#हिंदू शब्दावली और भाव #hinduterminology
धार्मिक शब्दावली का सही भाव में अनुवाद सदा संभव नहीं होता.जिन भावों से विदेशी परिचित नहीं,उन्हें व्यक्त करने के लिए उनकी भाषा में शब्द हों,यह आवश्यक नहीं.उनके लिए संस्कृत अथवा संस्कृतनिष्ठ शब्दावली ही उपयुक्तहै
मेरी यह करबद्ध प्रार्थनाहै👇
कि आप सब अपने धार्मिक संदेशों के लिए विदेशी शब्दावली का प्रयोग न करें, जो अनुपयुक्त है,यथा:
1.टेंपल के स्थान पर मंदिर शब्द का प्रयोग करें; टेंपल शब्द का प्रयोग यहूदियों द्वारा अपने प्रार्थना स्थल के लिए किया जाता था.
2. भगवान/प्रभु/ईश्वर शब्दों का प्रयोग करें;लॉर्ड एक शासक अथवा
उच्चाधिकारी होता है.
3. भक्त शब्द का प्रयोग करें डेवटी शब्द का नहीं; डेवटी अपूर्ण है, जिसका अर्थ प्रेमी, सेवक, उत्साही आदि हो सकता है, भक्त नहीं.
4. धर्म शब्द का ही प्रयोग करें, रिलीजन का अर्थ मज़हब, पंथ आदि हो सकता है, धर्म नहीं.
5. मोक्ष को मोक्ष ही रहने दें; सैल्वेशन जैसे
सीमित शब्द में न बांधे; सैल्वेशन शब्द का अर्थ रक्षा, छुटकारा आदि हो सकता है, मोक्ष नहीं.
6. व्रत शब्द का अनुवाद फ़ास्ट से नहीं हो सकता; फ़ास्ट में भूखे रहने का भाव तो है, परन्तु उसमें संकल्प का अभाव है, जो व्रत का अभिन्न अंग है.
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"सोमवार"
शिवजी का दिन क्यों ?
भगवान् शंकर
सोमवार को सबसे ज्यादा पूजे जाते हैं।
वास्तव में यह सारे दिन
भगवान् शंकर से ही प्रकट माने जाते हैं।
शिव-महापुराण के अनुसार
प्राणियों की आयु का निर्धारण करने के लिए भगवान् शंकर ने काल की कल्पना की।
उसी से ही ब्रह्मा से लेकर अत्यन्त👇
छोटे जीवों तक की आयुष्य का अनुमान लगाया जाता है
उस काल को ही व्यवस्थित करने के लिए महाकाल ने सप्तवारों की कल्पना की
सबसे पहले ज्योतिस्वरूप सूर्य के रूप में प्रकट होकर आरोग्य के लिए प्रथमवार की कल्पना की
संसारवैद्यः सर्वज्ञःसर्वभेषजभेषजम् |
आय्वारोग्यदं वारं स्ववारं कृतवान्प्रभुः
अपनी सर्वसौभाग्यदात्री
शक्ति के लिए द्वितीयवार की कल्पना की उसके बाद अपने ज्येष्ठ पुत्र कुमार के लिए अत्यन्त सुन्दर तृतीयवार की कल्पना की।
तदनन्तर सर्वलोकों की रक्षा का भार वहन करने वाले परम मित्र मुरारी के लिए चतुर्थवार की कल्पना की।
देवगुरु के नाम से पञ्चमवार की कल्पना कर
बाप ने कतरा कतरा करके कमाई थी इज्जत.और बेटी बेच आई वैलेंटाइन डे पर एक चॉकलेट में अपनी इज्जत.।
14 फरवरी : हवस दिवस
तीन चीजें ध्यान देने की है. 1. वैलेंटाइन डे को सपोर्ट कौन करता है...?
बॉलीवुड, टीवी सीरियल, प्राइवेट न्यूज़ चैनल , एफएम रेडियो , वामपंथी महिला वादी बुद्धिजीवी।👇
2. कमाई किसकी होती है...?
शुरू में.....
विदेशी गिफ्ट कंपनियों की, विदेशी चॉकलेट बेकरी कंपनी की, विदेशी precaution की, बॉलीवुड फिल्मों की।
बाद में..
गर्भपात करने वाले डॉक्टर्स की, अजन्मे बच्चे को बेचकर बांझपन/ कैंसर/ गुप्त रोग के डॉक्टर और स्त्री रोग विशेषज्ञों की, सच्ची
घटनाओं पर आधारित टीवी सीरियल्स की, शॉर्ट मूवीस की, और महिला सुरक्षा के खोखले वादों पर बोट बनाने वाले और फर्जी योजनाएं चलाने वाले देश के गद्दार नेताओं की और भी छोटे बड़े
3. इस में फंसती/मरती कौन है.?
