लव जिहाद के द्वारा हो रही भयानक हत्याओं का किस्सा देखकर और लगातार ऐसी घटनाएं देखकर बहुत दुख हो रहा है
दरअसल स्त्रियों का मानस यानी मन या अवचेतन त्रिस्तरीय यानी तीन स्तर का होता है यानी कि स्त्रियों का 3 चेहरा होता है
एक स्तर वह जो स्त्री सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करती है
दूसरा स्तर अपने अंगत खास मित्रों माता पिता पति भाई-बहन के समक्ष प्रदर्शित करती है
और स्त्री का तीसरा स्तर वह होता है जो स्त्री खुद ही जानती है इस स्तर तक कोई नहीं पहुंच सकता
इसीलिए स्त्रियों के चरित्र के लिए त्रिया चरित्र यानी कि 3 चरित्र शब्द कहा गया है
लव जिहाद करने वाले लोग भोली भाली हिन्दू स्त्रियों को फंसाने वाले लोग बड़े शातिर होते हैं उन्हें साइकोलॉजी की अच्छी ज्ञान दी जाती है क्योंकि
वह हिंदू स्त्रियों के चेतन मन के इसी तीसरे स्तर की बात जानते हैं
इस तीसरे स्तर पर जाना बेहद कठिन होता है इसके कई आसान तरीके भी होते हैं जैसे कि यदि आपको पता चले कि कोई स्त्री परेशानी में है या उसके परिवार में झगड़ा और कलह है तब आप उसे परेशानी से निकलने में मदद करिए उसे
सहानुभूति दीजिये उसकी सहायता करिए आप बड़ी आसानी से उस स्त्री के तीसरे स्तर तक पहुंच जाएंगे
फिल्मों में और लफंगों के बातचीत में आपने लड़की पटाई जैसे शब्द सुने होंगे लेकिन कभी आपने लड़का पटाया या लड़का पटाना शब्द नहीं सुना होगा क्योंकि स्त्रियों के तीसरे स्तर तक यानी
उनके तीसरे अवचेतन मंत्र पहुंचने वाला व्यक्ति स्त्री को हाईजैक कर सकता है उसे गुलाम बना सकता है उस स्त्री को उसके मां बाप भाई बहन पति से दूर कर सकता है.... यहां तक कि स्त्री सब कुछ छोड़ कर उस व्यक्ति के साथ भागने को भी तैयार हो जाती है यहां तक कि स्त्री
अपना धर्म भी बदलने को सहमत हो जाती है
ताजा उदाहरण जूनागढ़ का है एक हिंदू ब्राह्मण लड़की बरेली के रहने वाले एक मुस्लिम ड्राइवर के संपर्क में इंस्टाग्राम पर आई और इंस्टाग्राम पर चैट से ही उस 40 साल के मुस्लिम ड्राइवर ने उस लड़की के अवचेतन मन को इस तरह से हाईजैक कर लिया कि
वह लड़की अपने पूरे परिवार को खाने में नशीला जहर देकर घर से सारे गहने और क्रेडिट कार्ड डेबिट कार्ड लेकर उस लड़के के पास बरेली चली गई
इस घटना में उस मुस्लिम ने ही कुरियर से उस लड़की को नशीली दवा भेजी थी वह लड़की जानती थी कि वह क्या कर रही है
लेकिन उसका तीसरे स्तर का अवचेतन मन हाईजैक हो चुका था इसलिए वह एक रोबोट की तरह काम कर रही थी
स्त्रियों की यौन इच्छाएं पुरुषों की अपेक्षा बहुत तेज होती है फिर भी स्त्री कभी बलात्कार नहीं करती क्योंकि पुरुष का बलात्कार संभव ही नहीं है बलात्कार सिर्फ स्त्री का ही संभव है।
बहुत सी घटनाओं में स्त्री अपने खुद के बलात्कारी अथवा अपहरणकर्ता के साथ ही विवाह कर लेती है ऐसी भी बहुत सी घटनाएं सामने आई हैं इस घटना को साइकोलॉजी में स्टॉकहोम सिंड्रोम कहते हैं
अक्सर हम ऐसे वीडियो देखते हैं जिसमें मेंढक खुद ब खुद सांप के पास चला जाता है या बहुत से जीव
आसानी से खुद अपने शिकारी जीव के पास चले जाते हैं दरअसल उन जीवो के शरीर में एक ऐसा वायरस या बैक्टीरिया या परिजीवी होता है जिसके लाइफ का कई साइकल यानी चक्र होता है और वह दूसरे चक्र के लिए उस जीव के दिमाग पर ऐसा हाईजैक कर लेता है कि वह जीव अपने शिकारी से डरना छोड़ देता है और
