* हिंदी भाषा, बंगला भाषा, गुजराती भाषा, मराठी भाषा, तमिल भाषा, तेलुगू भाषा, कन्नड़ भाषा आदि भारत के विभिन्न राज्यों के निवासियों की #मातृभाषा है, लेकिन उर्दू भाषा, भारत के किसी भी राज्य के लोगों की मातृभाषा नहीं है; क्योंकि उर्दू भाषा, एक विदेशी भाषा है !👇
* भाषा विवादों को येन केन प्रकारेण सुलझाने के उद्देश्य से संविधान निर्माताओं ने #मुस्लिम_तुष्टिकरण के लिए संविधान की आठवीं अनुसूची की 14 भाषाओं में #विदेशी_भाषा_उर्दू को भी शामिल कर लिया !
* अरबी, फारसी की तरह,👇
उर्दू भाषा भी एक #विदेशी_भाषा है ! पंजाब विश्वविद्यालय तथा अनेक भाषा विद्वानों के अनुसार भी उर्दू भाषा, एक विदेशी भाषा है !
एक व्यक्ति बहुत परेशान था।
- उसके दोस्त ने उसे सलाह दी कि
कृष्ण भगवान की पूजा शुरू कर दो।
उसने एक कृष्ण भगवान की मूर्ति घर
लाकर उसकी पूजा करना शुरू कर दी।
कई साल बीत गए लेकिन
कोई लाभ नहीं हुआ।
एक दूसरे मित्र ने कहा कि
तू काली माँ की पूजा कर,
जरूर तुम्हारे दुख दूर होंगे।👇
अगले ही दिन वो एक काली माँ
की मूर्ति घर ले आया।
कृष्ण भगवान की मूर्ति मंदिर के ऊपर
बने एक टांड पर रख दी और
काली माँ की मूर्ति मंदिर में रखकर
पूजा शुरू कर दी।
कई दिन बाद उसके दिमाग में ख्याल आया
कि जो अगरबत्ती, धूपबत्ती
काली जी को जलाता हूँ, उसे तो
श्रीकृष्ण जी भी सूँघते होंगे।
ऐसा करता हूँ कि श्रीकृष्ण का मुँह बाँध देता हूँ।
जैसे ही वो ऊपर चढ़कर श्रीकृष्ण का
मुँह बाँधने लगा कृष्ण भगवान ने उसका
हाथ पकड़ लिया।
वो हैरानरह गया और भगवान से पूछा -
इतने वर्षों से पूजाकर रहा था तब
नहीं आए! आज कैसे प्रकट हो गए?
शिवजी का डमरू
अन्तिम भाग
शिव डमरू बजने का लाभ
पुराणानुसार भगवान
शिव नटराज के डमरू से कुछ अचूक और चमत्कारी मंत्र निकले थे।
कहते हैं कि यह मंत्र कई बीमारियों का इलाज कर सकते हैं।
कोई भी कठिन कार्य हो शीघ्र सिद्धि प्राप्त होती है।
उक्त मंत्र या सूत्रों के सिद्ध होने के बाद जपने👇
से सर्प, बिच्छू के काटे का जहर उतर जाता है।
ऊपरी बाधा हट जाती है
माना जाता है कि इससे ज्वर सन्निपात आदि को भी उतारा जा सकता है
डमरू की ध्वनि जैसी ही ध्वनि हमारे अन्दर भी बजती रहती है जिसे अ,उऔर म या ओम् कहते हैं
हृदय की धड़कन व ब्रह्माण्ड की आवाज में भी डमरू के स्वर मिश्रित हैं!
