भाईयो, हम सब लोग अपने #यशस्वी_प्रधानमंत्री_श्री_मोदीजी को एक मृदुभाषी सज्जन के रूप में जानते हैं। लेकिन हम में से बहुत से लोग यह नहीं जानते हैं कि वे अपने विरोधियों पर हमला करेंगे और उन्हें खून से लथपथ कर देंगे।
तब स्टेट बैंक की उस शाखा के चीफ कैशियर वेद प्रकाश मल्होत्रा
होते थे। उस दिन उनके पास इंदिरा गाँधी के तत्कालीन मुख्य सचिव...
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पी. एन. हक्सर का या उनकी आवाज़ में एक फोन आता है...!
'आप के पास एक आदमी फलाँ फलां #कोडवर्ड लेकर आयेगा, आप उसे 60 लाख रु दे देना।'
इसी दौरान पी एन हक्सर ने कथितरूप से इंदिरा गाँधी से भी उनकी बात करवाई। बाद में ऐसा ही हुआ और कैशियर साहब ने उस
आदमी को 60 लाख रुपए दो अटैची में..
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भर कर दे दिये और वह उन्हें ले कर चला गया।
अब आप सोचें...
मान लो कि आपका नाम "अनिल कौशिश" है, और आप पार्क में घूमने गये हुए हैं। तभी कोई नितान्त अनजान आदमी आपके घर आ कर आपकी पत्नी को कहे कि कौशिश साहब ने 100 रु मँगवाये हैं। तो क्या वे उस आदमी को 100 रुपए का नोट पकड़ा देंगी?
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आज मेरे आखिरी पेपर के बाद दीदी को कह देना...! कि जैसे ही मैं परीक्षा कक्ष से बाहर आऊंगा तब पैसा लेकर बाहर खड़ी रहे। मेरे दोस्त की पुरानी बाइक आज ही मुझे लेनी है। और हाँ, यदि दीदी वहाँ पैसे लेकर नहीं आयी तो, "मैं घर वापस नहीं आऊंगा".....! @ManjuSh37235221 @TriShool_Achuk
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*नेहरू ने अँग्रेजों से गुप्त संधि की थी" और कहा था कि “मैं भी मुसलमान हूं”_ (विभाजनकालीन भारत के साक्षी )*
इस शीर्षक को पढ़ कर आप अवश्य चौकेंगे, लेकिन सत्ता के लिए जवाहरलाल नेहरू के ये कुछ व्यक्तिगत रहस्य भी जानने से यह स्पष्ट होता है कि स्वतंत्रता के उपरान्त भी भारत क्यों...
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अपने गौरव को पुन: स्थापित न कर सका __ विनोद कुमार सर्वोदय
श्री नरेन्द्र सिंह जी जो ‘सरीला’ रियासत (टीकमगढ़ के पास,बुंदेलखंड) के प्रिंस थे तथा बाद में गवर्नर जनरल लार्ड वेवल व लार्ड माउण्टबैटन के वे ए.डी.सी. रहे थे। इस कारण 1942 से 1948 तक की वाइसराय भवन में घटित घटनाओं के
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वे स्वयं साक्षी थे। उनसे इस लेख के लेखक (प्रो सुरेश्वर शर्मा) की प्रथम भेंट दिसम्बर 1966 में "इण्डिया इण्टरनेशनल सेंटर, दिल्ली" में हुई थी l प्रिंस आफ़ सरीला श्री नरेंद्र सिंह उस समय काफी वृद्ध थे और इण्डिया इंटरनेशनल सेंटर में ही रहते थे।
अब कई दिनों तक शोले फूटेंगें उन जली भुनी तशरीफ़ों से!
*अटलजी का स्वप्न*,
16,610 हेक्टेयर भूमि,
एक बहुत बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, #डीप_सी_कंटेनर_डिपो, "एक वृहद टाउनशिप"...
बनने जा रहा है!
*जानते हैं कहाँ ??*
अटल जी चाहते थे कि
यह सब बने निकोबार द्वीप में..!
केंद्र ने इसके लिए तमाम मंजूरियां प्रदान कर दी हैं !
कुल खर्च होगा 75 हजार करोड़ रुपए....!
_*In this project*
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_ construction of a greenfield international port, an international container transshipment terminal, a township and power plants across 16,610 hectares of pristine forests in a Great Nicobar island will be done*_``
यह सत्य है कि BJP ने वक़्फ़ बोर्ड के राष्ट्रघाती खतरनाक कानूनों को लेकर अबतक कुछ नहीं किया।
लेकिन, ये भी सच है कि कांग्रेस द्वारा बनाये गये ये काले कानून आज अगर चर्चा का विषय हैं तो BJP के ही कारण... नहीं तो किसी को पता भी नहीं चलता और वह लोग इसका इस्तेमाल करते...
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2045 के बाद...! जब वे जनसंख्या में बराबरी पर होते, तब तक वो शांत पड़े रहते।
इतिहासबोध, अधिकारबोध और राष्ट्रबोध का हिन्दुओं में आलम ये है कि - 98% लोगों को तो ये पता भी नहीं कि वक़्फ़ होता क्या है ? अनपढ़ों की ही नहीं, उच्च शिक्षितों की भी स्थिति यही है।...
क्योंकि- इस जानकारी से न तो बैंक बैलेंस बनेगा, न ही कुछ मिलेगा, तो हिन्दू जानकर करेगा क्या, हिन्दू राष्ट्रहित का अर्थ ही भूल चुका है। सिर्फ निजी फायदे या नुकसान का ही उसके लिए महत्व है। यदि किसी को बताओ भी, तो वह सुनने के लिए तैयार ही नहीं। हमने मोदी को वोट दे दिया !
बस....!
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