#भारत के पड़ोस #चीन में लाखों #लाशों का ढेर लग गया है
वॉल स्ट्रीट जनरल ने चीन में कोरोना के कहर का वर्णन करते हुए लिखा है कि चीन के शहरों में कोरोना से मरने वाले लोगों के शवों से अस्पतालों के मुर्दाघर भर चुके हैं बीजिंग के डोंगजिओ शवदाह गृह में काम करने वाली एक महिला का कहना है👇
कि हमें सांस लेने की भी फुर्सत नहीं है पहले 24 घंटे में सिर्फ 30 से 40 शव आते थे और आज 200 शव आए हैं और 2000 लोगों के शव कतार में हैं।
-बीजिंग में इमरजेंसी लागू है और सरकार ने यह कहा है कि सिर्फ गंभीर बीमारियों के लिए ही एंबुलेंस मंगवाए जाए लेकिन हालत यह है कि हर दिन 30,000 फोन
एंबुलेंस के लिए आ रहे हैं
-5 दिसंबर को अमर उजाला अखबार में यह खबर छपी थी कि अमेरिका के नेशनल इंटेलिजेंस की निदेशक एवरिल हैंस ने कहा है कि अगर चीन में लॉकडाउन हटा और जीरो कोविड पॉलिसी को हटाया गया तो वहां पर लाशों के ढेर लग जाएंगे और आज चीन में बिल्कुल वैसा ही देखने को मिल रहा है
जबकि चीन की सरकार आंकड़ों को छुपाने में लग गई है चीन के अधिकारियों के मुताबिक 19 से 23 नवंबर के बीच सिर्फ चार मौतें कोरोना से हुई है इस पर विश्वास कोई भी नहीं करेगा अमेरिकन संक्रामक रोग विशेषज्ञ इरिक फिजूल ने कहा है कि अब चीन की सरकार का उद्देश्य यह है कि जो लोग वायरस से संक्रमित
रहे हैं उन्हें मरने दो जो मरते हैं उन्हें जल्दी मर जाने दो।
-पहले तो चीन की सरकार ने जीरो कोविड-19 लागू करके चीन के लोगों का जीना मुहाल कर रखा था और अब हालत यह है कि चीन ने कोविड की निगरानी करना भी छोड़ दिया है कितने लोग मर रहे हैं कितने लोगों को कोविड है...?
-आगे आने वाले 3
महीने चीन के लिए और पूरी दुनिया के लिए बहुत महत्वपूर्ण होने वाले है । चीन की 60% से ज्यादा आबादी यानी दुनिया की करीब 10% आबादी अगले 90 दिनों में कोरोना की चपेट में आने वाली है । लगभग चीन के 80 करोड़ लोग कोरोना की चपेट में आ सकते हैं और मौतों की संख्या भी लाखों में हो सकती है।
चीन में अगले 1 साल के अंदर एक के बाद कोरोना वायरस की तीन चार लहरें आ सकती है उसकी वजह यह है कि कोरोना का पहला केस वुहान में साल 2019 में दिसंबर के महीने में सामने आया था । उस समय के बाद चीन ने जीरो कोविड policy लागू कर दी थी और इस जीरो कोविड policy की वजह से चीन के लोग आपस में
आपस में मुलाकात कर ही नहीं पाए और उनके अंदर हार्ड इम्युनिटी डिवेलप नहीं हो पाई लेकिन जब चीन के अंदर जीरो कोविड पॉलिसी के खिलाफ विद्रोह हुआ और चीन की सरकार ने प्रतिबंधों में ढील दे दी तो अब कोरोना का जबरदस्त विस्फोट हो चुका है।
-इस समय चीन में कोरोना का वैरीअंट BF.7 सबसे ज्यादा
तबाही मचा रहा है चीन ने वैक्सीन बनाने के दावे तो बहुत बड़े-बड़े किए थे लेकिन चीन की वैक्सीन की क्वालिटी इतनी खराब है कि नेपाल और इंडोनेशिया ने चीन की दूसरी डोज नहीं ली नहीं ! चीन की वैक्सीन पर कोई भी स्टडी किसी इंटरनेशनल जनरल में कहीं नहीं छपी ।
-अगले साल चीन की विकास दर मात्र
