा कि यह जश्न अल जज़ायर में इस्लाम का "जनाज़ा' है
अल जज़ायर के लोग अब फ्रांसीसी मुआशरे (समाज)में ढल जाने के काबिल हो गए उसकी दलील के तौर पर फ्रांसीसी अधिकारियों ने एक
रैली का आयोजन किए जिसमें अल जज़ायर की लड़कियां मॉर्डन कपड़ों में रैली में एक साथ निकलेंगी, और इसका सारा खर्चा फ्रांस का होगा इस काम के लिए फ्रांस के एक मजहबी पेशवा "लाकोस्टा" को जिम्मेदारी दी गई कि वह उन चंद लड़कियों की तालीम तरबीयत (ट्रेनिंग) करे____"
उनको सिर्फ मुस्लिम ल़डकियां चाहिए चाहें वो कैसी भी हो
लेकिन हमारे मुआशरे के लोगों को मुस्लिम लड़कियां चाहिए पढ़ी लिखी लड़के से बहुत ज्यादा पढ़ी लिखी भी न हो जॉब न करती हो खूबसूरत हो गोरी हो काम हाइट भी नही चलेगी लड़के के बराबर भी हाइट न हो खानदान भी आला हो और मालदार भी हो 1/4
जो दहेज भी बेहतर दे सके बिरादरी सेम होनी चाहिए____"
वही मुआशरे की लड़कियों को भी चाहिए साढ़े चार फुट के लड़का लड़के की हाइट ठीक ठाक ही होनी चाहिए स्मार्ट भी होना चाहिए खुद चाहें गुरबत में हो लेकिन लड़का मालदार चाहिए फैमिली छोटी होनी चाहिए सांस नंद का झमेला न हो लड़का वेल सेटल
हो बिरादरी का मसला यहां भी इंपॉर्टेंट है
खुद चाहें कुछ न खर्च करें लेकिन लड़के से ये उम्मीद की पांच लाख के जेवर लेकर आए दो सौ बाराती ताकि अपनी सहेलियों रिश्तेदारों को दिखा सकें___"
ये हलाल रिश्तों के लिए शर्तों की लंबी फेहरिस्त है जबकि हराम रिश्ते के लिए कोई शर्त नहीं उसके लिए
अभी तक जितनी भी लड़कियों से बात की हूं किसी लड़की ने मुझसे ये नही कही कि भगवा लव ट्रेप के बारे में उसके भाई बाप ने बताया हो शौहर ने बताया है___"
बल्कि हर लड़की यही बात कहती है कि दोस्त ने बताया सोशल मीडिया से समझ आई इसका मतलब ये की जो लड़कियां लंबी पोस्ट नही पढ़ती 1/4
या सोशल मीडिया इस्तेमाल नहीं करती वो अब भी अनजान होंगी क्योंकि घर के मर्द को तो शर्माने से फुर्सत नहीं___"
ये हाल है हमारे मर्दों का
और लड़कों से पूछी तो लड़के कहते हैं कि वो अपने घर में ये सब बात करने में शर्म करते हैं या हमारे घर का मामला ठीक है हमारे घर की औरते अलग हैं___"
मेरे भाई जिन घरों के मामले आ रहे हैं उन घरों के मर्द भी ऐसे ही गलतफ़हमी में थे की उनका घर ठीक है उनके घर में कोई गड़बड़ी नहीं हो सकती हैं___"
फितनो को औरत के मुकाबले मर्द ज्यादा जल्दी समझते है और औरत फितनो की शिकार जल्दी होती है इस लिए मर्द की जिम्मेदारी है कि वो औरतों को