#बिहार का एक पत्रकार है मनीष कश्यप @ermanishkasyap बहुत हिम्मत वाला लड़का है। अभियांत्रिकी बैकग्राउंड से है।लेकिन उसने इंजीनियरिंग छोड़कर हाथ में माइक थाम लिया।कोई लाव लश्कर नहीं। कोई बड़ी फंडिंग, कोई बड़ा स्पॉन्सरशिप, कोई इकोसिस्टम, कोई गॉडफादर नहीं। कुछ नहीं। बस माइक उठाकर
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सड़कों पर खड़ा हो गया और सड़कों की गली नालियों और पेयजल से बोलना शुरू किया।बिहार में मुद्दों की कमी नहीं है।जहां खड़े हो जाइए भ्रष्टाचार,जातिवाद आपको वहीं से मिल जाएगा।
मनीष कश्यप अच्छा नहीं बोलता है।आवाज उसकी उंची है। व्याकरण तो बिल्कुल भी नहीं मालूम।चीखता-चिल्लाता है।लेकिन
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बड़ी जिम्मेदारी से कहता हूं, एक बार उसके कवरेज पर नजरें चली जाए फिर आप बिना पूरी सुने आगे स्लाइड नहीं हो सकते। इसी का नतीजा है उसके वीडियोज मिलियंस ऑफ व्यूज में जाते हैं। ऐसे ही देखते कुछ वर्षों की आवाज में वह बिहार का एक बड़ा पत्रकार बन गया।
खुद को बिहार का बेटा लिखने वाला
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मनीष कश्यप जब बोलता है, तब लगता है बिहार बोल रहा है।क्योंकि उसका कोई गॉडफादर नहीं है। उसका कोई जॉर्ज सोरोस नहीं है। वह पूरी स्वतंत्रता से बोलता है। वह सरकारी कार्यालयों में ढ़ीठ की तरह घुस जाता है। सबसे सवाल करता है। वाजिब सवाल करता है। और वह इसे रेलना कहता है। कहता है
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हम पत्रकारिता नहीं करते, हम रेलते हैं। वह बिहार के जातिवाद के खिलाफ खड़ा होता है। वह बिहार के मजदूरों के साथ खड़ा होता है। वह ऐसे सामाजिक सांप्रदायिक पीड़ितों के घर जाता है,जहां पर नेताओं का पहुंचना एजेण्डे के सांचे में नहीं बैठता हो।
तमिलनाडु मामले पर मनीष कश्यप खेल गया।मामले
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को बैलेंस करना उसकी पत्रकारिता में नहीं है।मजदूरों के समर्थन में एकतरफा खड़ा हो गया। उसके ऊपर प्राथमिकी दर्ज हो गई। गिरफ्तारी उसकी होने होने को है। लेकिन हिम्मत देखिए उसकी, कह रहा है हम गिरफ्तारी देंगे, लेकिन 180 दिनों में तेजस्वी यादव हम आपकी सरकार गिरा देंगे। सरकार गिराना
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नहीं गिराना अलग बात है। लेकिन बिहार की जनता आई स्टैंड विद मनीष कश्यप लिख रही है। मनीष के आवाज में जो मजबूती है, आत्मविश्वास जितना बुलंद है, जैसे यही की बिहार के माटी अंगराई ले रहा हो । बिहार कब करवट लेगा, सवाल मन में कौतूहल पैदा करता है।
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छात्र, समाज , शोषित - वंचित के लिए अवाज उठाना अपराध के श्रेणी में आता है ....हाय रे बिहार
#संभल कर। पीछे मत देखना,मोदी का साया है!
हां,शुरू करो भाषण...
