#माँ_भारती के वीर #सपूत, प्रखर राष्ट्रवादी नेता, #ओजस्वी वक्ता एवं समर्पित समाज सुधारक #महान क्रान्तकारी #विनायक_दामोदर_सावरकर जी कि पुण्यतिथी पर शत - शत नमन #वंदन
पूरा नाम – विनायक दामोदर सावरकर ।
जन्म – 28 मे 1883 ।
जन्मस्थान – भगुर ग्राम ।
पिता – दामोदर सावरकर ।👇
माता – राधाबाई सावरकर ।
विवाह – यमुनाबाई से हुआ ।

विनायक दामोदर सावरकर की जीवनी

विनायक दामोदर सावरकर एक भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्त्ता, राजनीतिज्ञ और साथ ही एक कवी और लेखक भी थे वे हिंदु संस्कृति में जातिवाद की परंपरा का विनाश करना चाहते थे । सावरकर के लिये हिंदुत्व का मतलब
ही एक हिंदु प्रधान देश का निर्माण करना था.उनके राजनैतिक तत्वों में उपयोगितावाद, यथार्थवाद और सच शामिल है बाद में कुछ इतिहासकारों ने सावरकर के राजनैतिक तत्वों को दूसरो शब्दों में बताया है. वे भारत में सिर्फ और सिर्फ हिंदु धर्म चाहते थे,उनका ऐसा मानना था की भारत हिन्दुप्रधान देश हो
और देश में सभी लोग भले ही अलग-अलग जाती के रहते हो लेकिन विश्व में भारत को एक हिंदु राष्ट्र के रूप में ही पहचान मिलनी चाहिये इसके लिये उन्होंने अपने जीवन में काफी प्रयत्न भी किये ।

सावरकर के क्रांतिकारी अभियान की शुरुवात तब हुई जब वे भारत और इंग्लैंड में पढ़ रहे थे, वहा वे इंडिया
हाउस से जुड़े हुए थे और उन्होंने अभिनव भारत सोसाइटी और फ्री इंडिया सोसाइटी के साथ मिलकर स्टूडेंट सोसाइटी की भी स्थापना की थी उस समय देश को ब्रिटिशो ने अपनी बेडियो में जकड़ा हुआ था इसी को देखते हुए देश को आज़ादी दिलाने के उद्देश्य से उन्होंने द इंडियन वॉर का प्रकाशन किया और उनमे
1857की स्वतंत्रता की पहली क्रांति के बारे में भी प्रकाशित किया लेकिन उसे ब्रिटिश कर्मचारियों ने बैन (Bann- बर्खास्त) कर दिया.क्रांतिकारी समूह इंडिया हाउस के साथ उनके संबंध होने के कारण 1910 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था । जेल में रहते हुए जेल से बाहर आने की सावरकर ने कई असफल
कोशिश की लेकिन वे बाहर आने में असफल होते गये उनकी कोशिशो को देखते हुए उन्हें अंडमान निकोबार की सेलुलर जेल में कैद किया गया लेकिन फिर 1921 में उन्हें रिहा भी किया गया था ।
जेल में भी सावरकर शांत नही बैठे थे, वहा बैठे ही उन्होंने हिंदुत्व के बारे में लिखा.1921 में उन्हें प्रतिबंधित
समझौते के तहत छोड़ दिया था की वे दोबारा स्वतंत्रता आन्दोलन में सहभागी नही होंगे । बाद में सावरकर ने काफी यात्रा की और वे एक अच्छे लेखक भी बने, अपने लेखो के माध्यम से वे लोगो में हिंदु धर्म और हिंदु एकता के ज्ञान को बढ़ाने का काम करते थे । सावरकर ने हिंदु महासभा के अध्यक्ष के पद
के पद पर रहते हुए भी सेवा की है, सावरकर भारत को एक हिंदु राष्ट्र बनाना चाहते थे लेकिन बाद में उन्होंने 1942 में भारत छोडो आन्दोलन में अपने साथियो का साथ दिया और वे भी इस आन्दोलन में शामिल हो गये उस समय वे भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के उग्र आलोचक बने थे और उन्होंने कांग्रेस द्वारा
भारत विभाजन के विषय में लिये गये निर्णय की काफी आलोचना भी की थी उन्हें भारतीय नेता मोहनदास करमचंद गांधी की हत्या का दोषी भी ठहराया गया था लेकिन बाद में कोर्ट ने उन्हें निर्दोष पाया ।
जयहिन्द

आज का नया वीडियो हमारे नए यूट्यूब चैनल धर्म ज्ञान पर अवश्य देखें

• • •

Missing some Tweet in this thread? You can try to force a refresh
 

Keep Current with R P Pathak-पाठक जी

R P Pathak-पाठक जी Profile picture

Stay in touch and get notified when new unrolls are available from this author!

