#टीपू एक्सप्रेस ट्रेन का नाम बदलकर #वोडेयार एक्सप्रेस कर दिया गया है , पर क्यों ?
इतिहास जो जानना जरूरी है 👉 #टीपूसुल्तान के पिता हैदरअली ने विश्वासघात करके #वोडेयार राजा से मैसूर की गद्दी हासिल की थी।
वोडेयार राजवंश के लोग खुद को भगवान कृष्ण के वंशज मानते थे और उनका दावा था कि वो द्वारिका से आए थे। जिसने विजय नगर साम्राज्य के अधीन लम्बे समय तक मैसूर पर शासन किया था।
विजयनगर साम्राज्य की समाप्ति के बाद वोडेयार हिन्दू राजाओं ने सीमा विस्तार किया। इस दक्षिण भारतीय हिन्दू राजवंश ने ही मैसूर दशहरा की नींव रखी थी। वोडेयार राजाओं के समय मे मैसूर में स्ट्रीट लाइट्स का जाल बिछा था और मैसूर एक आर्थिक महाशक्ति के रूप में ब्रिटिश इंडिया को टक्कर देता था
वोडेयार राजाओं के समय साल 1612 में मैसूर एक बड़े हिंदू साम्राज्य के रूप में उभरा।चिक्का कृष्णराज वोडेयार के समय मे तो इस हिन्दू साम्राज्य ने अपना स्वर्णिम युग देखा।राजा कृष्णराज से एक चूक हुई, महान सम्राट ने टीपू सुल्तान के अब्बू हैदर अली को अपनी सेना में सैनिक में भर्ती किया।
बाद में उसकी बहादुरी से खुश होकर उसे कमांडर इन चीफ भी बना दिया और राज्य की कई जिम्मेदारियां उसे सौंप दी।
इसी हैदर अली ने बाद में वोडेयार राजवंश से गद्दारी कर के मैसूर की सत्ता हथिया ली और सुल्तान बन बैठा। हमें इसी हैदर अली के बेटे टीपू सुल्तान के बारे में पढ़ाया जाता रहा है,
लेकिन इस हिन्दू शाही राजवंश के बारे में शायद ही कोई उत्तर भारतीय जानता हो।
वोडेयार हिन्दू राजवंश के बारे में सम्भवतः इसलिए नहीं पढ़ाया गया क्योंकि इस्लामिक शहंशाहों और मुगल सम्राटों के चेहरों से नकाब उतरने का डर था
और साथ ही विदेशी इस्लामी आक्रांताओं और मुगलों की फ़र्ज़ी महानता की कहानियां गढ़ने वाले हिन्दू घृणा में सने वामपंथी लेखकों के चेहरे से भी।
टीपू एक्सप्रेस का नाम बदलकर वोडेयार एक्सप्रेस करना हैदर अली की छाती पर पैर रखकर मैसूर की सत्ता वापस हासिल करने जैसा ही एहसास है।
भारत की छाती और वोडेयार राजा की पीठ में छूरा मारने वाले कलंक को धुलने की शुरुआत हो चुकी है, देर से ही सही।
• • •
Missing some Tweet in this thread? You can try to
force a refresh
Mamata, who has declared Congress as its Enemy No 1, not BJP, and you want Rahul to invite her? Kejriwal who has uprooted Congress from Delhi and Punjab, do you want Rahul to invite Kejriwal? AAP and TMC are bigger enemies of Congress than the BJP.
The vote banks of Congress and BJP are different. Congress has been thrown out of power in the states and center by these like-minded parties. This is the story of almost all the states…These like-minded or so-called secular parties have eaten up Congress’s vote share and grown.
To win elections Congress doesn’t need to defeat BJP. It has to thrash these local or regional parties and gain back its original vote share. If the secular or so-called secular votes are not divided Congress will be a straightway winner, no matter who heads BJP.
Prof K.T Shah from Bihar moved an Amendment to the original Preamble statement. He insisted that the words, “Secular, Federal, Socialist” be inserted into the statement. In a detailed reply, Dr. B.R Ambedkar justified why he didn't include the words “secular” and “socialist” in
The preamble...
Dr.B.R.Ambedkar-
Sir, I regret that I cannot accept the amendment of Prof. K. T. Shah. My objections, stated briefly are two. In the first place the Constitution, as I stated in my opening speech in support of the motion I made before the House,
is merely a mechanism for the purpose of regulating the work of the various organs of the State. It is not a mechanism where by particular members or particular parties are installed in office. What should be the policy of the State,
३० जानेवारी १९४८ ला गांधीहत्या झाली. जगभरातून शोक व्यक्त झाला. हत्या करणाऱ्यांना अटक झाली. खटला चालला. शिक्षा सुनावली गेली. आणि त्याची अंमलबजावणी म्हणून फाशीही झाली. ब्रिटीश लायब्ररीत जुने न्यूजपेपर आर्काईव्झ शोधणं सुरु केलं. नेमक्या अटी काय ठेवल्या होत्या हे मात्र कुठेच नव्हते..
