Nathuram Vinayak Godse (19 May 1910 – 15 November 1949)
was the assassin of Mahatma Gandhi, who shot Gandhi in the chest three times at point blank range in New Delhi on 30 January 1948.Godse was a Hindu nationalist from Pune, Maharashtra,a member of the political party,
the Hindu Mahasabha,as well as a former member of the Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS), a right-wing Hindu paramilitary volunteer organization. He believed Gandhi to have favoured the political demands of British India's Muslims during the partition of India of 1947.
He plotted the assassination with Narayan Apte and six others. After a trial that lasted over a year, Godse was sentenced to death on 8 November 1949. Although pleas for commutation were made by Gandhi's two sons,
Manilal Gandhi and Ramdas Gandhi, they were turned down by India's prime minister Jawaharlal Nehru, deputy prime minister Vallabhbhai Patel, and the Governor-General C. Rajagopalachari.Godse was hanged in the Ambala Central Jail on 15 November 1949.
Nathuram Vinayak Godse
Born
Ramachandra Vinayak Godse
19 May 1910
Baramati, Bombay Presidency, British India
Died15 November 1949 (aged 39)
Ambala Central Jail, Ambala, East Punjab, Dominion of India
Cause of deathExecution by hangingOrganizationRashtriya Swayamsevak Sangh
Hindu MahasabhaCriminal
chargeMurder (assassination of Mahatma Gandhi)PenaltyDeath by hanging
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वसंत पञ्चमी या श्रीपंचमी के दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। यह पूजा पूर्वी भारत, पश्चिमोत्तर बांग्लादेश, नेपाल और कई राष्ट्रों में बड़े उल्लास से मनायी जाती है। इस दिन पीले वस्त्र धारण करते हैं। शास्त्रों में बसंत पंचमी को ऋषि पंचमी से उल्लेखित किया गया है
तो पुराणों-शास्त्रों तथा अनेक काव्यग्रंथों में भी अलग-अलग ढंग से इसका चित्रण मिलता है।
प्राचीन भारत और नेपाल में पूरे साल को जिन छह मौसमों में बाँटा जाता था उनमें वसंत लोगों का सबसे मनचाहा मौसम था।
इसके साथ ही यह पर्व हमें अतीत की अनेक प्रेरक घटनाओं की भी याद दिलाता है। सर्वप्रथम तो यह हमें त्रेता युग से जोड़ती है। रावण द्वारा सीता के हरण के बाद श्रीराम उनकी खोज में दक्षिण की ओर बढ़े। इसमें जिन स्थानों पर वे गये
लक्ष्मी नारायण मंदिर बिड़ला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित यह मंदिर दिल्ली के प्रमुख मंदिरों में से एक है। इसका निर्माण १९३८ में हुआ था
और इसका उद्घाटन महात्मा गांधी ने किया था। बिड़ला मंदिर अपने यहाँ मनाई जाने वाली जन्माष्टमी के लिए भी प्रसिद्ध है।
इसके अलावा यहां नवरात्रि और दीपावली के समय भी काफी आयोजन किये जाते हैं। दीपावली पर मंदिर की साज सज्जा देखने लायक होती है
चन्द्रगुप्त मौर्य (जन्म : ३४५ ई॰पु॰, राज ३२१जेड२९७ ई॰पु॰) में भारत के महान सम्राट थे। इन्होंने मौर्य साम्राज्य की स्थापना की थी। चन्द्रगुप्त पूरे भारत को एक साम्राज्य के अधीन लाने में सफल रहे। चन्द्रगुप्त मौर्य के राज्यारोहण की तिथि साधारणतया ३२१ ई.पू. निर्धारित की जाती है।
