मनीष सिसोदिया के भ्रष्टाचार के मामले को आप पार्टी की व दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष #स्वाती_मालीवाल ने नयी चर्चा को जन्म देकर कुन्द कर दिया।
स्वाती मालीवाल ने केवल अपने बाप पर आरोप ही नहीं लगाये भारतीय सेना के जवानों और भारतीय परिवारों को अविश्वास के कटघरे में खड़ा किया है।👇
उन पर अंगुली उठाकर उनके प्रेम व विश्वास पर शक का आवरण चढ़ाने का काम कर दिया है। जिसकी कोई काट नहीं है।उसे पुनः मूल स्थिति में नहीं लाया जा सकता।
यह सब ऐसे समय किया गया जब आप पार्टी अपने एक प्रमुख नेता के भ्रष्टाचार को लेकर जेल जाने से उत्पन्न बदनामी का दंश झेल रही है और उसके
पास अपने बचाव का शिक्षा में बदलाव के झुनझुने को जोर जोर से बजाने के अलावा दूसरा उपाय नहीं था।और वह झुनझुना वांछित लाभ नहीं दे पा रहा था।
दूसरी ओर देश में हिन्दू राष्ट्र की माँग हवा बन रही थी।
ऐसे समय में स्वाति मालीवाल को मैदान में मोर्चे पर लगाया गया।
विचारणीय बात यह है कि
क्या स्वाती मालीवाल को ऐसी घृणित और कुत्सित राजनीति करने के लिए प्रेरित करने वाली, क्या केवल आम आदमी पार्टी अकेली जिम्मेदार है या इसके पीछे दुनियाँ भर की वो शक्तियाँ भी हैं जो भारत की भारतीयता का सनातन धर्म का हिन्दुत्व का उभार बर्दाश्त नहीं कर पा रही हैं और भारत का नेतृत्व कर
रहे मोदी जी को फूटी आँख भी नहीं देख पा रही हैं।
मुझे लगता है कि आम आदमी पार्टी के विदेशी
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इस्लामाबाद: अफगानिस्तान में एक बार फिर से अमेरिकी ऐक्शन की आशंका मंडराने लगी है। अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगी देशों ने अफगानिस्तान को लेकर एक गोपनीय बैठक की है। इसमें पाकिस्तानी सेना के लिए काल बन चुके तहरीक-ए-तालिबान आतंकियों को अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए भी बड़ा 👇
खतरा माना गया है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक अफगानिस्तान पर हाल ही में बनाए गए ग्रुप ने पिछले महीने पेरिस में एक गोपनीय बैठक की है। इसमें अफगानिस्तान में आतंकियों की सक्रियता पर पाकिस्तानी पक्ष का समर्थन किया गया है। पाकिस्तान ने सरेआम अमेरिका से मोटी आर्थिक मदद और अमेरिकी
फौजों का अफगानिस्तान में सैनिक इंटरवेंशन के लिए आग्रह किया है.
उधर जानकार सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि अमेरिका ने पाकिस्तान को डांटते हुए कह दिया कि अपनी औकात में रहो, भारत में तुम्हारा बाप मोदी बैठा है।
75 सालों के बाद कोई तो ऐसा आया जिससे अमेरिका डरा बैठा है।
वैसे तो इस बारे में मुझको कुछ नहीं कहना है बल्कि आप से ही यह पूछना है कि अचानक ऐसा क्या हुआ कि बलूचिस्तान लिबरेशन फोर्स के लड़ाकूऔं ने रोज-रोज पाकिस्तानी सेना के कमांडर और सैनिकों को भूनना चालू कर दिया।
पाक आर्मी के जवान जो 1980 के दशक के बाद से आज तक बलूचिस्तान में कहर बरसा👇
रहे थे और बलूचिस्तानी लिबरेशन फोर्स के जवानों को,उनके बच्चों को और उनकी स्त्रियों को उठाकर ले जाते थे वह अचानक इतने असहाय कैसे हो गये कि बलूचिस्तान लिबरेशन फोर्स वालों ने उल्टे उनको ही72हूरों के पास भेजना चालू कर दिया।
क्या यह कोई भारतीय गुप्तचर एजेंसी "रा"की कोई नयी स्कीम है?
