तुम सावरकर हो ही नहीं सकते,
तुमने तो नेहरू की तरह अपने लिए
सुप्रीम कोर्ट से राफेल पर नाक रगड़ कर
माफ़ी मांगी थी राहुल गांधी -
कांग्रेस का स्यापा देखने वाला है #वीर_सावरकर
कांग्रेस पर एक बोझ बन चुका राहुल गांधी Entertainment का साधन और झूठ बोलने की मशीन बन चुका है जिसे पार्टी ने नेता न चाहते हुए भी ढो रहे हैं..
राहुल ने खुलेआम कहा था कि उसकी यात्रा में बहुत सी महिलाएं उसे मिली जिनके साथ बलात्कार हुआ / यौन शोषण हुआ और खासतौर पर 2 का जिक्र भी किया जो उसे दिल्ली में मिली।
दिल्ली पुलिस ने उन महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए राहुल से जानकारी लेने Special Commissioner को भेजा क्योंकि राहुल खुद एक special व्यक्ति है जिस पर पार्टी बिखर गई है।
राजस्थान का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भाजपा के नेताओं पर राजनीतिक बयानों के लिए केस दर्ज करने की धमकी दे रहा है और यौन शोषण कर महिलाओं को जज बनाने वाला अभिषेक मनु सिंघवी कह रहा है हम पुलिस को पुख्ता और कानूनी तरीके से जानकारी देंगे।
खड़गे विलाप कर रहा है अडानी को बचाने की कोशिश कर रही है सरकार पर हम इस कायरतापूर्ण कार्रवाई के आगे झुकेंगे नहीं - जयराम रमेश, सूजे मुँहवाला और पवन खेड़ा भी पीछे नहीं है।
और सबसे बड़ी बात राहुल कह रहा है - “सावरकर समझा है क्या - नाम राहुल गांधी है” और इस पर शरीफ आदमी किरेन रिजिजू कह रहा है कि हाथ जोड़ कर विनती करता हूँ सावरकर का अपमान न करें।
परंतु राहुल गांधी का सावरकर का अपमान करना तो एक धर्म बन चुका है, बिना सावरकर का नाम लिए तो तो उसकी सवेरे की नित्य क्रिया ही नहीं होती परंतु राहुल गांधी, तुम सावरकर की चरणों की धूल भी नहीं हो।
तुमने तो अपने को बचाने के लिए राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट से माफ़ी मांगी थी जैसे नेहरू ने नाभा जेल से खुद को छुड़ाने के लिए मांगी थी।
राहुल समेत कांग्रेस के सभी नेता यह समझ लें कि आप कितना भी आज़ादी की लड़ाई लड़ने का ढोल पीटते रहो परंतु सत्य यह है कि सावरकर ने कभी लेहरु की तरह अय्याशी नहीं की और किसी लेडी माउंटबेटन के साथ मौज मस्ती नहीं की।
राहुल गांधी को यदि कुछ महिलाओं ने कहा कि उनके साथ कुकर्म हुआ तो यह बता कर तुम सरकार को बदनाम करना चाहते हो - तुम उनकी जानकारी नहीं देना चाहते क्योंकि तुम एक झूठ का प्रचार कर रहे थे और इसलिए सिंघवी जैसे कानूनी जवाब देना चाहते हैं।
राहुल के दिमाग में देश को बदनाम करने की सनक सवार है पर फिर भी कह रहा है कि उसने कैम्ब्रिज में देश के खिलाफ कुछ नहीं कहा जबकि उसके Mentor Sam Pitroda ने राजदीप सरदेसाई को इंटरव्यू में बड़े फक्र से कहा है कि विदेश में राहुल ने भारत के विरोध में बोल कर कुछ गलत नहीं किया।
इसलिए कांग्रेस पहले फैसला कर ले कि राहुल सही Stand ले रहा है या Pitroda सही है।
राहुल ने लंदन में कहा है कि भारत में लोकतंत्र नहीं रहा और उसे पुनर्जीवित करने के लिए अमेरिका और यूरोप को प्रयास करने चाहिए।
कन्याकुमारी से कश्मीर तक “भारत जोड़ो यात्रा” का ढोंग कर आया, उसकी पार्टी के नेता प्रधानमंत्री मोदी की हत्या की धमकी दे रहे हैं, पवन खेड़ा प्रधानमंत्री का अपमान करता है और फिर भी देश में लोकतंत्र नहीं है।
जिस अडानी के कंधे तोड़ने निकले हो सोरोस, हिंडेनबर्ग, बी बी सी के दम पर, एक बार अमेरिका के बैंकों की हालत देख लो जो अपनी दीवार गिराने को तैयार थे हमारा घर गिराने के साथ लेकिन उनका घर गिर रहा है जबकि हमारी दीवार की एक ईंट भी नहीं खिसकी।
कांग्रेस का कर्म सामने आएगा जब 2024 में 10 20 सीट पर सिमट जाएगी पार्टी और फिर हार के कारणों का जायजा लेते हुए पित्रोदा, खड़गे,जयराम रमेश और पवन खेड़ा जैसे बकरे बलि चढ़ाए जाएंगे। परंतु कोई नमूना अपने नमूने को दोष नहीं देगा।
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भारत के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू कि पत्नि
कमला नेहरू के मौत की सच्चाई....
