100 बिलियन डॉलर का जो नुकसान तुमने अदानी का किया था उसकी भरपाई तो भारतीय निवेशकों ने ही कर दी थी लेकिन तुम्हारे इन बैंकों का जिनका अब तक 👇
अट्ठारह सौ बिलियन डॉलर का नुकसान हो चुका है उसकी भरपाई कौन करेगा? तुम्हारा बाप
चचा बाइडेन जरा अपनी मुर्गियों को कह दो कि रिसर्च रिसर्च का खेल बंद करें और भारतीय अंडों के ऊपर बैठकर चूजा निकालने की कोशिश ना करें। नहीं तो तुम्हारी मुर्गियों के सारे अंडे एक-एक करके फूट जाएंगे। अभी
तो 4 ही फूटे हैं और कम से कम 6 और लाइन में लगे हुए हैं अगर उन को बचाना है तो भारतीय सपेरों को कहो कि बीन बजाना बंद कर दें। कहीं ऐसा ना हो कि यह तीनों बीन बजाते रहे और तुम्हारी अपनी मुर्गियां इनकी बीन की धुन पर नाच नाच कर अपने ही अंडे फोड़तीं रहें और आपके आर्थिक अंडे फूटते रहें।
अब तुम सोचो तुमने क्या करना है।
बुढ़ऊ चचा भी अमेरिका का पप्पू निकला। बुढ़ऊ अमरीका इतिहास का सबसे कमजोर राष्ट्रपति साबित होने जा रहा है। इसकी नीति तो अमेरिका को डूबा ही रही है, अमेरिका की साख को बट्टा लगा दिया। अमेरिका जो दुनिया का जज और चौधरी हुआ करता था, सारी की सारी बेच दी इस
इस बुढ़ऊ की नीति ने।
यूक्रेन युद्ध इस बुढ़ऊ के लिए गले की हड्डी बन चुकी है न निगलते बन रहा है न उगलते। रूसी अभियान अमेरिका और बाइडेन के लिए वाटरलू साबित होने जा रहा है।
एक तरफ अमेरिका के सारे बैंक धराशाई हो रहे, वहीं डॉलर की वाट लगनी शुरू हो गई है। अमेरिका की विश्वसनीयता कठघरे
में खड़ी हो गई है।
नाटो के कई देश अमेरिका से बाहर निकलने के लिए तैयार बैठे हैं। हथियार बेचने की सनक अमेरिका को बर्बादी के रास्ते पे धकेल दिया है।
रूस यूक्रेन युद्ध अमेरिका और बाइडेन के लिए नासूर साबित होने जा रहा है और अमेरिका की दादागिरी खत्म होने के अंतिम दौर में आन पड़ी है।
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महबूबा मुफ़्ती के झांसे में नहीं
आने वाले अब हिन्दू,
किस गंगा जमुनी तहजीब का राग
आलाप रही हैं, इसका मतलब
भी पता है क्या ?
महबूबा मुफ़्ती ने पुंछ के मंदिर में भोले शंकर पर जलाभिषेक किया है जो पहले किसी मंदिर में कभी नहीं किया था - आखिर आज क्यों जरूरत पड़ गई मंदिर में जाने की👇
इसका कारण सब जानते हैं परंतु हिन्दू मानस आपके इस झांसे में अब आने वाला नहीं है -
महबूबा ने कहा कि हम एक पंथ निरपेक्ष राष्ट्र में रहते हैं जहां गंगा जमुना तहजीब है,मंदिर में जलाभिषेक करना मेरा निजी मामला है जिसके लिए किसी को कुछ बोलने की जरूरत नहीं है - हमारे ही साथी और पुंछ के
लोगों ने मंदिर बनवाया है जहां एक श्रद्धालु ने पानी का लोटा देकर मुझे कहा कि आप जलाभिषेक करें -जब कोई श्रद्धा से आपको कहेगा तो आप कैसे मना करेंगे -हमारी जियारतों में मुस्लिमों से ज्यादा हिन्दू जाते हैं
ये किस गंगा जमुनी तहजीब की आप बात कर रहीं हैं महबूबा जी - क्या इसी गंगा जमुना
*अमेरिका पिछले 100 सालों से सुपरपावर है* ।। *उनको चुनौती देने वाले हर देश को उन्होंने तोड दिया है , बरबाद कर दीया ,,*
*जापान ने चुनौती दी तो खतम कर दिया,, USSR ने चुनौती दी तो 17 टुकड़े कर दिए,,*
*इराक ने सर उठाया तो बरबाद कर दीया,,*
*आजकल चाईना की बारी है
*पिछले 100 सालों से👇
दुनिया के टॉप टेन उद्योगपतियों में अमेरिका के उद्योगपतियों का दबदबा रहा है टॉप 10 मे से 8,,9 सिर्फ अमेरिकी उद्योगपति ही होते हैं दूर दूर तक कोई नहीं,,,*
*चीन के "जेक मा" ने तीसरा स्थान हासिल किया तो उनके खिलाफ ""लॉबिंग" शुरु हुई ओर उनको भागना पडा,
*अमेरिका की ताकत उनका उद्योग है
वो टेक्नोलॉजी ओर बिजनेस के दमपर पुरी दुनिया को अपने काबु मे रखता है,,*
*अगर कोई भी देश अथवा उद्योगपति उनको टक्कर या चुनोती देगा तो वो अरबो रुपये खर्च कर के उनको बर्बाद कर देगा,,,*
*पिछले पांच सालों मे भारतीय उद्योगपति "अडानी " उंची उडान भर रहाँ था,,, पिछले साल वो दुनिया का
राहुल G ने फरमाया है कि मोदी जी डरपोंक है ....... चीन से डर गए ...... मुझे खयाल आया कि इनको बताऊँ ...... नेहरू क्या था ???
