हिंदू धर्म के संबंध में एक रुचिकर पोस्ट.
क्या आपने पश्चिमी प्रतिभाओं की इन पंक्तियों को पढ़ा है ?
1. #माइकल_नास्त्रेदमस (1503-1566)
हिंदू धर्म यूरोप का शासक धर्म बन जाएगा। यूरोप का प्रसिद्ध महानगर हिंदू राजधानी है
2. #जोहान_कीथ (1749-1832)
यदि आज नहीं, तो एक दिन हमें हिंदू 👇
धर्म स्वीकार करना होगा, क्योंकि यही सच्चा धर्म है"।
3. #लियो_टॉल्स्टॉय (1828-1910)
हिंदू धर्म और हिंदू एक दिन इस दुनिया पर शासन करेंगे क्योंकि यह ज्ञान और विज्ञान का मिश्रण है।
4. #ह्यूस्टन_स्मिथ (1919)
हिंदुत्व को अपने आप में जितना भरोसा है उससे ज्यादा भरोसा नहीं हो सकता है।
"अगर हम अपने विचारों और दिलों को हिंदुत्व की ओर मोड़ सकते हैं, तो इससे हमें फायदा होगा"।
5. #कोस्टा_लोबान (1841-1931)
_हिंदू केवल शांति और सुलह के बारे में बात करते हैं। मैं ईसाइयों को प्रशंसा करने, बदलने और इसमें विश्वास करने के लिए आमंत्रित करता हूं"।
(1846-1946)
_"हिंदू धर्म को अच्छी तरह से समझने तक कितनी पीढ़ियों को अत्याचार और हत्याओं का सामना करना पड़ेगा ?
_लेकिन दुनिया एक दिन हिंदुत्व से प्रेरित होगी, केवल उस दिन दुनिया मनुष्यों के बसने और रहने के लिए एक जगह बन जाएगी।"
7. #बर्नार्ड_शॉ (1856-1950)
_एक दिन यह दुनिया हिंदू
धर्म को स्वीकार करेगी
पश्चिमी राष्ट्र निश्चित रूप से एक दिन हिंदू धर्म में परिवर्तित होंगे। विद्वानों का धर्म हिंदू धर्म के बराबर है
8. #अल्बर्ट_आइंस्टीन (1879-1955)
वह (?) वह करता है जो यहूदी नहीं कर सकते। उन्होंने इसे ज्ञान और ऊर्जा के साथ किया
लेकिन केवल हिंदू धर्म में शांति
की ओर ले जाने की शक्ति है"।
9. #बर्ट्रेंड_रसेल (1872-1970)
_"मैंने हिंदू धर्म के बारे में पढ़ा। मुझे लगता है कि यही पूरी दुनिया में मानव जाति का धर्म है। हिंदू धर्म पूरे यूरोप में फैल गया। हिंदू धर्म का अध्ययन करने वाले कई विद्वान यूरोप में दिखाई देंगे। एक दिन ऐसी स्थिति 👇
शिव के 5 मुख्य स्वरूप
सूर्य गणेश शक्ति विष्णु रुद्र
निराकार ब्रह्म शिव शिवा
जो दिव्य प्रकाश पुंज स्वरूप है।
सृष्टि रचना हेतु शिवजी ने प्रथम इस पाँच स्वरूप में सगुन साकार स्वरूप धारण किया।
1: भूमि तत्व : सद्योजात "ब्रह्मा" महागणपति
2: जल तत्व : अघोरेश्वर "महामाया"
3: वायु 👇
तत्व : वामदेव "नारायण"
4: अग्नि तत्व : तत्पुरुष "सूर्य"
5: आकाश तत्व : इशानरूप "शंकर महादेव"
