🥀#अल्लाह की ज़ात‌ और स़िफ़ात‌ के बारे में अ़क़ीदे*

अल्लाह एक है। पाक, बे-मिस्ल, बे-ऐब है। हर कमाल, हर ख़ूबी का जामेअ़् है। कोई किसी बात में ना उसका शरीक, ना बराबर, ना उस से बढ़कर। वह अपनी तमाम स़िफ़ात-ए-कमालिया के साथ हमेशा से है और हमेशा रहेगा। हमेशगी सिर्फ़ उसकी

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ज़ात व स़िफ़ात के लिए है, उस के सिवा जो कुछ है पहले ना था जब उसने पैदा किया तो हुआ,वह अपने आप है उसको किसी ने पैदा नहीं किया, ना वह किसी का बाप, ना किसी का बेटा,ना उसकी कोई बीवी, ना रिश्तेदार सबसे बे-नियाज़,वह किसी बात में किसी का मोहताज नहीं, और सब उसके मोहताज, रोज़ी देना,
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मारना, जिलाना (ज़िंदा करना), उसी के इख़्तियार में है। वह सबका मालिक है जो चाहे करे। उसके ह़ुक्म में कोई दम नहीं मार सकता। बग़ैर उसके चाहे ज़र्रा नहीं हिल सकता। वह हर खुली-छुपी, होनी-अनहोनी को जानता है। कोई चीज़ उसके इल्म से बाहर नहीं। दुनिया-जहान, सारे आलम की हर चीज़

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उसकी पैदा की हुई है। सब उसके बंदे हैं। वह अपने बंदों पर मां-बाप से ज़्यादा मेहरबान, रहम करने वाला, गुनाह बख़्शने वाला, तौबा क़बूल फ़रमाने वाला है। उसकी पकड़ निहायत सख़्त, जिससे बगैर उसके छुड़ाए कोई छूट नहीं सकता। इज़्ज़त, ज़िल्लत उसी के इख़्तियार में है।
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जिसे चाहे इज़्ज़त दे, जिसे चाहे ज़लील करे। माल-व-दौलत उसी के क़ब्ज़े में है। जिसे चाहे अमीर करे, जिसे चाहे फ़क़ीर करे।

*(📕 क़ानून-ए-शरीअ़त, हिस्सा 1, पेज नंबर 17)*
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Nov 15
🌴#FATIHA AUR ESALE #SAWAB KI DALEEL #HADEES SE:

#सहाबिये #रसूल हज़रत सअद की मां का #इंतेक़ाल हो गया तो आप #नबी सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम की #बारगाह में पहुंचे और पूछा कि या रसूल #अल्लाह सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम मेरी मां मर गई तो कौन सा #सदक़ा उनके लिए #अफज़ल है, तो

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हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि पानी,इस पर हज़रते सअद ने एक कुंआ खुदवाया और कहा कि ये उम्मे सअद के लिए है|

📕 अबु दाऊद,जिल्द 1,सफह 266

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हुज़ूर ﷺ का गुज़र दो क़ब्रो पर हुआ तो आपने फरमाया कि इन दोनों पर अज़ाब हो रहा है और किसी बड़े गुनाह की वजह से नहीं बल्कि मामूली गुनाह की वजह से,एक तो पेशाब की छींटों से नहीं बचता था और दूसरा चुगली करता था,फिर आपने एक तर शाख तोड़ी और आधी आधी करके दोनों
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Nov 15
73 FIRKE IN ISLAM
Ab aaj jo log sunniyon se ye kahte nazar aate hain ki kyun firkon me musalmano ko uljha rakha hai dar asal wo jaahil ahmaq aur be imaan kism ke log hain warna aisi aaftab raushan hadees se radd gardaani na karte,ye firka sunni nahin banate balki
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kuchh be imaan ahle sunnat wa jamaat se nikalkar ek alag gumraah jamaat bana daalte hain suuni usi ki nishaan dehi karta hai,aur firqa banna to huzoor sallallahu taala alaihi wasallam ke zamane mubarak me hi shuru ho gaya tha kuchh be imaan musalmano se alag ek jamaat
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bana chuke the jise munafiq kaha gaya aur un munafiqon ke haq me kayi aaytein naazil huyi aur kayi hadise paak marwi hai.

KANZUL IMAAN - To kya ALLAH ke kalaam ka kuchh hissa maante ho aur kuchh hisso ke munkir ho,to jo koi tumme se aisa kare to uska badla duniya ki zindagi
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Nov 15
*औरतों के लिए घुंगरू वाले पाज़ेब पहनना हराम व नाजाइज़ है*, हदीस शरीफ़ में है,
हजरत अब्दुल्लाह बिन ज़ुबैर रज़िअल्लाहु तआला अन्ह से रिवायत है कि हमारे यहां की लड़की हज़रत ज़ुबैर (रज़िअल्लाहु तआला अ़न्हु) की लड़की को हज़रत उमर रज़िअल्लाहु तआला अन्ह के पास लाई और उसके पांव में
घुंगरू थे तो हज़रत उमर ने काट दिया और फ़रमाया कि मैंने रसूलल्लाह सल्लल्लाहू तआला अलैही वसल्लम से सुना है कि हर घुंगरू में शैतान होता है,

