#राहुलगांधी_झूठा_है
काल का चक्र बड़ा निर्मोही होता है ....
SC ने कहा कि जो भी सांसद विधायक #अपराधी सिद्ध होगा उसकी #सदस्यता रद्द कर दी जाएगी।
मनमोहन सिंह ने इसके खिलाफ अध्यादेश जारी कर दिया। मनमोहन विदेश में थे और पप्पू इधर अगला प्रधानमंत्री बनने के सपने देख रहा था।
अचानक एक दिन मीडिया को बुलाता है और उस #अध्यादेश को फाड़कर फेंक देता है।
सारे दरबारी इसकी इस "बहादुरी" पर तालियाँ पीटते हैं और मनमोहन सिंह को बड़ा बुरा लगता है कि एक प्रधानमंत्री के फैसले को अदना सा सांसद कैसे फाड़कर फेंक सकता है।
खैर.. समय का पहिया चलता रहता है। आज इसी पप्पू को सजा हो गयी। अब इसी तरह की सजा में लालू प्रसाद की सदस्यता चले गयी थी। अब इस पर तलवार लटक चुकी है। अब लोकसभा अध्यक्ष को फैसला करना है। आज मनमोहन सिंह जी अंदर ही अंदर अपनी बेज्जती के बदले पर हंस रहे होंगे।
लेकिन दरबारियों और दरबारी मीडिया की मुश्किल बढ़ गयी है। अब वापिस उस चीज को डिफेंड करना है जिसपर कभी तालियाँ बजा रहे थे।
हालांकि फुल बेशर्म हैं। आ जाएंगे मालिक के लिए।
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कुछ नाम दे रहा हूँ और उन नामो के आगे उनकी हैसियत भी दर्ज करा रहा हूँ, इस फेहरिस्त पर पहले नज़र डालें....
1) सोमभाई (75 वर्ष) रिटायर्ड स्वास्थ्य अधिकारी, आश्रम में प्रवास
2)अमृतभाई (72 वर्ष) निजी फैक्ट्री में वर्कर, रिटायर्ड
3)प्रह्लाद (64 वर्ष) राशन की दूकान
4)पंकज (58 वर्ष) सूचना विभाग में कार्यरत
5)भोगीलाल (67 वर्ष) परचून की दूकान
6)अरविन्द (64 वर्ष) कबाड़ का फुटकर काम
7)भरत (55 वर्ष) पेट्रोल पंप पर अटेंडेंट
8)अशोक(51 वर्ष) पतंग और परचून की दूकान
9)चंद्रकांत (48 वर्ष) गौशाला में सेवक
10)रमेश (64 वर्ष ) कोई जानकारी नही
11)भार्गव (44 वर्ष) कोई जानकारी नही
12)बिपिन (42 वर्ष ) कोई जानकारी नही
ऊपर के चार व्यक्ति(क्र. 1 से 4 तक) प्रधानमंत्री मोदी के सगे भाई है।
Priyanka Gandhi who is at the helm of affairs of congress since 26 May 2014, knows that if they have to win LS2024, It is important to win UP2022 & control it
Hence she pick the BRAHMIN strategy. Here is the chronology of events with BRAHMIN focus
2017, Pappu wants to marry a BRAHMIN girl
2018, Brahmanical patriarchy
2018, establish Pappu as Janeyudhari BRAHMIN
2018, Rahul Gandhi: 'My gotra is Dattatreya, I am a Kashmiri Brahmin'
2018, Congress calls Yogi Adityanath by his birth name Ajay Bisht. Anti BRAHMIN
2019, Kamlesh Tiwari killed, a BRAHMIN
2020, Vikas Dubey, a BRAHMIN
All effort failed to distance BRAHMIN from Hindus
Now the hyper mode
2020, Pick a Tyagi Brahmin to separate and divide Hindus
कमाल की बात है.... राहुल गाँधी की सांसदी छिनने के बाद अगर एक नेता या पार्टी सबसे ज्यादा शोर मचा रहे हैं.. तो वह हैं केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी.
