#दिल्ली नगर निगम चुनाव के एग्जिट पोल देखने के बाद
आज मैं मुस्लिम समुदाय की प्रशंसा करना चाहता हूं।
भारत में अधिकांश मुस्लिम पिछड़े और अशिक्षित हैं, गरीब हैं, फिर भी उनका मतदान 80 से 90% से ऊपर है। उन्हें वोट डालने के लिए कार भेजने की आवश्यकता नहीं है। भले ही वे अनपढ़ हैं
उन्हें अपने वोट की कीमत और ताकत का पता है पढ़े-लिखे लोगों को पता नहीं क्या गलत है, भारत के दो हिस्सों जैसे पाकिस्तान बांग्लादेश और कुछ राज्यों को वोट बैंक और संगठित सत्ता ने हड़प लिया।
वो लोग कभी टमाटर, प्याज, पेट्रोल गैस की बोतल या बढ़ती कीमतों की शिकायत नहीं करते, वो जानते
हैं कि अगर देश को टमाटर और प्याज के दाम मिलते हैं तो ये सस्ता सौदा है और उन्होंने वाजपेयी जैसे ईमानदार नेता की सरकार को कुछ के लिए छोड़ दिया है. हिन्दू हो या प्याज और आलू वास्तव में यही जनसंख्या विस्फोट बेरोजगारी गरीबी महंगाई के लिए जिम्मेदार है
भले ही बीजेपी ने अयोध्या, काशी,
महाकाल कॉरिडोर, अनुच्छेद 370, हिंदुओं का स्वाभिमान, आयुष्मान भारत, मजबूत सेना, सफल विदेश नीति, हज सब्सिडी की समाप्ति, तीन तलाक जैसे कई काम किए,
हम राजनीति के मामले में अंधे हैं, हम अपने बच्चों के उज्ज्वल और सुरक्षित भविष्य के प्रति लापरवाह हैं
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अब यह स्पष्ट है की आने वाले 4-5 वर्ष में सबकुछ इतना बदलने वाला है जिसका अंदाज़ा शायद ही किसी को हो. भारत अपनी डिजिटल करेंसी लेकर बाज़ार में उतर चुका है. ये बेहद असाधारण बात है की आज भारत दुनिया के टॉप कंट्री में शामिल हो गया जिसके पास अपनी एंक्रिप्टेड डिजिटल करेंसी है.
यक़ीन इसलिए नहीं होता की टेक्नोलॉजी के मामले में हमारी गिनती दुनिया के सबसे पिछड़े देशों में हुआ करती थी, जब समाजवाद था उस वक्त कंप्यूटर तक भीख में माँगने के अतीत से हम गुज़र चुके हैं. 2014 के बाद राष्ट्र का नेतृत्व बदला और डिजिटल क्रांति ने जैसे भारत का कायापलट करने का बिड़ा उठा
लिया. नतीजा एक के बाद एक सुधारों के राह पर चलते हुए ई-गवर्नेंस के बलबूते आज सरकारी कामकाज उँगलियों पर नाच रही है. पेपरलेस और फेसलेस ई-ऑफिस के सपने को धरातल पर लाया जा चुका है.
अब इस खेल में डिजिटल करेंसी की एंट्री हो गई है. ये प्रोजेक्ट संभवतः पिछले सैंकड़ों सालों के इतिहास का
#दिल्ली नगर निगम चुनाव के एग्जिट पोल देखने के बाद
आज मैं मुस्लिम समुदाय की प्रशंसा करना चाहता हूं।
भारत में अधिकांश मुस्लिम पिछड़े और अशिक्षित हैं, गरीब हैं, फिर भी उनका मतदान 80 से 90% से ऊपर है। उन्हें वोट डालने के लिए कार भेजने की आवश्यकता नहीं है। भले ही वे अनपढ़ हैं
उन्हें अपने वोट की कीमत और ताकत का पता है पढ़े-लिखे लोगों को पता नहीं क्या गलत है, भारत के दो हिस्सों जैसे पाकिस्तान बांग्लादेश और कुछ राज्यों को वोट बैंक और संगठित सत्ता ने हड़प लिया।
वो लोग कभी टमाटर, प्याज, पेट्रोल गैस की बोतल या बढ़ती कीमतों की शिकायत नहीं करते, वो जानते
हैं कि अगर देश को टमाटर और प्याज के दाम मिलते हैं तो ये सस्ता सौदा है और उन्होंने वाजपेयी जैसे ईमानदार नेता की सरकार को कुछ के लिए छोड़ दिया है. हिन्दू हो या प्याज और आलू वास्तव में यही जनसंख्या विस्फोट बेरोजगारी गरीबी महंगाई के लिए जिम्मेदार है
भले ही बीजेपी ने अयोध्या, काशी,
भारत का संविधान बनाने में संविधान सभा में २३ सदस्य ऐसे थे जो १९४६ में पाकिस्तान बनाने के लिए मुस्लिम लीग के टिकट पर जीते थे
लेकिन
जब इन्होंने पाकिस्तान बना लिया तो उसके बाद यह बड़ी होशियारी से पाकिस्तान नहीं गए और फिर नेहरू गांधी ने इनको भारत के संविधान बनाने का ही जिम्मा दे
दिया है इन सब ने भी अपना संविधान बनाया है
यह सिर्फ भारत में नेहरू और गांधी ही कर सकते थे कि जिनको गद्दारी का चार्ज लगाकर जेल में डालना था उनको सीधे संविधान बनाने की जिम्मेदारी दे दी इनमें से कुछ नाम है
यह सब बाद में बहुत सारे लोग केंद्र और राज्यो में मंत्री अलीगढ़ मुस्लिम
यूनिवर्सिटी के चांसलर तक बने
from Madras
१ Mohamed Ismail Sahib
२ K.T.M. Ahmed Ibrahim·
३ Mahboob Ali Baig Sahib Bahadur·
४ B Pocker Sahib Bahadur from mubai
५ Abdul Kadar Mohammad Shaikh
६ Abdul Kadir Abdul Aziz Khan from Asam
७ Muhammad Saadulla,
८ Abdur Rouf from Up