मोरी राजपूतो के शूरवीर जूजार जीवुभा मोरी और जेठूभा मोरी , मूली गुजरात
दोनो बाप बेटे ने अपना क्षात्रधर्म निभाते हुवे अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। 1/2
उसकी साक्ष पुरते हुवे श्री मांडवराय मंदिर के आगे एक घोड़े पर उस दोनो बाप - बेटे का पालिया (छतरी) आज भी रजपूती का गौरव गान करती मांडवरायजी मंदिर की सीढ़ियां के पास खड़ी हैं । 2/3
उसकी शहादत की याद में हर साल श्री मांडवराय दादा के मंदिर ( मूली , सौराष्ट्र -गुजरात ) पर धूलेटी के दिन मोरी राजपूतो द्वारा बावन गज की ध्वजा चढ़ाई जाती हैं और प्रसाद धराया जाता है। #जय_मांडवरायजी_दादा 🙏🙏
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