#WamanMeshram
*भारत मुक्ति मोर्चा, राष्ट्रीय पिछड़ा (ओबीसी) वर्ग मोर्चा व बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क के संयुक्त रुप से 97वें समात संगर दिन (चवदार तालाब सत्याग्रह) के अवसर पर राज्य स्तरीय बहुजन समाज जन जागृती परिषद.*
*दि.20 मार्च 2023, दोपहर 4 से रात 10 बजे तक.(IST)*
स्थान - रावसाहेब भिलारे मैदान, काकरतळे, महाड, रायगड, महाराष्ट्र.
देश के बेरोजगारो जागो उठो अपनी आवाज बुलंद करे|
चलो साथ चलते है, देश पर लगा बेरोजगारी का कलंक मिटाते है|
बेरोजगारी का आलम देखकर बेरोजगारो का खून खोलना चाहिए|
कांग्रेस हो या भाजपा आपको न्याय नही देंगे खुद की लडाई खुद लडे बेरोजगार जोडो अभियान मे शामिल हो|
सरकार बदलनी है सरकारबनानीहै
#बेरोजगारो_की_सरकार #बेरोजगारो_की_सरकार #बेरोजगारो_की_संसद मे मैं आ रहा हु, आप भी चले
चलो मुंबई.... चलो मुंबई.... चलो मुंबई....
🎯1अप्रैल2023 को आजाद मैदान मुंबई मे
चलो कोल्हापुर.. चलो कोल्हापुर.. चलो कोल्हापुर...
🎯2अप्रैल2023 को दसरा चौक कोल्हापुर मे
क्षत्रिय मूलनिवासी महासंघ की पहचान, क्षत्रिय मूलनिवासी महासंघ का गौरवशाली क्रांतिकारी झंडा जिसमे 24 आरे है जो यकीनन परशुराम और उनके आतंकी अनुयायियो को हराएगा, साथ मे क्षत्रिय मूलनिवासी महासंघ का घोषवाक्य के साथ प्रतीक भी है|
दांवपेंच से दुश्मनो से लडना होता है, आरएसएस, भाजपा
के ब्राह्मणो के हरेक दांवपेंच को हमने मात दी है, ब्राह्मण क्षत्रिय मूलनिवासी महासंघ से बहुत डरे हुए है, शंकराचार्य को आगे करके क्षत्रियो का ब्राह्मण संगठन बनाने की अब बात कर रहे है|
ब्राह्मण अब प्रतिक्रिया मे लग गए है|
ब्राह्मण परशुराम के पाप ब्राह्मणो को याद है| ब्राह्मणो को
अपराध बोध से पीड़ित होकर प्रतिक्रिया दे रहे है| लेकिन क्षत्रिय मूलनिवासी महासंघ का कारवां बहुत तेज़ी से देशभर मे और विदेशो मे भी बढ़ रहा है|
मूलनिवासी समाज (समस्त पिछड़ी जातियो) के लोग समझते थे कि निचले स्तर पर गॉंवो मे रहने वाले अनपढ़ लोगो को ही भेदभाव का सामना करना पड़ता है लेकिन ब्राह्मण एवम तत्सम ऊंची जातियो के लोगो ने तो उच्च शिक्षित लोगो को भी नही छोड़ा|
क्या पढ़े लिखे लोगो को जानकारी नही है कि दिमागी कचरा किसके
दिमाग मे है और किसके द्वारा इस छूत की बीमारी को फैलाया गया है?