हा शोध आता सोडून द्यावा असा विचार मनात येत असतानाच ‘ द यॉर्कशायर पोस्ट ’ चा १९ जानेवारी १९४८ चा अंक पहाण्यात आला आणि त्यात ह्या ७ अटी एकदाच्या मिळाल्या. काय होत्या बरं ह्या अटी? खाली त्या अटी देतोय.गांधींचे विचार चूक किंवा बरोबर हे ज्याचं त्याने ठरवावं.माझं मत मी सांगणार नाहीये.
अट १ - दिल्लीजवळच्या मेहरौली येथे मुसलमानांना त्यांचा उरूस साजरा करायची परवानगी असावी. (मेहरौलीत ख्वाजा कुतुबुद्दीनची मशीद होती. दंग्यांत त्याची मोडतोड झाली होती. हिंदू आणि शीखांनी त्याच्या आजूबाजूच्या मुसलमानांना हाकलून लावलेले होते.
A National Investigation Agency (NIA) report has found that 873 Popular Front of India (PFI) terrorists have infiltrated the Kerala Police. Local media reported that NIA handed over information about these terrorists and their activities to the state police chief DGP Anil Kant.
Kerala police consist of around 50,000 personnel with an annual budget of around INR 4,500 cr. Police officers on the list are under the surveillance of central agencies. Though Kerala police announced that they had not officially received any such circular from the NIA,
the CPM government has not denied the serious allegations.After the organization was banned, intelligence agencies received information that the weapons were smuggled from Kerala into Tamil Nadu for fear of NIA raids.
“कोठारी बंधू” (रामकुमार कोठारी व शरद कोठारी)
जब जब रामजन्म भूमि की चर्चा होगी तो कोठारी बंधुओं की चर्चा अवश्य होगी।कौन थे कोठारी बंधू? १९९० में विश्व हिन्दू परिषद द्वारा आहूत रामजन्म भूमि की कारसेवा में दोनों बंधू रामकुमार कोठारी बड़ा भाई व शरद कोठारी छोटा भाई कोलकता से पधारे थे
दोनों स्वयं सेवक थे प्रथम व द्वितिय ओ टी सी प्रशिक्षण प्राप्त | विहिप नेतृत्व द्वारा ३० अक्तूबर १९९० को कारसेवा का आह्वान किया गया था | तत्कालीन मुलायम सरकार ने लाठी चार्ज कर ३० तारीख वाली कारसेवा नहीं होने दी | पुन: २ नवम्बर को कारसेवा का विहिप द्वारा निर्णय लिया गया | ---
पर इस बार मुलायम कुछ और सोचे बैठा था | कारसेवकों के जन्मभूमि परिसर के करीब पहुचते ही गोली चला दी गई | गुम्बदों पर भी कार्यकर्त्ता थे जो मारे जाने लगे | छोटा भाई गुम्बद पर भगवा झंडा लिए खड़ा था | सिपाही ने बन्दुक की नोक उस और कर दी |
शिवसेना राज्यात वाढली ती लोकसभा १९८९ आणि विधानसभा १९९० नंतर.कारण ? भाजपशी युती झाली आणि हिंदुत्वाची शाल पांघरली. पण मुळात शिवसेनेने हिंदुत्व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघामुळे स्वीकारले.. त्याचा हा घटनाक्रम.
बाळासाहेब आणि बाळासाहेब
‘गर्व से कहो हम हिंदू है’
स्वामी विवेकानंदजींच्या
‘आमी निजेर हिंदू बोलिते गॉर्बो बोध कोरी’ या वक्तव्याचा हिंदी अनुवाद आहे."विश्व हिंदू परिषदे"ने सर्वप्रथम अंगिकारला.
त्याच स्वामी विवेकानंद यांच्या अर्धकृती पुतळ्याचा अनावरण समारंभ तेंव्हाचे बोरिवलीचे कार्यसम्राट आमदार रामभाऊ नाईक यांनी बोरिवली पश्चिमेत आयोजित केला होता.मुंबई भाजपचे ते अध्यक्षही होते. अनावरण तत्कालीन सरसंघचालक बाळासाहेब देवरस यांच्या हस्ते झाले.