ढाई प्रतिशत रह सकती है चीन की विकास दर में कम से कम 4 परसेंट की कमी दर्ज की जा रही है चीन में 18% युवा बेरोजगार है और दावा यह किया जा रहा है कि चीन का निर्यात है पिछले साल के मुकाबले करीब 10% गिर गया है।
गुप्तेश्वर महादेव एक प्रसिद्ध प्राचीन तीर्थ है जो भगवान शिव को समर्पित है ।जो भारत के ओडिशा राज्य के कोरापुट जिले से लगभग 55 किलोमीटर दूर स्थित है । यह एक चूना पत्थर की गुफा है, और इसका मुख्य आकर्षण विशाल शिव लिंग है जिसके बारे में कहा 👇
जाता है कि यह आकार में लगातार बढ़ता जा रहा हैदेश भर के तीर्थयात्री यहाँ श्रावण माह के दौरान आते हैं क्योंकि वार्षिक बोल बम यात्रा इसी स्थान पर आयोजित की जाती हैभक्त महामहिम कुंड में स्नान करने के लिए बोल बम यात्रा के दौरान गुप्तेश्वर तक जाते हैं,और फिर शिव लिंग के पास जाप करतेहै
शिव लिंग मंदिर तक पहुँचने के लिए 200 सीढ़ियाँ हैं। इसका प्रवेश द्वार लगभग 9.8 फीट चौड़ा और 6.6 फीट ऊंचा है।
यह पवित्र स्थान महाकाव्य रामायण के श्री राम से जुड़ा हुआ है । पास की पहाड़ी को "रामगिरी" नाम दिया गया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, लिंगम की खोज सबसे पहले भगवान राम ने की
श्रीराम तत्व
आखर मधुर मनोहर दोऊ |
बरन बिलोचन जन जिय जोऊ ||
"राम"
दोनों अक्षर मधुर और मनोहर हैं।
जो वर्णमाला रूपी शरीर के नेत्र हैं।
भक्तों के जीवन हैं
तथा स्मरण करने में सबके लिए सुलभ और सुख देने वाले हैं।
और जो इस लोक में लाभ और परलोक में निर्वाह करते हैं।
अर्थात्
भगवान के👇
दिव्य धाम में
दिव्य देह से सदा भगवत्सेवा में नियुक्त रखते हैं।
ये कहने सुनने और स्मरण करने में बहुत ही अच्छे सुंदर और मधुर हैं।
श्री "राम" का
"र' और "म" का अलग-अलग वर्णन करने में प्रीति बिलगाती है।
अर्थात
बीज मंत्र की दृष्टि से इनके उच्चारण अर्थ और फल में भिन्नता दिख पड़ती है।
परन्तु हैं ये जीव और ब्रह्म के समान स्वभाव से ही साथ रहने वाले सदा एक रूप और एक रस।
श्री "राम"
ये दोनों अक्षर
नर-नारायण के समान सुंदर भाई हैं।
ये जगत का पालन और विशेष रूप से भक्तों की रक्षा करने वाले हैं।
ये भक्ति रूपिणी सुंदर स्त्री के कानों के सुंदर आभूषण कर्णफूल हैं।
और जगत
मुगल बादशाह अकबर के बारे मे एक बडी रोचक और तार्किक खबर हाथ लगी है!पता नहीं वामपंथी इतिहासकारों का ध्यान अब तक इस तरफ क्यो नही गया या फिर उन्होंने सच्चाई को छुपाने का प्रयास किया है ?
1530 मे मुगल सुल्तान बाबर के पुत्र हुमायूं ने राजगद्दी संभाली!1530 से 1540और फिर1555-56 तक उसने👇
दिल्ली पर शासन किया ! हुमायूं का पूरा नाम "नसीर उदू-दीन मुहम्मद हुमायूं" था
26 जून 1539 को हुमायूं और शेर शाह सुरी के मध्य चौसा का युद्ध हुआ, जिसमें हुमायूं बुरी तरह पराजित हुआ। 17 मई 1540 को हुमायूं और शेर शाह के बीच फिर कनौज युद्ध हुआ,जिसमे शेर शाह सुरी ने हुमायूं को दुबारा
पराजित किया।
इस युद्ध के बाद हुमायूं दिल्ली छोडकर ईरान भाग गया,ईरान मे वह घुम्मकडो की तरह यायावर जिंदगी जीता रहा!1544 मे हुमायूं ईरान के बादशाह की शरण लेकर वहा रहने लगा,लेकिन उस का जीवन खानाबदोश की तरह ही था !
