*कुछ याद आया? आ रहा है अब समझ में किस तरह इस गाने के जरिए हाँ या ना कुछ भी कहने पर भी हरेक किरन,अंकिता,निकिता आदि को 'शाहरुख' के लिए आरक्षित कर दिया गया था?*
*सुपरहिट फिल्म'डर'में शाहरुख खान किरन के इंडियन नेवी के अफसर पति की हत्या👇
करने की कोशिश कर उससे प्रेम का इजहार करता है और अंत में मरते समय दर्शकों की सहानुभूति लूट ले जाता है। ध्यान दीजिए, फिल्म का नायक भारतीय सेना का अफसर सनी देओल नहीं, पागल,साइको,हकला,खुद से बातें करनेवाला शाहरुख है। यानि साइकोज आर बैटर एंड हॉटर लवर्स दैन इंडियन आर्मीमैंस....राइट?*👇
अठरा बरस की कुंवारी कली थी,*
*सुलोचन सूँघनेवाले पिंचरपुत्र के लिए ही पलीबढ़ी थी"
*'अंजाम' फिल्म का ऑब्सेसिव एकतरफा प्रेमी शाहरुख खुशहाल वैवाहिक जीवन जी रही एयरहोस्टेस शिवानी के पति,बहन और बेटी की हत्या कर देता है। शिवानी पर झूठे आरोप लगाकर उसे जेल भिजवा देता है पर जेल से निकलकर
'स्टॉकहोम सिंड्रोम' की शिकार शिवानी पैरालाइज्ड शाहरुख की सेवा करती है और अंत में उसी के साथ स्वयं को भी खत्म कर लेती है।*
*"किताबें बहुत सी पढ़ी होंगीं तुमने,*
*कभी लव जिहाद भी तुमने पढ़ा है?"
*"बाजीगर" फिल्म का नायक अजय (शाहरुख) पिता से बदला लेने के लिए निर्दोष भोलीभाली टीनएज
सीमा को प्रेमजाल में फँसाकर ऊँची बिल्डिंग से फेंककर उसकी हत्या कर देता है। उसकी सहेली,उसके दोस्तों की एक के बाद एक हत्या करते हुए उसकी सगी बहन से शादी भी करता है। अंत में अपनी ही पत्नी के पिता,बहन सहित दर्जनों का हत्यारा माँ की गोद में प्राण त्यागकर सबकी सहानुभूति लूट ले जाता है
*कुछ समझ आ रहा है आपको कितनी लंबी कंडीशनिंग चल रही थी पीछे पड़नेवाले,मारधाड़ करनेवाले,दबाव डालनेवाले विलेन्स को नायक बनाए जाने की। उदाहरण और भी हैं पर आज बात सिर्फ घड़ियों के स्मगलर शाहरुख फटान की।*
*"पाकिस्तान की टीम जीतती है तो लगता है कि वालिद साहब की टीम जीत गई......"*👇
*कहनेवाले शाहरुख खान को बादशाह ओ बादशाह बनानेवाले मूर्ख दर्शकों,हम स्वयं अपने ही देश में आतंकवाद और लव जिहाद की फंडिंग करते रहे।*
*टीनएज की दहलीज पर हारमोनल बदलावों से गुजरती लड़कियों को ऐसे आक्रामक स्टॉकर्स सैक्सुअली भी अधिक अट्रैक्ट करते हैं। 'इतना गुस्सैल है तो बैड में कितना
यह डिस्कसन कॉलेज नहीं,स्कूल कैंटीन में प्रतिदिन ही सुनाई देते हैंआठवीं,दसवीं की छात्राएं बेचारी ये बच्चियाँ ये नहीं जानतीं कि ज्यादा'हॉट'इतना हॉट'होता है कि झारखंड की अंकिता और हरियाणा की निकिता जैसी निर्दोष,निष्पाप बच्ची किसी नशेड़ी की एकतरफा 'हॉटनैस' में जलकर भस्म हो जाती है👇
कोई उन चार की भी खबर ले लो जो श्रद्धा से पहले आफताब की छतरी पर उतरी थी... अदिति मेहता, अदिति गांधी, खुशबू और मानसी लोकरे। वह सब जिंदा हैं या उनकी भी पैकिंग और फॉर्वर्डिंग कर दी गई!!!