केजरीवाल जी के आज के statement देखे.... चेहरा एकदम तमतमाया हुआ था, शब्द भी कड़े कठोर थे... अनाप शनाप बोल रहे थे... @AamAadmiParty
ऐसा दिखा रहे थे जैसे कि भारतीय लोकतंत्र को बचाने की इस लड़ाई में अब बस वही एक सूरमा बच गए हैं।
इतना तो केजरीवाल साहब तब नहीं गुस्सा हुए, जब मनीष सिसोदिया की गिरफ़्तारी हुई थी।
दरअसल केजरीवाल को अब एक अवसर दिख रहा है... हो सकता है ऊपर से आदेश भी आ गया हो...
कि लोहा गर्म है, मार दो हथोड़ा...
राहुल बेशक़ पप्पू हों, लेकिन कहीं ना कहीं विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी के नेता हैं... लेकिन उनके रास्ते से हटने के बाद जो Vaccume बना है, उसे भरने की कोशिश 2-3 नेता तो करेंगे है... जैसे केजरीवाल, ममता बनर्जी, चंद्रशेखर राव आदि।
पूरी दुनिया के आतंकवादी घटनाओं को छोड़ दीजिए सिर्फ भारत में ही अब तक जितने भी आतंकवादियों को फांसी की सजा सुनाई गई है उनकी कुल संख्या 1990 है
और कुछ आतंकवादियों को फांसी पर लटका भी दिया गया है जैसे कसाब और याकूब मेमन और अफजल गुरु, मोहम्मद आमिर उर्फ अशफाक, मकबूल बट,
और भारत में 3000 से ज्यादा आतंकवादियों को आजीवन कारावास की सजा सुप्रीम कोर्ट के द्वारा सुना दी गई है इन आतंकवादियों में कांग्रेस के बड़े नेता और गुजरात के पूर्व मंत्री मोहम्मद सुरती भी शामिल है तथा केरल का बड़ा मुस्लिम नेता अब्दुल नसीर मदनी भी शामिल है
लेकिन आज तक कभी राहुल गांधी ने यह बात नहीं कहा कि जितने भी आतंकवादियों को फांसी की सजा सुनाई गई है या जितने भी आतंकवादियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है यह सब के सब मुस्लिम क्यों है ?
साभार...पश्चिमी चंपारण, भोजपुर, औरंगाबाद, पूर्णिया, समस्तीपुर, रोहतास, नवादा, शेखपुरा समेत कई अन्य जिले विरोध प्रदर्शन की तस्वीर पेश कर रहे हैं। सोशल मीडिया में खासकर ट्विटर अग्रणी है। 23 मार्च बिहार बंद टॉप ट्रेंड में है। सड़कों पर कहीं कोई दंगा फसाद नहीं। एकदम शांतिपूर्ण।
एंबुलेंस को निकालने के लिए तत्परता से रास्ता दिया जा रहा है।
सबसे बड़ी बात कि ये प्रदर्शन किसी बड़े चेहरे के आवाहन पर नहीं है, आम जनता की अपनी आवाज है। क्रांति की भाषा में इसी को जन आंदोलन कहते हैं। किसी जन आंदोलन में ही वह ताकत होती है जो राजधानी में लगे किसी शहजादे के
सिंहासन को हिला दे। ये प्रदर्शन किसी यूट्यूबर पत्रकार मनीष कश्यप से ज्यादा सत्ता की तानाशाही के खिलाफ है।
तीन दशकों की जातिवादी राजनीति से बिहार बाहर निकलना चाहता है, ऐसा तो नहीं कह सकते, लेकिन युवाओं की नई पीढ़ी जरूर इस मामले पर अपनी तत्परता दिखा रही है। मनीष ने कहा था,