वह जीव खुद ब खुद अपने शिकारी के पास चला जाता है
और जब वह शिकारी उस जीव को खा लेता है फिर वह वायरस या बैक्टीरिया या परिजीवी को शिकारी के पेट में जाकर अपने जीवन का अगला चक्र पूरा करता है
ठीक ऐसे ही लव जिहाद को अंजाम दिया जाता है यानी स्त्री के दिमाग को पूरी तरह से हाईजैक करना
और पिछले कुछ वर्षों में यह घटनाएं जिस तरह से बढ़ी हैं यह दिखाती है कि कुछ बड़े मुस्लिम साइकोलॉजिस्ट और तमाम मुस्लिम लोग इन्हें बकायदा इस बात की ट्रेनिंग और मदद देते हैं इन्हें बकायदा स्त्री के अवचेतन मन को पढ़ने की और स्त्री को समझने की और स्त्री के मन को
हाईजैक करने की ट्रेनिंग दी जा रही है
लव जिहाद बहुत तेजी से फैल रहा है अक्सर हिंदी फिल्मों में साठ के दशक से ही लव जिहाद फैलाया गया लेकिन हम हिंदू उस वक्त जागरूक नहीं थे हमारी मीडिया हमें जागरूक नहीं कर रही थी।
आप पुरानी बॉलीवुड फिल्मों के देखिए किस तरह से लव जिहाद का एजेंडा फैलाया जा रहा था अमिताभ बच्चन नास्तिक बनते थे लेकिन उन्हें 786 नंबर के बिल्ले पर पूरा भरोसा होता था मुस्लिम लोगों को नेक दिखाया जाता था हिंदू ब्राह्मण क्षत्रिय बनिया को बहुत अभद्र तरीके से दिखाया जाता था।
दरअसल यह सब घटनाएं स्त्री के मन को खासकर हिंदू स्त्रियों के मन को हाईजैक करने के लिए ही की जा रही थी ऐसी हर एक फिल्म के लेखक मुस्लिम हैं हर एक डायलॉग के लेखक मुस्लिम है चाहे वह जावेद हो सलीम हो कादर खान हो जा निशा अख्तर हो या फिर अतहर उल इमाम हो इन्होंने लव जिहाद के एजेंडे को
बड़ी चालाकी से आगे बढ़ाया और हम हिंदू कुछ समझ ही नहीं सके बल्कि इनकी फिल्मों के तालियां बजाते थे
एंग्री यंग मैन अमिताभ बच्चन मंदिर में जाने से मना करते हैं भगवान को पत्थर बताते हैं हिंदू देवी देवताओं को भला बुरा कहते हैं प्रसाद खाने से मना करते हैं लेकिन
786 नंबर के बिल्ले को आंखों से लगाते हैं
तमाम फिल्मों में डायलॉग लिखे गए लड़की की ना में हां होती है और इस बात को हिंदी फिल्मों में खासकर शाहरुख खान सलमान खान सैफ अली खान आमिर खान ने खूब आगे बढ़ाया
अब हिंदू स्त्रियों को प्रैक्टिकल बनना पड़ेगा वरना वह सूटकेस में
35 टुकड़ों में पैक होती रहेंगी या फिर 3-4 मुस्लिम बच्चे पैदा करके दर बदर भटकने के लिए फेंक दी जाएंगी हिंदू स्त्रियों को समझना चाहिए इस विश्व में प्रेम केवल माता पिता पति बच्चे भाई-बहन ही कर सकते हैं बाकी जो प्रेम होता है वह सिर्फ सेक्स के लिए पूर्व तैयारी होता है।
अंधा बनकर किसी विधर्मी युवक के लव जिहाद में पड़ने से अच्छा है कि आप एक अच्छा परिवार अच्छा आचरण वाला किसी हिंदू युवक को पसंद करिए ताकि भविष्य में आप के पेट से कोई क्रिमिनल पैदा ना हो
आजकल बहुत से मोटिवेशनल स्पीकर तथाकथित लेखक स्त्रियों को प्रेम नाम की अजीब सी पहेली समझाने में
लग गए हैं जबकि यह तथाकथित लेखक मोटिवेशनल स्पीकर कभी जीवन की कड़वी वास्तविकताओं को स्त्रियों को नहीं बताते।
लव जिहाद को किस तरह से संगठित तरीके से अंजाम दिया जाता है इसे आप गूगल पर ब्रिटेन का ग्रूमिंग ग्रूप सर्च करिए और हां ब्रिटेन में ना संघ है ना बीजेपी है ना कट्टर हिंदू हैं
आप कभी विचार करिएगा कि आखिर मुस्लिम लोग दूसरे धर्म की लड़कियों को या यदि कोई हिंदू लड़का किसी मुस्लिम से शादी करता है तो पूरा समाज उस लड़के को मुस्लिम बनाने में क्यों लग जाता है ??
