हफ्ते का पहला शनिवार, शाम को साढ़े सात बजे RO के व्हाट्सप्प ग्रुप पर मैसेज आता है: "कल परम आदरणीय GM सर के आदेशानुसार सभी ब्रांच मैनेजर अपने अपने क्षेत्रों में हाउसिंग लोन का कैंप लगाएंगे।
महायशस्वी GM सर कैम्पों की विजिट भी करेंगे इसलिए प्रत्येक BM कम से कम एक स्टाफ के साथ अपने कैंप पर उपस्थित रहने चाहिए। सोमवार को अतिपरमगुण संपन्न GM सर कल के हाउसिंग लोन कैंप की रिव्यु मीटिंग लेंगे जिसमें नॉन-परफार्मिंग BM को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा
और अव्वल ब्रांचों को चरणवन्दनीय GM सर द्वारा सम्मानित किया जाएगा। रिव्यु मीटिंग सोमवार को शाम ठीक साढ़े चार बजे रखी जायेगी इसलिए सभी BM समय पर RO में अपनी हाजिरी देवें।"
संडे को पूरे दिन सडकों पर ऐसी तैसी करवाने के बाद, मंडे को पूरे दिन जबरदस्त भीड़ झेलने के बाद, और बचा हुआ काम कल पर टालने के बाद, मरते गिरते सारे BM RO में पहुँचते हैं। मीटिंग करीब सात बजे शुरू होती है क्योंकि अत्यंत गौरवशाली GM साहब किसी और मीटिंग में व्यस्त थे।
ज़लालत का दौर लगभग रात के साढ़े दस बजे तक चलता है। जाते-जाते RM साहब फरमान सुनाते हैं कि जिन भी BM ने कल दो से कम HL सोर्सिंग की है (44 में से 42 BM इस श्रेणी में थे) उन्हें मंगलवार को सुबह RO में हाजिरी देनी है क्योंकि अभी ज़लालत का सिलसिला ख़तम नहीं हुआ है।
मंगलवार को सुबह उन सभी 42 BM को मेमो थमा दिया जाता है। साथ में बताया जाता है कि आज PAI और LI का लॉगिन डे है। बेचारे BM किसी तरह साढ़े ग्यारह बजे तक ब्रांच पहुँचते हैं।
शाम को साढ़े तीन बजे आदेश आता है कि DGM साहब SME लोन को लेकर VC ले रहे हैं इसलिए तुरंत लॉगिन करके मीटिंग ज्वाइन की जाए। डेढ़ घंटे हेलो हेलो करने के बाद मीटिंग शुरू होती है जो लगभग छः बजे ख़तम होती है।
BM बेचारा कुछ काम करने की कोशिश कर ही रहा होता है कि RO के व्हाट्सप्प ग्रुप पे मैसेज आता है कि जिन ब्रांचों ने आज 5 से कम PAI की है या एक लाख से कम का LI किया है उन्हें कल सुबह फिर जलील करने के लिए RO बुलाया गया है।
मीटिंग के दौरान ही पता चलता है कि जिन ब्रांचों से पिछले महीने में कोई HL या SME लोन टेकओवर हुआ है उनके BM को DGM साहब ने मिलने बुलाया है। फिर वहाँ के बाद फिर से RO बुलाया जाता है क्योंकि इस महीने रीजन करंट अकाउंट ओपनिंग में पीछे चल रहा है।
शाम को DGM (customer service) ने उन ब्रांचों को बुलाया है जिनके खिलाफ पिछले महीने में कंप्लेंट आयी हैं। गुरूवार को LI वालों ने CIFs की मीटिंग बुलाई है। शुक्रवार शाम को KCC, SHG, PM swanidhi, Mudra वगैरह के लोन के लिए LDM ने मीटिंग बुलाई है।