टीवी चैनेलो पर सबसे ज्यादा कांग्रेसी कुत्ते भौकते है कि मोदी ने अपनी पत्नी को छोड़ दिया ...
अब इन दोगले कमिने कांग्रेसियो की भयावह सच्चाई जानिये ...
नेहरु की पत्नी कमला नेहरु को टीबी हो गया था ..
उस जमाने में टीबी का दहशत ठीक ऐसा ही था जैसा आज एड्स का है ..क्योकि तब टीबी का इलाज नही था और इन्सान तिल तिल तडप तडपकर पूरी तरह गलकर हड्डी का ढांचा बनकर मरता था ...
और कोई भी टीबी मरीज में पास भी नही जाता था क्योकि टीबी सांस से फैलती थी ...
लोग पहाड़ी इलाके में बने टीबी सेनिटोरियम में भर्ती कर देते थे ...
नेहरु ने अपनी पत्नी को युगोस्लाविया [आज चेक रिपब्लिक] के प्राग शहर में दुसरे इन्सान के साथ सेनिटोरियम में
भर्ती कर दिया ..
इसे कहते हैं नाक का मास्टर स्ट्रोक!
"राहुल बहादुर है, माफी नहीं मांगेगा"
ये कहकर नाक ने राहुल गांधी को 8 साल के लिए राजनीति से बाहर कर दिया अब अपने परिवार की Entry करा देगी
क्या राहुल गाँधी कांग्रेस के अंदरूनी सर्जिकल strike का शिकार हुए हैं?
देखिये राहुल गाँधी एक राजनेता तो कतई नहीं हैं... जोकर है, जबरन उन्हें नेता बना कर लोगों के बीच ले जाया जाता है.. शुरू शुरू में लोग उनसे बहल जाते थे...इसलिए वोट मिल जाते थे....
आज भी ऐसे लाखों लोग हैं, जिन्हे लगता है कि राहुल गाँधी महात्मा गाँधी के पोते हैं..... आपको मज़ाक लग सकता है, लेकिन ऐसे लोग हैं।
1. No appeal has been filed by Rahul Gandhi as yet. He has 30 days from the date of receipt of the certified copy of the order.
2. The Congress Party is not eligible to file an appeal as it is not the aggrieved party.
3. Rahul Gandhi needs to file an appeal against the order of conviction and an application for stay of conviction and regular bail which will enable him pray to the Speaker of the Lok Sabha for revival of his membership.
This needs to be done quickly before the Election Commission initiates action for by-election to fill in the vacant seat of Wayanad.
4. Kirit Panwala the advocate at Gujarat has said that he is working on filing the appeal and applications before the Sessions Court.
दिल्लीचे पालम विमानतळ!
विमानप्रवास फार दुर्लभ वाटावा असा तो काळ!
विमानतळावर एक केंद्र सरकारचा टपाल खात्याचा मोठा अधिकारी आपल्या विमानाची वाट बघत होता.
भोपाळ येथील टपाल विभागाचा तो मुख्य अधिकारी होता... #वीर_सावरकर
त्याच्या शेजारीच एक माणूस येऊन बसला. हे वयोवृद्ध गृहस्थ होते. हा माणूस फार फार मोठा होता. इंग्लंडमधून रँग्लर ही पदवी त्याने गणितात मिळवली होती.
पुण्याच्या फर्ग्युसन कॉलेजचे ते प्राचार्य होते, भारताचे ऑस्ट्रेलियामधील आयुक्त होते.
स्त्रियांच्या शिक्षणासाठी ज्यांनी आयुष्य खर्चले त्या महर्षी धोंडो केशव कर्वे ह्यांचे भाऊ होते. त्यांची मुलगी ही कुटुंब नियोजनाच्या क्षेत्रात त्या काळी काम करत होती.
ह्या माणसाने त्या अधिकाऱ्याला पाहीले आणि मराठीतून विचारले...
Congress has lost elections after elections by projecting Pappu as the Real Leader and endlessly re-re-re-re-launching him, as per Sonia’s insistence. Now they thought of flushing him. But it’s not easy to flush a shaezada in the presence of Rajmata.
So there must have been a close advisor to Pappu who would encourage him never ever to say he is sorry for his remarks. Similarly, he was coached by the same advisor to take anti-National stance in Cambridge.
उर्दू चित्रपट सृष्टीत "नवाजुद्दीन सिद्दीकी" नावाचा एक अभिनेता आहे. उत्तर प्रदेशमधील मुजफ्फरनगर जिल्ह्यातील बुधाना येथील जमीनदार घराण्यातील हा तरूण दिल्लीतील राष्ट्रीय नाट्य विद्यालयातून पदवी घेऊन मुंबईतील उर्दू चित्रपट सृष्टीत येऊन दाखल झाला.
१९९९ साली मुंबईत येतानाच "अंजना किशोर पांडे" या त्याच्याच गावातील मैत्रिणीला बरोबर घेऊन आला. दोघेजण २०१० पर्यंत लग्न न करता एकत्र रहात होते. काही मतभेद झाल्याने दोघे वेगळे झाल्यावर नवाजुद्दीनने "शिबा" नावाच्या महीलेशी "निकाह" केला.
थोड्याच काळात हा निकाह मोडून त्याने "सुझेन" नावाच्या अमेरिकन तरूणीबरोबर संबंध जुळवले. त्यानंतर काही काळ "निहारिकासिंग" या अभिनेत्रीशी संबंध ठेवले.