अहमदाबाद :
तीनों रथ मंदिर पहुँच गए।सभी पुलिसकर्मी बधाई के पात्र है।इसलिए भी चूंकि रथयात्रा का बंदोबस्त पूरे विश्व में अजोड़ और बेहद कॉम्प्लेक्स बंदोबस्त है।
इस बार की #RathYatra को लेकर इनपुट ठीक नहीं थे।शांतिपूर्ण रथयात्रा के पीछे पिछले 2 महीनो से ज्यादा की कड़ी मेहनत थी।
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गृहराज्यमंत्री @sanghaviharsh लगातार बैठके लेते रहे थे,हर इनपुट पर अधिकारियों को काम पर लगाते रहे जबतक उसे ठीक ना किया गया।
वही फील्ड पर रहे अधिकारीओ ने इसे प्रतिष्ठा का सवाल बनाया।
रथयात्रा शांतिपूर्ण तरीके से निकले उसको लेकर हर लेवल पर अलग स्ट्रेटेजी बनाई गयी।
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पहले फोर्स,फिर एडवांस टेक्नोलॉजी, और सबसे अहम सोशल इंजीनियरिंग।
25000 पुलिसकर्मी (58 कंपनियां SRP,CAPF)दिन रात सुरक्षा में लगे थे।
आला अफसर मौलवियों से देर रात तक बैठके लेते रहे।समुदायों के बीच कोई अविश्वास न हो इसको लेकर गली मोहल्लो में जाकर शांति समितियों की बैठके की।
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यहां तक कि दो समुदायों के बीच मैच खिलाया गया।
वही ATS और क्राइम ब्रांच हिस्ट्री शीटरो पर नजरें रखी हुई थी।संदिग्धों को उठाया जाता रहा पूछताछ होती रही।ऐसे में बदमाशों में डर बैठा।कुछ तो अहमदाबाद छोड़कर ही निकल लिये।
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वही दूसरी और अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी पर जोर दिया गया।
चप्पे चप्पे पर CCTV थे जिसका अहमदाबाद कंट्रोल रूम और गांधीनगर कमांड कंट्रोल रूम में लाइव मोनिटरिंग हो रहा था।
पुलिसकर्मियों को बॉडी वॉर्न कैमेरा दिए गए थे वो लोगो की और नजदिक से तस्वीरे कंट्रोल रूम में भेज रहे थे।
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बाकी मैन्युअल काम मूविंग बंदोबस्त में रहे आला अफसर,बाकी पुलिसकर्मियों ने 16 KM पैदल चलकर,पसीने से बेहाल होने के बावजूद प्लान के तहत पूरा किया।
संवेदनशील इलाकों में अप्रिय घटना ना हो यह खास ध्यान रखा गया।
सारे प्रयासो से तीनो रथों को समय पर मंदिर तक सुरक्षित पहुंचाया गया।
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सबके सहयोग से मुस्लिम इलाकों में रथयात्रा शांतिपूर्ण तरीके से गुजरने के बाद कुछ पुलिस अधिकारियों को कंधों पर उठाकर पुलिस के अच्छे काम को नवाजा गया।
इस रथयात्रा का डॉक्यूमेंटेशन हो यह जरूरी है।
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