मीटिंग के दौरान ही फ़ोन आ जाता है कि कल आतंक का दिन है क्योंकि कल दूसरे शनिवार के दिन सुबह 11 बजे P-review मीटिंग रखी गई है, जिसमें आपने हफ्ते भर में क्या किया इस पर चर्चा होगी।
पहले ये मीटिंग महीने में एक बार होती थी लेकिन इस सुना है इस बार DGM साहब का प्रमोशन ड्यू है इसलिए अब ये मीटिंग हर हफ्ते होगी। मीटिंग में सुप्रीम लीडर एडमिरल जनरल DGM साहब बुरी तरह चिढ़े हुए थे। "इस हफ्ते 'कुछ' ब्रांचों को छोड़कर बाकी सभी ब्रांचों की परफॉरमेंस खराब रही है।
नया बिज़नेस तो छोडो, पुराने का भी ठीक से मेंटेनन्स नहीं हो पा रहा है। कस्टमर कम्प्लेंट्स बढ़ती जा रही हैं। बताया जा रहा है कि ज्यादातर BM अपनी सीट पर ही नहीं मिलते। ऐसा नहीं चलेगा। सभी BM कल ब्रांच खोलेंगे और पेंडिंग काम निपटाएंगे।
और हॉलिडे वर्किंग का कोई भी पैसा नहीं दिया जाएगा क्योंकि ब्रांच पेंडिंग काम के लिए खोली जा रही है। और और कल किसने कितना काम किया इसके लिए मंडे को शाम को फिर से मीटिंग होगी।"
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दुनिया की सबसे कम जवाबदेही वाली नौकरी कौनसी है? नेता? नौकरशाह? जज? वकील? जी नहीं। इन सब में एकाउंटेबिलिटी जीरो हो सकती है लेकिन इससे भी कम एकाउंटेबिलिटी वाली नौकरी है जिसमें जवाबदेही नेगेटिव में है। अब आप पूछेंगे कि एकाउंटेबिलिटी नेगेटिव कैसे हो सकती है।
भाई आजकल ज्यादातर नौकरियां ऐसी हो गई हैं कि जिनमें आप काम सही करो तब भी गालियां पड़ती हैं, सजा भी मिलती है। नेता जज नौकरशाह कि नौकरियां ऐसी हैं कि काम ना भी करो या गलत काम करो तो भी न कोई सजा है ना कोई पूछने वाला।
लेकिन एक नौकरी ऐसे भी है जिसमें काम गलत आप करते हैं और गालियां किसी और को पड़ती हैं। ये नौकरी है 'पत्तलकार' की। 'पत्तलकार' वो प्रजाति है जो दिखने में पत्रकार जैसी होती है लेकिन काम बिल्कुल उलट। पत्तलकार का काम होता है समाज में गलत सूचना पहुंचाना।
एक बार बैंक के एक बड़े उच्चाधिकारी साहब जो कि HR डिपार्टमेंट में थे रिटायर हो गए। किस्मत से कुछ दिन बाद एक एयरलाइन कंपनी में नौकरी मिल गई। पिछले अनुभव के आधार पर वहां भी उन्हें HR डिपार्टमेंट दिया गया।
डिपार्टमेंट सँभालते ही उनका दिमाग खराब हो गया। "इतना सारा स्टाफ? यहाँ तो हर काम के लिए अलग स्टाफ है। इन लोगों को मैनपावर मैनेजमेंट आता ही नहीं। इसीलिए तो ज्यादातर एयरलाइन घाटे में चल रही हैं।" तुरंत अर्दली को बुलाया।
-"एक हवाईजहाज उड़ाने के लिए कितना स्टाफ चाहिए?"
