#श्रीलंका की सरकार ने #गौहत्या पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है हालाँकि श्रीलंका की99प्रतिशत जनसंख्या मांसाहारी है,परंतु वे #हिंदू तथा #बौद्ध होने के कारण गौ पर काफी श्रद्धा रखते हैं और गौमांस नहीं खाते वर्तमान में वहाँ सत्तारूढ़ श्रीलंका पोडुजना पेरमुना(एसएलपीपी)की सरकार है👇
जो बौद्ध मत से प्रभावित मानी जाती है। उल्लेखनीय है कि देश में मांसाहारियों की बड़ी संख्या होने के बाद भी श्रीलंका में लंबे समय से गौहत्या पर प्रतिबंध लगाने की मांग चल रही थी। वर्ष 2013 में एक बौद्ध भिक्षु ने आत्मदाह करने का भी प्रयास किया था। श्रीलंका का राजधर्म बौद्ध धर्म है।
गाय को लेकर संवेदनशीलता दिखलाने वाला श्रीलंका भारत का एकमात्र पड़ोसी देश नहीं है। इससे पहले #नेपाल की एक पंचायत ने भी गाय की रक्षा करने के लिए गौ मातृत्व भत्ता देना प्रारंभ किया था। इसके तहत गाय को बच्चा होने पर दोनों के पालन के लिए गाय के मालिक को एक निश्चित राशि दी जाती थी।
वर्ष 2018 में #उत्तराखंड_विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित करके भारत सरकार से यह मांग कर रखी थी कि गाय को राष्ट्रमाता घोषित किया जाए। इस बारे में भी भारतीय धरोहर के पेज पर जानकारी दी गई थी।
श्रीलंका के इन निर्णय से निश्चित ही भारत के #गौप्रेमी प्रसन्न होंगे और वे गौपालक रहे अपने देश
भी गौहत्या को प्रतिबंधित करने की मांग को लेकर और अधिक उत्साहित हो सकेंगे।
youtube.com/@dharmgyan789
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भारत के श्रीराम
अर्थात श्रीराम भारत के
भारत के रोम-रोम में "राम" हैं।
"राम" भारत का मन अंतरंग हैं।
प्रत्येक रूप प्रतिरूप में राम की ही चेतना है।
रूपं-रूपं प्रतिरूपो वभूव ||
श्रीराम
श्रद्धा हैं विवेक हैं
प्रज्ञा हैं साक्ष्य हैं साक्षी हैं।
कर्ता हैं और कार्यकर्ता भी हैं। 👇
राम"और "आनंद" पर्यायवाची हैं।
"राम"आनंदकंद सच्चिदानंद हैं।
राम-तत्व रामत्व ही ऋग्वेद का ऋत है।
श्रीराम भारत का सर्वोत्तम शील और पुरुषोत्तम मर्यादा हैं
राम नाम मन्त्र है
राम नाम वेद की ऋचा है।
राम गान सामगान है।
"राम" भारत की
मधु-अभीप्सा हैं
दिव्य सोम हैं
और भव्य ओSम् भी हैं
राम अनंत हैं।
राम भारतीय शील का आकाश हैं
राम आसेतु हिमांचल फैली राष्ट्रीय चेतना का प्रवाह।
राम रसायन हैं तुलसी की रामचरित मानस में ||
"राम" नाम महाऊर्जा है।
"राम"
शिव संकल्प और मधुर वाणी है
राम ध्यान है
राम विज्ञान है
राम श्रद्धा है
राम आशा है
राम परम् तेजोमय रूपरस भगवत्ता भी है।
सोशल मीडिया पर उटपटांग पोस्ट करके और अपनी जानकारी सार्वजनिक करके बड़ी-बड़ी पोस्ट में विद्यमान हिंदू मुस्लिमों द्वारा निशाना बनाए जाते हैं और अच्छी खासी नौकरी से हाथ धोना पड़ता है...
और उनकी पोस्ट की रीच भी कोई बहुत अधिक नहीं होती... इसके बजाय अपनी अच्छी खासी नौकरी से जो ठीक-ठाक👇
पैसा कमा रहे हैं... उसका एक छोटा प्रतिशत उन हिंदू पत्रकार संस्था या व्यक्ति को देना चाहिए या दिया जा सकता है जो दिन भर विभिन्न स्थान से तथ्य एकत्रित करके यूट्यूब पोस्ट ट्विटर में पड़ा हुआ है और हिंदू विचारधारा का झंडा उठाए हुए हैं....
