बॉटलीवुड का नुमाइंदा बनाकर उतारा गया सुनील शेट्टी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के सामने विनती कर रहा है कि बायकॉट बॉलीवुड मुहिम रुकवा दीजिए। हम अच्छे लोग हैं।
आलिया खान और बिग बीफ गाय रणवीर कपूर फिल्म के प्रमोशन के लिए उज्जैन के श्रीमहाकाल मंदिर में पहुंचे।👇
तुर्की का सीक्रेट एजेंट और 'भारत में डर लगता है' शिगूफा छोड़नेवाला,पीके फिल्म में देवी देवताओं का मजाक उड़ानेवाला हाजी आमिर खान अपनी तलाकशुदा बीवी के दफ्तर में शदीद कुफ्र में मुब्तिला होते हुए पूजापाठ कर रहा है।
भगवा रंग तक से नफरत करनेवाला रुकरुक खान छिपकर माँ वैष्णो देवी के 👇
मंदिर जा रहा है।
सलमान खान की पूर्व प्रेमिका और शीला की जवानी व चिकनी चमेली जैसे कामोत्तेजक गीतों की नायिका कैटरीना कैफ पति विक्की कौशल के साथ मंदिर जा रही हैं।
दीपावली के पटाखों से लेकर होली के रंगों तक का विरोध करनेवाले विराट खोली पत्नी व बच्ची सहित मथुरा वृंदावन घूम रहे हैं।
और कुछ लोग हमें हतोत्साहित करने आए थे कि कुच्छ नहीं होगा तुम्हारी बायकॉट बॉलीवुड मुहिम से। सो,व्हेयर आर यू गाइज? समथिंग इज बर्निंग?
कीसकी वकालत कर रहे हैं सुनील शेट्टी -
बॉलीवुड का इतिहास हिन्दू द्रोही है
सड़े सेबों से भरा पड़ा है बॉलीवुड
क्या कोई मुस्लिम गया योगी से मिलने ?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी से 5 जनवरी को बॉलीवुड के कुछ सितारों ने मुलाकात की और उसमें सुनील शेट्टी ने उनसे अनुरोध किया कि👇
बॉलीवुड फिल्मों के “बायकाट” ट्रेंड को ख़त्म कराने में मदद करें -
सुनील शेट्टी ने कहा हममें कुछ “सड़े सेब” भी हैं मगर इसका मतलब यह नहीं है कि हम सभी ख़राब हैं और आज बॉलीवुड पर एक “कलंक” लगा हुआ है, 99% लोग ड्रग्स नहीं लेते, हम मेहनत करते हैं, हम अच्छे काम करते हैं बॉलीवुड पर लगे
कलंक को दूर करने में हमारी मदद कीजिये क्यूंकि हम देश को विदेशो से जोड़ने का काम करते हैं खासकर संगीत के विषय में -
योगी जी से मिलने वालों में प्रमुख थे चंद्रप्रकाश द्विवेदी, मधुर भंडारकर, ओम राउत,राजकुमार संतोषी, सुभाष घई, मनमोहन शेट्टी, बोनी कपूर, जैकी श्रॉफ, राजपाल यादव और
कल गौतम अदानी ने आप की अदालत कार्यक्रम में पप्पू पेजर के पप्पा की सच्चाई बता दी और कहा कि आज मैं जिंदगी में जो कुछ हूं वह राजीव गांधी की देन है
गौतम अदानी कॉलेज छोड़कर मुंबई में हीरे की ट्रेडिंग किये फिर अहमदाबाद आकर कालूपुर तेल बाजार में तेल का बिजनेस किए उस वक्त गुजरात में👇
भी कांग्रेस की सरकार थी और केंद्र में भी कांग्रेस की सरकार थी
गौतम अडानी ने अपने तेल के दुकान की एक ब्रांच अपने गांव थराद में भी खोलें
गौतम अडानी को कई जगहों पर तेल सप्लाई का कॉन्ट्रैक्ट मिला और देखते ही देखते गौतम अडानी का तेल का बिजनेस चल निकला फिर अदानी ने कई तेल निर्माताओ
से अपने ब्रांड फार्च्यून के नाम पर तेल की पैकेजिंग करवाई और उसे बाजार में उतारा
उसी समय राजीव गांधी ने नई आयात निर्यात नीति लागू किया उस वक्त वाणिज्य मंत्री बी पी सिंह थे और 1985 में जो नई आयात निर्यात नीति आई उसमें खाद्य तेल का भी को लेकर भी बेहद आसान नियम बनाए गए
असल निशाना हिंदुत्व को खत्म करना है इसीलिए चाहे बॉलीवुड हो या पॉलिटिक्स टारगेट सदैव ब्राह्मण बनिया और क्षत्रिय होता है। पहले देशवासियों के मन में फिल्मों के माध्यम से बिठाया गया को ब्राह्मण सदा ढोंगी और लालची भूमिका में दिखाया क्षत्रिय को सदा फिल्मों बलात्कारी जमीन हड़पने वाला👇
दिखाया गया जबकि सत्य तो ये है की देश की आजादी के बाद 567 रियासतों के सभी जमींदार और राजाओं ने स्वेच्छा से अपनी सारी जमीनें राष्ट्र को समर्पित कर दी थी अगर कोई नहीं मान रहा था तो वो था हैदराबाद का निजाम जिसको पटेल साहब ने जबरन शामिल करवाया था लोकतंत्र में।
बनिया को सदैव फिल्मों मे
मिलावट खोर लूट खोर दिखाया गया जबकि सत्य ये है की बनिया बिरादरी ने सैकड़ों वर्ष पहले से अब तक कुआ बावड़ी सराय चिकित्सालय और कई विद्यालय अनाथालय वृद्धाश्रम अपने पैसे से बनवाए हैं।
हिंदू जनमानस को जनरल एससी एसटी और ओबीसी में बांटकर राजनीति चमकाने वालो ने देश का बंटाधार कर दिया।
जब मैं कक्षा 7 या 8 में था, मैंने अपने पिता और पितामह के देखा-देखी अपने नाम के आगे #पंडित लिख लिया. वह पहला और अंतिम अवसर था जब मेरे दादाजी ने मुझे डांटा था. और डांटा भी इस तरह से कि उसकी धमक आज भी चित्त में है.
