जैसे जैन भाई अयोध्या में साथ थे। वैसे ही मथुरा के लिए साथ हैं।
अब हिंदुओ की बारी हैं। #सम्मेद_शिखर जी के लिए अपने जैन भाइयों के साथ आये।
आस्था....
कैसी आस्था किसकी आस्था
तुम्हारी देवो के लिये
हमारी वोटो के लिये
देव पूजन से हमे क्या मिलना
पर्यटन क्षेत्र से राजस्व मिलना
हमारी 👇
शान ओ शौकत बढ़ना
सबका साथ सबका विकास करना
सभी अल्पसंख्यक को साथ रखना
पर यह सरकारी उस्तण्ड नही चलेगा
साधु संत कुर्बानी देगा अन्न त्याग करेगा
हर शहर में विरोध में जुलूस होगा
ज्ञापन देना नारा लगा गगन गुंजायमान होगा
आवाज तुम्हारे कानो तक भी पहुंचेगी
सत्ता रूढ़ दल मदहोश न हो जाग जा
ना
तो इस बार हार की चौखट पर होगा
संतो का श्राप पहले भी लगा था
इस बार श्राप ज्वलायमान होगा
धार्मिक स्थल को धार्मिक ही रहने दो
पवित्रता को दूषित मत करो
आदेश अपना वापिस ले लो
हमारी आस्था अगर कायम रहेगी
तो ही आस्था तुम्हारी भी रहेगी......
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श्रीरामचरितमानस
सुंदर काण्ड का पहला भाग
भाग 1
शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदं
ब्रह्माशम्भुफणीन्द्रसेव्यमनिशं वेदान्तवेद्यं विभुम् |
रामाख्यं जगदीश्वरं सुरगुरुं मायामनुष्यं हरिं
वन्देऽहं करुणाकरं रघुवरं भूपालचूडामणिम् ||
शान्त सनातन
अप्रमेय प्रमाणों से परे
निष्पाप 👇
मोक्षरूप परम शान्ति देने वाले
ब्रह्मा शम्भु और शेषजी से निरंतर सेवित
वेदान्त के द्वारा जानने योग्य
सर्वव्यापक
देवताओं में सबसे बड़े
माया से मनुष्य रूप में दिखने वाले
समस्त पापों को हरने वाले
करुणा की खान
रघुकुल में श्रेष्ठ
तथा राजाओं के शिरोमणि
"श्रीराम" कहलाने वाले "जगदीश्वर"
" की मैं वंदना करता हूँ।
जय बजरंगबली
जय जय श्रीसीताराम
आज पूर्व RAW Chief AS Dulat, राहुल गाँधी की भारत जोड़ो यात्रा से जुड़ा,
यह यात्रा देश विरोधियों का एक platform है,जो देश को तोड़ने की बात करते हैं, वही इस यात्रा में जुड़ते हैं
आइये पता करते हैं, AS Dulat के बारे में,
AS Dulat 1988-90के समय कश्मीर में IB के Joint Director tha👇
यह वही समय था जब पाकिस्तान ने कश्मीर में आतंकवाद को समर्थन दिया था, रातो रात हजारों कश्मीरी LOC पार कर POK चले गए थे, और फिर कुछ हफ्तों में आतंकवादीTraining पा कर वापस आये, और उसके बाद कश्मीरी हिन्दुओं के साथ क्या हुआ, सबको पता है, इतनी बड़ी साजिश चल रही थी, और हमारी Intelligence
agency सो रही थी, कमाल की बात है,
AS Dulat के समय ही हुर्रीयत ने सर उठाया, उनके नेताओं को करोड़ों की funding और सरकारी सहायता देने का idea भी उसी का था,
AS Dulat 1998 मेंRAW के चीफ था, इसी समय कारगिल घुसपैठ हुई थी,इसमें सबसे बड़ा failure intelligence का ही था, दुश्मन हमारी सीमा
भारत के विदेश मंत्री ने अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल से मिलने से मना कर दिया. जयशंकर को कांग्रेस (अमेरिकी लोक सभा) की विदेश नीति वाली समिति से मिलना था. प्रमिला जयपाल उस समिति की सदस्य नहीं है. जब जयशंकर को पता चला कि वह भी समिति की मीटिंग को अटेंड करेंगी तब उन्होंने यह कहकर 👇
मीटिंग में जाने से मना कर दिया कि वह ऐसे लोग से बात नहीं करना चाहते जो खुले दिमाग से विचार-विमर्श नहीं करना चाहते
कुछ समय पहले तक छुटभैया अमेरिकी सांसद तथा नेताओं को लेकर भारतीय हाथ में माला लेकर स्वागत के लिए तैयार खड़े रहते थे.पाकिस्तान किसी भी अमेरिकी सांसद के बयान को हेडलाइन
बना देता है तथा वहां के प्रधानमंत्री उनके बयानों को ट्वीट करते रहते हैं. लेकिन यहां भारत के विदेश मंत्री ने एक बंद दिमाग वाले सांसद के कारण - जो एक अजेंडे के तहत कार्य कर रही थी - अमेरिकी कांग्रेस की विदेश नीति वाली समिति से ही मिलने से मना कर दिया. 👇
#सनातन_यानी_जो_सृष्टि_की_उतप्ति_से_व्याप्त!!
