ऐसे कई गूढ़ रहस्य भरे है ,हमारे देश की पांडुलिपियों और प्राचीन ग्रन्थों मे "'अन्तर्राष्ट्रीय संस्कृत शोध मण्डल" ने प्राचीन पाण्डुलिपियों की खोज के विशेष प्रयास किये फलस्वरूप् जो ग्रन्थ मिले।।
उनके आधार पर ऋषि भरद्वाज का `#विमान_प्रकरण´, विमान शास्त्र प्रकाश में आया इस ग्रन्थ का बारीकी से अध्यन करने पर आठ प्रकार के विमानों का पता चला है :-
१. #शक्त्युद्गम- बिजली से चलने वाला।
२. #भूतवाह- अग्नि, जल और वायु से चलने वाला।
३. #धूमयान- गैस से चलने वाला।
४. #शिखोद्गम- तेल से चलने वाला।
५. #अंशुवाह- सूर्यरश्मियों से चलने वाला।
६. #तारामुख- चुम्बक से चलने वाला।
७. #मणिवाह-चन्द्रकान्त,सूर्यकान्त मणियों से चलने वाला
८. #मरुत्सखा - केवल वायु से चलने वाला।
हिंदू वैदिक ग्रंथोँ एवं प्राचीन मनीषी साहित्योँ मेँ वायुवेग से उड़ने वाले #विमानोँ (हवाई जहाज़ोँ) का वर्णन है, #सेकुलरोँ के लिए ये कपोल #कल्पित_कथाएं हो सकती हैँ, परन्तु #धर्मभ्रष्ट लोगोँ की बातोँ पर ध्यान ना देते हुए हम तथ्योँ को विस्तार देते हैँ।।
ब्रह्मा का १ दिन, पृथ्वी पर हमारे वर्षोँ के ४,३२,००००००० दिनोँ के बराबर है। और यही १ ब्रह्म दिन चारोँ युगोँ मेँ विभाजित है यानि, सतयुग, त्रेता, द्वापर एवं वर्तमान मेँ कलियुग। "सर्वप्रथम पाँच प्रकार के #विमानों का निर्माण ब्रह्मा, विष्णु, यम, कुबेर तथा इन्द्र के लिये किया गया था।
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