क्या हम इस विषय पर अपने घर पर विचार विमर्श करते हैं,दरअसल आप सच को स्वीकार ही करना नहीं चाहते।

कभी बोरे में,कभी सूटकेस तो कभी फ्रिज में मिलती लड़कियों की लाशों पर लोग यह मान लेते हैं कि लड़की उदण्ड थी, परिवार की बात नहीं सुनी सो अपनी करनी का फल पा गयी।वस्तुतः यह 99% मामलों में👇
गलत आकलन होता है।

सच यह है कि लड़की फँसती नहीं, फँसाई जाती है।उसके चारों ओर इतना मजबूत जाल बनाया जाता है कि अंततः उसे फंसना ही होता है, लड़के का सहयोग करने वाले हजार होते हैं, पर लड़की को किसी ने बताया तक नहीं होता है कि इन लुटेरों से दूर रहना है

गाँव में मैट्रिक इंटर में पढ़ने
वाली अधिकांश लड़कियां ना तो सोशल मीडिया से जुड़ी हैं, ना ही अखबार पढ़ती या समाचार देखती हैं। जो सोशल मीडिया में हैं भी, वे अपनी सहेलियों, दोस्तों से जुड़ी गीत,गजल शायरी में डूबी हैं।
परिवार के लोगों ने कभी ढंग से समझाया तक नहीं होता कि ऐसे लड़कों से दूर रहना है।भरोसा नहीं होता तो
अपने पड़ोस की किसी इंटरमीडिएट की स्टूडेंट से पूछिये कि क्या वह इस तरह की सूटकेस वाली घटनाओं को जानती है। आपको उत्तर'नहीं'में ही मिलेगा।

लड़की का क्या दोष? वह टीवी देखती है, वहाँ प्यार पसरा हुआ है। इंस्टा,फेसबुक पर भी लभ वाली शायरी पसरी हुई है। गार्जियन उससे मिलते भी हैं तो
रिजल्ट पर बात करते हैं। धर्म तो कभी बातचीत का हिस्सा ही नहीं होता। वैसी लड़की किसी शिकारी के जाल से कहाँ बच पाएगी।

टीवी पर, स्कूल-कॉलेज में, खेलकूद में, अखबार पत्रिका में, कोर्स की किताबों तक में सेक्युलरिज्म की महिमा गायी जा रही है। ऐसे समय में यदि परिवार भी बच्चों से धर्म को
लेकर बात नहीं करे तो फिर बच्ची कैसे समझेगी? ऐसी लड़की को कोई आफताब मिलता है जिसने अपनी फेसबुक आईडी तक में धर्म के कॉलम में "मानवता" लिखा है, और प्रेम की मूर्ति बना उसकी दुनिया बदल देने के दावे करता है, तो उसके लिए बचना आसान है क्या? उसे तो सब सामान्य ही लगेगा न।

और जब लड़की फँस
जाती है तो लोग उसे ही गाली देने लगते हैं। लोग भूल जाते हैं कि वह "शिकार" है।जो विरोध शिकारी का होना चाहिये, वह शिकार का होने लगता है। सच यह है कि एक बार फँस जाने के बाद बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं होता लड़की के पास।

एक ओर से इमोशनल ब्लैकमेलिंग तो दूसरी ओर से फोटो वीडियो वायरल
करने का भय। कुछ भी कीजिये, वह नहीं निकल पाती।

सूटकेस या फ्रीज में लाश बन कर पड़ी लड़कियों पर हँस कर आप मुद्दे का मजाक भले बना लें, इस भयावह बीमारी को दूर नहीं कर सकेंगे। इसे दूर करने के लिए आपको पीड़ित का नहीं, शिकारी का विरोध करना होगा।

इस भयावह बीमारी पर बात कीजिये, अपने 👇
अपने अड़ोस-पड़ोस में चर्चा कीजिये, बच्चियों को बताइये कि वे टारगेट पर हैं। तब बीमारी खत्म हो पाएगी। हँस कर आप शिकारी का मनोबल ही बढ़ा रहे हैं।
आफताब ने श्रद्धा के 35 टुकड़े क्यों किए,
क्योंकि वह जानता है कि तुम कट सकते हो, 👇
लेकिन एक नहीं हो सकते!
अब भी समय है जाग जाओ!

