⛳🙏 આજે ભારતનાં એક વિરલ વ્યક્તિત્વ માનનીય શ્રી સાવરકર જીની જન્મ જયંતીને દિવસે એમને લાખ્ખો પ્રણામ. મને આનંદ છે કે તેમનાં જન્મસ્થાન, ગામ ભગુર, (નાશીક પાસે)ની મુલાકાત લઈ દર્શન કરી શક્યો છું.
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ભારત માતાકી જય - વંદે માતરમ
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स्वतंत्र (1)
क्रांतिकारी सेनानी दीर्घद्रस्ट्रा वीर सावरकरजीको जन्मजयंती के अवसर पर सत् सत् नमन। जय माँ भारती।
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कौन थे स्वातंत्र्य वीर विनायक दामोदर सावरकर
जन्म दिवस=वीर सावरकर का जन्म दि०-28मई1883.मे गांव भगूर जिला नासिक(महाराष्ट्र)मे हुआ। लोकमान्य तिलक से वे बहुत प्रभावित।देश की
(2)
आजादी मुख्य ध्येय बन गया।-1905.मे विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार आंदोलन चलाया।जब तीनों चापेकर बंधुओं को फांसी हुई तो इन्होने बहुत मार्मिक कविता लिखी, और पढ़कर पूरी रात रोते रहे।सावरकर सशस्त्र क्राति के समर्थक थे।वे श्यामजी वर्मा द्वारा दी गयी छात्र वृति से ब्रिटेन गये।लंदन का
(3)
इण्डिया हाउस उनका मुख्य केन्द्र था।वहां अनेक छात्रों को क्राति के लिये प्रेरित किया।उनमे एक थे मदनलाल धींगरा जिसने कर्नल वायली को मारा।इन गतिविधियों के कारण ब्रिटिस पुलीस ने-13.03.1910.को उन्हें पकड़ा।मुकदमा चलाया।भारत मे तो पहले से ही उनपर मुकदमे चल रहे थे।सो उनको मोरिया
(4)
जलयान से भारत भेजा।-10.06.1910.को जहाज फ्रांस के मोर्सेल्स बंदरगाह आया।वे शौच के बहाने शौचालय की खिड़की से कूदकर तैरते हुए दूसरे किनारे पहुचे।फ्रांस की पुलीस ने पकड़ा।अंतरराष्टीय न्यायालय हेग मे मुकदमा चला।अंग्रेजी शासन के विरुद्ध षड़यंत्र रचने,भारत मे शस्त्र भेजने के अपराध
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मे आजन्म कारावास हुआ।सभी सम्पत्तियां जब्त की।सावरकर जी ने ब्रिटिस अभिलेखागारों का अध्ययन करके-1857.का स्वतंत्रता संग्राम ग्रंथ लिखा।जिसे छपने हेतु गुप्त रूप से भारत भेजा।इस सूचना से अंग्रेज सरकार घबरा गयी।यह पहला ग्रंथ था जिसे प्रकाशन पूर्व ही प्रतिबंधित कर दिया। पेरिस
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(फ्रांस) भी भेजा,वहांभी इसे नहीं छपने दिया।अंत मे होलैण्ड से -1909.मे प्रकाशित हुआ।जो आज भी सबसे विश्वनीय ग्रंथ है।-1911.मे एक और आजन्म कारावास की सजा मे कालापानी भेजा।इस प्रकार दो जन्मो की कालापानी की सजा मिली।वहां उनके बड़े भाई गणेश सावरकर भी बंद थे।जेल मे घौर अत्याचार
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किये।नंगे बर्फ की शीली पर लेटाना, कोल्लू बन कर तेल निकाला।कोड़ो की मार,भूखे प्यासे रखना,आदि यातनायें दी।-1921.मे अण्डमान से रत्नागिरि भेजा।-1937.मे वहां से मुक्त हुए।फिर सुभाषचन्द्र बोस के साथ आजाद क्राति मे लगे।-1947.मे आजादी के बाद भी उन्हें गांधी हत्या के झूठे मुकदमे मे
(8)
फंसाया,पर वे निर्दोष निकले।वे राजनीति के हिन्दूकरण,और और हिन्दू का सैनीककरण के पक्षधर थे।वीर सावरकर जी ने -26.02.1966.को शरीर त्याग दिया।j
⏩🙏ऐसे महान वीर दामोदर #सावरकर को सादर वंदन। जगदीश महंत🙏🚩 (9) @Unrollme @UnrollThread @threadreaderapp @thread
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"भारत को सोने की चिड़िया" बनाने वाला :- "असली राजा" कौन था ?