बीच बीच में जब भी उसे हिदुस्तान की याद आती तो छुपते छुपाते वह यहा भी
कौन है पठान और पाकिस्तान अफगानिस्तान के सिवा है कहां पठान भारतीय पहचान पठानो से तो नही है ना,लेकिन फ़िल्में बनेंगी पठानों पर,जबकि बननी चाहिए भारतीय रणबाकुरों पर,हम में से कितने लोग जानते है कि हरि सिंह नलवा के डर से इन पठानों ने अपनी लुगाइयों की सलवार पहननी शुरू की थी लेकिन 👇
लेकिन भांडवुड दिखाता है काबुली वाला पठान,देशभक्त ईमानदार,भावुक निश्छल पठान या फिर अमिताभ भन्डेले की लुल्लाह गवाह जो हिन्दू SPसे किये वादे को निभाने के लिए पूरी जिंदगी जेल में गुजारता है एक जंगली,जाहिल,गवार,लूटपाटअराजक, मारकाट,खुनखच्चर वाली अफगानी व्यवस्था में यकीन रखने वाली थुकली
पख्तून जनजाति का नाम है पठान,तालिबानियों ने जब अफगानियों के लिये ड्रेस कोड पठानी सूट सलवार लागू किया तो कई अफगानी नेताओ ने इन्हें याद भी दिलाया था कि हरि सिंह नलवा के डर के मारे अफगानी पठानों ने अपनी लुगाइयों की सलवार पहन जान बचाई थी,ये तो हमारे लिए अपमान का सर्टिफिकेट है..?
आप
बहती गंगा में नहा कर
अपने कुकर्मों को पवित्र दिखाने में लगे है।
प्रधान मंत्री पर कटाक्ष करने में
आपस में प्रतियोगिता चल रही है।
सब के सब मोदी को
सबसे बड़े नालायक,निकम्मा,भ्रष्ट,जनता का शत्रु
बताने में लगे हैं।
जिसको जो मन में आ रहा है ,
तथ्य हीन आरोप लगाए जा रहे हैं। 👇
विपक्षियों को गुस्सा इस बात का है कि
बॉर्डर पर की जा रही सैनिक तैयारियों की पूरी जानकारी क्यों नहीं दी जा रही है।
( सारी सूचनाएं शत्रु देश तक पहुंचाने की जल्दबाजी है क्या ?)।
अपने दल में पूरी तरह उपेक्षित एक नेता
वही विलाप कर रहा है कि
भारत में कोई मुसलमान सुरक्षित नहीं है ।
कोरोना की आशंकित नई लहर से बचाव के लिए
सरकार ने कोरोना प्रोटोकॉल के लिए
दिशा निर्देश किया तो
वे अड़ गए कि हम मास्क नही लगाएंगे।
इनको दुख है कि
जी २० और अन्य अति आवश्यक बैठकें
क्यों नहीं रद्द की जा रही है।
परंतु दूसरे ही सांस में यही लोग कहते है
सरकार तीन महीने से सो क्यों
चीन का घर भले ही ढह जाए,
भारत की दीवार जरूर गिरा कर रहेंगे -
‘भारत जोड़ो यात्रा’ बन रही
“कोरोना बढ़ाओ यात्रा”
क्या ये “राक्षस” हैं जो
मोदी इनसे डर गया है -
इस देश में 2 नमूने हैं केजरीवाल और राहुल गांधी जो ढोल पीट कर गाते हैं कि मोदी हमसे डरता है -क्या आप दोनों कोई “राक्षस👇
हो जो मोदी को आपसे डर लगता है ?
गुजरात चुनाव में केजरीवाल हर जगह शोर मचाता था कि हमारी पार्टी से मोदी “डर” गए हैं क्योंकि हम सरकार बनाने जा रहे हैं -
अब राहुल गांधी को केंद्र सरकार ने सलाह क्या दे दी कोरोना की वजह से यात्रा रोकने के लिए तो वो भी पहली बात यह कह रहा है कि मेरी
यात्रा से मोदी डर गए हैं और यात्रा रोकने के लिए बहाने बनाए जा रहे हैं चीन के कोरोना को आधार बना कर -
अब सोचिये यदि राहुल गांधी को खुद को कोरोना हो गया और उसका उपचार नहीं हो पाया तो भी क्या सरकार पर बहाने बनाने का आरोप लगा कर “यात्रा” जारी रखेगा -