कानपुर की रहने वाली सताक्षी सचान यूक्रेन से आज लौटी हैं।
एक तरफ सरकारी प्रोपेगैंडा है, दूसरी तरफ सताक्षी का जिया हुआ सच है।
पूरी कहानी जल्दी @DainikBhaskar पर।
इंडियन एम्बेसी के लोगों ने रोमानियन बॉर्डर पर 4 दिन बर्फबारी झेल चुके छात्रों से कहा- 'जो टॉयलेट साफ करेगा उनको पहले इंडिया लेकर जाएंगे'
इससे ज्यादा शर्मनाक क्या हो सकता है!
'जब भारतीय छात्र संकट में थे, तब विदेश मंत्रालय PR मैनेजमेंट कर रहा था। एम्बेसी से मदद किसी ने नहीं की, जब फेसबुक पर वीडियो डाला तो डिलीट करवाने के लिए दबाव बनाने लगे। लेकिन हमने वीडियो डिलीट नहीं किया।'
'Dont hide the truth. Indian govt hasnt done anything.'