क्या आपको मालूम है जब कोरोनाकाल में ऑक्सीजन सिलिंडर के लिये त्राहि मची थी तो पटना का महावीर मंदिर अनगिनत लोगों का सहारा बना? इस मंदिर के अस्पताल और सामाजिक कार्य ने बहुत से लोगों की जिंदगी बचाई है पर कभी कोई क्रेडिट नहीं मिलता।
मिलता क्या नहीं, हिन्दू लेने की कोशिश भी नहीं करता। जहाँ दूसरे सम्प्रदाय एक प्लेट खाना खिलाने पर भी दस बार हल्ला मचाते हैं, वहीं हिन्दुओं के मंदिरों द्वारा इतने भंडारे होते हैं, अनेक हॉस्पिटल, गौशाल, अनाथालय, वृद्धाश्रम खुले हैं पर हमें इन बातों को हाइलाइट नहीं करना होता।
बस हम हमला झेलते रहते हैं कि फलाने मंदिर के जगह पर हॉस्पिटल बना दो, ढिमकना मंदिर के जगह पर स्कूल खुलवा दो।
क्यों? क्योंकि हम वो मूर्ख हैं जो सवाल नहीं पूछते कि फलाने मंदिर के के माध्यम से ये स्कूल, हॉस्पिटल, अनाथालय, वृद्धाश्रम, गौशाला खुला है पर इस नेक कार्य के बदले में आप
हमारे मंदिरों में क्या कॉन्ट्रिब्यूट कर रहे हैं?
हम उस उच्च आदर्श पर चल रहे हैं कि दान दाएँ हाथ से करों तो बाएँ हाथ को भी ना पता चले। ये कॉन्सेप्ट पहले चल गया था पर आज जब चौतरफा हमला हो रहा है हमपर तो इस सोच को पकड़े रहना मूर्खता है, समय की जरूरत नहीं।
हमारे बच्चों को मालूम ही नहीं होता कि समाज में हमारे धार्मिक स्थलों का योगदान क्या है, फिर हम उम्मीद करते हैं कि वे अपने हिन्दू पहचान पर गर्व करें।
पूर्णिया में मेरे रिश्तेदार एक भव्य मंदिर का निर्माण कर रहे हैं।
मंदिर अभी बना भी नहीं है पर इसके फंड से कोरोनकाल में सैकड़ो ऑक्सीजन सिलिंडर बाँटे गये लाखों रुपये के। आगे टारगेट है कि मंदिर में आये दान द्वारा अस्पताल, वृद्धाश्रम व गौशाला खोलने का और जब यह होगा तो मैं जम कर प्रचार करूँगा और करवाऊँगा।
ये 'नेकी कर दरिया में डाल' वाली मानसिकता से जो घाटा हुआ है, अब वो और नहीं झेलना।
• • •
Missing some Tweet in this thread? You can try to
force a refresh
भारत के बाहर थाईलेंड में आज भी संवैधानिक रूप में राम राज्य है । वहां भगवान राम के छोटे पुत्र कुश के वंशज सम्राट “भूमिबल अतुल्य तेज ” राज्य कर रहे हैं , जिन्हें नौवां राम कहा जाता है ।
-भगवान राम का संक्षिप्त इतिहास-
वाल्मीकि रामायण एक धार्मिक ग्रन्थ होने के साथ एक ऐतिहासिक ग्रन्थ भी है , क्योंकि महर्षि वाल्मीकि राम के समकालीन थे , रामायण के बालकाण्ड के सर्ग ,70 . 71 और 73 में राम और उनके तीनों भाइयों के विवाह का वर्णन है , जिसका सारांश है।
मिथिला के राजा सीरध्वज थे , जिन्हें लोग विदेह भी कहते थे उनकी पत्नी का नाम सुनेत्रा ( सुनयना ) था , जिनकी पुत्री सीता जी थीं , जिनका विवाह राम से हुआ था ।
राजा जनक के कुशध्वज नामके भाई थे । इनकी राजधानी सांकाश्य नगर थी जो इक्षुमती नदी के किनारे थी l इन्होंने अपनी बेटी
पेट्रोल के दाम बढ़ रहे थे तो लगभग सभी राज्य सरकारें भी दाम बढ़ा ही रही थीं..बढ़ते हुए दाम को लेकर भक्त भी परेशान थे.. लेकिन चमचों की गेंद में सुलेमानी कीड़ा कुलबुला रहा था भक्तों को कोसने का..
अब जब केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर ₹5/-और डीजल पर ₹10/- कम कर दिए...और लगभग सभी बीजेपी शासित प्रदेशों ने भी 5-7 रुपये की कमी कर दी है तो भक्त लोग काफी राहत में हैं।
वहीं स्थान विशेष में सुलेमानी कीड़ा लिए चमचे गैर-बीजेपी शासित प्रदेशों में अभी भी पुराने बढ़े हुए दामों पर तेल खरीद रहे हैं तो सुलेमानी कीड़ा शांत बैठा हुआ है। 🤣