हिन्दू लड़कियों में एक बात मैंने यह पाई है कि वह अपने धर्म का मज़ाक उड़ाते हुए यह बोलती है कि राम ने सीता की परीक्षा ली।
हिन्दू लड़कियों को मैंने अक्सर यह बोलते पाया है कि हिन्दू धर्म एक पितृसत्तात्मक धर्म है। हिन्दू लड़कियों को मैंने यह बोलते पाया कि हिन्दू-मुस्लिम एक है👇
We are the human being
हमें हर मज़हब से प्रेम करना चाहिए।
हिन्दू लड़कियों को मैंने अक्सर यह बोलते पाया है कि घूंघट में जो समाज अपनी नारियों को रखे वह समाज एक पितृसत्तात्मक समाज है।
पर इनमें से कोई भी लड़की इस्लाम, ईसाई धर्म पर सवाल नहीं उठाती।
ऐसी क्या बात है या ऐसी कौन सी 👇
कायरता है जो 35टुकड़े हो जाने की बावजूद भी यह लड़कियां उधर जाती हैं?
यह केवल एक शरीर के 35 टुकड़े नहीं हैं।
यह हमारी परवरिश, संस्कार और पालन-पोषण के 35टुकड़े हैं
हिन्दू लड़कियों के मुँह पर तमाचा तो है ही
जब भी किसी अपराधी को बचाना होता है तो मीडिया की भाषा पैसिव वॉयस हो जाती है
क्या आपको पता है दिल्ली में श्रद्धा हत्याकांड का जो खुलासा हुआ है उसके बारे में जिसमे एक आफताब नाम के मुसलमान लड़के ने श्रद्धा नाम की हिन्दू लड़की के 35 टुकड़े कर हत्या कर दी
आपको पता है श्रद्धा दलित बहुजन समुदाय की लड़की थी
लेकिन इस दलित की हत्या पर कोई भी दलित संगठन जैसे भीम👇
आर्मी, दलित चिंतक बिल्कुल मौन है जैसे कुछ हुआ ही नही तथाकथित दलित नेताओ को कुछ पता ही न हो ऐसा क्यों
क्या श्रद्धा कुछ कम दलित थी ,नहीं असल में असल में श्रद्धा को जिसने मारा वो आफताब मुसलमान था,और मुसलमानों के खिलाफ ये फर्जी दलित चिंतक कुछ भी बोल नहीं सकते क्योंकि इनको पैसा ही।
मुस्लिम संगठनों और मुस्लिम देशों , ISI से मिलता है हिन्दुओ को आपस में लड़ाने के लिए ,हिन्दुओ को दलित,जाट, ब्राह्मण, यादव,पटेल में बाटने के लिए ताकि देश कमजोर हो।
यही अगर श्रद्धा को किसी सवर्ण हिन्दू ने मारा होता तो ये पूरा देश सर पे उठा लेते ,गाली गलौच करते दलित,सवर्ण करते और👇
गोधन गजधन बाजिधन
और रतन धन खान |
जब आवे संतोष धन सब धन धूरि समान ||
जिसके पास
संतोष रूपी धन आ जाता है
उसे और किसी धन की जरूरत नहीं होती है।
यही संतोष रूपी धन
हनुमान जी को प्राप्त हो गया था।
कथा है कि
लंका से लौटने के बाद भगवान राम ने राज्याभिषेक के बाद सभी लोगों को कुछ न 👇
कुछ उपहार दिया।
जब हनुमान जी की बारी आयी तो भगवान राम ने अत्यंत मूल्यवान मोतियों की माला अपने गले से उतारकर हनुमान जी को दिया।
हनुमान जी ने अपने दांतों से माला तोड़ दिया और एक-एक मोती लेकर बड़े गौर से देखने लगे।
जब सभी मोतियों को हनुमान जी ने देख लिया
तब हाथ जोड़कर रामजी से बोले
प्रभु !
