एक के बाद एक सनातनी तीर्थ स्थलों का वैभव बढ़ता जा रहा है,बाबा केदारनाथ के पूरे गर्भ गृह में सोने की परत चढ़ाई गई।धीरे धीरे ही सही सनातन मानबिन्दुओं का गौरव फिर से लौट रहा है।अयोध्या, काशी,महाँकाल के बाद अब #जय_केदारनाथ।हमारे सनातनी तीर्थ मान बिंदुओं ने इतिहास के सारे आक्रमणों👇
के वार सीने पर झेले हैं,हर आक्रमणकारी मुगल आक्रांताओ ने पहला हमला हमारे सनातनी मान बिंदुओं पर ही किया सारे आक्रमण पहले हमारे तीर्थ स्थलों ने झेले, आज जब देखते हैं कि हमारे सारे मान बिंदु सनातनी तीर्थ एक के बाद एक अपने गौरव के साथ पुनः भव्य रुप ले रहे हैं, तो यह सब देख कर मन भाव👇
विभोर भाऊक हो जाता है। सारे संघर्षों आक्रमणों थपेड़ो को झेलने के बाद सदियों से सनातनी चट्टान बनकर खड़े हमारे सनातनी तीर्थ आज फिर अपना भव्य रूप ले रहे हैं।
धीरे धीरे ही सही सनातन भारत फिर से सनातनी भव्य रूप में करवट ले रहा है।
सारे संघर्षों के बावजूद जो फिर से उठ खड़ा होजाए👇
भगवान शिव की विशाल प्रतिमा का आकर इतना विशाल है कि यहां पूरा गांव बस जाए, स्टैचू ऑफ़ बिलीफ यानी विश्वास की प्रतिमा का लोकार्पण 29 अक्टूबर को होने जा रहा है. इस प्रतिमा को हिंदी में 'विश्वास स्वरूपम प्रतिमा' का नाम दिया गया है👇
जिसे बनाने में 10 साल का वक़्त लगा है.ये भगवान शिव की दुनिया की सबसे बड़ी और ऊंची प्रतिमा है, इसका आकर 369 फ़ीट ऊंचा है. इससे पहले दुनिया की सबसे बड़ी शिव प्रतिमा नेपाल के कैलाशनाथ मंदिर में थी जो 143 फ़ीट ऊंची है. वहीं मुरुदेश्वर मंदिर कर्नाटक में 123 फ़ीट तो तमिलनाडु में ईशा 👇
फाउंडेशन में मौजूद आदियोगी की प्रतिमा 112 फ़ीट ऊंची है. बाहर से स्टैचू ऑफ़ बिलीफ भगवान शिव जी की विशाल प्रतिमा दिखती है लेकिन इसके अंदर बड़े-बड़े हॉल हैं जहां एक वक़्त पर 10000 लोग अंदर जा सकते हैं. यहां 20 फ़ीट चौड़ी गैलरी है और 110 फ़ीट ऊंचा शिव जी का आसान है. 270 फ़ीट ऊँचा शिव
हिन्दू कौन है ..
"हिन्दू" शब्द की खोज -
"हीनं दुष्यति इति हिन्दूः से हुई है।”अर्थात: जो अज्ञानता और हीनता का त्याग करे उसे हिन्दू कहते हैं ।*
हिन्दू ' शब्द, करोड़ों वर्ष प्राचीन,संस्कृत शब्द से है !*
यदि संस्कृत के इस शब्द का सन्धि विछेदन करें तो पायेंगे .
हीन + दू = हीन भावना👇
+ से दूर*
अर्थात : जो हीन भावना या दुर्भावना से दूर रहे मुक्त रहे वो हिन्दू है !हमें बार - बार, सदा झूठ ही बतलाया जाता है कि हिन्दू शब्द मुगलों ने हमें दिया जो " सिंधु " से " *हिन्दू* " हुआ l हिन्दू को गुमराह किया जा रहा है
हिन्दू शब्द की वेद से ही उत्पत्ति है !कहाँ से आया👇
हिन्दू शब्द और कैसे हुई इसकी उत्पत्ति ?
