Second World war was fought with अहिंसा that is why Gandhi asked Indians to join war & fight for Britishers.
चरखा gives Independence that is why Nehru did not want to strengthen Indian Armed Forces & he was proved right. We won 1962 war against China on Gandhian Principles.
It cost the nation a lot to keep Gandhi Poor & austere. A glass of goat milk for Gandhi in England when he would visit, was costing nation more than a bottle of Rare scotch. So what ? Gandhi must look poor.
Country had to buy back paying lot of money,
Mahatma’s explicit letters written to his Boyfriend so that they don’t become public. How can a Mahatma be seen as hiding his biggest secret from public. He was so truthful.
BTW 56 Commonwealth countries got independence around the time India got independence & only India saw partition.
India’s Mahatma & Chacha were so much of Freedom Fighters & could influence Ruling Britishers.
How many of you Gandhi worshippers follow अहिंसा , drink goat milk, look गरीब , hide your sexuality, experimenting with Truth & think चरखा gave us freedom ?
One the biggest fraud committed on country. This is what image building can do.
Maa Siddhidatri,the ninth form of Goddess Durga,is worshiped on the ninth day or the Mahanavami. She can be seen surrounded & worshiped by men,demons,Gods & yakshas (celestial beings). She is the giver of all siddhis (perfection) and ready to bestow happiness on her followers.
It is believed that one side of Lord Shiva’s body is that of Goddess Siddhidatri. Therefore, he is also known by the name of Ardhanarishwar.
As per Brahmavaivart Purana, the Devi can bestow 18 different types of siddhis or perfections.
These siddhis are Mahima,Garima,Ladhima,Prapti,Prakaamya,Ishitva & Vashitva sarvakaamaal,Saadhita, Sarvagynatva,Amaratva,Sarvanyayakatva,Bhavana & Siddhi.
Worshiping Maa Siddhidatri wholeheartedly heart helps devotees attain perfection along with happiness and purity of heart.
शिवजी का एक परिचय
भगवानान शिव
सदैव लोकोपकारी और हितकारी हैं।
त्रिदेवों में इन्हें संहार का देवता भी माना गया है।
अन्य देवताओं की पूजा-अर्चना की तुलना में शिवोपासना को अत्यन्त सरल माना गया है।
अन्य देवताओं की भांति को सुगंधित पुष्पमालाओं और मीठे पकवानों की आवश्यकता नहीं पड़ती।
शिव तो स्वच्छ जल बिल्व पत्र और न खाए जाने वाले पौधों के फल यथा-धूतरा आदि से ही प्रसन्न हो जाते हैं।
शिव को मनोरम वेशभूषा और अलंकारों की आवश्यकता भी नहीं है।
वे तो औघड़ बाबा हैं।
जटाजूट धारी गले में लिपटे नाग और रूद्राक्ष की माला शरीर पर बाघम्बर चिता की भस्म लगाए एवं हाथ में त्रिशूल पकड़े हुए वे सारे विश्व को अपनी पद्चाप तथा डमरू की कर्णभेदी ध्वनि से नचाते रहते हैं इसीलिये उन्हें "नटराज" की संज्ञा भी दी गई है।उनकी वेशभूषा से जीवन और मृत्यु का बोध होता है।
Replugging Episode 7 of Devi Mahatmyam Series, the conclusion and ways to recite the Durga Saptashati.
Also below the short video on science behind Chanting Shlokas in Sanskrit
Ma Kaalratri is worshipped on the 7th day of Navratri. Kaal means both time as well as death & Ratri refers to night or darkness/ ignorance. Hence, Ma Kaalratri is the one who brings death to darkness or end of ignorance. She is commonly referred to as Kali.
She is the more terrorizing form of Ma Durga. Her complexion is dark as night and untied bountiful hair. She has 4 hands. A schimitar and thunderbolt are held in 2 hands while the other 2 hands are held in form of giving and protecting.
श्री अरुण गोविल जी का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक दंपत्ति हवाई अड्डे पर उनके चरण स्पर्श कर रहे हैं। उनमें जो भद्र महिला हैं, वे साष्टांग प्रणाम की मुद्रा में हैं। अरुण जी उनका भक्तिभाव और प्रेम पाकर आश्चर्यचकित दिख रहे हैं। हालांकि उन्हें तो अभ्यास होगा,
क्योंकि जनमानस में श्री राम की जो छवि है उसमें वे ही विराजमान हैं।
वीडियो देखकर अभिभूत हूँ, मन भर आया है। विशेषकर उन महिला के प्रति अनन्य सम्मान उत्पन्न हुआ। ऐसा निर्मल भाव, निश्शंक समर्पण, इतना शुद्ध अंतः करण कहाँ देखने को मिलता है।
ये भक्ति का सौंदर्य है, वे देवी स्वयं भी प्रणम्य हैं, क्योंकि वे सनातन का सच्चा प्रतिनिधित्व कर रही हैं। यही तो हमारा तरीका है, जहाँ ईश्वर कि अनुभूति हो जाए वह स्थान, वह व्यक्ति, वह वस्तु वंदनीय हो जाती है।
कौन नहीं जानता कि अरुण जी अभिनेता हैं, और वे भी असहज अनुभव करते हैं,
महाभारत में कंस वध के पश्चात जब जरासंध बार बार श्रीकृष्ण पर हमला कर रहा था तो... श्रीकृष्ण बार बार उसकी पूरी सेना का सफाया कर देते थे लेकिन जरासंध को जीवित छोड़ देते थे।
कारण पूछने पर श्रीकृष्ण ने बताया कि... मैं जरासंध को हर बार जीवित इसीलिए छोड़ देता हूँ
क्योंकि, जरासंध को मारने के बाद उसकी जैसी कुत्सित बुद्धि वाले सारे स्लीपर सेल अंडरग्राउंड हो जाएंगे और फिर उन्हें खोज पाना बेहद मुश्किल होगा...
और, उसके बाद तो हम जान ही नहीं पाएंगे कि... आखिर, ऐसे लोग कहाँ कहाँ मौजूद है।
इसीलिए, मैं बार-बार जरासंध को जीवित छोड़ कर अपना काम उसे सौंप देता हूँ ताकि वो बार बार अपने स्लीपर सेल को एक्टिव करे और मैं उनके स्लीपर सेल को चुन चुन के खत्म कर दूँ ...
इस तरह मैं ऐसे लोगों का एकमुश्त रूप से सफाया कर पाता हूँ।
1. PFI संगठन सन 2006 में बना जिसके सारे सदस्य उन मुस्लिम संगठनों से आए जो संगठन भारत सरकार ने बैन कर दिए थे जैसे सिमी। अब देखो इनकी फंडिंग कैसी होती हे जिसका पता सरकार को है परंतु सरकार कुछ नही कर सकती क्युकी सब नियमानुसार चल रहा हे।
2. PFI के भारत में कुल सदस्यों की संख्या तो मुझे नही पता (शायद 50 लाख के करीब हे) परंतु इनके 2 लाख सदस्यों के 2 लाख सेविंग अकाउंट भारत की बैंक में हे।
3. भारत सरकार के नियम के अनुसार आपके परिजन, रिश्तेदार, मित्र कोई भी यदि विदेश में है तो वो हर महीने अधिकतम दस हजार डॉलर (करीब 8 लाख रुपए) भारत भेज सकते है।
4. अपन ये माने की इन दो लाख खातों में हर महीने सिर्फ 500 डॉलर (40 हजार रुपए)इनके परिजन भेजते होंगे,