*📓 मिश्कात सफ़ह 379,*

◆और हजरत बनानह जो कि हज़रत अब्दुर्रहमान बिन हयानुल अंसारी की बांदी हैं रिवायत करती हैं कि वह हजरत आयशा रज़िअल्लाहु
तआला अन्हा के पास थीं,
के हज़रत आयशा रज़िअल्लाहु तआला अन्हा के पास एक लड़की आई जिसके पांव में घुंगरू बज रहे थे फ़रमाया के उसे मेरे पास ना लाना जब तक के उसके घुंगरू काट ना देना मैंने रसूलल्लाह सल्लल्लाहू तआला अलैही वसल्लम से सुना है कि जिस घर में जर्स से यानी घंटी या घुंगरू
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Nov 15
بَلٰى مَنْ اَوْفٰى بِعَهْدِهٖ وَ اتَّقٰى فَاِنَّ اللّٰهَ یُحِبُّ الْمُتَّقِیْنَ
کیوں نہیں ، جو اپنا وعدہ پورا کرے اور پرہیزگاری اختیارکرے توبیشک اللہ پرہیزگاروں سے محبت فرماتا ہے۔

{بَلٰى: کیوں نہیں۔} یہودیوں کی بات کہ’’ دوسرے #مذہب والوں سے بددیانتی کرنے پر ان سے کوئی
پوچھ گچھ نہیں ہوگی‘ ‘ بیان کی گئی ۔ اس کے بعد #اللہ تعالیٰ نے اپنا #قانون بیان فرمادیا کہ دوسروں سے #بددیانتی کرنے پر پوچھ گچھ کیوں نہیں ہوگی؟ #وعدہ پورا کرنا اور #امانت کا ادا کرنا دونوں چیزیں #پرہیزگاری کے ساتھ #تعلق رکھتی ہیں اور پرہیزگاری اللہ تعالیٰ کو نہایت #محبوب ہے تو
جو اللہ تعالیٰ کی #پسند پر چلے گا وہ اللہ تعالیٰ کا محبوب بنے گا اور جو اللہ تعالیٰ کی پسند کی #مخالفت کرے گا اس پر ضرور مواخذہ کیا جائے گا۔ اس سے معلوم ہوا کہ جو کسی سے وعدہ کیا جائے اسے ضرور پورا کیا جائے خواہ رب عَزَّوَجَلَّ سے کیا ہو یا عام انسانوں سے یا نبی سے یا اپنے پیر سے
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Nov 14
🌴Batil Bad Mazhab 72 Firke Aur Unke Bani...
72 FIRKE (RADDE WAHHABISM)

Log kehrahe hain ke Hum Ahle Sunnat ke logon ne Musalmano ko Firqon mn baant dala aur aaj bhi firqe banake ummat ko Divide kar Rahe hai... Haeeqat bilkul Alag hai...

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➤ Wo Mohammad Ibn Abdul Wahab Najdi tha Jisne 250 saal pehle "Wahabism" firqa paida kiya.

➤ Wo Rasheed Ahmad Gangohi tha Jisne 1860's Me "Deobandi"firqa paida kiya.

➤ Wo Ilyas Khan Dehlvi tha Jisne 1926 mein
"Tablighi Jama'at"Banaya Jo Deobandi ka Propagative branch hai.
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➤ Wo Abul Ala Maududi tha Jisne 1942 mein "Jamat e Islami" firqa paida kiya.

➤Wo Edip Yüksel tha Jisne 1986 mein "Ahle Qur'an" firqa paida kiya.

Ye Tamaam Mardood Log The Jinhone Naye Naye firqe Banakar Muslims ko Divide kiya Aur Ahle Sunnatul Jamaat Ko Mushrik o kaafir
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Nov 14
🌴Gumrah Aur Bad Mazhab Jama'at Ki Pehchan:

#हदीस शरीफ़
हज़रत अबू हुरैरह رضی اللہ تعالیٰ عنہ से रिवायत है के हुज़ूर ﷺ ने इरशाद फ़रमाया:
आख़िरी ज़माना में एक गिरोह फ़रेब देने वालों और झूट बोलने का होगा वो तुम्हारे सामने ऐसी बातें लाएंगे जिनको ना तुमने
कभी सुना होगा ना तुम्हारे बाप दादा ने, तो ऐसे लोगों से बचो और उन्हें अपने क़रीब ना आने दो ताके वो तुम्हें गुमराह ना करें और न फ़ित्ने में डालें,

(मिश्कात शरीफ़ सफ़ह 38)
हज़रत शैख़ अब्दुल हक़ मुहद्दिस देहेलवी बुख़ारी रहमतुल्लाहि तआला अलैह तहरीर फ़रमाते हैं:
यानी एक ऐसी जमाअत
पैदा होगी जो मक्कारी व फ़रेब से उल्मा मशाइख़ और सालेहा बनकर अपने को मुसलमानों का ख़ैर ख़्वाह और मुस्लेह ज़ाहिर करेगी ताके अपनी झूटी बातें फैलाए और लोगों को अपने बातिल अक़ीदों और फ़ासिद ख़यालों की तरफ़ राग़िब करे,
(अश्अतुल लमआत जिल्द 1 सफ़ह 133)

➤ हज़रत फ़क़ीह ए मिल्लत
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