1990 की घटना..👆👆👆
आसाम से दो सहेलियाँ रेलवे में भर्ती हेतु गुजरात रवाना हुई. रास्ते में एक स्टेशन पर गाडी बदलकर आगे का सफ़र उन्हें तय करना था लेकिन पहली गाड़ी में कुछ लड़को ने उनसे छेड़-छाड़ की इस वजह से अगली गाड़ी में तो कम से कम सफ़र सुखद हो यह आशा मन में
रखकर भगवान से प्रार्थना करते हुए दोनों सहेलियाँ स्टेशन पर उतर गयी और भागते हुए रिजरवेशन चार्ट तक वे पहुची और चार्ट देखने लगी.चार्ट देख दोनों परेशान और भयभीत हो गयी क्यों की उनका रिजर्वेशन कन्फर्म नहीं हो पाया था.
मायूस और न चाहते उन्होंने नज़दीक खड़े TC से गाड़ी में जगह देने के
लिए विनती की TC ने भी गाड़ी आने पर कोशिश करने का आश्वासन दिया....एक दूसरे को शाश्वती देते दोनों गाड़ी का इंतज़ार करने लगीआख़िरकार गाड़ी आ ही गयी और दोनों जैसे तैसे कर गाड़ी में एक जगह बैठ गए...अब सामने देखा तो क्या!
सामने दो पुरूष बैठे थे। पिछले सफ़र में हुई बदसलूकी कैसे
भूल जाती लेकिन अब वहा बैठने के अलावा कोई चारा भी नहीं था क्यों की उस डिब्बे में कोई और जगह ख़ाली भी नहीं थी। गाडी निकल चुकी थी और दोनों की निगाहें TC को ढूंढ रही थी शायद कोई दूसरी जगह मिल जाये......कुछ समय बाद गर्दी को काटते हुए TC वहा पहुँच गया और कहने लगा कही जगह नहीं और
इस सीट का भी रिजर्वेशन अगले स्टेशन से हो चूका है कृपया आप अगले स्टेशन पर दूसरी जगह देख लीजिये। यह सुनते ही दोनों के पैरो तले जैसे जमीन ही खिसक गयी क्यों की रात का सफ़र जो था.गाड़ी तेज़ी से आगे बढ़ने लगी। जैसे जैसे अगला स्टेशन पास आने लगा दोनों परेशान होने लगी लेकिन
सामने बैठे पुरूष उनके परेशानी के साथ भय की अवस्था बड़े बारीकी से देख रहे थे जैसे अगला स्टेशन आया दोनो पुरूष उठ खड़े हो गए और चल दिये.... अब दोनों लड़कियो ने उनकी जगह पकड़ ली और गाड़ी निकल पड़ी कुछ क्षणों बाद वो नौजवान वापस आये और कुछ कहे बिना निचे सो गए।
दोनों सहेलियाँ यह देख अचम्भित हो गयी और डर भी रही थी जिस प्रकार सुबह के सफ़र में हुआ उसे याद कर डरते सहमते सो गयी....सुबह चाय वाले की आवाज़ सुन नींद खुली दोनों ने उन पुरूषों को धन्यवाद कहा तो उनमे से एक पुरूष ने कहा " बेहेन जी गुजरात में कोई मदद चाहिए हो तो जरुर बताना "...
अब दोनों सहेलियों का उनके बारे में मत बदल चूका था खुद को बिना रोके एक लड़की ने अपनी बुक निकाली और उनसे अपना नाम और संपर्क लिखने को कहा... दोनों ने अपना नाम और पता बुक में लिखा और "हमारा स्टेशन आ गया है", ऐसा कह उतर गए और गर्दी में कही गुम हो गए !
दोनों सहेलियों ने उस बुक में लिखे नाम पढ़े वो नाम थे #नरेंद्र_मोदी और #शंक_सिंह_वाघेला......
वह लेखिका फ़िलहाल General Manager of the centre for railway information system, Indian railway, New Delhi में कार्यरत है और यह लेख
"The Hindu "इस अंग्रेजी पेपर में पेज नं 1 पर
"A train journey and two names to remember " इस नाम से दिनांक 1 जुन 2014 को प्रकाशित हुआ..
तो क्या आप अब भी ये सोचते है की हमने गलत #प्रधानमन्त्री चुना है?