डमरू की आवाज लय में सुनते रहने से मस्तिष्क को शांति मिलती है और हर तरह का तनाव हट जाता है।
इसकी आवाज से आस-पास की नकारात्मक ऊर्जा व शक्तियों का पलायन हो जाता है।
डमरू भगवान शिव का वाद्ययंत्र ही नहीं यह बहुत कुछ है इसे बजाकर भूकम्प लाया जा सकता है व बादलों में भरा पानी भी बरसाया
जब मालूम है कि लवजिहाद का अंतिम पड़ाव यही है,उसके बाद भी यदि कोई जानकर मुसीबत गले लगाए तो उसका हश्र यही होना है।
लड़की की गलती है कि उसने ऐसा निर्णय लिया,पर मेरे अनुसार इस हत्या का आरोपी केवल एक लड़का नही है,बल्कि वे समस्त लोग हैं जो ऐसा दिखावा करते हैं कि प्यार धर्म से ऊपर है👇
और लड़कियों को ब्रेनवाश करते हैं।
इन हत्यारों में एक्टर्स, सेलिब्रिटी, पॉलिटिशियन्स, खिलाड़ी, मोटिवेशनल स्पीकर्स आदि सभी आते हैं जो ये दिखावा करते हैं कि मुस्लिम लड़का और हिन्दू लड़की एक साथ रहना चाहते हैं तो गलत ही क्या है?जबकि इन्ही लोगों का मुँह तब बन्द होता है जब कोई हिन्दू
लड़का किसी मुस्लिम लड़की के साथ रहना चाहता हो।
ऐसे में, लवजिहाद के कारण होने वाली हर हिन्दू बेटी के दोषी वे सब लोग हैं जो इसको समस्या नही मानते हैं, जबकि यही सबसे बड़ी समस्या है।
बाकी हिन्दू लड़कियों को भी समझना चाहिए कि हर बार लवजिहाद का शिकार आप ही क्यों होती हो? कभी रिवर्स
भक्त
जब शंकर भगवान के आगे
अपनी हर व्यथा को निश्छल भाव से कहता है तब स्वत: ही आंखों से आंसू छलक आते है।
क्योंकि उस समय वह आत्म स्वरूप हो परमात्मा से अपने सारे सुख और दुख को व्यक्त कर रहा होता है।
वो शंकर भगवान के आगे बैठ
जब अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहा होता है तब असीम प्रेम उसके👇
हृदय में अपने इष्ट के प्रति उमड़ रहा होता है।
जो आंखों से बह छलक रहा होता है और शंकर भगवान भी उसके समकक्ष बैठ उसकी सारी व्यथा सुन या रो रहे होते हैं या हंस रहे होते हैं।
क्योंकि शंकर भगवान बहुत दयालु हैं।
शिवजी की शरण में
यदि हम सांसारिक चीजें मांगते हैं तो वह हंसता है कि मूर्ख
को ये भी नहीं मालूम कि जिस शिवजी की शरण में बैठ कर आनंदित हो जाता है फिर भी समझ नहीं पाता कि क्या मांगना चाहिए।
उससे बड़ा दीन-हीन इस संसार में कौन होगा ?
जब हम उस से उस को मांगते हैं तब हमारे आंसू सिर्फ उसके लिए ही निकलते हैं।
अपने दुखों के लिए नहीं।
क्योंकि संसारिक दुख👇
गंगा जमुनी तहजीब के मद्देनजर *आफताब*नाम के एक मासूम ने *श्रद्धा* नामक प्रेम की दीवानी को पहले पटाया,
फिर *लिव इन* में रहा
मुम्बई से दिल्ली ले आकर और अंत में 35 *टुकड़ों में बांटकर* इस पुण्य यज्ञ की पूर्णाहुति की।
मामला महरौली का है, 18 दिन तक लगातार रोज सुबह 35 टुकड़ों को 👇
ठिकाने लगाता रहा ।।
श्रद्धा मदान को प्रेमी आफताब अमीन पूनावाला ने 35 टुकड़ो में काटकर, अलग अलग फेंक दिया।
दोनों मुंबई में काम के दौरान मिले थे, श्रद्धा के परिवार वालों ने रिश्ते का विरोध किया तो भागकर दिल्ली चले गए महरौली में लीव-इन में रहने लगे। फिर जब श्रद्धा ने शादी का दबाव
बनाया तो आफताब ने 18 मई को उसकी हत्या कर शव के 35 टुकड़े कर दिए और फ्रिज खरीदकर उसमें भर दिया। रोज रात 2 बजे वो एक टुकड़ा ठिकाने लगाने निकलता था। 18 दिनों में पूरी बॉडी ठिकाने लगा दिया था। लड़की की जब परिवारवालों से बातचीत बंद हो गयी और सोशल मीडिया पर अपडेट भी आने बंद हो गए तो 👇
देवों के देव महादेव का वह पवित्र स्थान जहाँ पर आधुनिक विज्ञान और वैज्ञानिक भी फेल
कैलाश पर्वत जहाँ जो निवास स्थान है देवो के देव महादेव का जहाँ पर आज तक कोई भी व्यक्ति नहीं पहुँच सका
वैसे तो विश्व की सबसे ऊँची चोटी गौरी शंकर (माउंट एवरेस्ट )है और जिस पर 7000 हजार लोग अभी तक 👇
पहुँच चुके हैं...
पर क्या कारण है कि उससे छोटे कैलाश पर्वत पर आज तक कोई भी व्यक्ति नहीं पहुँच सका...
ऐसा नहीं है कि वहाँ पर पहुँचने की कोशिश नहीं की गई.
वहाँ पर पहुँचने के लिए अनेक प्रयास किये गये..
परंतु सभी असफल रहे क्योंकि वहाँ पर चढ़ाई करने गए लोगों के साथ कुछ ऐसी घटनाएं हुई
जिससे उनके होश उड़ गये
वहाँ परचढ़ाई करने गए लोगों का कहना है कि वहाँ पर चढ़ाई करने के बाद वहाँ पर समय बहुत तेजी से आगे बढ़नेलगता है और अचानक हाथ के नाखून और बाल बहुत बड़े हो जाते हैं.इसके अलावा वहाँ पर हमारे कोई यन्त्र काम नहीं करतेऔर दिशा भ्रम होता है और अगर ज्यादा कोशिश करते है