petty minds do petty actions, sir!
~ @DrVaidik :
सावरकर ऐसे मुक्त विचारक-बुद्धिजीवी थे कि उनके सामने विवेकानंद, गांधी, आंबेडकर भी कहीं-कहीं फीके पड़ जाते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी उनके सभी विचारों से सहमत नहीं हो सकता। nayaindia.com/main-stories/w…
..
सावरकर द्वारा ब्रिटिश सरकार से माफी के मुद्दे पर मैंने ‘राष्ट्रीय संग्रहालय’ के गोपनीय दस्तावेज खंगाले थे और अंग्रेजी में लेख भी लिखे थे। उन दस्तावेजों से पता चलता है कि सावरकर और उनके चार साथियों ने ब्रिटिश वायसराय को अपनी रिहाई के लिए जो पत्र भेजा था,
..
उस पर गवर्नर जनरल के विशेष अफसर रेजिनाल्ड क्रेडोक ने लिखा था कि सावरकर झूठा अफसोस जाहिर कर रहा है। वह जेल से छूटकर यूरोप के आतंकवादियों से जाकर हाथ मिलाएगा और सरकार को उलटाने की कोशिश करेगा। सावरकर की इस सच्चाई को छिपाकर उन्हें बदनाम करने की कोशिश कई बार की गई।
..
अंडमान-निकोबार जेल से उनकी नामपट्टी भी हटाई गई लेकिन मैं तो उस कोठरी को देखकर रोमांचित हो उठा, जिसमें सावरकर ने बरसों काटे थे और जिसकी दीवारों पर गोदकर सावरकर ने कविताएं लिखी थीं।
..
गांधी-हत्याकांड में सावरकर को भी फंसा लिया गया था लेकिन उन्हें ससम्मान बरी करते हुए जस्टिस खोसला ने कहा था कि इतने बड़े आदमी को फिजूल ही इतना सताया गया। स्वयं गांधीजी सावरकर से 1927 में मिलने रत्नागिरी में उनके घर भी गए।
..
दोनों में अहिंसा और उस समय की मुस्लिम सांप्रदायिकता को लेकर गहरा मतभेद था। सावरकर अखंड भारत के कट्टर समर्थक थे लेकिन जिन्ना के नेतृत्व में खड़े दो राष्ट्रों की सच्चाई को वे खुलकर बताते थे। वे मुसलमानों के नहीं, मुस्लिम लीगियों के विरोधी थे। उन्होंने सदा समान अधिकार की बात कही।
..
सावरकर पर श्यामजी कृष्ण वर्मा का गहरा प्रभाव था। उन्होंने वेदों की अपौरूषेयता, गौरक्षा, फलित ज्योतिष, व्रत-उपवास, ब्राह्मणी कर्मकांड, जन्मना वर्ण-व्यवस्था, जातिवाद, अस्पृश्यता आदि को भी अमान्य किया।
- वेद प्रताप वैदिक
~
सावरकर - बेजोड़ राष्ट्रभक्त और विलक्षण स्वातंत्र्य-सेनानी
Dr @DrVaidik Sir, do you think they don't know all this?
They are doing purposely - b/c they are NOT interested in facts.
Even a stone will cry reading this acct of his torture but not our I-SULK!
~~
Vinayak D Savarkar:
The Story of My Transportation for Life.
A Biography of Black Days in Andamans - English Translation of. 'Majhi Janmathep' (Marathi) savarkar.org/en/pdfs/My-Tra…
• • •
Missing some Tweet in this thread? You can try to
force a refresh
.@dhume :
India’s privatization program represents a sweeping rollback of state control.. (n) a sharp repudiation of India’s first prime minister, Nehru, n his daughter, Indira Gandhi. wsj.com/articles/new-d…
..
In 1978 an opposition govt even more suspicious of private ent.. completed Tata’s humiliation by dismissing him...
~
2 factually incorrect claims by @dhume : it had nothing to do with anti-pvt ent..pers thing btwn JRD n Desai who BTW resigned f/govt in oppo to bank takeover.
n, @dhume Sir, 3 out of 5 main constituents of that govt - Swa/BKD, BJS, Old Cong - had opposed all those crazy econ policies/actions of IG - at great political costs, a profile in courage (BTW, among those on IG's sides then were PVN n MMS).
.@MukulKMishra :
गांधी की हत्या उनके वैचारिक विरोधी नाथूराम गोडसे ने की, वहीं गांधीवाद की कसमें खाने वालों ने अगली सुबह तक गांधीवाद की भी हत्या कर दी. hindi.theprint.in/opinion/nathur…
..
गोडसे "हिन्दू राष्ट्"र नाम के एक मराठी पत्र के संपादक थे. वह हिन्दू महासभा के सामान्य सदस्य भी थे. युवावस्था में गोडसे ने कुछ समय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं में भी बिताए थे. वैचारिक मतभेदों के कारण वह संघ से अलग हो गए थे.
..
गोडसे के जुड़े होने के कारण 30 जनवरी की रात को ही पुणे और मुम्बई में महासभा, संघ और अन्य हिंदूवादी संगठन से जुड़े लोगों और कार्यालयों पर हमले शुरू हो गए.
India won in 1971 tho hardly at domestic peace; war btwn IG-Commie Camp n non-commie Oppo! It was not along H-M lines (tho former did use "communal" dog-whistle) but other lines. WB was anything but peaceful. @ShekharGupta s/know all that but then HMVs see what they like to see!
Point is: yes; a society needs harmony but that s/stand on its own - not as a vehicle to push particular political agendas masq as independent commentary.
And, why is "communal polarization" bad but others - eg, rich vs poor, caste, regl, etc. - is kosher.
And, IMHO, @ShekharGupta n his ConPrint, sorry The @ThePrintIndia s/b last to give such gyan; just check out how many articles / stories with caste as focus they hv carried n caste schism as agenda / goal.
Virendra Parekh:
India has dubious distinction of having its history written by people who were in varying degrees hostile or alien to it in some way or other. Indeed, it faces a situation in which distorted version has become standard one. vijayvaani.com/ArticleDisplay…
.@hsvyas :
रावण जो अपने को कालजयी मानता था, जो झूठ का प्रतापी राजा था। जो था शिवभक्त लेकिन अहंकार, अन्याय, अमानुषता, लोभ, मद, मत्सर अर्थात ईर्ष्या, नीचता में अमानवीय, दुखदायी व्यवहार का एक प्रतिमान राक्षस!
..
हमारी कभी मुक्ति नहीं है रावण से! ज्ञात इतिहास की सहस्त्राब्दियों पर गौर करें, गुलामी के हजार साल का अनुभव याद करें या 75 सालों के गांधी-मोदी के रामराज्य की क्षणिकाओं पर सोचें और विचारें तो क्या लगेगा नहीं कि हमारी विजयादशमी में राम नहीं, बल्कि रावण निरंतर भीमकाय होते गए हैं?
..
हमें कुछ ऐसा श्राप है, जो हम और हमारा सनातनी जीवन उत्तरोत्तर रावणी होता जाना है। भले असुरों के गुलाम हो कर जीयें या स्वंय का राज, सबमें जीना असुरी जीवनचर्या की नियति से है। नियति में न सत्य है, न मानवीय गरिमा-मर्यादाै, न बुद्धि है, न आधुनिकता-सदाचार, न दैवीगुण के सत्कर्म हैं।