दरअसल इस्लाम में कई तरह के पुण्य का जिक्र है और उसमें सबसे आला दर्जे का पुण्य वह है यदि
आपकी वजह से कोई गैर मुस्लिम शख्स मुस्लिम बना है तब आपको इस्लाम का सबसे नेक पुण्य मिलेगा इसीलिए इस्लाम में दावते इस्लाम की व्याख्या की गई है यानी आप गैर मुस्लिमों को इस्लाम की दावत दो उसे मुस्लिम बनाओ
आपने देखा होगा हर एक मुस्लिम किसी न किसी तरीके से किसी गैर मुस्लिम को अपने
मुस्लिम धर्म में लाने की कोशिश में लगा रहता है वह वीडियो क्लिप भी खूब वायरल हुई थी जब एक मैच के दौरान पाकिस्तान के क्रिकेट खिलाड़ी श्रीलंका के खिलाड़ियों को इस्लाम कुबूल करने को समझा रहे थे
पाकिस्तान में सिंध का एक मौलाना को सबसे अच्छा दर्जा हासिल है और उसका परिचय यह कह कर
दिया जाता है कि उन्होंने 10000 हिंदुओं को इस्लाम में लाया
जाकिर नायक की इस्लामी देशों में इसीलिए इज्जत है क्योंकि जाकिर नायक ने भी दावते इस्लामी एजेंडे को खूब आगे बढ़ाया यानी गैर मुसलमानों को मुस्लिम बनाने के लिए खूब प्रेरित किया
मैं पाकिस्तान के तबलीगी जमात के प्रमुख का
एक भाषण सुन रहा था जिसमें वह कह रहे थे की अल्लाह ने जो कई दर्जे के जन्नत बनाए हैं उसमें सबसे आला दर्जे का जन्नत उसी को मिलेगा जिसकी वजह से ज्यादा से ज्यादा गैर मुस्लिम इस्लाम में आए हो
हिंदू लड़कियां और स्त्रियां इस बात को नहीं समझ पा रही है कि तुम्हें वह प्यार करने के
लिए अपने जाल में नहीं फंसा रहे बल्कि वह अपने ट्रिपल फायदे के लिए तुम्हें जाल में फंसा रहे हैं पहला फायदा यह कि तुम्हारा शरीर उन्हें भोगने को मिलेगा दूसरा फायदा यह कि तुम्हारे पेट से वह तमाम बच्चे पैदा करेंगे और जाहिर सी बात है कि वह बच्चा हिंदू धर्म से और ज्यादा नफरत करेगा और
तीसरा फायदा यह कि उनका जन्नत में आला दर्जे का मुकाम हासिल होगा क्योंकि उन्होंने एक गैर मुस्लिम को मुस्लिम बनाया है
मित्रों अंत में आपको विचार करना पड़ेगा कि हमारी बच्चियां हमारी बेटियां हमारी बहने लव जिहाद में ना फंसे दरअसल हम हिंदू अपने कैरियर अपने नौकरी अपने सामाजिक जबाबदारी
के प्रति इतने लीन और व्यस्त हो जाते हैं कि अपनी पत्नी अपनी बेटी अपनी बहन इत्यादि से दूर हो जाते हैं हम ये भूल जाते हैं कि जिहादी लोगों की नजरें हमारे परिवार की महिलाओं पर लगी है
आप अपनी बच्चियों से दोस्त की तरह बात करिए उसे समझिए उसकी क्या समस्या है वह जानिए आप अपनी पत्नी को
पूरा टाइम दीजिए उन्हें कहीं घुमाने ले जाइए ....आपके समाज की यदि कोई महिला किसी परेशानी में है तो पूरे समाज का यह दायित्व है कि उस महिला को उस परेशानी में निकालने में मदद की जाए क्योंकि उनकी नजर ऐसी महिलाओं पर लगी लगी रहती है जो किसी परेशानी में हो और वह उस परेशानी से
निकलने के बहाने उन्हें बरगला दे
बहुत पीछे जाने की जरूरत नहीं है सिर्फ दो दशक पहले तमिलनाडु में एक दिलीप कुमार नामक बच्चा था जिसके पिता का निधन हो गया था और उसकी मां बहुत परेशान थी एक तथाकथित सूफी संत को पता चला और उसने मदद करने के बहाने उस पूरे परिवार का धर्मांतरण करवा दिया और
वही दिलीप कुमार बच्चा आज ए आर रहमान है अगर उस दिलीप कुमार के परिवार को हिंदू समाज से मदद मिल गई होती तो कितना अच्छा होता।
एक समय था जब एक मुस्लिम अभिनेता को सफल होने के लिए हिन्दू नाम का सहारा लेना पड़ता था. युसूफ खान (दिलीप कुमार) से अच्छा उदाहरण और कोई नहीं मिल सकता. संजय ने बहुत लम्बे समय तक खुद के नाम के आगे खान लिखने से परहेज़ किया.लेकिन आज?
