My first and foremost reason to #BoycottLalSinghChaddha is defaming the Indian Army and glamorizing terrorists. Indian Army never recruits such mentally disable people . It maintains highest priority for physical and mental standards for recruitment.
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1966 में अमेरिका और वियतनाम का युद्ध चल रहा था.... हजारों मील दूर एक अनजान देश में लड़ाई लड़ने के लिए आपको Trained Manpower चाहिए होती है.
अमेरिका के पास इसकी कमी थी, इसका हल उन्होंने यह निकाला कि अमेरिकी फ़ौज के Mental, Physical, educational standards को अलग कर के +
उन्होंने 1,00,000 सैनिक भर्ती करने का plan बनाया. इस plan को Project 1,00,000 या McNamara Morons or Misfit भी कहा जाता है.
इस प्रोग्राम में दिमागी रूप से कमजोर, शारीरिक रूप से misfit, कम पढ़े लिखे या अनपढ़ लड़कों को भर्ती कर वियतनाम भेज दिया गया था, उस युद्ध में हुई +
अमेरिका की हार और उनके बेहिसाब मारे गए सैनिकों की मृत्यु के पीछे एक बड़ा कारण यही McNamara Morons ही थे.
Forest Gump फ़िल्म में Tom Hanks ने एक कम बुद्धि वाले इंसान का रोल निभाया है.... उन्हें भी वियतनाम भेजा जाता है, उन्हें भी एक Mcnamara मोरों के रूप में भर्ती किया जाता है...+
अब ये उस देश की सच्चाई है,Tom Hanks ने जो किरदार निभाया, ऐसा वहाँ सच में हुआ था। इसीलिए यह एक सच्ची फ़िल्म लगती है.
लाल सिंह चड्ढा को सीन दर सीन Forest Gump की नकल करके बनाया गया है। हाँ कुछ गाने, गोलगप्पे की बकवास और कुछ समसामयिक चीजें डाली होंगी balance बनाने के लिए। +
इसमें आमिर खान ने भी एक कम बुद्धि,कम IQ,या शरीरिक कमी वाले इंसान (Moron)का रोल निभाया है।
यहाँ एक बात सबको जाननी चाहिए। भारतीय सेना एक Moral Army है। वो ना शरीरिक कमी वाले लोगों को लेती है,ना अपने मानसिक स्वास्थ्य और Educational parameters पर किसी भी तरह का समझौता करती है। +
Morons को भर्ती करने का तो सवाल ही नहीं उठता.
चलिए मान लेते हैं कि फ़िल्म में थोड़ी बहुत artistic liberty ली जा सकती है। लेकिन आप Fundamentals से छेड़ छाड़ नहीं कर सकते। यह संभव नहीं है और ना Army को यह करने देना चाहिए।
सौ बात कि एक बात, India never recruited morons.
और यहाँ +
आमिर खान का किरदार Para का badge लगा कर बेवकूफो की तरह आखें खोल कर अभिनय करने की Acting कर रहा है। यह बड़ा ही बेहूदा प्रयास है हमारी सेना को गलत तरीके से represent करने का। हमारे अफसर, हमारे जवानों का एक class होता है, एक गरिमा होती है। वो ऐसे बेवकूफो जैसा व्यवहार नहीं करते। +
आप अगर विदेशी script उठा भी रहे हो, तो उसे अपने देश के Context में सही से रखो, जहाँ जरूरी है वहाँ बदलाव करो। तभी कुछ बात बनेगी।
End
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In Odisha we've the tradition of celebrating three days of festivities dedicated to Soil. Probably no other region practices something like this.
The mass festival of Raja starts a day before Mithuna Shankranti, called Pahili (first) Raja.
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The preparation for the festival starts a day before and that's called Sajabaaja.Second day is the Shankranti day called Raja shankranti.The third day (day after shankranti) is called the Sesha raja.
For these three days mother earth is considered to be menstrating as ...
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this symbolizes the fertility. That's why for all three days of Raja soil is treated with utmost gentleness. All the agricultural works remain suspended. No one walks upon soil, that's why swings are prepared. Young girls are treated as symbolic representative of earth.
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