Read all threads

This Thread may be Removed Anytime!

PDF

Twitter may remove this content at anytime! Save it as PDF for later use!

Try unrolling a thread yourself!

how to unroll video
  1. Follow @ThreadReaderApp to mention us!

  2. From a Twitter thread mention us with a keyword "unroll"
@threadreaderapp unroll

Practice here first or read more on our help page!

More from @PRPathak2

Feb 27
52 साल से हमारे पास घर नहीं… राहुल गाँधी की बात पर सोनिया ने फेरे रखा मुँह: PM आवास से बड़ा है 10 जनपथ, रेंट मात्र ₹4610

26 February, 2023

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में चल रहे कॉन्ग्रेस के 85वें अधिवेशन के आखिरी दिन राहुल गाँधी ने अपना भाषण दिया। इस भाषण में उन्होंने अपनी👇
भारत जोड़ो 🚜 का तो जिक्र किया ही लेकिन साथ में वह 1977 के एक अनुभव के बारे में भी बोलते दिखे। उन्होंने बताया कि 52 साल हो गए हैं उनके पास अपना घर नहीं है। अब उनके इस बयान की सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। वहीं वीडियो में देख सकते हैं कि राहुल के बोलते वक्त सामने बैठी
सोनिया गाँधी भी इधर-उधर देख रही हैं।

समाचार एजेंसी द्वारा शेयर की गई वीडियो में राहुल गाँधी कहते हैं, “मैं छोटा था, 1977 की बात है। चुनाव आया, मुझे उसके बारे में कुछ नहीं मालूम था। घर में अजीब सा माहौल था। मैंने माँ से पूछा मम्मी क्या हुआ। माँ ने कहा हम घर छोड़ रहे हैं। तब तक मै
Read 8 tweets
Feb 27
रुद्राक्ष की महिमा
प्रायः पानी में
डूबने वाला रूद्राक्ष असली
और जो पानी पर तैर जाए उसे नकली माना जाता है।
लेकिन यह सच नहीं है।
पका हुआ रूद्राक्ष पानी में डूब जाता है जबकि कच्चा रूद्राक्ष पानी पर तैर जाता है।
इसलिए इस प्रक्रिया से रूद्राक्ष के पके या कच्चे होने का पता 👇
तो लग सकता है। पर असली या नकली होने का नहीं।
प्रायः गहरे रंग के रूद्राक्ष को अच्छा माना जाता है और हल्के रंग वाले को नहीं।
वस्तुतः में रूद्राक्ष का छिलका उतारने के बाद उस पर रंग चढ़ाया जाता है।
बाजार में मिलने वाली रूद्राक्ष की मालाओं को पिरोने के बाद पीले रंग से रंगा जाता है।
रंग कम होने से कभी-कभी हल्का रह जाता है।
काले और गहरे भूरे रंग के दिखने वाले रूद्राक्ष प्रायः इस्तेमाल किए हुए होते हैं, ऐसा रूद्राक्ष के तेल या पसीने के संपर्क में आने से होता है।
कुछ रूद्राक्षों में प्राकृतिक रूप से छेद होता है।
ऐसे रूद्राक्ष बहुत शुभ माने जाते हैं।
जबकि
Read 6 tweets
Feb 27
अपने कार्यों के अनुसार
ही पहनिए रुद्राक्ष
1: वकील जज व न्यायालयों में काम करने वाले लोगों को 1, 4 व 13 मुखी रुद्राक्ष धारण करने चाहिए।
2: वित्तीय क्षेत्र से जुड़े व्यक्ति बैंक कर्मचारी चार्टर्ड एकाउन्टेंट को 8, 11, 12, 13 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
3: प्रशासनिक अधिकारी व👇 Image
व पुलिस कर्मचारी को 9 व 13 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
4: चिकित्सा जगत से जुड़ें लोगों डाॅक्टर, वैद्य, सर्जन को 3, 4, 9, 10, 11, 12, 14 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
5: इंजीनियर को 8, 10, 11, 14 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
6: वायुसेना से जुड़े कर्मचारियों व 👇
पायलट को 10 व 11 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
7: शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों व अध्यापकों को 6 और 14 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
8: ठेकेदारी से संबंधित लोगों को 11, 13 व 14 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
9: जमीन जायदाद के क्रय विक्रय से जुड़े लोगों को 1, 10, 14 मुखी
Read 5 tweets
Feb 27
हमारे पास तो पहले से ही अमृत से भरे कलश थे...!

फिर हम वह अमृत फेंक कर उनमें कीचड़ भरने का काम क्यों कर रहे हैं...?

जरा इन पर विचार करें...

० यदि मातृनवमी थी,
तो Mother’s day क्यों लाया गया?