किसी भी मोती में आपकी छवि नहीं है मैं इन मोतियों का क्या करूंगा।
ऐसे कहते हुए
हनुमान जी ने अपनी छाती चीर कर हृदय में बसे राम और सीता की छवि भगवान राम की सभा में उपस्थिति लोगों को दिखाई।
भगवान राम हनुमान जी की भक्ति और संतोष को देखकर प्रसन्न हो उठे और गले से लगा लिया।👇
35टुकड़े करने की बात पर आश्चर्यचकित न हो,इनका उद्देश्य केवल शत्रु को मारना नही होता है बल्कि अधिक से अधिक तकलीफ देकर मारना होता है
•पृथ्वीराज चौहान को आंख में गर्म लोहे की सलाख भोंककर अंधा करके मारा गया
•गुरु अर्जुनदेव जी को गर्म तवे पर बैठाने के बाद उन पर गर्म रेत डालकर मारा👇
गया
• भाई मतिदास जी को लकड़ी के दो पाटों में बांधकर, ऊपर से नीचे आरी से चीरा गया
• भाई सतीदास जी को बड़े कड़ाह में खौलते तेल में डुबाकर मारा
• भाई दयाला जी को रुई में लपेटकर जिन्दा जलाया
• गोकुला जाट को टुकड़े टुकड़े कर मार डाला था
• गुरु गोविंद जी के दो मासूम 👇
साहिबजादों को जिंदा ही दीवार में चुनवा दिया गया
• बाबा बंदा बहादुर के मास को चिमटे से नोचा गया था और उनके मुंह में उनके ही बच्चे का दिल ठूँस दिया गया
• छत्रपती संभाजी महाराज को 65 दिन धीरे धीरे करके उनकी चमड़ी छीलकर, उनका वध किया गया
श्रद्धा जब आफताब के जाल में फँसी तब उसके घर वालो ने समझाया कि हम हिन्दू है,हमारा उसका कोई मेल नहीं
तब श्रद्धा ने कहा कि वो बालिग है और उसे अपने फैसले लेने का हक है (पढ़ लिख कर अतिबुद्धिमानी की बीमारी+माँ बाप द्वारा न दिए गए संस्कार+बॉलीवुड द्वारा दिया गया सेक्युलरिज्म का कोढ़)👇
वह आफताब के साथ दिल्ली चली आयी, यहां आफताब ने एक फ्लैट किराए पर लिया जहाँ वह और श्रद्धा रहने लगे
दिल्ली में केवल आफताब जॉब करता था,इस बीच श्रद्धा के अपने घर वालो से सम्बन्ध लगभग खत्म हो गए थे
बीच बीच मे कभी कभी श्रद्धा के फ़ोन आते थे जिसमें श्रद्धा कहती थी कि आफताब उसे मारता है
श्रद्धा के घर वाले उसके सोशल एकाउंट से उसके बारे में जानकारी रखते थे जो बाद में धीरे धीरे बहुत कम हो गयी, लगभग खत्म..
फिर एक दिन श्रद्धा के भाई को श्रद्धा के एक दोस्त लक्ष्मण का फ़ोन आया जिसमें उसने कहा कि श्रद्धा का फ़ोन 2 महीने से नही लग रहा है..
प्रभु चरित्र सुनिवे को रसिया
यावद् रामकथा वीर चरिष्यति महीतले |
तावच्छरीरे वत्स्यन्तु प्राणा मम न शंशय: ||
श्रीहनुमानजी
संयोगकाल में भगवान् श्रीराम की सर्वांगीण सेवा करते हैं।
तथा वियुक्त होने पर उनके भजन चिंतन में ही डूबे रहते है।
उनमें नित्य-युक्त रहते हैं।
इनके चिंतन में भी👇
अद्भुत विलक्षणता है।
पतिव्रता पत्नी तो केवल स्मरण चिंतन करके रह जाती है।
परन्तु ये तो
"प्रभु चरित्र सुनिवे को रसिया" हैं
भगवान् के
चरित्र और गुणों के सुनने और कहने में इतना रस लेते हैं जिसकी कोई सीमा नहीं।
इन्होंने ऐसा शरीर धारण कर रखा है और भगवान् के साथ सम्बन्ध भी ऐसा ही जोड़
लिया है कि जहां कहीं जिस समय भी श्रीराम-कथा होती है वहाँ ये स्वच्छन्द प्रकट हो जाते हैं और कथा श्रवण में अनिर्वचनीय माधुर्य-रस की अनुभूति करते हैं।
हनुमान जी की वियोग-रुचि भी निराली ही है।
लौकिक अथवा पारमार्थिक पुरुष कहीं भी अपने इष्ट का वियोग नहीं चाहते।
जैसे पतिव्रता पत्नी पति