क्या डोभाल पार्टी पाकिस्तानी सेना के साथ कोई खेल खेल रहे हैं? क्या अफगानिस्तान को मदद इस शर्त के साथ दी जा रही है कि वह टीटीपी को पाकिस्तान में भेजकर पाकिस्तानी सेना को उड़ाए और ब्लूचियों द्वारा चलाए जा रहे उनके मिशन में सहायता करे?
भगोड़े अपराधियों को वापस लाने में CBI ने किया 'त्रिशूल' का इस्तेमाल"
विदेश में छिपे अपराधियों के लिए ऑपरेशन 'त्रिशूल' काल बन गया है। दरअसल, ऑपरेशन त्रिशूल की मदद से ही आज सीबीआई तरह-तरह के अपराधों को अंजाम देकर भारत से भागने वालों पर जबरदस्त शिकंजा कस रही है।
बता दें, 👇
केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा चलाया जा रहा यह ऑपरेशन अभी तक देश से फरार 33 भगोड़ों को वापस पकड़कर लाने में सफल साबित हुआ है। वहीं अब CBI के रडार पर 276 भगोड़ों को वापस पकड़कर लाने के लिए आगे काम किया जा रहा है। ऐसे में ऑपरेशन 'त्रिशूल' के बारे में विस्तार से जानना बेहद
आवश्यक है।
क्या है ऑपरेशन 'त्रिशूल' ?
दरअसल, सीबीआई ने यह कार्य एक विशेष ऑपरेशन के हिस्से के रूप में किया है, जिसका कोडनेम 'त्रिशूल' रखा गया है। इस ऑपरेशन का उद्देश्य वित्तीय अपराधों की आय का पता लगाने के अलावा अन्य देशों में छिपे हुए अपराधियों का पता लगाना और उन्हें वापस
नेपाल बांग्लादेश श्रीलंका का भारत के साथ रुपए में व्यापार करने का फैसला मजबूरी में लिया हुआ फैसला भी हम मान सकते हैं क्योंकि इन देशों की अर्थव्यवस्था काफी कुछ भारत की अर्थव्यवस्था के आसपास ही घूमती है पर यूएई, सऊदी अरब, इसराइल, सिंगापुर, फ्रांस,रूस आदि की अर्थव्यवस्था भारत के👇
मुकाबले काफी मजबूत मानी जाती है फिर भी यह लोग भारत के साथ रुपए में डील करने को तैयार हो गए हैं. उधर अफ्रीका के 30 से भी ज्यादा देश भारत के साथ रुपए में ना सिर्फ डील करने को तैयार है बल्कि फटाफट उनके देश के बैंक भारत के आरबीआई के साथ मिलकर वास्ट्रो अकाउंट भी खोल रहे हैं।
यह तो
हुई कुछ छोटी अर्थव्यवस्था के मजबूर देशों की कहानी या फिर शक्तिशाली पर भारत के दोस्त देशों की कहानी। पर भारत का खुला विरोध करने वाला एक यूरोपियन देश जर्मनी भी अब भारत के साथ डॉलर को छोड़कर रुपए में व्यापार करने को तैयार हो गया है और उसने भारत के साथ वास्टरो अकाउंट खोल लिया है
पश्चिमी देशों को बहुत अच्छी तरह से पता है कि कैसे बाजार बनाया जाता है और फिर सबकों कैसे उसी बाजार के थाप पर नचाया जाता है।
बीबीसी, हिंडेनबर्ग, जॉर्ज सोरेस.....
आस्कर , नोबल , मैग्सेसे इत्यादि सब उसी के अंग है..।।
ये सब संस्थाएं उसी👇
वैश्विक भारत विरोधी टूल किट के मोहरे हैं, जो भारत को " मजबूत भारत नहीं मजबूर भारत " के रूप में देखना पसंद करते है। मजबूर भारत का विशाल बाजार , जिसे जैसे चाहे अपनी शर्तो पर नचा सकते हैं । ऐसे में भला मजबूत होता भारत उन्हे हजम कैसे होगा।
आपको क्या लगता है नाटू नाटू ,
से बढ़िया
गीत अब तक कोई बना ही नही था। मुझे नही लगता की ये गाना इतना कर्ण प्रिय है, की सबको अपील भी करता होगा।
इधर हाल के वर्षों में भारत का आम जनमानस, भारतीय फिल्मकारों की असलियत जानकर फिल्मों से दूर होता जा रहा है, उन्हे सिर माथे बिठाने से परहेज करने लगा था, ऐसे में उस गैंग की बेचैनी