० यदि कौमुदी महोत्सव था,
तो Valentine day क्यों लाया गया?

० यदि गुरुपूर्णिमा थी
तो👇
Teacher’s day क्यों लाया गया?

० यदि धन्वन्तरि जयन्ती थी,
तो Doctor’s day क्यों लाया गया?

० यदि विश्वकर्मा जयंती थी,
तो Technology day क्यों लाया गया?

० यदि सन्तान सप्तमी थी,
तो Children’s day क्यों लाया गया?

० यदि नवरात्रि और कन्या भोज था,
तो Daughter’s day क्यों लाया गया?
० रक्षाबंधन है तो Sister’s day क्यों ?

० भाईदूज है तो Brother’s day क्यों.?

० आंवला नवमी, तुलसी विवाह मनाने वाले हिंदुओं को Environment day की क्या आवश्यकता ?

० केवल इतना ही नहीं, नारद जयन्ती ब्रह्माण्डीय पत्रकारिता दिवस है

० पितृपक्ष ७ पीढ़ियों तक के पूर्वजों का पितृपर्व है
Read 5 tweets
Feb 27
दिल्ली का शिक्षा मंत्री 4 मार्च तक सीबीआई रिमांड पर, शराबी, कबाबी, क्रिप्टो, जेहादी, शिक्षा मंत्रियों ने इतना बेड़ा गर्क किया देश का कि पूछो मत!

कांग्रेसराज में 1947 से 1977 तक भारत के केंद्रीय शिक्षा मंत्री रहे 5 जेहादी अब समझे जिल्लत ए इलाही अकबर, बाबर, औरंगबेज, खिलजी जैसे,👇
लुटेरे इनके नाजायज बाप महान बन गए थे!?

अंधाधुंध खाली आलोचना करते जाना ठीक नहीं कांग्रेस की उपलब्धियां भी देखें, कौन कहेगा, पिछले 65 सालों में कुछ काम नहीं किया...

पाकिस्तान बनाया
बांग्लादेश बनाया
धारा 370 बनाई
अल्पसंख्यंक बिल लाए
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड बनाया
अल्पसंख्यंक
मंत्रालय बनाया
वक़्फ़ बोर्ड बनाया
अल्पसंख्यंक विश्वविद्यालय बनाया
देश का बंटवारा धार्मिक आधार पर किया
देश को इस्लामिक बनाने की तैयारी की

सब मुसलमानों के लिए...

हिंदूओं को आरक्षण दिया, जातिगत, ताकि हिंदू आपस में लड़ता रहे और कभी गजवा-ए-हिन्द को समझ ही न पाये!?

हिंदूओं को दोयम
Read 4 tweets
Feb 27
थल सेना में एक आर्टिलरी गन(तोप) होती है जो फिलहाल दुनिया के लगभग 126 देशों के पास है सभी देशों की ये तोप चाहे किसी भी देश में बनी हो लेकिन इसका केलीबर (बेरल का साइज)155 मिलीमीटर होता है इस तोप में जो गोला प्रयोग होता है उसकी कीमत रूस में 1.60 करोड़ रुपए और अमेरिका में लगभग 2.40👇
करोड़ भारतीय रुपए होती है पहले हमारी सेना इसके गोले आयात करती थी उसके बाद 2019 में जब यह गन भारत में बनने लगी तो रूस, फ्रांस, जर्मनी और अमेरिका ने इसके गोले की तकनीक देने से साफ इन्कार कर दिया।
अब भारत के कल्याणी ग्रुप ने इसके सभी प्रकार के गोलों की तकनीक इजाद कर ली और यह भारतीय
गोला लगभग 80 लाख रुपए में पड़ेगा।
इसका असर यह हुआ की जिन126 देशों के पास यह तोप है उनमें से 74 देश इसका गोला बारूद भारत से खरीदने के लिए कतार में हैं।
यह होता है #आत्मनिर्भर_भारत

#मोदी_है_तो_मुमकीन_है #मोदी_जैसा_कोई_नहीं #मोदीजी_देश_के_स्वाभिमान
Read 4 tweets

Did Thread Reader help you today?

Support us! We are indie developers!


This site is made by just two indie developers on a laptop doing marketing, support and development! Read more about the story.

Become a Premium Member ($3/month or $30/year) and get exclusive features!

Become Premium

Don't want to be a Premium member but still want to support us?

Make a small donation by buying us coffee ($5) or help with server cost ($10)

Donate via Paypal

Or Donate anonymously using crypto!

Ethereum

0xfe58350B80634f60Fa6Dc149a72b4DFbc17D341E copy

Bitcoin

3ATGMxNzCUFzxpMCHL5sWSt4DVtS8UqXpi copy

Thank you for your support!

Follow Us on Twitter!

:(