👉🏾 पूर्व में एक थी बेहद शरीफ भाजपा...!!
जिसे केवल 1 वोटों से संसद भवन में गिरा दिया गया था!
और इटली की शातिर महिला गुलाबी होंटों से मंद मंद मुस्करा रही थी, वाजपेयी जी हाथ हिला हिला कर अपनी शैली मे व्यस्त थे!
जब तक भाजपा वाजपेयी जी की विचारधारा पर चलती रही,वो राम के बताये मार्ग👇🏾
पर चलती रही।
मर्यादा, नैतिकता, और शुचिता, इनके लिए कड़े मापदंड तय किये गये थे। परन्तु कभी भी पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर सकी...
फिर होता है नरेन्द्र मोदी का पदार्पण!
मर्यादा पुरुषोत्तम राम के चरण चिन्हों पर चलने वाली भाजपा को मोदी जी, कर्मयोगी श्री कृष्ण की राह पर ले आते हैं !👇🏾
श्री कृष्ण अधर्मी को मारने में किसी भी प्रकार की गलती नहीं करते हैं। छल हो तो छल से, कपट हो तो कपट से, अनीति हो तो अनीति से, अधर्मी को नष्ट करना ही उनका ध्येय होता है!
इसीलिए वो अर्जुन को केवल कर्म करने की शिक्षा देते हैं ! बिना सत्ता के आप कुछ भी नहीं कर सकते हैं ! 👇🏾
सिन्धु घाटी की लिपि : क्यों अंग्रेज़ और कम्युनिस्ट इतिहासकार नहीं चाहते थे कि इसे पढ़ाया जाए!
इतिहासकार अर्नाल्ड जे टायनबी ने कहा था - विश्व के इतिहास में अगर किसी देश के इतिहास के साथ सर्वाधिक छेड़ छाड़ की गयी है, तो वह भारत का इतिहास ही है।👇🏾
भारतीय इतिहास का प्रारम्भ सिन्धु घाटी की सभ्यता से होता है, इसे हड़प्पा कालीन सभ्यता या सारस्वत सभ्यता भी कहा जाता है। बताया जाता है, कि वर्तमान सिन्धु नदी के तटों पर 3500 BC (ईसा पूर्व) में एक विशाल नगरीय सभ्यता विद्यमान थी। मोहनजोदारो, हड़प्पा, कालीबंगा, लोथल आदि इस सभ्यता के👇🏾
नगर थे।
पहले इस सभ्यता का विस्तार सिंध, पंजाब, राजस्थान और गुजरात आदि बताया जाता था, किन्तु अब इसका विस्तार समूचा भारत, तमिलनाडु से वैशाली बिहार तक, आज का पूरा पाकिस्तान एवं अफगानिस्तान तथा (पारस) ईरान का हिस्सा तक पाया जाता है। अब इसका समय 7000 BC से भी प्राचीन पाया गया है।👇🏾👇🏾
👉🏾🛕हिन्दु मन्दिर एक्ट जरूरी क्यों.....???
🔅सभी प्वाइंट ध्यान से पढ़े.....!
*1. बिना किसी डर दबाव, किसी भी सरकारी या गैरसरकारी दखल के अपनी धार्मिक रस्मों पूजा अर्चना रीति रिवाज का पालन करने की पूर्ण स्वतंत्रता के हमारे मौलिक अधिकार को सुनिश्चित करना। @Sabhapa30724463 👇🏾👇🏾
2. हमारे धर्मस्थलों की मूल परंपराओं, सिद्धान्त, दर्शन आदि के बार बार हो रहे हनन को रोकना उनको संरक्षित सुरक्षित करने के हमारे मौलिक अधिकार को सुनिश्चित करना।
*3. हमारे धर्मस्थलों में बिना किसी सरकारी या राजनीतिक हस्तक्षेप के अपने स्तर पर हमारे धर्मस्थलों के प्रबंधकों को हमारे 👇🏾
धर्मस्थलों के प्रबंधन के हमारे मौलिक अधिकार को सुनिश्चित करना।
*4. सरकार के कब्जे में चल रहे हमारे धर्मस्थलों से सरकार का कब्जा हटा कर देवालय देवस्थान प्रबंधन एक्ट के अधीन समिति गठित करके हमारे समाज को अपने धर्मस्थलों के प्रबंधन के हमारे मौलिक अधिकार को सुनिश्चित करना।👇🏾👇🏾