#जागो_हिन्दुओ_एकजुट_हो_जाओ

youtube.com/channel/UCm4JA…

हमारा यूट्यूब चैनल है सभी मित्रों से अनुरोध है कि आवश्यक रुप से जुड़े

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More from @PRPathak2

Nov 18
हिरण पूरे दिन घास खाने मे लगा रहता है, और घास को प्रोटीन में बदलने में ही लगा रहता है।
दूसरी तरफ माँसाहारी जानवरों को जब तक भूख नहीं लगती, तबतक आराम से पड़े रहते हैं। क्योंकि उन्हें पता है कि उनके लिए प्रोटीन का इंतजाम करने के लिए हिरण काम पर लगा हुआ है।
जब तक हिरण जिंदा है, 👇
जब तक हिरण जिंदा है, जंगल में खूंखार जानवर मस्त सोते है, पर हिरण जब कम होने लगते हैं तो ये भूखे खूंखार भेड़िये नए जंगल की तलाश करता है।

हिन्दू रूपी हिरणों ने बड़ी मेहनत से सोना, चांदी, हीरे, ज्ञान-विज्ञान, जमीन, धंधा, फैक्ट्री इकट्ठा किया था, क्या हुआ ?

एक खूंखार नस्ल आई और 👇
साफ कर गई सब। ईरान लिया, अफगानिस्तान लिया, पाकिस्तान ले गये, कश्मीर लिया, बांग्लादेश लिया, केरल, बंगाल और असम भी लगभग गया ही समझो।
उस नस्ल ने सिर्फ शिकारी के गुण विकसित किये हैं
अब पाकिस्तान और बांग्लादेश में खाने पीने की भयंकर कमी आ रही है, और महंगाई चरम पर है। क्योंकि हिन्दू,
Read 15 tweets
Nov 18
एक बार काम , नौकरी , व्यापार धंधे से फुर्सत मिल जाये तो देख लेना कि आपकी बेटी
1.कोचिंग ही जा रही है न
2.मोबाइल में पासवर्ड तो नहीं है।
3.स्नेप चेट का इस्तेमाल कर रही हो तो चेट डिलीट का आप्शन तो नहीं है।
4.घंटों अपने कमरे में या अपने दोस्तों के साथ तो समय नहीं बिता रही है।
5.👇
5. प्रोजेक्ट है, प्रोजेक्ट है कहकर दोस्तों के घर बार बार तो नहीं जा रही।
6.अगर आपकी बेटी का स्कूल आपसे सच्चाई कहे तो स्कूल की बात गंभीरतापूर्वक सुनें न कि गुस्सा हों।
7. कपडे और पहनावा मर्यादा मे तो हैं ना।
8. देर रात तक फोन का इस्तेमाल तो नही किया जा रहा है ना।
9. अगर बेटी कंही
बाहर हॉस्टल मे रहती है तो बिना बताए अचानक कभी-कभार मिलने पहुच जाए।
10. बेटी के सहेलियो से बेटी के बारे मे फीडबैक लेते रहें
11.शापिंग के लिए भले ही सहेलिया साथ मे जा रही हो लेकिन परिवार का कोई न कोई सदस्य भी साथ मे जाए
12. एक्स्ट्रा क्लास के नाम पर विशेष सतर्क रहें।
13. बेटी
Read 5 tweets
Nov 18
#पोस्ट कड़वी है लेकिन आज की #सच्चाई है...
यदि आप एक हिंदू होकर भी अपने बच्चों को प्रखर व मुखर हिंदू नहीं बनाएंगे तो निश्चित ही वह ईसाई अथवा मुसलमान की ओर आकर्षित होकर उनका धर्म स्वीकार कर लेगा नहीं तो निश्चित ही वह हिंदुओं को गाली देने वाला "वामपंथी" बन जाएगा।

निम्न घटना👇
का अध्ययन अवश्य करें-
हैदराबाद के एक पाठशाला में प्रधानाध्यापक हैं। उनके घर में दूध देने वाला कृष्णा एक दिन अचानक 'भागा भागा आया और उनके पैरों में गिर गया। बोला की उसकी लड़की ने घर से भागकर एक मुसलमान लड़के से शादी कर ली है, और उसके परिवार के साथ ही रहने लगी हैं। उनसे प्रार्थना
की कि मास्टरजी आपही कुछ कीजिए, कृपया हमे इस बर्बादी से बचा लिजिये।

मेरे मित्र उनके एक जानकार मुसलमान व्यक्ति को साथ लेकर लड़की से बात करने लड़के के घर गए लड़की उस मुसलमान परिवार के घर में थीलड़की को देखकर मेरा मित्र आश्चर्यचकित रह गया,वह संपूर्णतः मुसलमान लड़की की वेशभूषा में थी
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Nov 18
आप सब को तो पता ही होगा कि ब्रिटेन ने भारत के क्रूड ऑयल को सप्लाई करने के लिए अपने कार्गो शिप सिर्फ 5 दिसंबर तक मुहैया कराने की डेडलाइन दे दी है.