तो,एक आदमी खड़ा था।मेने उससे पूछा।मैं उसके पास गया अंधेरा था वह आगे बढ़ा उसके पास एक मशीन थी। वह बिजली के खंभे के पास जाकर खड़ा हो गया।मैने उसे देखा।उसके निकट गया।खंभे के ऊपर बिजली के बलब टूटे थे। @SupriyaShrinate
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दूर के एक खंबे से रोशनी आ रही थी। उस खंभे के बलब ठीक थे। मैं उससे पूछा, भैया रात को कितनी देर सोते हो? उसने ने कहा एक मिनिट भी नही। मुझे बड़ा बुरा लगा। इस शहर में सभी परेशान है। रात को जो सोता नहीं वह सबेरे उठेगा क्या ? देखो, लाओ। अपना यह मशीन मुझे देकर देखो। सामने क्या है,
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चिड़िया है।दिन में यही चिड़िया फुदक कर आलू खेत में जाती है तुमने कभी आलू खेत देखा है ?उस आदमी ने कहा, यह प्रिंटर मशीन है। अखबार छापने के वर्कशॉप में मैं काम करता हूं। रात का काम रहता है।दिन भर मेरा सोना होता है।
मैंने उस आदमी से कहा,दुनिया में तीन चीजे हैं,मशीन आलू और सोना...
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सार्वजनिक जीवन में मर्यादा से रहें🚩
जिस प्रकार किसी को मनचाही स्पीड में गाड़ी चलाने का अधिकार नहीं है, क्योंकि रोड सार्वजनिक है। ठीक उसी प्रकार किसी भी लड़की को मनचाही अर्धनग्नता युक्त वस्त्र पहनने का अधिकार नहीं है क्योंकि जीवन सार्वजनिक है। एकांत रोड में स्पीड
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चलाओ, एकांत जगह में अर्द्धनग्न रहो। मगर सार्वजनिक जीवन में नियम मानने पड़ते हैं।👌💯
भोजन जब स्वयं के पेट मे जा रहा हो तो केवल स्वयं की रुचि अनुसार बनेगा, लेकिन जब वह भोजन परिवार खायेगा तो सबकी रुचि व मान्यता देखनी पड़ेगी।
लड़कियों का अर्धनग्न वस्त्र पहनने का मुद्दा
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उठाना उतना ही जरूरी है, जितना लड़को का शराब पीकर गाड़ी चलाने का मुद्दा उठाना जरूरी है। दोनों में एक्सीडेंट होगा ही।
अपनी इच्छा केवल घर की चारदीवारी में उचित है। घर से बाहर सार्वजनिक जीवन मे कदम रखते ही सामाजिक मर्यादा लड़का हो या लड़की उसे रखनी ही होगी।
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झारखंड की सुशीला अपने पति अलग रहती थी. उसके एक बेटा भी है. वह 11 जनवरी 2022 को अपने भाई को बोलकर निकली कि वह दुमका में अपनी सहेली के घर जा रही है. मगर वह अरबाज के घर पहुँची जहां पर उसकी बीवी लता टुडू, प्रियंका मुर्मू और साहिल अंसारी पहले से मौजूद थे. फिर 12 जनवरी की रात
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सुशीला ने सुना कि उसे बेचे जाने की तैयारी हो रही है.
सुशीला ने हो हल्ला किया. उसे शांत करा दिया गया, मार कर! गला दबाकर हत्या कर दी गयी और फिर शव को जला दिया गया. पुलिस को अब चौदह महीने बाद पता लगा कि आखिर उसकी हत्या किसने और क्यों की थी!
उसके कातिलों को सजा मिल जाएगी,
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मगर बच्चे की माँ चली गयी!
जब तक ये कथित प्यार की आजादी का भूत रहेगा, जब तक पति से अलग होकर संबंधों की परिपक्वता मापी जाती रहेगी, तब तक लडकियां शिकार होती रहेंगी! प्यार जीवन से बढ़कर नहीं होता, प्यार कर्तव्यों से बढ़कर नहीं होता!
हिंसा करने वाले हर सम्बन्ध से बाहर निकलना
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भीमटोलॉजी समझिये ....
हिरण्यकश्यप एक शुद्र था .... हिरण्यकश्यप एक राजा था ....
(B-शूद्रों को राज करने का अधिकार नहीं था) ....
हिरण्यकश्यप ने तप जप द्वारा ब्रह्मा को प्रसन्न कर के आशीर्वाद प्राप्त किया ....