उन्होंने लगभग 24 वर्ष तक शासन किया और इस प्रकार उनके शासन का अन्त प्रायः २८५ ई.पू. में हुआ।
श्रवणबेलगोला, कर्णाटक में सम्राट चन्द्रगुप्त को दर्शाती शिल्पचित्र, अधिकांश इतिहासकारों का मानना है की यह शिल्प चन्द्रगुप्त और भद्रबाहु को दर्शाती है, परन्तु कुछ इतिहासकार अन्यथा भी कहते हैंजन्म345 ईसा पूर्व
पाटलिपुत्र (अब बिहार में)मृत्यु298 ईसा पूर्व (उम्र 47–48)
सुभाष चंद्र बोस, एक भारतीय राष्ट्रवादी, भारत के सबसे प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे। वह युवाओं के एक आकर्षक प्रभावशाली व्यक्ति थे और उन्होंने देश के लिए अपने नेतृत्व, प्रेम और समर्पण के लिए 'नेताजी' नाम अर्जित किये।
बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक में प्रभावती दत्त बोस और जानकीनाथ बोस के घर हुआ था। सुभाष चंद्र बोस की श्रद्धांजलि और स्मारकों की जाँच करते हुए नेताजी सुभाष चंद्र बोस को याद करते हुए । यहां सभी संग्रहालय, संस्थान, स्टेडियम, रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डे और विश्वविद्यालय हैं।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान भुवनेश्वर भुवनेश्वर, भारत में स्थित एक मेडिकल कॉलेज और चिकित्सा अनुसंधान सार्वजनिक विश्वविद्यालय है जो सुभाष चंद्र बोस को समर्पित है।
सूर्य नमस्कार योगासनों में सर्वश्रेष्ठ है। यह अकेला अभ्यास ही साधक को सम्पूर्ण योग व्यायाम का लाभ पहुंचाने में समर्थ है। इसके अभ्यास से साधक का शरीर निरोग और स्वस्थ होकर तेजस्वी हो जाता है। 'सूर्य नमस्कार' स्त्री, पुरुष, बाल, युवा तथा वृद्धों के लिए भी उपयोगी बताया गया है।
आदित्यस्य नमस्कारान् ये कुर्वन्ति दिने दिने।आयुः प्रज्ञा बलं वीर्यं तेजस्तेषां च जायते ॥(जो लोग प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करते हैं, उनकी आयु, प्रज्ञा, बल, वीर्य और तेज बढ़ता है।
सूर्य नमस्कार में बारह मंत्र बोले जाते हैं। प्रत्येक मंत्र में सूर्य का भिन्न नाम लिया जाता है। हर मंत्र का एक ही सरल अर्थ है- सूर्य को (मेरा) नमस्कार है। सूर्य नमस्कार के बारह स्थितियों या चरणों में इन बारह मंत्रों का उचारण जाता है।
हनुमान जी का यह प्राचीन मंदिर त्रिवेणी संगम के निकट किला के किनारे स्थित है। इस मंदिर में हनुमानजी की दक्षिणाभिमुखी विशाल मूर्ति है, जो छह-सात फुट नीचे है। मूर्ति का सिर उत्तर और पैर दक्षिण दिशा में है। इसे बड़े हनुमान जी, किला के हनुमान जी और बांध वाले हनुमान जी भी कहा जाता है।
मंदिर के बारे में मान्यता लेटे हनुमान मंदिर के बारे में मान्यता है कि यह मन्दिरलगभग 600-700 वर्ष प्राचीन है कहा जाता है कि कन्नौज के एक राजा को कोई सन्तान नहीं थी वे सन्तान प्राप्ति के लिये गुरु आश्रम गये और गुरु ने आदेश किया कि राजन अपने राज्य में हनुमान की प्रतिमा स्थापित कराइय
इसका स्वरूप ऐसा हो जो पाताल में भगवान रामजी को छुड़ाने के लिये गये थे और यह विग्रह कहीं और से नहीं विंध्य पर्वत से बनवाकर लाया जाए। तब राजा कन्नौज से विंध्याचल पर्वत की ओर गये और वह इस प्रतिमा को स्वरूप देकर नाव के द्वारा अपने राज्य को लेकर आए।