वैसे इसपे पर्याप्त बहस हो सकती है कि नेहरू डरपोंक था या नेहरू Chewतिया था .
1948 के प्रथम Indo Pak War में जब पाक सेना श्रीनगर तक आ गयी थी तो Indian Army👇
आयी और उनको सिर्फ एक दिन में 60 km खदेड़ दिया . बस तभी नेहरू UN में चला गया जबकि Army ने कहा था कि सिर्फ एक दिन और दे दो , बाकी का Area भी खाली करा लेंगे .पर नेहरू नही माना , UN गया . Cease Fire करा दिया .जो सेना जहां थी वहीं खड़ी हो गयी ..नतीजा ये हुआ कि आज 78,000 Sq Km यानी
आधा जम्मू काश्मीर पाकिस्तान के कब्जे में है और POJK कहलाता है
फिर नेहरू ने अपना Chewतियापा और फैलाया पंच शील और हिंदी चीनी भाई भाई वाला .
नेहरू ने चीन से दोस्ती कर ली और Dodo बन गया । अब ये मत पूछना की Dodo क्या होता है । जब नेहरू dodo बन गया तो उसने कहना शुरू किया , अब Army
नौकरी के लिए तुम सिकन्दर की सेना में भर्ती होकर चाणक्य के विरुद्ध लड़े, खिलजी के सेना में भर्ती होकर गुरुकुल तोड़े, अकबर की सेना में भर्ती होकर हेमचन्द्र विक्रमादित्य के विरुद्ध लड़े तो कभी राणाप्रताप और अहिल्याबाई के विरुद्ध।
नौकरी के बदले 👇
तुमने औरंगजेब की सेना में भर्ती होकर राममंदिर तोड़ा, कृष्णजन्मभूमि तोड़ी, काशी तोड़ा, शिवाजी को धोखा दिया, तुमने अंग्रेज़ो की नौकरी की और रानी लक्ष्मीबाई, तांत्याटोपे, कुँवरसिंह, नानासाहेब की मुखबिरी भी की, तुमने आजाद हिंद फौज पर गोलियां बरसाई। तुमने नौकरी के लिए जलीयांवाला बाग
जैसा भयानक खुनी खेल आजादी के दिवानो के साथ खेला.
तुममें अब सनातनी हिन्दू अब बचा ही नहीं है। राम-कृष्ण विवेकानन्द के सिद्धान्तों वाले तुम रहे ही नहीं।
मैं तुम जैसा नहीं जो नौकरी के लिए, रोजगार के लिए, सस्ते टमाटर प्याज के लिए, मुफ्त बिजली पानी के लिए धर्म भूल जाऊं व सनातन व
अगर आपमें कॉन्फिडेंस नहीं है तो फिर आप सक्षम होते हुए भी किसी काम को नहीं कर पाओगे और अगर आपमें कॉन्फिडेंस कूट कूट कर भरा हुआ है तो आप असंभव काम को भी संभव कर दिखाओगे.
महामद को आप चाहे जैसा भी कहो लेकिन वो इंसानों के इस मनोविज्ञान को अच्छी तरह समझता था इसीलिए उसने अपने जे हादी👇
सेना को एक कॉन्सेप्ट दे दिया कि तुम विजेता हो और तुम्हारा जन्म धरती पर राज करने के लिए हुआ है.
तुम्हें छोड़कर धरती पर बाकी जितने भी लोग हैं वे सब तुम्हारे गुलाम हैं और तुम उनके साथ चाहे जैसा भी व्यवहार कर सकते हो"
उसका ये कॉन्सेप्ट बेहद सफल रहा और पीढ़ी दर पीढ़ी आजतक चला रहा है.
आज भी जब कोई इंसान कन्वर्ट होकर मूतलमान बनता है तो वो खुद को इस धरती का मालिक समझने लगता है और बाकियों को अपना गुलाम
भले ही वो पंचर बनाता हो अथवा उसकी माँ बहनों का दिन रात हलाला होता हो लेकिन वो खुद को समझता राजा हीहै
यही कारण है कि.मूतलमान भले ही दुनिया के किसी भी कोने मेंरहे
राम भगत जग चारि प्रकारा।
सुकृती चारिउ अनघ उदारा॥
संकट से घबड़ाए हुए
आर्त भक्त नाम जप करते हैं।
तो उनके बड़े भारी बुरे-बुरे संकट मिट जाते हैं और वे सुखी हो जाते हैं।
जगत में चार प्रकार के
1: "अर्थार्थी" धनादि की चाह से भजने वाले।
2: "आर्त" संकट की निवृत्ति के लिए भजने वाले।
👇
3: "जिज्ञासु" भगवान को जानने की इच्छा से भजने वाले।
4: "ज्ञानी" भगवान को तत्व से जानकर स्वाभाविक ही प्रेम से भजने वाले रामभक्त हैं और चारों ही पुण्यात्मा पापरहित और उदार हैं।
"राम" नाम के दोनों अक्षर
नर और नारायण के समान सहृदय भाई स्वरूप हैं।
जो कि संसार के पालनकर्ता और विशेष
रूप से भक्तों की रक्षा करने वाले हैं
यह दोनों अक्षर भक्ति रूपी सुंदर स्त्री के कर्णफूल रूपी सुंदर आभूषण के समान हैं और संसार के लिये कल्याणकारी निर्मल चन्द्रमा और सूर्य के समान हैं
इस लिये यह राम नाम रूपी वृक्ष समाज के लिए और भी महत्त्वपूर्ण हो जाता है।
जय जय श्रीराम
जय श्री राम