ISI का प्रोपेगंडा है #पठान फिल्म?देखी तो नही पर जिन लोगो ने देखी उन से कहानी सुनी कि भारत के RAW का जवान देश से गद्दारी करता है (बॉलीवुड के अनुसार भारतीय जवान गद्दार होते हैं), पाकिस्तान की ISI की एजेंट दीपिका पूरे विश्व को बचाने के लिए अपनी जान की बाज़ी लगा देती हैं (वो ISI जो👇
कुखायत है पूरी दुनिया में आतंकवाद फैलाने के लिए जिसके एजेंट आए दिन दुनिया के किसी न किसी कोने में बम धमाके करते रहते हैं, फिल्म में उसके एजेंट बम धमाके नही कर रहे बल्कि दुनिया को बचा रहे हैं) उधर पठान भी अपनी जान की बाजी लगा देता है दुनिया को बचाने के लिए (जो लोग अफगानिस्तान में
खुद अपने भाइयों को मौत के घाट उतार रहे हैं वे दुनिया बचा रहे हैं), आखिर में ISI एजेंट दीपिका अपने ही पाकिस्तान की सेना के जनरल को मार देती हैं, यानी ISI इतनी अच्छी संस्था है जो मानवता के लिए काम करती है और अगर जरूरत पड़े तो अपने जनरल को भी मरने से पीछे नहीं हटती, गजब का महिमामंडन
किया गया है ISI का, सवाल ये है की क्या ISI की कोई भूमिका है इस फिल्म के पीछे? जब पूरी दुनिया के मंचो पर से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की आतंकवाद फैलाने के लिए भर्त्सना हो रही है तब क्या ISI की छवि सुधारने के लिए ये फिल्म बनाई गई है? पूर्व में भी हम बॉलीवुड और ISI के कनेक्शंस
देख चुके हैं, इसलिए सरकार को चाहिए कि इस फिल्म की गंभीरता से जांच करे ....
सबसे बड़ी बात जो दिल को चुभती है वो ये की शाहरुख और दीपिका ने कहीं ना कहीं आतंकवादी हमलों में मारे गए लोगों की आत्मा पर थूका है, याद रखना भगवान है वो सब देख रहा है और न्याय भी करेगा
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बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बड़ी तेजी में लगते हैं !
अभी तक उनके कार्यक्रम आराम से चल रहे थे , नागपुर और रायपुर दरबार के माध्यम मीडिया ने उन्हें हाथों हाथ उठा लिया और अचानक वे एक जाना माना नाम बन गए !
यह बात भी बहुत कम लोगों को पता थी कि बाबा धर्म परिवर्तन के 👇
माध्यम से लोगों को हिन्दू धर्म में वापस लाते हैं तथा असाध्य रोगों से पीड़ित लोगों को कष्टों से मुक्ति दिलाते हैं !
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कल अचानक हरिद्वार में स्वामी रामदेव की पतंजलि योगपीठ आ पहुंचे । उनकी यात्रा को बेहद गोपनीय रखा गया । कुछ देर बाद वे आचार्य बालकृष्ण के साथ
देवप्रयाग मार्ग पर बयासी स्थित रामदेव के योग सेंटर चले गए बताया जाता है धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री हरिद्वार और उत्तराखंड के संतों को प्रयाग सम्मेलन के लिए न्यौता देने आए हैं रात में वे फिर हरिद्वार लौटे और कनखल स्थित आचार्य बालकृष्ण के निवास पर भोजनकर छतरपुर रवाना हो गए वे आजकल बड़ी
चादर चढ़ाना एक राजनीति का हिस्सा हो सकता है ये दो बार हो चुका है चादर का काम
मोदी की नीति बहुत दूर की होती है सब हिन्दू बड़ी जल्दी उतावले हो जाते है देश के pm के नाते भेज सकते है कोई हिन्दू राष्ट्र नहीं है जो न भेजे
ये अगले चुनाव की रणनीति को देखकर किया हो कियुँकि हमें 2024 में👇
मोदी को लाना जरूरी है ताकि देश मे हिन्दू और हिंदुत्व की पताका शान से लहराये और मोदी जी क्या काम कर रहे है ये उनके दिमाग़ को हर कोई नहीं समझ सकता है ज़ब काम हो जाता है तब लोगो को समझ आता है जिसने अरब देशोमे मंदिर बनवा दिया और आज अरब देश मोदी के साथ खडे है न की पाक के साथ उसके बारे
मे प्रश्न चिन्ह लगाना ठीक नहीं उतावला पन ठीक नहीं आपसे ज्यादा हिन्दू और हिंदुत्व के शोषण के बारे मे मोदी को पता है
क्या फिर कोई अन्य सेक्युलर पार्टी लाना चाहते हो जो हिन्दू के खिलाफ काम करे इसलिए मोदी को अपना काम करने दो 2024 के बाद आपको पता लगेगा मोदी क्या चीज है और क्या क्या👇
मैं नर्मदा हूं.....