अपनी नौकरी में हाथ धोने से अच्छा यह है कि जो
हिंदू विचारधारा का झंडा उठाए हुए हैं उनके हाथ को मजबूत करें...
कई लोग काफी अच्छा पोस्ट ट्वीट यूट्यूब वीडियो भी बनाते हैं...
लेकिन उचित रोजगार ना होने के कारण उन्हें अपना मिशन बीच में छोड़ना पड़ता है कहा भी गया है भूखे भजन न होय गोपाला..
इसकी बजाय जो किसी संस्थान से जुड़े नहीं हैं
अभी जो दिल्ली की शिक्षा मंत्री बनी है अतिशी मारलेना उनके पिता का नाम विजय सिंह और माता का नाम तृप्ति वाही है
अतिशी मारलेना के माता-पिता दोनों कट्टर कम्युनिस्ट हैं इन्होंने कई बार नक्सली संगठनों को मदद दिया है और यह इतने कट्टर माओवादी हैं कि जब इनकी बेटी पैदा हुई तब उन्होंने 👇
उसका नाम आतिशी मारलेना रखा यानी कार्ल मार्क्स के नाम से mar और लेनिन के नाम से lena रखा यानी दुनिया का सबसे यूनिक सरनेम मारलेना रखा
उधर कार्ल मार्क्स के देश जर्मनी और लेनिन के देश रूस में इन दोनों को पूछने वाला कोई नहीं लेकिन भारत में उनके भी पुजारी भरे पड़े हैं
जब अतिशी
मारलेना दिल्ली लोकसभा का चुनाव लड़ रही थी तब इस के नाम से लोगों को यह लग रहा था कि यह ईसाई है फिर इसने कोर्ट में एफिडेविट देकर ऐलान किया कि वह अपने नाम का सरनेम मारलेना से हटाकर सिंह कर रही है
लेकिन सबसे आश्चर्य बात यह है कि आतिशी मारलेना के माता पिता विजय सिंह और तृप्ति वाहि
गांधी परिवार की राजनीति का अन्तिम साल हैं ये इसलिए रो रहे है विदेशी धरती पर इसलिए ओहुल गांधी को पूरा सनकी बनाकर रख दिया है.जनता इनको वोट नहीं दे रही है.
अब बीजेपी उसमें क्या करेगी?
बीजेपी का क्या रोल है?
क्या बीजेपी इनके सामने से अपने प्रत्याशी हटा ले?
इस तरह का रोना रो रहे हैं👇
मानो मंगल ग्रह से इनके वोटर आते थे.
लेकिन अब वह आ नहीं पा रहे हैं.
भाजपा ट्रैक उखाड़ दी है,
अब जैसा चल रहा है वैसे में तो 2024 के चुनाव में यह दहाई तक के लिए तरस जाएंगे. और उसके बाद फिर रोएंगे कि विपक्ष समाप्त हो गया. अरे महामूर्ख,अपनी बातों, अपनी हरकतों को तो देख.
हर जगह 👇
जा के रोता रहता है,
मोदी ने ले ली
ले ली
दर्द दे रहा
बहुत-बहुत दर्द हो रहा,
दीदी प्रियंका कुछ करो,
मोम सोनिया कुछ करो,
दादा, भैया, नाना नानी दादी कोई तो कुछ करो !!
अरे मिट्टी के माधो,,
जो अतीक अहमद मुख्तार अंसारी जैसे अपराधियों और उनके काले साम्राज्य को बुलडोजर से कुचल रहा हो
जिस अतीक अहमद के डर से दस जजों ने केस सुनने से मना किया था जिस मुख्तार अंसारी अतीक अहमद के घर बड़े बड़े अधिकारी जाने से डरते थे जो
आजम खां जिलाधिकारी को नौकर👇
समझता था
ऐसे लोगो को आज एक सिपाही औकात बताता है इसी योगी के के कारण
उस योगी के न्याय पर क्षण क्षण में संदेह करना तुम्हारा मानसिक खतना नहीं, तो और क्या है?
कितनी कमजोर याददाश्त है तुम्हारी
राम मंदिर फैसले के बाद
उत्तर प्रदेश में यदि बाबाजी ना होते, दिल्ली से भयानक स्थिति होती
दिल्ली से भयानक दंगे होते , क्या तैयारी थी तुम्हारी??
लाठियां NSA भूल गए
संक्रमित थूकते हुए लोग और उन पर पड़ती लाठियां भूल गए?
लखनऊ में शाहीन बाग बनाते हुए लोगों पर पडती हुई लाठियां भूल गए?
श्री राम मंदिर फैसले पर कोई गुंडा अपनी चु तक नही कर पाया भूल गए?