छोटे शहरों के मध्यमवर्गीय परिवार और निचले तबके की ज्यादातर पढ़ी-लिखी लड़कियां।
यदि भारत में ब्राह्मण न होते तो हम पूरे देश को ईसाई बना देते - सेंट फ्रांसिस
गजवा ए हिंद की राह में रोड़ा अटकाने वाले ब्राह्मण ही हैं l
अगर आदि शंकराचार्य न होते तो 3000 साल पहले ही बौद्धों ने सनातन धर्म की जड़ काट दी होती, किन्तु शंकराचार्य ने महज 18 साल की आयु👇
में बौद्ध धर्म को उखाड़ फेंका।
अगर आचार्य चाणक्य न होते तो भारत आज ग्रीक यानि यूनान का उपनिवेश होता l
वामपंथी,अम्बेडकरवादी,महिलावादी, कट्टर मुल्ला मौलवी इत्यादि सब के निशाने पर ब्राह्मण ही क्यों होते है....?
ये कोई आज की बात नही,
ये तो आदिकाल से होता आया है l
आदिकाल में भी दैत्य
असुर इत्यादि के निशाने पर सिर्फ ब्राह्मण ही होते थे l महिषासुर ने लाखों ब्राह्मण काटे थे, हिरणकश्यप ने भी कुछ यही किया था.
ब्राह्मणों के यज्ञ अनुष्ठानों पर मांस के टुकड़े फेंके जाते थे,
क्योंकि ब्राह्मण ही एकमात्र ऐसी जाति है जिसको अभी तक दैत्य,दानव, असुर, वामपंथी, अम्बेडकरवादी
उत्तर प्रदेश में विधायक हैं अब्बास अंसारीविभिन्न धाराओं के तहत काफी समय से जेल में बंद हैं। अब्बास से उनकी पत्नी निकहत मिलने आती थीउन्हें चार घंटे के लिये पूरे प्राइवेसी के साथ समय बिताने का मौका जेल प्रशासन द्वारा दिया जाता था। बकायदा जेलर साहब विधायक को यह सुविधा उपलब्ध कराते👇
थे।छापे के दौरान कमरे से अनेक ‘आपत्तिजनक’ सामग्री भी मिली है।
मिया-बीवी के पारस्परिक संबंधों से बचे समय का उपयोग अब्बास जी, पत्नी के फोन से फिरौती मांगने,मुकदमों के गवाहों को धमकाने आदि में भी करते ही थे।अब हालांकि उनकी खूबसूरत पत्नी चौबीसों घंटे फिलहाल जेल में ही रहेंगी गिरफ्तार
कर ली गयी हैं।
बाकी, अब्बास के दादा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हुआ करते थे। पिता कुख्यात अपराधी मुख्तार अंसारी भी बड़ा नेता रहा है। दशक भर से भी अधिक से जेल में बंद है। अब्बास के दादा के भाई हामिद अंसारी को तो जानते ही होंगे आप, दस वर्ष भारत के उप-राष्ट्रपति रहे। फिर भी देश मे
लो जी डीआरडीओ का एक और जबरदस्त धमाका। DRDO ने पेश किया एक और आर्चर ड्रोन एनजी। इसी साल होगा सेना में शामिल। 300 KG का हथियारों का पेलोड लेकर 20000 फुट तक की ऊंचाई से दुश्मन पर करेगा वार। ढाई सौ किलोमीटर तक की होगी रेंज बिना हवाई पट्टी के उड़ सकेगा और वर्टिकल लैंडिंग और वर्टिकल👇
टेक ऑफ करने में सक्षम होगा। रही बात कीमत की तो इतना सस्ता होगा कि अगले चार-पांच वर्षों में 6000 से ज्यादा ऐसे ड्रोन भारतीय सेना में शामिल हो जाएंगे। घातक के साथ मिलकर यह विश्व की किसी भी वायु सेना और थल सेना का सत्यानाश करने में सक्षम होगा।
अमेरिका चीन रूस तुर्की इजरायल आदि
देश भारत द्वारा की जा रही इस रोज रोज नई खोजों को देखकर अचंभित हो रहे हैं। उनकी समझ में ही नहीं आ रहा कि स्वार्न ड्रोन, लाइट कॉम्बैट ड्रोन, घातक ड्रोन, आर्चर ड्रोन और ना जाने कितने अन्य तरह के ड्रोन भारत अपनी सेना वायुसेना और थलसेना के लिए बना रहा है। कोई इन देशों को बताएगा कि यह