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Oct 20 18 tweets 6 min read
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कहानी नम्बर 1

फेसबुक पर बात शुरू हुई, दोस्ती हुई वो बीए फर्स्ट ईयर में थी। बड़े दूध, गोल चूतड़। मन बना लिया था इसको जी भर के पेलना है। वो भी शायद यही चाहती थी। सिलसिला शुरू हुआ मूवी, लंच, डिनर, कॉफ़ी का। उसका नाम था शिखा वो कमरे पर आकर चाय बनाकर पिलाने लगी, शाम तक बैठने लगी।
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जब वो पास बैठकर गप्पे लड़ाती थी तो उसके जिस्म की गर्माहट मुझे महसूस होती थी। हंसी मजाक में वो मेरी कभी मेरी छाती तो कभी जांघों पर मारती मैं भी उसकी पीठ पर तो कभी जांघों पर मारकर बदला लेता। दोस्ती गहरी होती चली गई।
देर रात तक फोन पर बातें होने लगीं। लगभग रोज वो मिलने आने लगी।
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एक दिन चाय बना रही थी तो दूध खत्म हो गया मुझसे बोली दूध नहीं है। मैंने कहा दूध तो होगा तुम्हारे पास वो मुस्कुराने लगी। फिर मैं दूध लाने चला गया और वो चाय पीकर अपने घर चली गयी। शाम को मेरे पास फ़ोन किया तो बोली आज तुम बड़े मूड में थे। मैंने कहा ऐसा क्यों लगा तुम्हें !
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तो बोली दूध के बारे में कुछ बोल रहे थे। मैंने कहा तो क्या गलत बोला मैंने? बोली हां मेरे पास दूध नहीं है अभी। चाय में नहीं डाल सकती।

मैंने कहा कोशिश करो हो सकता है दूध हो। वो चुप हो गयी। मैंने कहा कहो तो मैं कोशिश करूँ?

बोली तुम बड़े कमीने हो मुझे तुमसे बात नहीं करनी।
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फिर फ़ोन काट दिया। अगले दिन सुबह खुद फ़ोन करके पूछा कमरे पर आ जाऊं?
मैंने कहा अगर मन हो तो आ जाओ। मगर चाय पिलानी पड़ेगी और घर में दूध नहीं है। उसने कहा आज देखती हूँ तुझे।
वो आ गयी और आते ही बोली बहुत मस्ती चढ़ रही है तुम्हें! आज चाय तुम बनाओगे।
मैंने कहा दूध नहीं है।
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तुम्हारी बकवास तो खत्म होने का नाम नहीं ले रही है अमित। लो निकालो दूध जहां से निकालना हो वो चिढ़ते हुए बोली।

मैं इसी मौके की तलाश में था, मैंने कहा कुर्ती ऊपर करके दूध बाहर तो निकालो। उसने कॉलेज की ड्रेस पहनी थी। वो शर्माने लगी मैंने कहा क्या हुआ डर गई क्या ?
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वो बोली मैं डरने वालों में से नहीं हूं मगर यहां खिड़की खुली है कमरे में चलो।
मैंने कहा इसका मतलब आज चाय नहीं प्योर दूध पीने को मिलेगा।
कमरे में जाकर मैं कुर्सी पर बैठ गया वो मेरे सामने खड़ी हो गयी मैंने कहा कुर्ती ऊपर करो। वो करने लगी उसके दूध बड़े बड़े और आगे निकले हुए थे
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इसीलिए कुर्ती ऊपर नहीं जा रहा है बूब्स में फंस रही थी तो मैंने कहा मैं हेल्प कर दूं? उसने कहा जैसा तुम चाहो। मैंने कुर्ती उसकी ब्रा तक ऊपर कर दी फिर उसके बाद उसकी ब्रा में हाथ डाल के दूध बाहर निकाल लिए। दूध तो जैसे मक्खन थे, छूने में भी और देखने में भी। मैंने उसके चेहरे की
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तरफ देखा तो वो आंखें बंद कर चुकी थी, सांसें गहरी हो चुकी थी। मैं समझ गया अब शिखा पूरी तरह कम्फ़र्टेबल हो चुकी है। मैंने मुंह खोला और एक निप्पल मुंह में रख ली, शिखा ऐसे मचलने लगी जैसे मैं उसे गुदगुदी लगा रहा हूँ। मैंने उसे बाहों में भरकर थोड़ा सहारा दिया और लग गया दूध पीने
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में। दूध मुंह में भरने लगा और निप्पल को जीभ और तालू के बीच दबा दबा के चूसने लगा। शिखा की सिसकियां बढ़ रहीं थीं वो मुझसे लिपटने लगी।
मैं बारी बारी से दोनों दूध दबा दबा के चूसने लगा उसके दूध गरम हो गए थे और बदन भी गर्म होने लगा था। वो बिल्कुल चुप थी पूरा मज़ा ले रही थी कमीनी
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अब मेरे हाथ उसकी चिकनी पीठ से सरककर उसकी गांड की तरफ जाने लगे। मैंने बिना देर किए अपने दोनों हाथ उसकी सलवार को बिना खोले उसकी पैंटी में घुसा दिए और उसकी चिकनी मलाईदार गांड को मसलने लगा। बहुत मज़ा आ रहा था दोनों को मगर शिखा को देर हो रही थी और हम दोनों रुकना नहीं चाहते थे।
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आज पहले ही दिन मैं सीधे चुदाई पर नहीं आना चाहता था। मगर वो पूरी गरम हो चुकी थी उसको आधे मज़े के बीच नहीं छोड़ना चाहता था तो मैंने उसे गोद में उठाया और बिस्तर पर पटक दिया। जल्दी से उसकी सलवार पैंटी निकालकर फेंक दी और उसकी चूत फैला दी। उसकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी।
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कुछ गाढ़ा और चिपचिपा उसकी चूत के होंठों पर लगा था। मुझे उसे संतुष्ट करने का आईडिया आया। मैंने एक चॉकलेट ली और उसकी गरम चूत के बीच रख दी वो पिघल गयी। फिर मैंने उसे उसके जीवन का बेहतरीन अनुभव दिया। अपने होंठ उसकी चूत के होंठों से लगा दिए और जीभ से उसकी चूत को रगड़ने लगा।
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पूरा कमरा उसकी सिसकियों से भर गया। वो गांड उठा उठा के मज़े लेने लगी। वो अचानक बोली अमित हटो कुछ अजीब सा फील हो रहा है। मैंने उसकी जांघों को और कस के पकड़ लिया और चाटने की स्पीड बढ़ा दी। वो पूरी मचलने लगी और पैर पटकने लगी। मगर मुझे पता था उसका पानी निकलने वाला है इसलिए वो
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ऐसा कर रही है। आखिर उसका पानी निकल गया और उसकी जांघें और चूत झटके देने लगी और उसका बदन थकने लगा मैंने आखिरी तक उसकी चूत नहीं छोड़ी। फिर मैं उसके पास जाकर उसे चिपका लिया। थोड़ी देर बाद जब उसकी थकान कम हुई तो वो उठी और कपड़े पहनने लगी। लगातार कह रही थी उसने ऐसा अनुभव कभी नहीं
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किया था। उसने मुझे कसके गले से लगा लिया और वापस चली गयी।

आपको ये कहानी कैसी लगी बताना ज़रूर।

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