आज शाहरुख़ खान बड़े गर्व से कहता है कि वह पठान है और उस पर तुर्रा यह कि एक हिन्दू लड़की से विवाह करके बड़ी शान से जी रहा है। एक वही क्यों? जिस भी मुस्लिम कलाकार या क्रिकेटर को देखो, हिन्दू लड़कियों से प्रेम सम्बन्ध बनाना या विवाह करना अपना धर्म समझता है।
क्या यह सब अचानक हो रहा है? क्या यह एक सोची समझी साज़िश नहीं है? शर्मीला टैगोर /पटौदी से आरंभ हुई यह कहानी आज घर घर में दोहराई जा रही है. लव जिहाद की सफलता का बड़ा कारण यही है. यह अभिनेता आज लोगों के ideals हैं और इन्ही की देखा देखी हिन्दू लड़कियां भी मुस्लिम लड़कों के चंगुल में
1- कुरान सिर्फ मारने का नहीं बल्कि तड़पा-तड़पाकर मारने का आदेश देती है !! 2- स्क्वाड्रन लीडर अजय आहूजा को 12 घंटे से ज्यादा समय तक टॉर्चर करके मारा गया ! 3- कैप्टन सौरभ कालिया के साथ हुई नृशंसता को लिखने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं !
4- पृथ्वीराज चौहान को अंधा करके मारा गया ! 5- पृथ्वीराज चौहान की पत्नी संयोगिता को नग्न कर बलात्कार करने के लिये वहशी दरिंदों के बीच फेंक दिया गया और मरने तक दरिंदे उसका रेप करते रहे 6- गुरु अर्जुनदेवजी को गर्म तवे पर बैठाने के बाद उन पर खौलती हुई रेत डालकर मारा गया !
7- गुरु तेगबहादुर जी की नृशंस हत्या कैसे की गई बताने की जरूरत नहीं 8- भाई मतिदास जी को लकड़ी के दो पाटों में बांधकर ऊपर से नीचे आरी से चीरा गया ! 9- भाई सतीदास को बड़े कड़ाह में खौलते तेल में डुबाकर मारा ! 10- भाई दयाला जी को रुई में लपेटकर जिन्दा जलाया !
भारत तो भारत है न! यहां के हिन्दू इतनी जल्दी कैसे हार मान लेते?
सन 1510 गोआ के तात्कालिक मुश्लिम शासक यूसुफ आदिल शाह को पराजित कर पुर्तगालियों ने गोआ में अपनी सत्ता स्थापित की। अगले पच्चीस तीस वर्षों में गोआ पर पुर्तगाली पूरी तरह स्थापित हो गए।
फिर शुरू हुआ गोआ का ईसाईकरण। कुछ लोग उनकी कथा के प्रभाव में आ कर धर्म बदल लिए और ईसाई हुए। जो धन ले कर बदले उन्हें धन दिया गया, जो भय से बदल सकते थे उन्हें भयभीत कर बदला गया।
और जो नहीं बदले..?
गांव के बीच में एक हिन्दू को खड़ा करा कर उसे आरा से चीरा जाता।
हिन्दू युवतियों को नग्न कर संड़सी से उनके स्तन नोचे जाते। स्त्रियों को नग्न कर उनकी दोनों टांगो में दो रस्सी बांध दी जाती और दोनों रस्सियां दो घोड़ों से जोड़ दी जातीं। दोनों घोड़े दो ओर दौड़ाये जाते और पल भर में एक शरीर दो भाग में बंट जाता।
प्रश्न: कर्म कितने प्रकार के होते हैं ? उनमें श्रेष्ठ कौन सा कर्म माना जाता है ?
कर्म मुख्यता तीन प्रकार के होते हैं
१. संचित कर्म
२. प्रारब्ध कर्म और
३.क्रियमाण कर्म।
जैसे हम बैंक में पैसा जमा करते जाते हैं इस प्रकार काफी अर्से से (जमा करना) एकत्र होते होते संचित कर्म कहलाते हैं, उन संचित कर्मों में से जो कर्म फल देने के लिए तैयार हो जाते हैं उसे प्रारब्ध कर्म कहा जाता है (भाग्य को प्रारब्ध भी कहते हैं) यानी कि
संचित बैंक अकाउंट में एक करोड़ रुपए है लेकिन टैक्स सेविंग फिक्स डिपाजिट (F.D) के रूप में है जो आप कुछ साल नहीं निकाल सकते लेकिन दस लाख रुपए निकाला जा सकता है, दस लाख रुपएको समझिए प्रारब्ध कर्म, अब अगर वर्तमान में कहां कर कुछ पैसे और जमा कर देंगे,