कौन था , वह राजा ? जिसके :- "राजगद्दी पर बैठने के बाद", उनके "श्रीमुख" से "देववाणी" ही, निकलती थी l और "देववाणी" से ही, "न्याय" होता था?
कौन था ,वह राजा ? "जिसके":- राज्य में "अधर्म का संपूर्ण नाश" हो गया था।
(1)
महाराज विक्रमादित्य...
बड़े ही दुख की बात है, कि :- "महाराज विक्रमादित्य" के बारे में, देश को लगभग "शून्य बराबर ज्ञान" है।
जिन्होंने :- "भारत को सोने की चिड़िया बनाया था" और "स्वर्णिम काल" लाया था।
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उज्जैन के राजा थे, गन्धर्वसैन , जिनके तीन संताने थी l सबसे बड़ी
(2)
लड़की थी l मैनावती , उससे छोटा लड़का भृतहरि और सबसे छोटा वीर विक्रमादित्य..l बहन मैनावती की शादी धारानगरी के राजा "पदमसैन" के साथ कर दी l जिनके एक लड़का हुआ गोपीचन्द l आगे चलकर गोपीचन्द ने "श्री ज्वालेन्दर नाथ जी" से "योग दीक्षा" ले ली l और "तपस्या करने जंगलों में चले गए"..l
(3)
Uत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा डॉन मुख़्तार अंसारी ...
बिहार का सबसे बड़ा डॉन शहाबुद्दीन ..
महाराष्ट्र का सबसे बड़ा डॉ youन दाऊद इब्राहिम ..
आंध्र प्रदेश का सबसे बड़ा डॉन अकबरुद्दीन ओवैसी ..
जम्मू कश्मीर का सबसे बड़ा डॉन यासीन मलिक ....
हम कहाँ हैं और हमारा वजूद कहाँ है ??
(1)
और भाई चारे की चादर ओढ़े हिंदुओं ,,,,
तुम्हारा अंजाम शायद दर्द से भी ज्यादा दर्दनाक होगा ।।
हम हिंदुओं को अच्छे से पता है कि --
झुमका बरेली वाला अच्छा होता है ,
अमरुद इलाहाबाद का मीठा होता है ,
सेब कश्मीर के बेहतर होते हैं ,
चूड़ी फिरोज़ाबादी गजब की होती है ,
सलवार
(2)
पटियाला का शानदार होता है ,
&नारियल केरल का अच्छा होता है ,,
सुरमा भोपाल का बेहतर होता है ,
बनारस का पान लाजवाब होता है ,,
पर ,
किसी हिन्दू को नहीं पता कि ---
पिस्टल कहाँ की मारक होती है ?
बंदूकें कहाँ की घातक होती हैं ?
&बारूद कहाँ बनाया जाता है ?
खंज़र कहाँ छुपाया
(3)
કાશીમાં જ્ઞાનવાપી મસ્જિદમાં આંધણ મુકાઈ ગયા છે અને મથુરાની મસ્જિદમાં આંધણ મુકવાની તૈયારી ચાલી રહી છે ત્યારે સર્વોચ્ચ અદાલતે જીએસટી વિષે જે ચુકાદો આપ્યો છે એ અત્યંત મહત્ત્વપૂર્ણ છે એટલે પહેલાં એના વિષે ચર્ચા કરવી જોઈએ. સર્વોચ્ચ અદાલતે ચુકાદો આપ્યો છે કે રાજ્યો કરવસુલી વિષે
(1)
સ્વતંત્ર નિર્ણય લઈ શકે છે અને એમાં કેન્દ્રની મંજુરી કે સંમતી જરૂરી નથી. ભારત એક સંઘરાજ્ય છે અને સંઘરાજ્યનો અર્થ જ પરસ્પર સહયોગ થાય છે. રાજ્યો ભારતીય સંઘના ઘટક છે, આશ્રિત નથી.