इसका मतलब यह हुआ कि 5दिसंबर के बाद भारत रूस से सस्ता क्रूड ऑयल नहीं खरीद पाएगा. लेकिन भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आपके रूस पर👇
लगाए गए प्राइस कैप को हम नहीं मानेंगे और हम रूस से ही ऑयल खरीदेंगे अब यहां पर प्रश्न यह उठता है कि हम ऐसा कैसे कर सकते हैं? रूस से तेल को भारत तक लाने के लिए हमारे पास कोई भी इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद नहीं है. फिर हम ऐसा कैसे कर पाएंगे. यह बात तो है अभी की!

लेकिन भविष्य में भी इस
तरह की परेशानी भारत के आगे ना आए इसके लिए भारत सरकार ने शिप कार्गो कंटेनर और कार्गो शिप को भारत में ही बनाने के लिए पीएलआई स्कीम जारी कर दी है और बहुत जल्द भारत में ही आपको कार्गो कंटेनर्स और कार्गो शिप्स बनते हुए नजर आने लगेंगे. कार्गो कंटेनर तो हम काफी बड़ी मात्रा में बनाने भी
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Nov 18
हमारी दुनिया में कुछ भी स्थायी नहीं है। आज हम जिन भी समस्याओं का सामना करते हैं,वे एक समय के बाद महत्वहीन या अप्रासंगिक हो जाती हैं हमारी दुनिया की नश्वरता समस्या और आशीर्वाद दोनों हैयह एक वरदान है क्योंकि यह हमें आशा देता है कि हम अपने जीवन को बदल सकते हैं और अपनी समस्याओं को👇
हल कर सकते हैं।

कुछ लोग भाग्यवाद में विश्वास करते हैं और सोचते हैं कि सब कुछ पूर्व निर्धारित है और इसे बदलने के लिए कुछ भी नहीं किया जा सकता है।सौभाग्य से,जो लोग कर्म और दैवीय हस्तक्षेप में विश्वास करते हैं,उन्हें उस पर विश्वास करने की आवश्यकता नहीं है।

जब अर्जुन ने युद्ध के
मैदान में प्रवेश किया, तो उसके मन में अपने परिवार को लेकर कई तरह के डर और चिंताएँ थीं।उसने महसूस किया कि अगर उसने युद्ध में भाग लिया तो उसका परिवार नष्ट हो जाएगा ।इस बात ने उसे अपने परिवार के भविष्य के बारे में गंभीर रूप से चिंतित कर दिया । हालाँकि, जब आप इसके बारे में सोचते हैं,
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Nov 18
सभी रसायन हम करी
नहीं नाम सम कोय |
रंचक घट मैं संचरै सब तन कंचन होय||
कलियुग का
एक विशेष गुण है
कलियुग केवल नाम अधारा||
कलिकाल में
भगवान की आराधना की सारी पद्धतियों में उनके नामों का उच्चारण करना ही भगवान को प्रसन्न करने की सबसे सरल रीति है।
जिस प्रकार भगवान में अनन्त शक्तियां👇
होती हैं वैसे ही उनके नाम अनन्त शक्तियों से भरे जादू की पिटारी हैं।
भगवान श्रीगणेश "विघ्नकर्ता" और "विघ्नहर्ता" दोनों ही हैं।
प्रतिदिन चाहे हम गणेशजी की विधिवत् पूजा करें अथवा उनके नामों के पाठ-स्मरण से अपने दिन की शुरुआत करें
श्रीगणेश को प्रसन्नकर हम कार्यों में सफलता विवेक-
बुद्धि एवं सुख-शान्ति व समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं
गणेशजी के नाम-स्मरण से मनुष्य का शत्रु भय दूर हो जाता है
विघ्नहर्ता गणेश प्रसन्न होकर कार्यों में आने वाली रुकावटों को दूर करते हैं। मनुष्य सभी कार्यों में सफलता व सिद्धि प्राप्त करता है।
भगवान श्रीगणेश विघ्नकर्ता"और विघ्नहर्ता
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