हमारा धर्म पहले संपूर्ण धरती पर व्याप्त था।
पहले धरती के सात द्वीप थे- जम्बू, प्लक्ष, शाल्मली, कुश,क्रौंच,शाक एवं पुष्कर। इसमें से जम्बूद्वीप सभी के बीचोबीच स्थित है। राजा प्रियव्रत संपूर्ण धरती के और राजा अग्नीन्ध्र सिर्फ जम्बूद्वीप👇
के राजा थे
जम्बूद्वीप में नौ खंड हैं- इलावृत, भद्राश्व, किंपुरुष, भारत, हरि, केतुमाल, रम्यक, कुरु और हिरण्यमय। इसमें से भारतखंड को भारत वर्ष कहा जाता था। भारतवर्ष के 9 खंड हैं- इसमें इन्द्रद्वीप, कसेरु, ताम्रपर्ण, गभस्तिमान, नागद्वीप, सौम्य, गन्धर्व और वारुण तथा यह समुद्र से घिर
हुआ द्वीप उनमें नौवां है। भारतवर्ष के इतिहास को ही हिन्दू धर्म का इतिहास नहीं समझना चाहिए।
ईस्वी सदी की शुरुआत में जब अखंड भारत से अलग दुनिया के अन्य हिस्सों में लोग पढ़ना-लिखना और सभ्य होना सीख रहे थे, तो दूसरी ओर भारत में विक्रमादित्य, पाणीनी, चाणक्य जैसे विद्वान व्याकरण और
श्रीराम तत्व
करोड़ों ब्रह्माण्ड
भगवान के एक एक रोम में बसते हैं
दशरथ के घर जन्म लेने वाले भी राम है और जो निर्गुण निराकार रूप से सब जगह रम रहे हैं
उस परमात्मा का नाम भी राम है।
नाम निर्गुण ब्रह्म
और सगुण राम दोनों से बड़ा है।
भगवान स्वयं नामी कहलाते हैं।
भगवान परमात्मा अनामय है👇
अर्थात विकार रहित है।
उसका न नाम है न रूप है।
उसको जानने के लिए
उनका नाम रख कर सम्बोधित किया जाता है क्योंकि हम लोग नाम रूप में बैठे हैं
इसलिए उसे ब्रह्म कहते हैं
जिस अनंत नित्यानंद और चिन्मय परमब्रह्म में योगी लोग रमण करते हैं उसी राम-नाम से परमब्रह्म प्रतिपादित होता है।
अर्थात
राम नाम ही परमब्रह्म है।
नामी या परमात्मा
अपने को नाम के रूप में ही व्यक्त करता है।
परमात्मा के निर्गुण निराकार व सगुण साकार 2 रूप ही माने जाते हैं।
राम-नाम
परमात्मा के इन दोनों रूपों का सार है।
परमात्मा का निर्गुण रूप और उसका सगुण मनुष्य या देह धारी सतगुरु रूप दोनों वास्तव में