साभार
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अमृतपाल क्रैकडाउन को लेकर जो भी डेवलपमेंट हुआ है,उसमें आप बस एक कांसेप्ट जोड़ लीजिए कि अमृतपाल फरार नहीं हुआ,ठीक कार्रवाई के दिन ही गिरफ्तार हो गया। उसके बाद फिर देखिए पंजाब में क्या हो रहा है?सबसे पहले तो अमृतपाल की गिरफ्तारी होते ही पूरे पंजाब में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है।
निहंग सिख गणतंत्र दिवस के दिन की भांति तलवार लिए भूखे भेड़ियों की तरह सड़कों पर आ गए हैं। पत्थर चल रहे हैं। खालिस्तान जिंदाबाद के नारे गूंज रहे हैं।
विपक्षी दल कांग्रेस और अकाली इस अशांति को ढाल बनाकर खालिस्तानियों का पक्ष साधने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। बोल रहे हैं कि
मोदी ने अपना सेना वापस नहीं बुलाया, तो पंजाब जल उठेगा। पंजाब अब सुलगने लगा है। दुनिया के देशों में भी प्रोटेस्ट शुरू हो गया है। कनाडा, ब्रिटेन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया हर जगह इंडियन हाई कमिशन के सामने विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। सुरक्षा घेरा तोड़कर विदेशों में रह रहे हमारे
ललित मोदी नीरव मोदी यानी सारे चोर और भ्रष्ट सिर्फ मोदी ही क्यों होते है
एक पूरे समुदाय को दो लोगों की वजह से भ्रष्ट और चोर कह देना राहुल गांधी को बहुत महंगा पड़ा
पूर्णेश मोदी बहुत बधाई के पात्र हैं जिन्होंने एक लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और
राहुल गांधी पर क्रिमिनल मानहानि का केस किया और आज अंततः राहुल गांधी अदालत के द्वारा दोषी करार दे दिए गए हैं
आज राहुल गांधी ने अपने बचाव में कहा कि मैंने जानबूझकर यह बयान नहीं दिया था मेरे इरादे खराब नहीं थे मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ता हूं चुनावी सभा में मेरे मुंह से
यह बात निकल गई हालांकि मैं कुछ और कहना चाहता था
लेकिन कोर्ट ने राहुल गांधी के इस दलील को नहीं माना और कहा कि आप एक बड़े पद पर हैं सार्वजनिक जीवन में हैं आपको बहुत सोच समझकर बोलना चाहिए
और थोड़ी देर में कोर्ट राहुल गांधी को सजा सुनाएगा हालांकि कोर्ट ने कहा है कि
पहले भारत के अंदर वारदात करने के बाद पाकिस्तानी आतंकवादियों ने भारत से भागने का रास्ता नेपाल से होते हुए किसी और देश में जाने का बनाया हुआ था।
असल में भारत और नेपाल के बॉर्डर खुले हुए हैं और कोई भी व्यक्ति भारत से नेपाल बिना वीजा और बिना पासपोर्ट के आ जा सकता है।
बस इसी बात का फायदा उठाकर यह आतंकवादी भारत में वारदात करने के बाद नेपाल के रास्ते दूसरे देशों में शिफ्ट हो जाते हैं। अब देखो ना आजकल अमृतपाल भी नेपाल के रास्ते कनाडा जाने का प्रोग्राम बना रहा है।
मेरा सीधा सा प्रश्न भारतीय सरकार से हैं कि अब जब नेपाल चीन की गोद में जाकर बैठ गया है तो क्यों ना भारत और नेपाल के बॉर्डर को भी सील कर दिया जाए और नेपाल से भारत और भारत से नेपाल जाने के लिए प्रॉपर डॉक्यूमेंटेशन यानि पासपोर्ट वीजा का चलन शुरू कर देना चाहिए ताकि इस तरह
दो दिन पहले चिदम्बरम ने कहा कि हमारे समय मे महंगाई आज से ज्यादा थी। ज्यादा क्या डबल डिजिट में थी। ये बात उसने इसलिए नही स्वीकारी कि वो सच्चा आदमी है बल्कि इसलिए स्वीकारी कि वो प्रणब मुखर्जी को नीचा दिखाना चाहता था। वैसे ये ही वो आदमी था जो
गृह मंत्री रहते प्रणब दा के ऑफिस की जासूसी भी करता था।
खैर इसने आगे बताया कि हमारी सरकार ने जो राहत पैकेज उस समय दिया था उसकी वजह से महंगाई बढ़ गयी। इसपर जब काउंटर सवाल किया गया कि यही मांग तो तुम मोदी सरकार से भी कर रहे थे कोरोना में? तो इसने कहा कि हाँ देना चाहिए था। @INCIndia
मतलब, ये चाहते थे कि फिर सरकार महंगाई रोकने में असफल हो जाये और ये इसका फायदा उठा सकें।
आपको ध्यान होगा कि कांग्रेसी अनर्थशास्त्री उस समय कहते थे कि मोदी सरकार नोट छापना शुरू कर दे और लोगों को बांट दे। इसमें सबसे आगे हारवर्ड के अनर्थशास्त्री थे। @AamAadmiParty
NIA files it's 1st chargesheet against 12 people, found to having links with pro-Khalistan outfits and Pakistan-based conspirators, in one of the three terror-gangster nexus cases being probed by the agency.
The agency is investigating 10 more people for their alleged role in the terror conspiracy, including plans to eliminate certain leaders, singers and businessmen to terrorise people, extort money from them and create a sensation.
The official said the investigation has revealed links of the charge-sheeted accused with the proscribed Khalistan Tiger Force. Besides being in contact with Pakistan-based conspirators, the accused were in touch with pro-Khalistan elements based in Canada and other countries.