सम्राट पृथ्वीराज बॉलीवुड भाजपा और आरएसएस की एक ओछी हरकत.जितना भव्य नाम है उसी के विपरीत बॉलीवुड ने उसे उतना ही बौना दिखाने का एक भरसक सफल प्रयास किया है!सम्राट चौहान के वंश से होने के कारण मै इस मूवी के लिये अत्यधिक उत्साही था /-👇 #BoycottSamratPrithvirajMovie
सोचा बचपन से जिनके शौर्य की गाथाये सुनके बड़ा हुआ हु आज उनके किरदार का जीवंत रूप कला के माध्यम से देखूंगा लेकिन जब देखि तो आँखों पर विस्वास ही नहीं हुआ क्यूंकि जो बचपन से पढ़ा सुना वैसा इसमें बिल्कुल ही नहीं था फ़िल्म को सम्राट के नाम पर महज एक मसाला फ़िल्म बनाकर छोड़ /-
दिया,फ़िल्म के सभी किरदारों का बेहद ही घटिया रूपांतरण किया गया, कोई भी किरदार वास्तविक किरदार का 1% भी नहीं था.
सम्राट पृथ्वीराज के नाम से मूवी थी लेकिन किरदार अनुसार बात करू तो सबसे पहले बात करता हूँ काका कान्हा /कन्ह की. /- #BoycottSamratPrithvirajMovie
1. काका कन्ह/कान्हा :- भीष्म पितामह शरीके इस किरदार को बॉलीवुड ने लडाका तो दिखाया परन्तु उनके चरित्र तौर तरीको को बिल्कुल भिन्न और दोयम दर्जे के चुटकुलो से भर दिया..... शायद बॉलीवुड काका को ढंग से पढ नहीं पाये, काका शरीका योद्धा इतिहास मै ना हुआ और ना होगा./-
काका के बारे मै पृथ्वीराज रासो तक मै लिखा गया था :-
दौरी "कन्ह" नर नाह, पटी छुट्टी अंखिन पर।
हथ्थ लाई किरवार, रूण्डमाला निन्नीय हर।।
विहू बाह लख्ख लौहे परिय, छानी करीब्बर दाह किए। /-
उच्छारि पारि धरि उप्परें, कलह कीयौ कि उघान किय।।
काका बेहद महारथी और वचन के पक्के थे.....
काका के क्रोध और प्रतिज्ञा के कारण महाराज सोमेश्वर ने उन्हें आँखों पर पट्टी बाँधने की सज्जा दी थी.....
काका का इतिहास बेहद विशाल है जिसे और कभी लिखूंगा...../-
2. कन्नौज नरेश महाराज जयचंद राठौड़ :
धर्म परायण महाराज जयचंद के साथ जितना कुठाराघात इतिहास मै किया उतना ही इस फ़िल्म मै किया गया, जबकि सर्वविदित है की निजी स्वार्थ के लिये हमेशा से बहुत चतुर रही कौम के लोगो ने गौरी को बुलावा भेजा, महाराज जयचंद बहुत वीर योद्धा थे, /-
दोनों मै सत्ता के लिये संघर्ष था पर इतिहास मै महाराज को गलत दर्शाया और हमेशा के भुंड का ठीकरा महाराज पर फोड़ दिया....
3. सयोंगीता :-
एक काल्पनिक किरदार और ऐसे काल्पनिक किरदार के इर्द गिर्द ही पूरी फ़िल्म बना डाली, जयचंद और पृथ्वीराज आपस मै भाई थे तो उस समय या वर्तमान के /-
अनुसार हिन्दू धर्म (जो बॉलीवुड और भाजपा का एजेंडा है ) मै कोई बहन भतीजी से विवाह कैसे कर सकता है..... इतिहास मै इसको लेकर भी बहुत संसय है जिसकी पुष्ठी अन्य लेख मे करूंगा.....
4. पृथ्वीराज :-
एक महान वीर पराकर्मी योद्धा,जिसने दिल्ली की गद्दी पर राज किया उसे महज एक आशिक और /-
हिन्दू बनाके इस मूवी मे छोड़ दिया......
मूवी के अंत मे गौरी का वध घोड़े पर बताया है और पृथ्वीराज, चंद का वध मुगलों द्वारा जिसका इतिहास मे कही जिक्र ही नहीं है....
पूरी फ़िल्म मे बॉलीवुड 1% भी न्याय नहीं कर पाया और सम्राट की वीरता को दिखा नहीं पाया..../-
फ़िल्म मे सयोंगीता और रानियों का जौहर दिखाया है जिसमे वो केसरिया साफा पहनती है अरे भाई केसरिया पहनकर शाका किया जाता है जौहर के समय साक्षात माँ भवानी क्षत्राणीयों मे बसती है जौहर कैसे होता है एक बार पद्मावती मूवी ही देख लेते /-
फ़िल्म मे भाषा का स्तर बेहद ही घटिया दिखाया है छोरे छोरे, राजे.... ये शब्द आज 21वीं सदी मे भी राजपूत संस्कृति का हिस्सा नहीं है फिर उस समय तो आप कल्पना भी कैसे कर सकते है.....
कुल मिलाकर बॉलीवुड और भाजपा आरएसएस तीनो अपनी चाल मे सफल रहे, अमित शाह जी कम से कम इतिहास पढ़कर तो जाते
स्क्रीनिंग के समय ताकि एहसास होता की सम्राट कौन थे और इसमें क्या दिखाया है......
राजपूत सम्राट पृथ्वीराज चौहान के दरबारी कवि जयानक द्वारा लिखित "पृथ्वीराजविजयमहाकाव्य" ग्रंथ इतिहास का सटीक ग्रंथ है जो पृथ्वीराज के शासन में लिखा गया और रासो ग्रंथ पृथ्वीराजजी के 400 साल बाद मुगल काल में लिखा गया जो सही प्रमाणित नहीं है.
पृथ्वीराज के डायरेक्ट वंशज रणथंबोर गए उसके बाद रणथंबोर से चंपानेर-पावागढ़ - पावागढ़ छूटने के बाद देवगढ़, बरिया रियासत. इतने दिनों खींची चौहान बनकर भ्रमित थे, चंपानेर के किले में कुएं में पृथ्वीराज चौहान के वंशज पाल्हण का शिलालेख प्राप्त हुआ है/1 #RajputSamratPrithvirajChauhan
पृथ्वीराज चौहान के वंशजों की प्रस्तुति वंशावली शिलालेख में अंकित है उनके वंशज वर्तमान देवगढ़ ,बरिया में रहते हैं राजपूत रियासत है। क्या शिलालेखों कोर्ट में चैलेंज करेंगे कोई । @akshaykumar