विश्व के किसी भी शिव मन्दिर मे
शिवलिंग का पूर्व दिशा का मुख "सूर्य" पश्चिम दिशा का मुख "गणपति" उत्तर दिशा का मुख "नारायण" दक्षिण दिशा मुख "भगवती" और ऊर्ध्व मुख "महादेव" है।
शिवलिंग के
वर्तुल में 16 मातृका और "भैरव" दूसरे वर्तुल में 24 "शक्ति और वीर" तीसरे वर्तुल में 64 "योगिनी और क्षेत्रपाल" है।
दस दिशाओं के देव और मंदिर की निम्ब में नवग्रह स्थापन होता है।
मंदिर परिक्रमा में सभी भैरव वीर गण देवता का स्थापन किया जाता है।
इस तरह शिव मंदिर मे दर्शन पूजा से एक 👇
ऊँ नमः शिवाय
शिव पंचाक्षरी मंत्र साधना
"नमः शिवाय"
मंत्र बहुत ही सीधा सरल एवं सर्वगम्य यह मंत्र तेजस्वी एवं अत्यधिक प्रभावयुक्त क्रम में है।
यह पंचाक्षर मंत्र
अल्पाक्षर होते हुए भी अपने गहनतम अर्थों को समाहित किए हुए हैं।
भगवान शंकर को
प्रसन्न करने का यह पंचाक्षर मंत्र उत्तम👇
साधन बताया गया है।
इस प्रकार "नम शिवाय" इस पंचाक्षर मंत्र की साधना प्रत्येक मनुष्य को यथानुकूल करनी ही चाहिए।
इस साधना के लिए
"सवा लाख मंत्र" जाप करना चाहिए।
जब भी साधना करनी हो
तो साधक प्रातःकाल उठकर स्नानादि नित्य कर्मों से निवृत होकर सात्विक एवं श्रद्धामय होकर साधना कक्ष
में प्रवेश करें।
तथा सफेद या पीले रंग की धोती पहनकर पीले आसन पर पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके बैठ जाएं।
अपने सामने तांबे या स्टील की थाली में "पारदेश्वर शिवलिंग" स्थापित करें।
गंगाजल या शुद्ध जल के छींटे देकर किसी साफ वस्त्र से पोंछ दें तथा बाद में चंदन का तिलक लगाकर 👇
*दीपावल्याः सहस्रदीपाः भवतः जीवनं*
*सुखेन, सन्तोषेण, शान्त्या आरोग्येण च प्रकाशयन्तु।*
*अर्थात दीपावली के हजारों दीप आपके जीवन को खुशी, आनंद, शांति और स्वास्थ्य के साथ रोशन करें..*
*परंतु ये दीपावली की खुशी और आनंद पिछले 225 वर्षों से कर्नाटक के छोटे👇
से कस्बे मेलकोटे के लोगो के नसीब में नही है, क्योकि उस दिन भारत के लिब्रान्डुओं के नये हीरो "टीपू सुल्तान" की नीयत कस्बे के नारायण स्वामी मंदिर पर लगे 16 स्वर्ण कलशों पर डोल गयी थी। जिसका विरोध कस्बे के अयंगर ब्राह्मणों ने किया।*
*बस फिर क्या था...फिर तो निकल आयी टीपू की वो
तलवार म्यान से बाहर जिस पर काफिरों के कत्ल की धर्माज्ञा लिखी हुई थी। और फिर छोटी दीपावली से लेकर गोवर्धन तक के तीन दिनों में 800 अयंगर ब्रहामणों की लाशें गाँव के पेड़ों पर टँगी थीं..