मैं नर्मदा हूं। जब गंगा नहीं थी , तब भी मैं थी। जब हिमालय नहीं था , तभी भी मै थी। मेरे किनारों पर नागर सभ्यता का विकास नहीं हुआ। मेरे दोनों किनारों पर तो दंडकारण्य के घने जंगलों की भरमार थी। पहले मेरे तट पर उत्तरापथ समाप्त होता था और दक्षिणापथ शुरू होता था।👇
मेरे तट पर मोहनजोदड़ो जैसी नागर संस्कृति नहीं रही, लेकिन एक आरण्यक संस्कृति अवश्य रही। मेरे तटवर्ती वनों मे मार्कंडेय, कपिल, भृगु , जमदग्नि आदि अनेक ऋषियों के आश्रम रहे । यहाँ की यज्ञवेदियों का धुआँ आकाश में मंडराता था ।ऋषियों का कहना था कि तपस्या तो बस नर्मदा तट पर ही करनी चाहिए
इन्हीं ऋषियों में से एक ने मेरा नाम रखा, " रेवा रेव् यानी कूदना। उन्होंने मुझे चट्टानों में कूदते फांदते देखा तो मेरा नाम "रेवा" रखा।
एक अन्य ऋषि ने मेरा नाम "नर्मदा रखा ।"नर्म" यानी आनंद । आनंद देनेवाली नदी।
मैं भारत की सात प्रमुख नदियों में से हूं । गंगा के बाद मेरा ही महत्व है
"'पठान" को बचाने के लिये आज पूरा बॉलीवुड एक साथ फ्रंटफुट पर आकर खड़ा हो गया है, ......
आज बॉलीवुड मे इतना डर समा चुका है की हर एक्टर एक्ट्रेस या डायरेक्टर........वो चाहे अजय देवगन हो , अनिल कपूर, सुनील शेट्टी, रितिक ,वरूण धवन , अनुराग कश्यप, करन जौहर, रणवीर कपूर कंगना रनौत हो👇
ये सब आज सिनेमाघरों मेजाकर इसलिए पठान को देख रहे क्योंकि इन्हें मालूम पड़ चुका है की इस बॉयकॉट ने अजगर की तरह इस पठान को भी निगल लिया है
अब आज यदि ये लोग इस फिल्म के समर्थन मे आगे नही आयेऔर फर्जी न्यूज मे साथ नही दिया तो इनके साथ इनके नैपोकिड्स बच्चों का भविष्य भीसमाप्त हो जायेगा
ये डर है इनका इसलिए आज ये अपने बंगलो से बाहर निकल रहे है और अपने ही फैलाये बिकाऊ चैनलो पर जाकर इस फिल्म की झूठी तारिफ कर रहे है।
"पठान" फिल्म मे सिर्फ शाहरुख़, प्रोड्यूसर या डायरेक्टर के करोड़ो रूपये नही लगे बल्कि पूरे बॉलीवुड की इज्जत दांव पर लगी है।
चमत्कार का अर्थ:--
जब मानव वुद्धि विद्या विवेक की पहुँच परिसीमा समाप्त हो जाती है वही से अविद्या का जनम होता है।विद्या अभाव में अविद्या का जनम होता है अर्थात विद्या बुद्धि विवेक की परिसीमा समाप्त अविद्या ही विद्या की जननी है एक अज्ञानी व्यक्ति प्रयास द्वारा जो कुछ ग्रहण करता है👇
उसे विद्या कहते। कोई अद्भुद घटना घट जाये जिसके पीछे का कारण पता न हो उसे चमत्कार कहते है। कारण का पता न चल पाना इसका अर्थ नहीं कि घटना बिना किसी कारण के होती है।
इस लिये हर घटना चमत्कार ही है कुछ के कारण का पता चल पाता है कुछ के कारण का पता नहीं चल पाता है। जैसे हमारे सौर मंडल का
केन्द्र सूर्य है जिसके चारो ओर सारे पिंड चक्कर लगाते है हम जानते है कि शक्ति कार्य करती है परन्तु इतना ही जान पाये है कोई शक्ति है ये चमत्कार ही है। कोइ संत महात्मा के सम्पर्क में आकर जीवन बदल जाता है तो क्या वह कोई जडी बूटी पिलाता है । साँस सबकी आती जाती है उस पर नियंत्रण नहीं