यदि बीमारी के कारण को जान गये है तो इसको खत्म भी किया जा सकता है| और खत्म करने की जिम्मेदारी उन्ही लोगो की है जिनके साथ यह भेदभाव सदियो से किया जा रहा है|
जिनके साथ यह भेदभाव किया जा रहा है वे बहुसंख्यक समुदाय है|
तथा जो करते है या जो बीमारी के जनक है वे मात्र---3.5% ब्राह्मण है|
बामसेफ आपको कोर्ट मे जवाब देगा, वह भी सबूतो के साथ👈
ब्राह्मणो मे यदि दम है तो इसको भारत के किसी भी हाईकोर्ट मे या सुप्रीमकोर्ट मे चेलेन्ज करके दिखाये| FIR की खबरे छापकर साधारण लोगो को डरा धमका सकते हो| मा.वामन मेश्राम साहब जो कुछ भी करते है उसका आधार होता है|
क्या ब्राह्मणो को
सुप्रीमकोर्ट ने 08अक्टूबर2013 को दिये EVM के संबंध मे फैसले की जानकारी नही है? उस फैसले मे कहा है कि सिर्फ EVM से फ्री, फेयर एंड ट्रांसपरेन्ट चुनाव नही हो सकता है इसलिए सुप्रीमकोर्ट ने 100% EVM के साथ VVPAT मशीने लगाने का फैसला दिया था|
और 24अप्रैल2017 को 100% EVM के साथ VVPAT
मशीन लगाने का केस सुप्रीमकोर्ट मे मा.वामन मेश्राम साहब ने जीता है|
इसीलिए 2019 के लोकसभा चुनाव मे 100% EVM मशीन के साथ VVPAT मशीने लगाई गई जिस पर केन्द्र सरकार को 3567 करोड रुपये खर्च करने पडे?
लेकिन चुनाव आयोग एवम ब्राह्मणो ने मिलकर साजिस करके VVPAT मशीन से निकलने वाली कागज की
*बामसेफ, भारत मुक्ति मोर्चा, बहुजन क्रांत्ति मोर्चा, भारतीय विद्यार्थी मोर्चा, भारतीय बेरोजगार मोर्चा, भारतीय युवा मोर्चा, राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा, राष्ट्रीय ख्रिश्चन मोर्चा, राष्ट्रीय लिंगायत मोर्चा, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा, बुद्धिष्ट इंटरनेशनल नेटवर्क, राष्ट्रीय मूलनिवासी
महिला संघ, राष्ट्रीय घुमतूं जनजाति मोर्चा, राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद, लहूजी क्रांत्ति मोर्चा, छत्रपती क्रांति सेना, राष्ट्रसंत गुरु रविदास क्रांति मोर्चा, गोर बंजारा क्रांति मोर्चा, इंडियन मेडिकल प्रोफेशनल असोसिएशन, इंडियन लीगल प्रोफेशनल असोसिएशन की ओर से शहाजी राजे भोसले
जयंती महोत्सव पर देश के समस्त मूलनिवासियो बहुजनो को बहोत बहोत बधाई|*
#BahujanNayakMaynwarKanshiramSahab#WamanMesram
मान्यवर कांशीराम जी पहले ऐसे व्यक्ति थे जिसने शोषित समाज की निष्क्रिय रही राजनितिक चेतना को जागृत किया था| बाबासाहब ने संविधान के माध्यम से शोषित समाज के लिए विकास के लिए बंद दरवाजे खोल दिए थे, लेकिन इस विकास रूपी दरवाजे के पार
पहुचाने का कार्य मान्यवर ‘कांशीराम’ जी ने किया था| बाबासाहब ने मूलनिवासीयो को मनोबल प्राप्त करने का आह्वान किया, कांशीराम जी ने मूलनिवासी समाज को ‘मनोबल’ प्राप्त करने के लिए मजबूर किया| कांशीराम जी उन महान पुरषो मे से है जिन्होने व्यक्तिगत ‘स्वार्थ’ की जगह समाज के लिए कार्य किया,
अपनी माँ को लिखी चिठ्ठी मे ‘मान्यवर कांशीराम’ जी ने ‘शोषित समाज’ को ही अपना परिवार बताया|
ब्राह्मणो के द्वारा साम, दाम, दण्ड, भेद की कूटनीतियो के माध्यम से समाप्त किये गये मूलनिवासी महापुरुषो के आंदोलन को पुनर्जीवित करने के लिए जिंदगी लगाने वाले युगपुरुष #BAMCEF के संस्थापक