मुझसे यह प्रश्न किया गया कि "तुम्हें पंडित लिखने का अधिक👇
अधिकार किसने दिया?
यह अवधारणा हमारे देश में आज भी है कि ब्राह्मण पिता और ब्राह्मण माता से उत्पन्न संतान को ब्राह्मण माना जाता है. जबकि #ब्राह्मणत्व जन्मना या वंशानुगत नहीं होता. ब्राह्मणत्व को अर्जित करना होता है.
उक्त घटना के बाद पितामह की अभिरक्षा में मेरा ब्राह्मण बनने की
प्रक्रिया आरंभ हुई. तब तक मुझे केवल कुछ मंत्रो के अलावा रामायण जी के पाठ के लिए ही कहा जाता था. उक्त घटना के पश्चात सर्वप्रथम मेरा यज्ञोपवित हुआ तत्पश्चात हमारे ग्रंथों का अध्ययन.
ब्राह्मण वर्ण में आठ पायदान होते हैं जिसमें केवल पहला पायदान ही ब्राह्मण दंपत्ति की संतान को जन्मना
जब सृष्टि बनी, ईश्वर ने सारी चीजें और आदमी बनाया, तो वह देवताओं से कहने लगे कि यह आदमी मुझे बड़ा शिकायती मालूम पड़ता है। यह बन तो गया, लेकिन यह छोटी-छोटी शिकायतें लेकर मेरे द्वार पर धरना देने आ जाता है। मैंने वृक्ष बनाए, वृक्ष कभी शिकायत लेकर नहीं आए, न 👇
वृक्षों ने कभी प्रार्थना की और न शिकायत की। मैंने पशु बनाए, पशु कभी मेरे द्वार पर नहीं आए। पक्षी बनाए, कभी पक्षी मेरे द्वार पर नहीं आए, चांदतारे बनाए, लेकिन यह आदमी मुसीबत का घर है। यह सुबह-शाम चौबीस घंटे द्वार पर दस्तक देकर कहता है कि यह करो,वह न करो, यह होना चाहिए, वह नहीं होना
चाहिए, वह नहीं होना चाहिए। इस आदमी से बचने का मुझे कोई उपाय चाहिए,मैं कहां छिप जाऊं?
किसी देवता ने कहा,हिमालय पर छिप जाइए,तब परमात्मा ने कहा,तुम्हें पता नहीं है, बहुत जल्द वह वक्त आएगा कि हिलेरी और तेनसिंग हिमालय पर भी चढ़ जाएंगे।
उन्हें भगवा से इतनी चिढ़ क्यूं है ?
बात केवल योगी अथवा साधु संतों के भगवा पहनने की नहीं है भगवे रंग पर एतराज की है!
जो लोग यह मानते हैं कि निवेश भगवा रंग से नहीं सूट बूट पहनने से आएगा यह केवल उनके दिमाग का फितूर है!
निवेश के लिए रंग पर टिप्पणी के बजाय अच्छे माहौल पर चर्चा करनी👇
चाहिए !
भगवा भारतीय संस्कृति और सभ्यता का बड़ा हिस्सा है अध्यात्म हमारी विरासत है और केसरिया हमारे राष्ट्रीय ध्वज का शिखर पर विराजमान है!
भगत सिंह सुखदेव और राजगुरु ने तो मां से अपना चोला ही बसंती मांगा था शिवाजी और महाराणा प्रताप केसरिया की आन बान और शान के लिए आजीवन लड़ते रहे
इस देश की सन्नारियां मांग में भगवा सिंदूर भरकर शत्रु पर टूट पड़ती थीं और घिर जाने पर भगवा जौहर सजाती थीं । भगवा इस देश की ऊंचाइयों का प्रतीक है सच कहें तो भारत का प्रतिनिधि रंग है भगवा और केसरिया । यह गौरवशाली अतीत का परिचय है । भारत की शान का प्रतिबिंब है ।