-"सर, ग्राउंड स्टाफ होता है और फ्लाइट स्टाफ होता है। ग्राउंड पे दो लोग चेक इन के लिए, दो लोग लगेज के लिए, दो लोग बोर्डिंग के लिए, दो लोग ग्राउंड नेविगेशन के लिए, दो एयर नेविगेशन, दो फ्लाइट क्लीनर, दो लोग रिफ्यूलिंग, चार लोग प्लेन मेंटेनेंस और दो लोग स्पेयर में चाहिए।
प्राइवेट और पब्लिक बैंक के काम अलग अलग हैं, वर्किंग कल्चर और कंडीशन अलग हैं, सरकार और जनता का नजरिया अलग है। इस हिसाब से दोनों को एक तराजू में तोलना सही नहीं।
प्राइवेट बैंक मुनाफे के लिए होते हैं। इसलिए इनके फाइनेंसियल आपको अच्छे मिलेंगे।
सरकारी बैंक पब्लिक सर्विस के लिए होते हैं। इसलिए सामाजिक योजनाओं में आपको सरकारी बैंकों का प्रतिनिधित्व ज्यादा मिलेगा।
लेकिन चूंकि पिछले कुछ सालों से एक विशेष वर्ग द्वारा सरकारी बैंकों के बारे में भ्रामक कैंपेन चलाया जा रहा है, इसलिए सरकारी बैंकों के मुनाफे पर जोर दे रहे हैं
ताकि लोगों को बता सकें कि सरकारी बैंक न केवल अपनी सामाजिक जिम्मेदारी पूरी करते हैं (जोकि उनका प्रमुख ऑब्जेक्टिव है) बल्कि सरकार को कमा कर भी दे रहे हैं।
हमारी लड़ाई प्राइवेट बैंकों से नहीं है। हमारी लड़ाई तो सरकारी बैंकों के निजीकरण से है।
चलो आपको एक सिनेरियो बताते हैं। सोचो कि आपका एक बैंक में अकाउंट है। आप उस खाते का इस्तेमाल केवल अपने गृहराज्य में ही कर सकते हैं। गृहराज्य से बाहर जाते ही आपसे इंटरस्टेट लाइसेंस माँगा जाएगा। साथ में टैक्स भी वसूला जाएगा।
लाइसेंस नहीं होने पर पेनल्टी लगाने से लेकर खाता भी जब्त किया जा सकता है। उस खाते के दस्तावेज आपसे कभी भी मांगे जा सकते हैं और दस्तावेज पूरे नहीं होने पर पेनल्टी भरनी पड़ेगी। और आप ये खाता ऐसे ही नहीं इस्तेमाल कर सकते।
खाते को चलाने के लिए आपको अलग से लाइसेंस लेना पड़ेगा और उसे हमेशा साथ रखना पड़ेगा। हर 15 साल में आपको खाता रिन्यू करवाना पड़ेगा और वो केवल आपकी होम ब्रांच में ही होगा। हर बार आपको खाते की रिन्युअल फीस भरनी पड़ेगी। आप ये खाता आसानी से ट्रांसफर नहीं करा सकते।
जुलाई का महीना। ब्रांच मैनेजर पर होम लोन का प्रेशर है। किस्मत से आज ही ब्रांच में होम लोन की फाइल आई है। अमाउंट छोटा ही है। कस्टमर स्थाई सरकारी कर्मचारी है। कागजात लगभग पूरे ही हैं।
फाइल देख के ब्रांच मैनेजर बोलता है कि कुछ दिन में लोन हो जाएगा। बड़े मन से ब्रांच मैनेजर फाइल को सोर्स करके प्रोसेसिंग सेंटर भेजता है। शाम को रिपोर्टिंग वाले व्हाट्सएप्प ग्रुप में भी ढोल पीट देता है "Home Loan sourced - 25 lakh"। अब शुरू होता है इंतज़ार।
एक हफ्ते बाद कस्टमर आता है, "सर, मेरे होम लोन का कुछ हुआ क्या?" ब्रांच मैनेजर प्रोसेसिंग सेंटर फ़ोन लगाता है। पता चलता है कि डेस्क अफसर 2 हफ्ते की छुट्टी पे है। तब से फाइल उसी की डेस्क पर पड़ी है। अगले हफ्ते आएगा तब प्रोसेसिंग में भेजी जायेगी।
होम पोस्टिंग तो मिली। घर से 40 किलोमीटर दूर ही सही। नई ब्रांच में शुरू शुरू में तो दिक्कत आती है। अभी रोज नौ बजते हैं। धीरे धीरे शायद सात बजे तक बंद कर पायेगा ब्रांच को। लेकिन मम्मी के घुटनों का दर्द बढ़ता हो जा रहा है।
एक बार दिखाना तो पड़ेगा ही। संडे को डॉक्टर नहीं देखता और छुट्टी वाले शनिवार को कम्बख्त किसी न किसी बहाने से ब्रांच बुला लेते हैं। एक दिन छुट्टी लेके दिखाना ही पड़ेगा। इतनी सारी CL पड़ी हैं। कल बोलेगा HR मैनेजर को। चाबी न होती तो बिना बोले ही चला जाता।
साली चाबी न हुई हथकड़ी हो गई। HR मैनेजर को कॉल किया। तीन चार बार बिजी आने के बाद फाइनली कॉल लगा।
-"सर, ABC ब्रांच से फलाना बोल रहा हूँ। मम्मी की तबियत खराब है। एक दिन की छुट्टी चाहिए।"