*बेंगलुरु से मात्र 100 किमी दूर जाईये जहाँ ये मेलकोटे गाँव है। वहाँ के लोकगीतों और लोक कथाओं
शायद 2005 में पहली बार अयोध्या जी गए थे। लोहे की जालियों के बीच में बन्दी की तरह घण्टे भर चलने के बाद देखा था फटी हुई तिरपाल में विराजमाम रामलला को। मेरे साथ तब सात आठ लोग थे। यह कहने की बात नहीं, पर उस दुर्दशा को देख कर सब रोये थे। गमछे से आँख पोंछते हुए लौटे और मन ही मन कहा, 👇
"अब नहीं आऊंगा प्रभु! यह स्थिति देख कर मन टूट जाता है।
तब लगा था कि हम संसार के सबसे अभागे लोग हैं, जो अपने आराध्य के धाम को इस दुर्दशा में देखने को विवश हैं। मुझ जैसे धर्मभीरु व्यक्ति का ऐसा सोचना सामान्य ही था। उस दिन के बाद एक बार फिर अयोध्या जी गए, पर जन्मभूमि की ओर नहीं गए।
मन नहीं हुआ...
अब पिछले दो तीन वर्षों से हर दीवाली में बदली हुई अयोध्याजी की मनोरम छटा दिख रही है। अयोध्याजी को सजा देने के लिए अपनी समस्त ऊर्जा झोंक देने वाले मुख्यमंत्री, सभ्यता के महानतम उत्सव में सज-संवर कर पूरे मन से भाग लेते प्रधानमंत्री, और प्रकाश में नहा कर स्वर्ग की आभा
मोदी का सत्ता मे आने का विरोध..मोदी के विदेश जाने पर विरोध..मोदी के चुनाव प्रचार पर विरोध.मोदी के मन की बात करने पर विरोध..मोदी की विकासशील नीतियों का विरोध..मोदी विचारशील विदेश नीति का विरोध..मोदी के सेना का मनोबल बढाने का विरोध.सर्जिकल स्ट्राईक👇
नोटबंदी,जी एस टी का विरोध....विरोध और केवल विरोध.और जब विरोध से भी बात नही बनी गाली गलौज पर उतर आये...यह और कुछ नही...बस बेबस हो चुके विरोधियों की पराजित हो चुकी कुंठा की पराकाष्ठा !!!!
मोदी की किसी भी नीति मे विरोध का कोई स्थान नही होता है...क्योंकि वो जनमानस के लिये होता है.👇
लेकिन विरोधियों को तो केवल विरोध के लिये विरोध करना है.बस इसीलिये वो हताश होकर विरोध करते करते..अब फिरंगन की तरह गाली गलौज पर उतर चुके हैं.लेकिन आपिये भूल गये फिरंगन के दुख को..जो आज भी मोदी को मौत का सौदागर कहने का परिणाम दिल्ली की सत्ता से दूर होकर तड़प तड़प कर भुगत रही है...👇
एक जगह किसी बात पर मैंने कहा कि भारतीय यानि हिन्दू।
सुनकर एक सेक्यूलर सहकर्मी ने मुझे सलाह दी "जब भारतीय और हिन्दू पर्यायवाची हैं तो फिर तुम भारतीय शब्द ही लिखा करो न, हमें शेयर में आसानी होगी और कोई विवाद भी न होगा!"
मेरा उत्तर -जब तक तुम लोग👇
हिन्दू के अस्तित्व को स्वीकार नहीं कर लेते, हम भी इस शब्द पर अड़े रहेंगे। हमें पता है लेकिन तुम लोग जब तक इस शब्द से बचोगे,इस शब्द को अछूत मानोगे, हमारी भी जिद्द है कि जहां जहां भारतीय शब्द है, हम उसे हिन्दू से ही रिप्लेस करेंगे।"
हम जानते हैं कि पटाखो से प्रदूषण होता है, लेकिन👇
इस देश में वृक्ष वनस्पति आदि को पनपाकर उसका निराकरण करने वाले भी हम ही हैं,तब ये मिंया लार्ड कौन होता है इसकी नसीहत देने वाला?
हम कदाचित पटाखे त्याग भी देते लेकिन अब जब तुम"कह रहे हो तो नहीं त्यागेंगे
क्योंकि तुम्हारी प्रवृत्ति हमने देखी है, तुम हर बार इस देश की संस्कृति, परम्परा