હકીકતમાં દેશમાં આજે જે બની રહ્યું છે એ સમજવું હોય તો કમસેકમ આઠ દાયકા પાછા ફરવું જોઈએ જ્યારે નજીકના
(2)
ભવિષ્યમાં દેશને આઝાદી મળશે એ સ્પષ્ટ થઈ ગયું હતું અને સ્વતંત્ર ભારતનું સ્વરૂપ કેવું હશે એ વિષે ચર્ચા શરુ થઈ હતી એટલું જ નહીં, સ્વતંત્ર ભારતને આકાર આપવાની પ્રક્રિયા પણ શરુ થઈ ગઈ હતી. એ સમયે રાષ્ટ્રીય સ્વયંસેવક તેના મુખપત્રોમાં વખતોવખત તેની ભૂમિકા માંડતો હતો. એ પછી ગાંધીજીની
(3)
सम्राट शांतनु ने विवाह किया एक मछवारे की पुत्री सत्यवती से।उनका बेटा ही राजा बने इसलिए भीष्म ने विवाह न करके,आजीवन संतानहीन रहने की भीष्म प्रतिज्ञा की।
सत्यवती के बेटे बाद में क्षत्रिय बन गए, जिनके लिए भीष्म आजीवन
(1)
अविवाहित रहे, क्या उनका शोषण होता होगा?
महाभारत लिखने वाले वेद व्यास भी मछवारे थे, पर महर्षि बन गए, गुरुकुल चलाते थे वो।
विदुर, जिन्हें महा पंडित कहा जाता है वो एक दासी के पुत्र थे, हस्तिनापुर के महामंत्री बने, उनकी लिखी हुई विदुर नीति, राजनीति का एक
(2)
महाग्रन्थ है।
भीम ने वनवासी हिडिम्बा से विवाह किया।
श्रीकृष्ण दूध का व्यवसाय करने वालों के परिवार से थे,
उनके भाई बलराम खेती करते थे, हमेशा हल साथ रखते थे।
यादव क्षत्रिय रहे हैं, कई प्रान्तों पर शासन किया और श्रीकृषण सबके पूजनीय हैं, गीता जैसा ग्रन्थ
(3)
પુરુષ ને પણ એક એવું પિયર મળે... બહુ જ સુંદર મેસેજ મળ્યો છે મને...
આપ મિત્રો સાથે શેર કરું છું.
આપ મિત્રો ના મંતવ્યો આવકાર્ય છે
ભારતીય પુરુષોની સૌથી મોટી કમનસીબી એ છે કે એમની પાસે વેકેશનમાં જવા માટે કોઈ “પિયર” નથી..
આપણાં પુર્વજોએ લગ્ન બાદ સ્ત્રીએ એનાં માતા-પિતાનું ઘર
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છોડીને પતિ સાથે એનાં કુટુંબમાં રહેવા જવું એવી પ્રથા બનાવી. ભારતમાં અંદાજે ૮૫ ટકા કપલ જોઈન્ટ ફેમીલીમાં જ રહેતાં હોય છે. આ નિર્ણય માટેનાં કારણોમાં, સ્ત્રીની નવા વાતાવરણમાં ઝડપી અનુકૂલન સાધવાની ક્ષમતા હશે કે પૌરુષી ગર્વ કે એ બંને કે અન્ય કોઈ કારણએ હું નથી જાણતી. કોણે અને ક્યારે
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આ સામાજીક વ્યવસ્થા ગોઠવી એનો કોઈ ઇતિહાસ આપણી પાસે નથી. પણ, આ પરંપરામાં ભારતીય પુરુષોને અન્યાય થયો છે એટલું ચોક્કસ છે,
પરિણીત ભારતીય સ્ત્રીઓ માટે પિયર એક એકઝોસ્ટ છે. અંદરનો ઊકળાટ બહાર ખેંચી કાઢે એવી એક નાનકડી બારી એટલે એકઝોસ્ટ.
દિકરી પિયર જઈને પહેલું કામ શું કરે છે એ
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