कुछ लोग यह कहते हैं कि *हिन्दू शब्द सिंधु से बना है औऱ यह फारसी शब्द है परंतु ऐसा कुछ नहीं है !ये केवल झुठ फ़ैलाया जाता है। हमारे वेदों और पुराणों में हिन्दू शब्द का उल्लेख मिलता है आज हम आपको बता रहे हैं कि हमें हिन्दू शब्द कहाँ से मिला है
सांस्कृतिक गौरव की पुनर्स्थापना वो भी कितने बैलेंसिंग तरीके से
गरीबों को अन्न,पानी,बिजली,मकान बैंक अकाउंट
तो भव्य राममंदिर,अद्भूत काशी कॉरिडोर,उज्जैन,बद्रीधाम,केदारनाथ सहित तमाम धामों के पुननिर्माण के साथ सनातनी गौरव की पुनर्स्थापना
लगातार बन रही सड़कें,मेडिकल कॉलेज,एम्स,सस्ती👇
होती दवाएं, आयुष्मान भारत,
तो सरदार पटेल, सावरकर, नेताजी सुभाषचंद्र बोस सहित आजादी के असल महानायकों को मिल रहा उचित सम्मान
कोरोना जैसी महामारी में निःशुल्क दवा, इलाज, वैक्सीन
तो सेना का हो रहा अत्याधुनिकरण, मिसाइलों , हथियारों में बढ़ती आत्मनिर्भरता
टीबी , पोलियो, मष्तिष्क ज्वर👇
जैसी बीमारियों के खिलाफ निर्णायक जंग
तो बम ब्लास्ट, विस्फोट, आतंकी हमलों से मुक्ति
कभी दोयम दर्जे का हिन्दू आज गर्वित है
कभी हाशिये पर खड़े तीर्थस्थल आज भव्यता से जगमगा रहे हैं
कल को हिन्दू शब्द से चिढ़ने वाले अब मंदिरों के चक्कर काट रहे हैं
आत्मनिर्भर भारत के साथ, गरीबों के
यह केमिकल बिल्कुल पानी जैसा है। इसकी खासियत यह है कि इसको किसी एक बाल्टी में ले लीजिए और इसके अंदर कोई भी तिलहन वाली चीज डाल दीजिए, तिलहन यानी जिन चीजों में तेल होता है जैसे मूंगफली, तिल, नारियल, अलसी, बादाम, सरसो आदि आदि ।थोड़ी ही देर👇
में यह केमिकल उसमें जितना भी तेल है उसे निकालकर बाहर कर देगा मान लीजिए आपने मूंगफली के दाने डालें हैं तो मूंगफली के अंदर जितना भी तेल है यह केमिकल उसको निकाल कर बाहर कर देगा और आपकी मूंगफली वैसे की वैसी ही रहेगी
तेल बनाने वाली कम्पनियां और बहुत से व्यापारी इसी केमिकल का इस्तेमाल
करते हैं जो एक प्रकार का जहर है और अनेकों रोगों के साथ साथ कैंसर जैसे घातक रोगों का कारण बन रहा है । मूंगफली के अंदर से तेल निकालकर जिसमें कुछ मात्रा में ये केमिकल भी आ जाता है उस तेल को डिब्बे में पैक करके बेंच दिया जाता है जो अभी आप रिफाईन तेल के रूप में अलग अलग ब्रांड के नाम
क्या आप जानते हैं कि छठ माता कौन हैं और इनकी सूर्य के साथ पूजा क्यों की जाती है. सूर्य से इनका क्या संबंध है. छठ पूजा क्यों मनाई जाती है..
छठ पर्व षष्ठी का अपभ्रंश है. कार्तिक मास की अमावस्या को दिवाली मनाने के 6 दिन बाद कार्तिक👇
शुक्ल को मनाए जाने के कारण इसे छठ कहा जाता है.
यह चार दिनों का त्योहार है और इसमें साफ-सफाई का खास ध्यान रखा जाता है. इस त्योहार में गलती की कोई जगह नहीं होती. इस व्रत को करने के नियम इतने कठिन हैं, इस वजह से इसे महापर्व अौर महाव्रत के नाम से संबाेधित किया जाता है.👇
कौन_हैं_छठी_मइया ??
मान्यता है कि छठ देवी सूर्य देव की बहन हैं और उन्हीं को प्रसन्न करने के लिए जीवन के महत्वपूर्ण अवयवों में सूर्य व जल की महत्ता को मानते हुए, इन्हें साक्षी मान कर भगवान सूर्य की आराधना तथा उनका धन्यवाद करते हुए मां गंगा-यमुना या किसी भी पवित्र नदी या पोखर 👇
हनुमानजी ने
लंकिनी को मुक्का क्यों मारा
तात स्वर्ग अपवर्ग सुख धरिय तुला एक अंग।
तूल न ताहि सकल मिलि जो सुख लव सत्संग ||
हनुमानजी ने
लंकिनी को मुक्का क्यों मारा?
वही लंकिनी का जो भ्रम था
उसे नष्ट किया।
हनुमानजी को लंकिनी चोर क्यों कह रही थी।
वह मानती थी कि
लंका का स्वामी रावण है👇
और इस नगर में रात्रि के समय जो छोटा सा बनकर घुसना चाहता है तो वह चोर है।
हनुमानजी ने
मुक्का मारकर गिरा दिया
इसका अर्थ
हनुमानजी ने कहा
पहले चोर और साहूकार की परिभाषा तो समझ ले।
अगर तेरा ब्रत यही था कि
जो चोर है
उसी को खाऊँगी
तो सबसे पहले रावण को खाती
जो सीताजी को चुरा कर लाया है।
मैं तो चोरी का पता लगाने आया हूँ
चोर तो रावण है
और जो चोर है
उसको तू स्वामी समझ बैठी है।
और मुझे समझ बैठी कि मैं चोर हूँ।
तेरा तो मस्तिष्क ही उल्टा है
इसलिए तुझे मुक्के की आवश्यकता है
ताकि तेरा दिमाग ठिकाने आ जाय
तब लंकिनी ने तुरंत हनुमानजी से कह दिया।
प्रबिसि नगर कीजै सब काजा ||