(B-शूद्रों को पूजा पाठ यज्ञ हवन तपस्या करने का अधिकार नहीं था) ....
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हिरण्यकश्यप का बेटा प्रह्लाद शस्त्र अस्त्र शास्त्र वेद उपनिषद की शिक्षा के लिए गुरुकुल जाता था ....
(B-शूद्रों को शिक्षा दीक्षा का कोई अधिकार नहीं था) ....
हिरण्यकश्यप ने अपने बेटे को मारने के अनेक प्रयास किये ....
(B-शुद्र सदियों से शोषित वंचित पीड़ित है जिनके कानों में शीशा
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पिघला के डाला जाता था) ....
होलिका अपने भाई हिरण्यकश्यप के साथ मिलकर प्रजा पर अत्याचार करती थी और नर मांस भक्षण करते हुए गन्दगी फैलाती थी ....
(B-होलिका एक मासूम अबला नारी थी जिसे मनुवादियों ने जला कर मार दिया) ..
होलिका ने मासूम प्रह्लाद को जलाकर मारने की कुचेष्टा की परन्तु
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#एक महोब्बत ऐसी भी"...
शाम का समय था...
मैं रेलवे स्टेशन पर एक बैंच पर एकांत में बैठा ट्रैन का इंतजार कर रहा था।
ट्रैन दो घंटे बाद आने वाली थी।
अचानक एक सुंदर सी महिला मेरे पास आकर बैठ गई।
मैं महिलाओं से वैसे ही घबराता हूँ।
अनजान हो तो मेरी जान ही निकलने लगती है।
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कुँवारा ब्रह्मचारी आदमी ठहरा
इतने करीब जनानी को कैसे सहन कर पाता।मैं खड़ा होकर चलने लगा
तो उसने कहा बैठ जाओ।
मैंने आँखों से प्रश्न किया:-",?"
जवाब में वह बोली:-
",पहचाना नही क्या?"
मैंने "ना"
में गर्दन हिलाई।
उसने उदास होकर कहा:-"मैं दामिनी"।
"ओह"
मेरे मुख से बस इतना ही निकला।
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यादों पर जमा कुछ कोहरा हटा
और गौर से उसका चेहरा देखा
तो उसकी दस साल पुरानी वास्तविक आकृति जहन में उभर आई।
मोहल्ले की लड़की थी।
साथ में भी पढ़ी थी।
सालभर पागल भी रही थी।,.
"बहुत दर्द हुआ आज,
जिसके लिए खुद को बर्बाद कर लिया।
वो शख्स तो मुझे पहचानता भी नही"।
वो मरी आवाज में बोली।
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कल 5 ग्लास गन्ने का रस पीया आप भी पीओ😂
गन्ने का रस गर्मियों का अमृत ! गर्मियों में हैल्थ का साथी गन्ने का जूस
गर्मियां शुरू हो गई है अब सलमान, शाहरुख ,आमिर खान,रणवीर सारे 20 रू के कोल्ड ड्रिंक्स के लिये जान जोखिम मे डाल कर इधर उधर कुदने लगेंगे, और आपको ये पीने के लिए
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दुहाई देते फिरेंगे!
मगर हम लोग उनकी नही सुनेंगे...
हम सीधे गन्ने के रस वाले की दुकान पर जायेंगे और घुंगरू के ताल पर चलने वाले मशीन से निकला रस पियेंगे … वो भी आयोडीन युक्त नमक मिला कर… केमिकल पिने से अच्छा है नैसर्गिक रस पिना, साथ मे 4 पैसे किसान को भी मिलने देते है .
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भारत का पैसा भारत मे रहने देते है .... और देखिए हमारे देश कि बेटियां भी लोकल फॉर वोकल कि मुहिम में जुड़ गई है, केवल आपका साथ और समर्थन चाहते हैं।
गन्ने का जूस गर्मियों के मौसम में सबसे अच्छा पेय माना जाता है। गन्ने का रस बुखार के रोगियों के लिए अत्यंत हितकारी है। एक शोध के
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